अर्थजगतः दूसरी तिमाही में GDP वृद्धि दो साल के निचले स्तर पर और बुनियादी उद्योगों की वृद्धि अक्टूबर में घटी

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 22 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 1.31 अरब डॉलर घटकर 656.58 अरब डॉलर रहा। विदेशी बाजारों में मजबूत रुख से शुक्रवार को सोने की कीमत में 700 रुपये और चांदी की कीमत में 1,300 रुपये का उछाल आया।

दूसरी तिमाही में GDP वृद्धि दो साल के निचले स्तर पर और बुनियादी उद्योगों की वृद्धि अक्टूबर में घटी
दूसरी तिमाही में GDP वृद्धि दो साल के निचले स्तर पर और बुनियादी उद्योगों की वृद्धि अक्टूबर में घटी
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नवजीवन डेस्क

दूसरी तिमाही में GDP वृद्धि दो साल के निचले स्तर पर पहुंची

विनिर्माण और खनन क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन के अलावा कमजोर खपत की वजह से चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर लगभग दो साल के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई। हालांकि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। एक साल पहले की समान अवधि में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। वहीं अप्रैल-जून, 2024 की तिमाही में यह 6.7 प्रतिशत थी। जीडीपी एक निश्चित अवधि में देश की सीमा में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को बताता है।

आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था धीमी होकर 5.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी। जीडीपी वृद्धि का पिछला निम्न स्तर वित्त वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4.3 प्रतिशत रहा था। जीडीपी वृद्धि में आई सुस्ती के बावजूद भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि 4.6 प्रतिशत रही। आंकड़ों से यह भी पता चला कि सितंबर तिमाही में उपभोक्ता खर्च को दर्शाने वाला निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) घटकर छह प्रतिशत पर आ गया जबकि जून तिमाही में यह 7.4 प्रतिशत था।

प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि अक्टूबर में घटकर 3.1 प्रतिशत पर

आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों का उत्पादन अक्टूबर 2024 में घटकर 3.1 प्रतिशत रहा। पिछले साल के इसी महीने में यह 12.7 प्रतिशत था। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। अक्टूबर 2024 की वृद्धि दर हालांकि इससे पिछले महीने सिंतबर 2024 में दर्ज 2.4 प्रतिशत के मुकाबले अधिक है। अक्टूबर में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में कमी आई है।

कोयला, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली के उत्पादन में वृद्धि क्रमशः 7.8 प्रतिशत, 0.4 प्रतिशत, 4.2 प्रतिशत और 0.6 प्रतिशत रही। पिछले साल अक्टूबर में यह आंकड़ा क्रमश: 18.4 प्रतिशत, 5.3 प्रतिशत, 16.9 प्रतिशत और 20.4 प्रतिशत था। समीक्षाधीन महीने में रिफाइनरी उत्पादों का उत्पादन बढ़कर 5.2 प्रतिशत हो गया।

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों - कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली - की वृद्धि दर 4.1 प्रतिशत रही। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 8.8 प्रतिशत थी। ये आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्र औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 40.27 प्रतिशत का योगदान करते हैं।


विदेशी मुद्रा भंडार 1.31 अरब डॉलर घटकर 656.58 अरब डॉलर पर

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 22 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 1.31 अरब डॉलर घटकर 656.58 अरब डॉलर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इससे पहले, 15 नवंबर को समाप्त सप्ताह में, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 17.76 अरब डॉलर की रिकॉर्ड गिरावट के साथ 657.89 अरब डॉलर रहा था। सितंबर के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था। उसके बाद से इसमें पिछले कई हफ्ते से गिरावट आ रही है।

रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 22 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 3.04 अरब डॉलर घटकर 566.79 अरब डॉलर रही। डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है।

समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 1.83 अरब डॉलर बढ़कर 67.57 अरब डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 7.9 करोड़ डॉलर घटकर 17.98 अरब डॉलर रहा।रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत का आरक्षित भंडार 1.5 करोड़ डॉलर घटकर 4.23 अरब डॉलर रहा।

सोना 700 रुपये तेज, चांदी में 1,300 रुपये का उछाल

विदेशी बाजारों में मजबूत रुख और स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की ताजा लिवाली बढ़ने से शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 700 रुपये की तेजी के साथ 79,400 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गयी। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। गुरुवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 78,700 रुपये प्रति 10 ग्राम रही थी। चांदी की कीमत भी 1,300 रुपये उछलकर 92,200 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। जबकि बृहस्पतिवार को चांदी 4,900 रुपये टूटकर 90,900 रुपये प्रति किलोग्राम रही थी। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 700 रुपये बढ़कर 79,000 रुपये के स्तर पर पहुंच गया जो बृहस्पतिवार को 78,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।

बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशों में सकारात्मक रुख और घरेलू मांग में वृद्धि के कारण बाजार धारणा मजबूत हुई, जिससे मुख्यत: सोने की कीमतों में तेजी आई। एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष, शोध विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘वर्तमान भू-राजनीतिक चिंताओं के बीच सुरक्षित निवेश की मांग के कारण एमसीएक्स पर सोने में सकारात्मक कारोबार हुआ।’’ वैश्विक स्तर पर कॉमेक्स सोना वायदा 20.60 डॉलर प्रति औंस या 0.77 प्रतिशत बढ़कर 2,685.40 डॉलर प्रति औंस हो गया।


हिमाचल ने केंद्र से राज्य के लिए विशेष औद्योगिक पैकेज मांगा

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से राज्य के लिए विशेष औद्योगिक पैकेज देने का अनुरोध किया है। शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि सुक्खू ने बृहस्पतिवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि हिमाचल प्रदेश को भी जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों की तरह विशेष औद्योगिक पैकेज मिलना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि संतुलित क्षेत्रीय विकास सुनिश्चित करने के लिए ऐसा पैकेज महत्वपूर्ण है।

बयान के अनुसार, सुखू ने केंद्रीय मंत्री से हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों के लिए पिछली परिवहन सब्सिडी योजना को बहाल करने का भी आग्रह किया, क्योंकि इस क्षेत्र के ऊंचे-नीचे इलाकों के कारण लॉजिस्टिक लागत अधिक है। उन्होंने कहा कि इससे औद्योगिक उत्पादन को बढ़ावा देने और निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं, गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं और प्रमाणन प्रयोगशालाओं के लिए धनराशि का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने औद्योगिक विकास योजना (आईडीएस) के तहत लंबित पूंजीगत सब्सिडी राशि को तत्काल जारी करने तथा लंबित आईडीएस मामलों को मंजूरी देने का भी आग्रह किया।बयान के अनुसार, केंद्रीय मंत्री गोयल ने आश्वासन दिया कि उठाए गए मुद्दों पर गहन विचार किया जाएगा और राज्य को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

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