अर्थजगतः क्रिप्टोकरेंसी से आय CBDT की जांच के घेरे में और एअर इंडिया अब उड़ान संख्या 'AI171' का उपयोग नहीं करेगी
मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच, भारत की दो प्रमुख एयरलाइनों, एयर इंडिया और इंडिगो, ने ईरान के एयरस्पेस के बंद होने के कारण उड़ानों में देरी और रूट बदले जाने को लेकर पब्लिक एडवाइजरी जारी की है।

क्रिप्टो करेंसी से आय सीबीडीटी की जांच के घेरे में
क्रिप्टो करेंसी से होने वाली आय अब आयकर विभाग की जांच के घेरे में है। विभाग ने हजारों ऐसे व्यक्तियों को ई-मेल भेजा है, जिन्होंने क्रिप्टो करेंसी का लेनदेन किया है, लेकिन अपने रिटर्न में इससे होने वाली आय का उल्लेख नहीं किया है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि ये लेनदेन आकलन वर्ष 2023-24 और 2024-25 से संबंधित हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को उन कुछ ‘उच्च जोखिम’ वाले लोगों पर कर चोरी और धनशोधन में शामिल होने का संदेह है, जो संभावित रूप से ‘बेहिसाब’ आय का उपयोग आभासी डिजिटल परिसंपत्तियों (वीडीए) यानी क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने के लिए कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग ने उन हजारों चूककर्ताओं को ई-मेल भेजकर उन्हें अद्यतन आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के लिए कहा है, जिन्होंने क्रिप्टो लेनदेन के कारण होने वाली आय की घोषणा नहीं की है या गलत तरीके से जानकारी दी है।
आयकर अधिनियम की धारा 115बीबीएच के अनुसार, क्रिप्टो लेनदेन से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर के अलावा अधिभार एवं उपकर भी लगाया जाता है। यह प्रावधान खरीद की लागत को छोड़कर किसी भी खर्च की कटौती की अनुमति नहीं देता है। इसके अलावा, क्रिप्टो निवेश या कारोबार से होने वाले नुकसान को किसी अन्य आय के विरुद्ध निपटान करने या बाद के वर्षों में आगे ले जाने की अनुमति नहीं है।
एअर इंडिया अब उड़ान संख्या 'AI171' का इस्तेमाल नहीं करेगी
एयर इंडिया के विमान की गुरुवार को घातक दुर्घटना के बाद एयर इंडिया और एयर इंडिया (एआई) एक्सप्रेस उड़ान संख्या ‘171’ का इस्तेमाल नहीं करेगी। इस हादसे में विमान में सवार 241 लोग मारे गए थे। अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हुआ बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान की उड़ान संख्या ‘एआई 171’ थी।
सूत्रों ने शनिवार को बताया कि यह एक आम चलन है कि घातक विमान दुर्घटनाओं के बाद एयरलाइंस विशेष उड़ान संख्या का उपयोग करना बंद कर देती हैं। एक सूत्र ने बताया कि अब 17 जून से अहमदाबाद-लंदन गैटविक की उड़ान संख्या ‘एआई 171’ के बजाय ‘एआई 159’ होगी। बुकिंग प्रणाली में आवश्यक बदलाव शुक्रवार को कर दिए गए।
एक अन्य सूत्र ने बताया कि एयर इंडिया एक्सप्रेस ने भी अपनी उड़ान संख्या ‘आईएक्स 171’ को बंद करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि उड़ान संख्या ‘171’ को बंद करना दिवंगत आत्माओं के प्रति सम्मान का प्रतीक है। इससे पहले 2020 में, एयर इंडिया एक्सप्रेस ने कोझीकोड में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान की उड़ान संख्या का उपयोग करना भी बंद कर दिया था। उस हादसे में 21 लोग मारे गए थे।
ईरान का एयरस्पेस बंद होने से उड़ान परिचालन बाधित
मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच, भारत की दो प्रमुख एयरलाइनों, एयर इंडिया और इंडिगो, ने ईरान के एयरस्पेस के बंद होने के कारण उड़ानों में देरी और रूट बदले जाने को लेकर पब्लिक एडवाइजरी जारी की है। एयर इंडिया ने शनिवार को कहा कि कंपनी ने ईरान का एयरस्पेस बंद होने के कारण कई उड़ानों के मार्ग में परिवर्तन किया है। एयरलाइन ने घोषणा की कि यात्रियों और क्रू मेंबर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उसकी कुछ उड़ानें अब लंबे, वैकल्पिक मार्गों पर संचालित हो रही हैं।
एयर इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक आधिकारिक अपडेट साझा किया, जिसमें कहा गया, "ईरान और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों में उभरती स्थिति के कारण हवाई क्षेत्र के बंद होने और हमारे यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए हमारी कुछ उड़ानें वैकल्पिक विस्तारित मार्गों पर चल रही हैं। हम हवाई क्षेत्र के बंद होने के कारण अपने यात्रियों को होने वाली किसी भी असुविधा को कम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हम दोहराना चाहेंगे कि एयर इंडिया में, हमारे यात्रियों और क्रू मेंबर्स की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।"
यह एडवाइजरी ऐसे समय में आई है जब क्षेत्रीय तनाव की एक सीरीज के बाद ईरान और आस-पास के क्षेत्रों में हवाई क्षेत्र बंद है। इस स्थिति ने कई अंतरराष्ट्रीय हवाई मार्गों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है जो आमतौर पर ईरान से गुजरते हैं। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने भी एक्स के माध्यम से एक बयान जारी कर यात्रियों को संभावित व्यवधानों के बारे में चेतावनी दी है। एयरलाइन ने अपनी एडवाइजरी में कहा, "ईरान और उसके आस-पास के इलाकों में हवाई क्षेत्र अभी भी उपलब्ध नहीं है। कुछ उड़ान मार्गों को एडजस्ट करने की आवश्यकता हो सकती है, जिससे यात्रा की अवधि बढ़ सकती है या देरी हो सकती है।" इंडिगो ने सभी यात्रियों को सलाह दी है कि वे हवाई अड्डे पर जाने से पहले कंपनी की वेबसाइट या मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से अपने फ्लाइट स्टेटस की जांच करें।
विदेशी निवेशकों ने इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में 3,346 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ और इसी के साथ विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजारों में 3,346.94 करोड़ रुपए का निवेश किया। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई सप्ताह के पहले तीन कारोबारी सत्रों, 9 जून से 13 जून के दौरान भारतीय इक्विटी बाजार में सक्रिय खरीदार रहे। बाजार में सकारात्मक माहौल मुख्य रूप से आरबीआई द्वारा रेपो दर को 50 आधार अंकों से घटाकर 5.5 प्रतिशत करने के फैसले से जुड़ा था, जिसे कई लोगों ने आर्थिक विकास को समर्थन देने और बाजार में लिक्विडिटी में सुधार के स्पष्ट संकेत के रूप में देखा।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि ब्याज दरों में इस आश्चर्यजनक कटौती ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने में बड़ी भूमिका निभाई है, क्योंकि यह केंद्रीय बैंक के विकास समर्थक दृष्टिकोण को दर्शाता है। 6 जून को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के निर्णय का निवेशकों ने स्वागत किया है। निवेशकों ने इसे अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और कॉर्पोरेट आय में सुधार के लिए समय पर उठाया गया महत्वपूर्ण कदम माना।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, इस सप्ताह भारतीय इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव देखा गया और यह आखिरी कारोबारी दिन लाल निशान पर समाप्त हुआ। हालांकि सप्ताह की शुरुआत अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में प्रगति के कारण सकारात्मक रही, लेकिन इजरायल द्वारा ईरान की न्यूक्लियर साइट्स पर हमले करने के बाद यह आशावाद जल्दी ही खत्म हो गया। इस घटना ने वैश्विक निवेशकों के बीच सतर्कता की लहर पैदा कर दी, जिससे वे सोने और अमेरिकी बॉन्ड जैसी सुरक्षित परिसंपत्तियों की ओर बढ़ गए। तेल की कीमतें भी 76 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली गईं, जिससे महीनों की स्थिरता टूट गई, क्योंकि आपूर्ति में व्यवधान को लेकर नई चिंताएं सामने आईं।
बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से निवेशकों की धारणा प्रभावित, रक्षा शेयरों में उछाल
बाजार विश्लेषकों ने शनिवार को कहा कि इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव देखा गया, जो अंत में आखिरी कारोबारी दिन लाल निशान में बंद हुआ। उन्होंने कहा कि शुरुआती आशावाद अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में प्रगति की वजह से देखा गया, जो कि आखिर में इजरायल द्वारा ईरान की न्यूक्लियर साइट पर हमले करने के बाद बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से प्रभावित हुआ। इस घटनाक्रम ने ग्लोबल रिस्क-ऑफ सेंटीमेंट को जन्म दिया, जिससे सोने और अमेरिकी बॉन्ड जैसे सेफ-हेवन एसेट में तेजी आई। आपूर्ति में व्यवधान की आशंकाओं के फिर से उभरने के कारण महीनों के कंसोलिडेशन के बाद तेल की कीमतें 76 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चली गईं।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "डोमेस्टिक फ्रंट पर, सीपीआई मुद्रास्फीति 75 महीने के निचले स्तर पर आ गई, जिससे कुछ राहत मिली। हालांकि, मध्य पूर्व संघर्ष के तेज होने पर कच्चे तेल की कीमतों में हाल ही में हुई तेजी इस प्रवृत्ति को उलट सकती है। सेक्टोरल फ्रंट पर, ऑटो, रियलिटी और बैंकिंग जैसे रेट-सेंसिटिव सेक्टर में मुनाफावसूली देखी गई, जबकि कमजोर रुपए के बीच आईटी और फार्मा जैसे निर्यात-उन्मुख सेक्टर में तेजी आई।"
बाजार में व्यापक आधार पर बिकवाली देखी गई, जिसमें सभी प्रमुख क्षेत्रीय सूचकांक नकारात्मक क्षेत्र में समाप्त हुए, जबकि भारत वीक्स में 7 प्रतिशत से अधिक की तेजी आई, जो बढ़ी हुई अस्थिरता और निवेशकों की चिंता को दर्शाता है। निफ्टी 50 में तेजी से गिरावट आई, जो शुरुआती कारोबार में 24,473 के इंट्राडे लो तक पहुंच गया। हालांकि, सूचकांक 169.60 अंक या 0.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,718.60 पर बंद हुआ। सेक्टोरल फ्रंट पर, निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स ने 1.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ खराब प्रदर्शन किया।
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