अर्थजगतः LIC ने अडानी समूह में निवेश की बात मानी और फेसबुक ने रिलायंस के AI बिजनेस में 30% हिस्सेदारी खरीदी
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में कथित तौर पर एक फर्जी फाइनेंस कंपनी द्वारा रकम दोगुनी करने का लालच देकर करोड़ों रुपये की ठगी किए जाने के मामले में सिने अभिनेता श्रेयस तलपडे, आलोक नाथ समेत 22 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

LIC ने अडानी समूह में निवेश करने की बात मानी
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने शनिवार को कहा कि उसने अडानी समूह की कंपनियों में निवेश स्वतंत्र रूप से और विस्तृत जांच-पड़ताल के बाद किया। कंपनी ने कहा कि ऐसा निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित नीतियों के अनुसार किया गया था। एलआईसी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर जारी एक बयान में कहा, ''केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग या किसी अन्य निकाय की ऐसे (निवेश) निर्णयों में कोई भूमिका नहीं होती है।''
एलआईसी ने बयान में कहा कि भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में बुनियादी बातों और विस्तृत जांच-पड़ताल के आधार पर विभिन्न कंपनियों में निवेश के फैसले लिए हैं। भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में इसका निवेश मूल्य 2014 से 10 गुना बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये से 15.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो मज़बूत फंड प्रबंधन को दर्शाता है।एलआईसी ने कहा कि उसने पिछले कुछ वर्षों में निवेश के फैसले कंपनियों बुनियादी आंकड़ों और जांच-पड़ताल के आधार पर लिए हैं।
कंपनी ने कहा, "एलआईसी ने जांच-पड़ताल के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित किया है और इसके सभी निवेश निर्णय सभी हितधारकों के सर्वोत्तम हित में, मौजूदा नीतियों, अधिनियमों के प्रावधानों और नियामक दिशानिर्देशों के अनुपालन में लिए गए हैं।'' यह बयान अमेरिकी अखबार 'द वॉशिंगटन पोस्ट' में प्रकाशित रिपोर्ट के जवाब में आया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि एलआईसी को सरकारी अधिकारियों ने इस साल अडानी समूह में निवेश करने के लिए प्रभावित किया था। जबकि उस समय अडानी समूह भारी ऋण में था और अमेरिका में जांच का सामना कर रहा था।
फेसबुक ने रिलायंस के AI बिजनेस में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी
अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के एआई उद्यम में मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक की फेसबुक ओवरसीज 30 प्रतिशत हिस्सेदारी लेगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने शेयर बाजार को बताया कि उसकी रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। आरआईएल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी रिलायंस इंटेलिजेंस और फेसबुक संयुक्त रूप से इस उद्यम में शुरुआती 855 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।
कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि रिलायंस इंटेलिजेंस लिमिटेड ने 24 अक्टूबर, 2025 को रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड का गठन किया। इसके मुताबिक, ''रिलायंस इंटेलिजेंस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में भारत में निगमित आरईआईएल, मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी फेसबुक ओवरसीज इंक (फेसबुक) के साथ एक संयुक्त उद्यम कंपनी होगी।''
आरईआईएल एंटरप्राइज एआई सेवाओं का विकास, विपणन और वितरण करेगा। कंपनी ने कहा, ''संयुक्त उद्यम समझौते के अनुसार, आरईआईएल में रिलायंस इंटेलिजेंस की 70 प्रतिशत और फेसबुक की शेष 30 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।'' रिलायंस इंटेलिजेंस और फेसबुक ने संयुक्त रूप से 855 करोड़ रुपये के शुरुआती निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। आरईआईएल के गठन के लिए किसी सरकारी या नियामक मंजूरी की आवश्यकता नहीं थी।
बागपतः करोड़ों की ठगी में अभिनेताओं समेत 22 के खिलाफ FIR दर्ज
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में कथित तौर पर एक फर्जी फाइनेंस कंपनी द्वारा रकम दोगुनी करने का लालच देकर करोड़ों रुपये की ठगी किए जाने के मामले में सिने अभिनेता श्रेयस तलपडे, आलोक नाथ समेत 22 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) प्रवीण सिंह चौहान ने शनिवार को बताया कि लोनी स्थित अर्बन स्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड नाम की कंपनी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत, मेरठ, गाजियाबाद सहित कई जिलों में एजेंटों के माध्यम से निवेश योजनाएं चलाईं। कंपनी ने लोगों को एक साल में निवेश की रकम दोगुनी करने का लालच दिया था।
एएसपी के अनुसार, कंपनी ने प्रचार-प्रसार के लिए बॉलीवुड कलाकारों का सहारा लिया। उन्होंने कहा कि अभिनेता श्रेयस तलपडे को प्रमोटर और आलोक नाथ को ब्रांड एंबेसडर के रूप में प्रस्तुत किया गया, जिससे लोगों का विश्वास और बढ़ गया। इसी भरोसे में क्षेत्र के 500 से अधिक लोगों ने लाखों रुपये का निवेश किया। पुलिस के मुताबिक, एक वर्ष बाद जब निवेशकों ने रकम वापसी के लिए संपर्क किया तो कंपनी के दफ्तर बंद मिले और किसी अधिकारी से संपर्क नहीं हो सका। इसके बाद निवेशकों को ठगी का एहसास हुआ।
पीड़ित निवेशक बागपत की बबली सहित कई लोगों ने थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया है कि कंपनी ने उनके दस्तावेज पर फर्जी हस्ताक्षर कराए और जमा राशि हड़प ली। पुलिस ने शिकायत के आधार पर कंपनी के संचालकों, एजेंटों और प्रमोटरों के खिलाफ सोमवार को धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में मामला दर्ज किया है। एएसपी चौहान ने बताया कि आरोपियों की पहचान की जा रही है, उनके बैंक खातों की जांच की जा रही है तथा जिन हस्तियों के नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल कंपनी ने प्रमोशन के लिए किया, उनकी भूमिका की भी जांच की जाएगी।
LIC ने 'द वाशिंगटन पोस्ट' की रिपोर्टों का किया खंडन
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की ओर से शनिवार को 'द वाशिंगटन पोस्ट' की रिपोर्टों का खंडन किया गया। एलआईसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में इन आरोपों को झूठा बताया है। एलआईसी की ओर से 'द वाशिंगटन पोस्ट' के आर्टिकल के जवाब में कहा गया है कि वॉशिंगटन पोस्ट ने आरोप लगाए हैं कि एलआईसी के निवेश से जुड़े फैसले बाहरी फैक्टर्स से प्रभावित होते हैं। ये सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं।
कंपनी ने अपने बयान में कहा, "आर्टिकल में बताए गए ऐसे किसी भी डॉक्यूमेंट या प्लान को एलआईसी ने कभी तैयार नहीं किया, जो एलआईसी द्वारा अडानी ग्रुप की कंपनियों में फंड डालने के लिए एक रोडमैप बनाता हो।" एलआईसी ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि निवेश के फैसले एलआईसी द्वारा बोर्ड से मंजूर पॉलिसी के अनुसार, पूरी जांच-पड़ताल के बाद स्वतंत्र रूप से लिए जाते हैं। साथ ही कंपनी ने यह भी साफ किया कि फाइनेंशियल सर्विसेज डिपार्टमेंट या किसी अन्य संस्था का ऐसे फैसलों में किसी तरह की कोई भूमिका नहीं होती।
कनाडा के विज्ञापन पर भड़के ट्रंप, ट्रेड को लेकर रोकी बातचीत
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कनाडा के एक विज्ञापन को देखकर इतना भड़क उठे कि उसके साथ ट्रेड पर जारी बातचीत पर तत्काल रोक लगा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर इसकी जानकारी दी। ट्रंप ने लिखा, "रोनाल्ड रीगन फाउंडेशन ने अभी घोषणा की है कि कनाडा ने धोखाधड़ी से एक विज्ञापन का इस्तेमाल किया है, जो कि फेक है। इस विज्ञापन में रोनाल्ड रीगन टैरिफ के बारे में नकारात्मक बातें करते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह विज्ञापन 75,000,000 डॉलर का था।" उन्होंने लिखा, "ऐसा सिर्फ अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट और अन्य अदालतों के फैसलों में दखल देने के लिए किया गया। टैरिफ अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। उनके इस घटिया हरकत के आधार पर, कनाडा के साथ सभी व्यापारिक वार्ताएं समाप्त की जाती हैं। इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद।"
इस विज्ञापन की वजह से अमेरिका और कनाडा के बीच फिर से विवाद बढ़ता नजर आ रहा है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और कनाडा के पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो के बीच भी तनाव बढ़ता नजर आया था। कनाडा के ओंटारियो प्रांत की सरकार की फंडिंग पर विज्ञापन को रिलीज किया गया। इस विज्ञापन में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के 1987 के एक भाषण के ऑडियो का इस्तेमाल किया गया। इसे लेकर रीगन फाउंडेशन की तरफ से कहा गया है कि पूर्व राष्ट्रपति के भाषण के इस्तेमाल के लिए उनसे अनुमति नहीं ली गई थी। फाउंडेशन ने आरोप लगाया कि इसे भ्रामक तरीके से एडिट किया गया है, इसलिए वे कानूनी कार्रवाई के बारे में सोच रहे हैं।
जिस ऑडियो क्लिप को लेकर इतना बवाल मचा है, उसमें पूर्व राष्ट्रपति रीगन टैरिफ का जिक्र करते हुए कहते हैं कि टैरिफ अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कमजोर करते हैं, नौकरियां छीनते हैं और उपभोक्ता पर बोझ डालते हैं। इस ऑडियो क्लिप का इस्तेमाल करके कनाडा ने जो विज्ञापन निकाला, उसमें ट्रंप के टैरिफ का विरोध है। कनाडा ने दावा किया कि ट्रंप का 25-35 फीसदी टैरिफ आर्थिक आत्महत्या है, जो कनाडा-अमेरिका व्यापार को नुकसान पहुंचाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कनाडा पर 35 फीसदी आयात शुल्क लागू किया है। इसके साथ ही अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा समझौते के तहत इसमें कुछ वस्तुओं पर छूट भी दी गई। वहीं, मेटल और ऑटोमोबाइल सेक्टरों पर अलग-अलग टैरिफ लागू है।
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