अर्थतंत्र की खबरें: अनिल अंबानी के रिलायंस समूह ने कहा, कुर्की से कारोबार पर असर नहीं और गूगल पेश कर रहा...
आज कल अनिल अंबानी मुश्किलों में है। रिलायंस समूह ने मंगलवार को कहा कि ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच से जुड़ी 7,500 करोड़ रुपये की संपत्तियों की कुर्की से समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के कारोबार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।

अनिल अंबानी के रिलायंस समूह ने मंगलवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मनी लॉन्ड्रिंग जांच से जुड़ी 7,500 करोड़ रुपये की संपत्तियों की कुर्की से समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के कारोबार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
समूह की सूचीबद्ध कंपनियों ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कुर्क की गई अधिकांश संपत्तियां रिलायंस कम्युनिकेशंस की हैं, जो कि समाधान पेशेवर और भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) के नियंत्रण में हैं।
जांच एजेंसी ने 31 अक्टूबर को धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 42 संपत्तियों को कुर्क करने के लिए चार अलग-अलग अस्थायी आदेश जारी किए। इसमें 66 वर्षीय अंबानी के मुंबई के पाली हिल स्थित पारिवारिक घर के अलावा उनकी समूह कंपनियों की अन्य आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियां भी शामिल हैं।
यह कुर्की रिलायंस कम्युनिकेशंस और उससे संबंधित कंपनियों से जुड़े मामलों से जुड़ी है। ये मामले 2017 और 2019 के बीच यस बैंक से लिए गए ऋण का कथित रूप से दुरुपयोग से संबंधित हैं।
कंपनियों ने कहा, ‘‘रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. और रिलायंस पावर लि. यह स्पष्ट करना चाहती हैं कि दोनों कंपनियों के संचालन, प्रदर्शन या भविष्य की संभावनाओं पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ा है।’’
शेयर बाजार को दी गयी सूचना के अनुसार, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर दोनों ही सामान्य रूप से काम कर रही हैं। दोनों कंपनियां वृद्धि, परिचालन उत्कृष्टता और सभी संबंधित पक्षों, विशेष रूप से 50 लाख से अधिक शेयरधारक परिवार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर ध्यान दे रही हैं।
कंपनियों ने कहा, ‘‘कुर्की की गई संपत्तियों का सबसे बड़ा मूल्य रिलायंस कम्युनिकेशंस का है, जो 2019 से यानी पिछले छह वर्षों से रिलायंस समूह का हिस्सा नहीं रही है। कंपनी छह वर्षों से अधिक समय से कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) से गुजर रही है। इसके समाधान से संबंधित सभी मामले वर्तमान में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण और उच्चतम न्यायालय के समक्ष विचाराधीन हैं।’’
शेयर बाजार को दी गयी सूचना में कहा गया, ‘‘अनिल अंबानी रिलायंस कम्युनिकेशंस से किसी भी तरह से जुड़े नहीं हैं और उन्होंने छह साल पहले 2019 में इस्तीफा दे दिया था।’’ ‘‘अनिल डी अंबानी साढ़े तीन साल से ज्यादा समय से रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर या रिलायंस पावर के निदेशक मंडल में भी नहीं रहे हैं।’’
कंपनियों ने कहा, ‘‘सभी रिपोर्टों में लगातार अनिल डी अंबानी को बार-बार शामिल करना अनुचित है...।’’
गूगल पेश कर रहा एक नया स्किलिंग प्रोग्राम, भारतीय स्टार्टअप्स को बनाएगा सशक्त
टेक कंपनी गूगल ने बुधवार को गूगल फॉर स्टार्टअप्स इंडिया के तहत स्किलिंग प्रोग्राम लाने की घोषणा की है। कंपनी ने यह प्रोग्राम शुरुआती दौर के फाउंडर्स और नए एंटरप्रेन्योर्स के लिए पेश किया है। ग्रोइंग जेनरेटिव एआई लैंडस्केप में भारतीय स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने के उद्देश्य से प्रोग्राम पेश किया जा रहा है।
यह प्रोग्राम 27 नवंबर से 7 दिसंबर तक की अवधि के लिए लाया जा रहा है, जिसमें प्रतिभागियों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी।
गूगल की ओर से पेश किया जा रहा है यह प्रोग्राम गूगल टूल जेमिनी, नैनो बनाना और इमेजन का इस्तेमाल कर एआई प्रोटोटाइप्स डेवलप करने पर केंद्रित होगा। प्रोग्राम में पार्टिसिपेट करने वाले प्रतिभागियों को एआई सॉल्यूशन के आइडेशन, डिजाइन और डिप्लॉयमेंट की ट्रेनिंग दी जाएगी।
कंपनी के अनुसार, गाइडेड ऑनलाइन ट्रेनिंग और वर्कशॉप की एक सीरीज के जरिए यह प्रोग्राम नॉन-टेक्निकल और क्रिएटिव फाउंडर्स, साथ ही प्री-एंट्रेप्रेन्योर्स को एआई स्टूडियो में जेमिनी, नैनो बनाना, इमेजन और वेओ जैसे आसान, प्रॉम्प्ट-बेस्ड टूल्स का इस्तेमाल कर प्रोटोटाइप बनाने, डिजाइन करने और वैलिडेट करने को लेकर सशक्त बनाएगा।
इसके अलावा, प्रतिभागियों को प्रोग्राम में भाग लेने के लिए सर्टिफिकेट भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। इससे भी बढ़कर प्रतिभागियों को उनके इनोवेशन को शोकेकस करने का अवसर भी मिलेगा। प्रोग्राम के प्रतिभागी अगले वर्ष जनवरी में होने वाले 'बिल्ड द फ्यूचर' शोकेस में प्रवेश के लिए एलिजिबल हो जाएंगे।
गूगल फॉर स्टार्टअप्स इंडिया की हेड रागिनी दास ने कहा, "गूगल फॉर स्टार्टअप्स में हमारा लक्ष्य हर एक फाउंडर तक एआई की पावर को पहुंचाना है, जिससे ट्रेडिशनल कोडिंग से जुड़ी बाधाएं खत्म हो सकें। गूगल के फुल स्टैक एआई इकोसिस्टम की स्पीड और इंटीग्रेशन का लाभ उठाते हुए यह प्रोग्राम एंटरप्रेन्योर्स को कॉन्सेप्ट से क्रिएशन की ओर तेजी से विश्वास के साथ आगे बढ़ाएगा।"
गूगल की इस पहल को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के स्टार्ट अप हब, स्टार्टअप इंडिया, इंडियाएआई मिशन और नैसकॉम के समर्थन से पेश किया जा रहा है।
'एसबीआई रिसर्च' गोल्ड पर एक लॉन्ग-टर्म पॉलिसी को लाए जाने की कर रहा मांग
एसबीआई रिसर्च ने बुधवार को भारतीय अर्थव्यवस्था में कमोडिटी या धन के रूप में पीली धातु सोने की भूमिका परिभाषित करने की जरूरत को देखते हुए गोल्ड पर एक व्यापक लॉन्ग-टर्म पॉलिसी को लाए जाने की मांग की है।
एसबीआई के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ. सौम्य कांति घोष द्वारा लिखी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि सोने को लेकर एक सांस्कृतिक जुड़ाव, निवेश परिसंपत्ति और मुद्रास्फीति से बचाव को लेकर इसकी बढ़ती भूमिका सभी कारक मिलकर देश के लिए एक स्पष्ट, भविष्य-उन्मुख गोल्ड पॉलिसी को फ्रेम किए जाने की जरूरत को दर्शाते हैं।
घोष ने रिपोर्ट में लिखा, "अब समय आ गया है कि हमारे पास गोल्ड को लेकर एक व्यापक पॉलिसी हो। यह बताना जरूरी हो गया है कि गोल्ड कमोडिटी है या मनी और ग्राहक इसे किस प्रकार देखते हैं।" रिपोर्ट पूर्व और पश्चिम में सोने को लेकर दृष्टिकोण के अंतर को भी दिखाती है।
जहां एक ओर पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं में गोल्ड को एक पब्लिक प्रॉपर्टी के रूप में देखा जाता है वहीं, एशियाई देश जैसे कि भारत, जापान, कोरिया और चीन गोल्ड को एक प्राइवेट प्रॉपर्टी के रूप में देखते हैं। इन देशों में सोने को एक निजी संपत्ति और वित्तीय सुरक्षा के सिंबल के रूप में देखा जाता है।
घोष ने बताया कि गोल्ड को लेकर डीप-रूटेड कल्चर कनेक्शन के साथ ही एशियन हाउसहोल्ड नेट बायर्स बने हुए हैं। जबकि दूसरी ओर गोल्ड को लेकर पश्चिम का नजरिया बदल रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत की मांग को कम करने और प्रोडक्टिव इस्तेमाल के लिए पुराने गोल्ड को रिसाइकल करने की अप्रोच को मुद्रीकरण तक विस्तारित किया जाना चाहिए, जिससे भविष्य में निवेश आकर्षित होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि गोल्ड को गोल्ड-समर्थित पेंशन स्कीम जैसे इंस्ट्रमेंट्स के जरिए ब्रॉडर फाइनेंशियल सेक्टर सुधारों में इंटीग्रेट किया जाना चाहिए । साथ ही, इस तरह के प्रयासों को कैपिटल अकाउंट कन्वर्टिबिलिटी के भारत के लॉन्ग-टर्म उद्देश्य से जोड़े जाने की बात कही गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत गोल्ड के लिए दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में एक बना हुआ है। जहां देश में सोने को संपत्ति के रूप में सहेज कर जाता है, निवेशक इसे सेफ हेवन के रूप में देखते हैं और केंद्रीय बैंक आरबीआई द्वारा वैश्विक अनिश्चितता के बीच सोने में होल्डिंग्स बढ़ाई जा रही है।
गुरु नानक जयंती के अवसर पर आज बंद रहेगा भारतीय शेयर बाजार
गुरु नानक जयंती के अवसर पर बुधवार के कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार बंद रहा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की ऑफिशियल वेबसाइट पर दी गई गई जानकारी के अनुसार, इस अवसर पर आज इक्टिविटी, इक्टिविटी डेरिवेटिव और एसएलबी सेगमेंट में ट्रेडिंग बंद रही। इसके अलावा, करेंसी डेरिवेटिव सेगमेंट और इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स में भी ट्रेडिंग नहीं हुई।
हालांकि, कमोडिटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट को लेकर दी गई जानकारी के अनुसार, ट्रेडिंग सुबह के 9 से शाम के 5 बजे तक के मॉर्निंग सेशन में नहीं होगी, लेकिन यह शाम के 5 बजे से रात 11:30/11:55 बजे तक के इवनिंग सेशन के लिए खुला रहेगा।
इस सप्ताह के लिए एनएसई और बीएससी पर कारोबार अगले दिन यानी गुरुवार 6 नवंबर से फिर शुरू होगा।
इससे पहले मंगलवार के कारोबारी दिन की बात करें तो सेंसेक्स और निफ्टी एक बड़ी गिरावट के बाद लाल निशान में बंद हुए थे।कारोबार के अंत में सेंसेक्स 519.34 अंक या 0.62 प्रतिशत की गिरावट के बाद 83,459.15 स्तर पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 165.70 अंक या 0.64 प्रतिशत की गिरावट के बाद 25.597.65 स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक 250.20 अंक या 0.41 प्रतिशत की गिरावट के बाद 57,827.05 स्तर पर बंद हुआ।
दूसरी ओर, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 250.20 अंक या 0.42 प्रतिशत की गिरावट के बाद 60,037.20 स्तर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 152.50 अंक या 0.82 प्रतिशत की गिरावट के बाद 18,360.90 स्तर पर बंद हुआ।
सेक्टोरल आधार पर निफ्टी ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल और रियल्टी सभी इंडेक्स नुकसान में लाल निशान पर बंद हुए।
मार्केट एक्सपर्ट्स की मानें तो भारत के मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल्स मजबूत बने हुए हैं, जो कि लगातार आर्थिक गति का संकेत देता है।
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