अर्थतंत्र की खबरें: PF की निकासी को लेकर आई बड़ी अपडेट और फिर टूटा भारतीय शेयर बाजार
PF के इस अपडेट के साथ कर्मचारियों को अब अपनी पीएफ बचत तक पहुंचने के लिए लंबी और समय लेने वाली प्रक्रियाओं से नहीं गुजरना पड़ेगा।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) मई के अंत या जून 2025 की शुरुआत तक एक बड़ा बदलाव करने जा रहा है। इस नए बदलाव के साथ ईपीएफओ के सदस्य यूपीआई और एटीएम के जरिए तत्काल अपना भविष्य निधि (पीएफ) निकाल सकेंगे।
इस अपडेट के साथ कर्मचारियों को अब अपनी पीएफ बचत तक पहुंचने के लिए लंबी और समय लेने वाली प्रक्रियाओं से नहीं गुजरना पड़ेगा।
इस पहल को श्रम और रोजगार मंत्रालय के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है और इसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) से मंजूरी मिल गई है।
इस कदम से देशभर के लाखों ईपीएफओ सदस्यों को पहले से बेहतर सुविधा मिलने की उम्मीद है। श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने कहा कि कर्मचारी तत्काल 1 लाख रुपये तक निकाल सकेंगे।
उन्होंने बताया कि सदस्य सीधे यूपीआई प्लेटफॉर्म पर अपना पीएफ बैलेंस भी देख सकेंगे और बिना किसी देरी के अपने पसंदीदा बैंक खातों में फंड ट्रांसफर कर सकेंगे। इससे कर्मचारियों के लिए जरूरत के समय अपने पैसे तक पहुंच आसान हो जाएगी।
वर्तमान में, पीएफ फंड निकालने के लिए ऑनलाइन क्लेम जमा करने और अप्रूवल की प्रतीक्षा करने की जरूरत होती है, जिसमें कई दिन या सप्ताह भी लग सकते हैं। हालांकि, यूपीआई इंटीग्रेशन के साथ, निकासी तत्काल और परेशानी मुक्त हो जाएगी।
कर्मचारी न केवल जल्दी से धन निकालने में सक्षम होंगे, बल्कि अपने शेष राशि की जांच भी कर सकेंगे और तुरंत लेनदेन भी कर सकेंगे।
इसके अलावा, ईपीएफओ अपने सदस्यों के लिए पीएफ बचत निकालने के कारणों में भी विस्तार कर रहा है। चिकित्सा आपात स्थितियों के अलावा, कर्मचारी अब आवास, शिक्षा और विवाह के लिए धन निकाल सकेंगे।
डावरा ने कहा, "ईपीएफओ ने 120 से अधिक डेटाबेस को इंटीग्रेट कर अपने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा सुधार किया है। इन प्रयासों ने क्लेम प्रोसेसिंग समय को केवल तीन दिनों तक कम कर दिया है, अब 95 प्रतिशत क्लेम ऑटोमेटिकली प्रोसेस हो रहे हैं। सिस्टम को अधिक कुशल बनाने के लिए आगे के अपग्रेड पर काम चल रहा है।"
पेंशनभोगियों को भी ईपीएफओ की डिजिटल पहलों से लाभ हुआ है। दिसंबर 2024 से करीब 78 लाख पेंशनभोगी बिना किसी प्रतिबंध के किसी भी बैंक शाखा से अपने फंड का उपयोग करने में सक्षम हो गए हैं। इससे पहले, केवल विशिष्ट बैंक शाखाओं से ही निकासी की अनुमति थी।
भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में बंद, सेंसेक्स 728 अंक गिरा
भारतीय शेयर बाजार बुधवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुआ। बाजार में चौतरफा बिकवाली देखने को मिली। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 728 अंक या 0.93 प्रतिशत गिरकर 77,288 और निफ्टी 181 अंक या 0.77 प्रतिशत गिरकर 23,486 पर था।
बाजार में गिरावट की वजह हाल में आई तेजी के बाद मुनाफावसूली को माना जा रहा है। आईटी, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, रियल्टी, एनर्जी, पीएसई और सर्विसेज इंडेक्स कमजोरी के साथ बंद हुए। केवल ऑटो इंडेक्स ही हरे निशान में बंद हुआ है।
पिछले सात कारोबारी सत्रों से निफ्टी में तेजी देखी जा रही थी। इस दौरान निफ्टी और सेंसेक्स में करीब 5.7 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया था।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बिकवाली देखी गई। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 172 अंक या 1.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,936 और निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 323 अंक या 0.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,646 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में इंडसइंड बैंक, एचसीएल टेक एमएंडएम, पावर ग्रिड और टाइटन टॉप गेनर्स थे। एनटीपीसी, जोमैटो, टेक महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, इन्फोसिस, मारुति सुजुकी, कोटक महिंद्रा, एसबीआई, एचयूएल और भारती एयरटेल टॉप लूजर्स थे।
एलकेपी सिक्योरिटीज के तकनीकी विश्लेषक रूपक दे का कहना है कि छोटी अवधि में निफ्टी अपने मूविंग एवरेज से फिसल गया है। फिलहाल एनएसई बेंचमार्क के लिए सपोर्ट 23,300 पर है। ऐसे में मौजूद गिरावट इस स्तर तक जा सकती है।
उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, अगर निफ्टी 23,300 के नीचे फिसल जाता है तो 21,964 का स्तर देखने को मिल सकता है। वहीं, 23,550 एक रुकावट का स्तर है।
भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत सपाट हुई थी। सुबह करीब 9.29 बजे सेंसेक्स 78.19 अंक या 0.10 प्रतिशत बढ़कर 78,095.38 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 46.80 अंक या 0.20 प्रतिशत बढ़कर 23,715.45 पर था।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 25 मार्च को 5,371.57 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन 2,768.87 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची।
दूसरे देशों में बसना चाहते हैं भारत के 22 प्रतिशत ‘अमीर’ : सर्वेक्षण
देश में कम से कम 22 प्रतिशत अति धनाढ्य लोग यहां रहने की स्थिति, विदेशों में बेहतर जीवन स्तर और अन्य देशों कारोबार सुगमता जैसे कारणों से भारत के बारह बसना चाहते हैं।
अति धनाढ्य 150 व्यक्तियों के बीच किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यहां तक कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अपनी ‘गोल्डन वीजा’ योजना के कारण उनके पसंदीदा गंतव्य हैं, जहां अमीर लोग बसना पसंद करते हैं।
देश की अग्रणी संपत्ति प्रबंधक कंपनी कोटक प्राइवेट ने परामर्श कंपनी ईवाई के साथ मिलकर यह सर्वेक्षण किया है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, हर साल 25 लाख भारतीय दूसरे देशों में बसने चले जाते हैं।
इसके निष्कर्षों में कहा गया, सर्वेक्षण में शामिल पांच में से एक अति धनाढ्य व्यक्ति वर्तमान में प्रवास की प्रक्रिया में है या प्रवास की योजना बना रहा है। उनमें से अधिकतर अपनी भारतीय नागरिकता बरकरार रखते हुए अपनी पसंद के देश में स्थायी रूप से निवास करना चाहते हैं।
इसमें कहा गया, वे जीवन स्तर, स्वास्थ्य देखभाल समाधान, शिक्षा या जीवनशैली में सुधार चाहते हैं। दो-तिहाई से अधिक लोगों ने कारोबार सुगमता को भी इसकी मुख्य वजह बताया।
सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने प्रवास के निर्णय को ‘‘भविष्य में निवेश’’ बताते कहा कि अपने बच्चों के लिए उत्कृष्ट उच्च शिक्षा की चाहत उन्हें यह विकल्प चुनने के लिए प्रेरित करती है।
हालांकि, कोटक महिंद्रा बैंक की अध्यक्ष गौतमी गावनकर ने कहा कि स्थानांतरण के निर्णय को देश से पूंजी के बाहर जाने के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पूंजी के बाहर जाने की सीमा तय करने से यह सुनिश्चित होता है कि यदि कोई व्यक्ति अपना निवास स्थान बदलता है तो भी धन बाहर नहीं जाएगा।
गावनकर ने कहा कि भारत में रहने वाला एक भारतीय नागरिक प्रति वर्ष केवल 2,50,000 अमेरिकी डॉलर ही निकाल सकता है, जबकि एक प्रवासी को 10 लाख अमेरिकी डॉलर की अनुमति है जिससे यह सुनिश्चित होता है कि पूंजी देश से बाहर नहीं जाएगी।
सोने में चार दिन से जारी गिरावट थमी, 235 रुपये चढ़ा ,चांदी में 1,500 रुपये का उछाल
मजबूत वैश्विक रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोने में चार दिन से जारी गिरावट थम गई और इसकी कीमत 235 रुपये बढ़कर 90,685 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी।
मंगलवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 90,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 235 रुपये की तेजी के साथ 90,235 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। इसका पिछला बंद भाव 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम था।
कारोबारियों ने कहा कि हाल के नुकसान के बाद खुदरा विक्रेताओं की ताजा लिवाली से सोने की कीमतों में सुधार हुआ। उन्होंने कहा कि मजबूत वैश्विक रुझान से भी कारोबारी धारणा में सुधार हुआ।
चांदी की कीमतें भी 1,500 रुपये बढ़कर 1,01,500 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं। मंगलवार को चांदी 1,00,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
इस बीच, वैश्विक बाजारों में हाजिर सोना 0.16 प्रतिशत बढ़कर 3,024.96 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। इसके अलावा, एशियाई कारोबार के घंटों में अप्रैल डिलिवरी वाला कॉमेक्स सोना वायदा 3,059.10 डॉलर प्रति औंस पर बोला गया।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘सुरक्षित पनाहगाह मांग और सोने-समर्थित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के मजबूत प्रवाह से बुधवार को सोने में थोड़ी तेजी आई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दो अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी शुल्क फैसले को लेकर अनिश्चितता, सुरक्षित पनाहगाह माने जाने वाले सोने का समर्थन मिलने का एक महत्वपूर्ण कारक प्रतीत होता है।’’
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