अर्थतंत्र की खबरें: दीपावली से पहले रेलवे कर्मचारियों को बोनस और शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन गिरावट

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 78 दिनों के वेतन के बराबर यह बोनस, रेलवे कर्मचारियों द्वारा सुचारू संचालन और दक्षता में सुधार के लिए किए गए समर्पित प्रयासों को मान्यता देता है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को देशभर के रेलवे कर्मचारियों के लिए 1,866 करोड़ रुपए के प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (पीएलबी) को मंजूरी दे दी है। इसका लाभ 10.90 लाख से अधिक रेलवे कर्मचारियों को मिलेगा।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 78 दिनों के वेतन के बराबर यह बोनस, रेलवे कर्मचारियों द्वारा सुचारू संचालन और दक्षता में सुधार के लिए किए गए समर्पित प्रयासों को मान्यता देता है।

नोट के अनुसार, प्रत्येक पात्र रेलवे कर्मचारी के लिए 78 दिनों के वेतन के बराबर पीएलबी की अधिकतम देय राशि 17,951 रुपए है।

यह बोनस विभिन्न श्रेणियों के रेलवे कर्मचारियों जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, सुपरवाइजर, टेक्नीशियन, टेक्नीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालय के कर्मचारी और अन्य ग्रुप 'सी' कर्मचारियों को दिया जाएगा।

बैंक, वाहन शेयरों में मुनाफावसूली से शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन गिरावट; सेंसेक्स 386 अंक टूटा

बैंक, वाहन शेयरों में मुनाफावसूली से स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 386 अंक के नुकसान में रहा, जबकि एनएसई निफ्टी 112 अंक टूटा। विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी और अमेरिकी एच-1बी वीजा शुल्क में वृद्धि से भी निवेशकों की धारणा पर असर पड़ना जारी है।

सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा मोटर्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, टेक महिंद्रा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और एक्सिस बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं।

दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में पावर ग्रिड, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एनटीपीसी और एचसीएल टेक शामिल हैं।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 3,551.19 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।


अब कतर में भी चलेगा यूपीआई

भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम को मजबूत बनाने की दिशा में एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनपीआईएल) ने बुधवार को कतर नेशनल बैंक के साथ साझेदारी की घोषणा की। इस साझेदारी के साथ क्यूएनबी से जुड़े व्यापारियों के लिए कतर में सभी पॉइंट-ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनल के जरिए क्यूआर कोड बेस्ड यूपीआई को स्वीकार करने की सुविधा शुरू हो चुकी है।

एनपीसीआई का कहना है कि इस कदम के साथ भारतीय यात्री कतर में प्रमुख पर्यटन स्थलों और कतर ड्यूटी फ्री आउटलेट्स पर यूपीआई का इस्तेमाल कर पेमेंट कर सकेंगे। यह पहला मर्चेंट है, जो यूपीआई पर लाइव हुआ है।

कतर आने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों में भारतीय दूसरा सबसे बड़ा समूह हैं। यह साझेदारी उन्हें देश भर में रियल-टाइम ट्रांजैक्शन करने में मदद करेगी। इसके अलावा इससे कतर के रिटेल और पर्यटन क्षेत्र को भी फायदा होगा, क्योंकि यूपीआई पेमेंट स्वीकार करने से क्यूएनबी के ग्राहकों के ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में बढ़ोतरी होगी।

पिछली दीपावली से अब तक 43 प्रतिशत बढ़े सोने के दाम, चांदी ने दिया 37 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न

इस साल दीपावली आने में एक महीने से कम का समय बचा हुआ है। पिछले दीपावली से अब तक सोने और चांदी की कीमतों में बड़ी तेजी देखने को मिली है। दोनों कीमती धातुओं ने निवेशकों को 43 प्रतिशत तक का दमदार रिटर्न दिया है।

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, 24 कैरेट के सोने की कीमत 30 अक्टूबर को 79,681 रुपए प्रति 10 ग्राम थी, जो कि अब बढ़कर 1,14,314 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई है। इस प्रकार पिछली दीपावली से लेकर अब तक सोने की कीमत में 43.46 प्रतिशत का उछाल आ चुका है।

2024 में दीपावली 31 अक्टूबर की थी, लेकिन दीपावली के दिन बाजार बंद रहने के कारण कीमतें 30 अक्टूबर की ली गई हैं।

22 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत बढ़कर 1,04,712 रुपए हो गई है, जो कि पिछली दीपावली पर 72,988 रुपए प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई थी। वहीं, इस दौरान 18 कैरेट के 10 ग्राम सोने का दाम बढ़कर 85,736 रुपए हो गया है, जो कि पहले 59,761 रुपए प्रति 10 ग्राम था।

सोने के साथ चांदी की कीमतों में भी तेज उछाल देखने को मिला है। चांदी की कीमत पिछली दीपावली से 37.55 प्रतिशत बढ़कर 1,35,267 रुपए प्रति किलो हो गई है, जो कि पहले 98,340 रुपए प्रति किलो थी।

सोने और चांदी की कीमतों में बढ़त की वजह वैश्विक स्तर पर उठापटक को माना जा रहा है। बीते एक वर्ष में रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास युद्ध के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से टैरिफ लगाने के कारण ग्लोबल स्तर पर उथलपुथल की स्थिति रही है, जिससे निवेशकों ने सुरक्षित संपत्ति मानी जाने वाले सोने और चांदी में निवेश बढ़ा दिया है, जिससे दोनों कीमती धातुओं की कीमत में उछाल देखने को मिला है।

इसके अलावा, चांदी की कीमत बढ़ने की एक वजह इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का उपयोग बढ़ना है, जिसमें इसका बड़े स्तर पर उपयोग किया जाता है।

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