अर्थतंत्र की खबरें: ग्लोबल एजेंसियों ने भारत के वृद्धि अनुमानों को घटाया और भारत-अमेरिका के बीच 23 अप्रैल से व्यापार वार्ता

वैश्विक शुल्क युद्ध और अमेरिकी व्यापार नीति को लेकर अनिश्चितता के बीच, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि अनुमानों में 0.5 प्रतिशत तक की कटौती की है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

ग्लोबल एजेंसियों ने 2025-26 में भारत के वृद्धि अनुमानों को घटाकर 6.2-6.7% किया

वैश्विक शुल्क युद्ध और अमेरिकी व्यापार नीति को लेकर अनिश्चितता के बीच, अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि अनुमानों में 0.5 प्रतिशत तक की कटौती की है।

अनिश्चित वैश्विक माहौल और व्यापार को लेकर भारी तनाव का हवाला देते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक ने 2025-26 के लिए भारत के वृद्धि अनुमानों को घटाकर क्रमशः 6.2 प्रतिशत और 6.3 प्रतिशत कर दिया है।

आईएमएफ और विश्व बैंक ने जनवरी में कहा था कि चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर क्रमशः 6.5 प्रतिशत और 6.7 प्रतिशत रह सकती है।

पिछले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमानों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में भी देश की अर्थव्यवस्था इसी दर से बढ़ेगी।

आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने मार्च में कहा था कि भारत की वृद्धि दर के पूर्वानुमान को 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया गया है।

इसी तरह, फिच रेटिंग्स ने वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत और एसएंडपी ने 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। मूडीज एनालिटिक्स के मुताबिक 2025 में वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रह सकती है।

डॉलर के मुकाबले रुपया 25 पैसे टूटकर 85.44 पर बंद

कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और आयातकों की डॉलर मांग के कारण अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 25 पैसे टूटकर 85.44 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिकी मुद्रा में सुधार हुआ। इसका कारण डोनाल्ड ट्रंप का विशेष रूप से फेडरल रिजर्व और चीन के प्रति रुख का नरम होना है। हालांकि, सकारात्मक घरेलू बाजारों और कमजोर अमेरिकी डॉलर सूचकांक तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी प्रवाह ने रुपये को निचले स्तरों पर समर्थन दिया।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के मंगलवार को फेडरल रिजर्व के चेयरमैन, जेरोम पॉवेल के खिलाफ रुख में नरमी से बाजार को समर्थन मिला। साथ ही ट्रंप ने चीन के विरुद्ध शुल्क कम करने की संभावना का भी संकेत दिया।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय पर, रुपया 85.24 पर खुला, और डॉलर के मुकाबले 85.52 के दिन के निचले स्तर पर पहुंच गया। कारोबार के अंत में रुपया 85.44 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो इसके पिछले बंद स्तर से 25 पैसे की गिरावट है। मंगलवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले चार पैसे की गिरावट के साथ 85.19 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।


एप्पल पर 50 करोड़ यूरो, मेटा पर 20 करोड़ यूरो का अलग-अलग मामलों में जुर्माना

यूरोपीय आयोग ने बुधवार को प्रौद्योगिकी कंपनियों- एप्पल और मेटा पर करोड़ों यूरो का जुर्माना लगाया। कंपनियों के 27 देशों के समूह यूरोपीय संघ के डिजिटल प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन करने को लेकर यह जुर्माना लगाया गया है।

यूरोपीय आयोग ने ऐप विनिर्माताओं को उनके ऐप स्टोर के बाहर उपयोगकर्ताओं को सस्ते विकल्पों की ओर इशारा करने से रोकने के लिए एप्पल पर 50 करोड़ यूरो (57.1 करोड़ डॉलर) का जुर्माना लगाया।

यूरोपीय संघ की कार्यकारी इकाई यूरोपीय आयोग ने मेटा प्लेटफॉर्म्स पर भी 20 करोड़ यूरो का जुर्माना लगाया क्योंकि उसने फेसबुक और इंस्टाग्राम उपयोगकर्ताओं को विज्ञापन देखने या उनसे बचने के लिए भुगतान करने के बीच चयन करने के लिए मजबूर किया था।

ये दंड अरबों यूरो के उस भारी भरकम जुर्माने से कम हैं, जो आयोग ने पहले प्रतिस्पर्धा मामलों में बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों पर लगाया था।

ये निर्णय मार्च में लिए जाने की उम्मीद थी, लेकिन अधिकारियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बढ़ते व्यापार युद्ध के कारण इसे रोक दिया। ट्रंप ने बार-बार शिकायत की है कि ब्रसेल्स के नियमन से अमेरिकी कंपनियां प्रभावित हो रही हैं।

यह जुर्माना यूरोपीय संघ के डिजिटल बाजार अधिनियम (डीएमए) के तहत लगाया गया है। यह एक व्यापक नियम पुस्तिका है जिसमें उपभोक्ताओं और कंपनियों को अधिक विकल्प देने और बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के डिजिटल बाजारों पर दबदबे को रोकने के लिए तैयार किए गए ‘क्या करें और क्या न करें’ का विवरण है।

भारत और अमेरिका के बीच 23 अप्रैल से वाशिंगटन में व्यापार वार्ता

भारत और अमेरिका के अधिकारी बुधवार से वाशिंगटन में दोनों देशों के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर विचार-विमर्श शुरू करेंगे। इस पहल का मकसद मुद्दों को सुलझाना और बातचीत को गति देना है।

अमेरिका ने कहा कि भारत के साथ समझौता अमेरिकी वस्तुओं के लिए नए बाजार खोलने और दोनों देशों में श्रमिकों, किसानों और उद्यमियों के लिए नए अवसर पैदा करने में मदद करेगा।

अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि के अनुसार, अमेरिका बाजार पहुंच बढ़ाने, शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को कम करने और दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करने के लिए बातचीत कर रहा है, जिसमें अतिरिक्त प्रतिबद्धताएं शामिल हैं।

अमेरिका ने कई मौकों पर भारत के साथ व्यापार घाटा बढ़ने पर चिंता जताई है, जो 2024 में 45.7 अरब अमेरिकी डॉलर था। अमेरिका बीटीए (द्विपक्षीय व्यापार समझौता) के जरिए भारत के साथ इस घाटे को कम करने पर विचार करेगा। दोनों ने समझौते के लिए नियम एवं शर्तों (टीओआर) को अंतिम रूप दे दिया है।

तीन दिवसीय बातचीत इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि अमेरिका ने भारत के खिलाफ जवाबी शुल्क लगाने पर 90 दिनों के लिए रोक लगा दी है। एक अधिकारी ने कहा कि ये वार्ता द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के लिए बातचीत की औपचारिक शुरुआत करेगी।


शेयर बाजार में 7वें दिन तेजी, आईटी शेयरों, FII की लिवाली से सेंसेक्स 80 हजार के पार

शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार सातवें दिन तेजी जारी रही और प्रमुख शेयर सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 520 अंक उछलकर चार महीने में पहली बार 80,000 से ऊपर बंद हुआ> बाजार में तेजी की कमान आईटी और वाहन शेयरों ने संभाली। इस दौरान 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 520.90 अंक यानी 0.65 प्रतिशत बढ़कर 80,116.49 पर बंद हुआ। यह 18 दिसंबर के बाद इसका उच्चतम स्तर है। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 658.96 अंक यानी 0.82 प्रतिशत बढ़कर 80,254.55 पर पहुंच गया था।

एनएसई निफ्टी 161.70 अंक यानी 0.67 प्रतिशत बढ़कर 24,328.95 पर पहुंच गया। विश्लेषकों ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों की लिवाली और सकारात्मक वैश्विक रुझानों ने भी बाजार धारणा को मजबूत किया।

सेंसेक्स की कंपनियों में एचसीएल टेक ने सबसे अधिक 7.72 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। इसके अलावा टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, इंफोसिस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा स्टील, भारती एयरटेल और मारुति भी उल्लेखनीय बढ़त हुई।

हाल में तेज बढ़त के बाद बैंक शेयरों में बिकवाली देखी गई और एचडीएफसी बैंक 1.98 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। इसके अलावा कोटक महिंद्रा बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, आईटीसी और अल्ट्राटेक सीमेंट भी नुकसान में रहे।

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