अर्थतंत्र की खबरें: गोल्ड ने फिर बनाया नया रिकॉर्ड और वैश्विक चुनौतियों में कैसी रहेगी देश की अर्थव्यवस्था?

सोमवार को सोने की कीमतों में 1,650 रुपये की तेजी आई, जिससे इसका भाव एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर के करीब पहुंच गया।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

सोना 1,650 रुपये की छलांग के साथ एक लाख रुपये के पास, चांदी भी मजबूत

कमजोर डॉलर और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध को लेकर अनिश्चितताओं के चलते मांग बढ़ने से राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को सोने की कीमतों में 1,650 रुपये की तेजी आई, जिससे इसका भाव एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर के करीब पहुंच गया।

अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत सोमवार को 99,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। शुक्रवार को इसका मूल्य 20 रुपये घटकर 98,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।

स्थानीय बाजार में 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 1,600 रुपये उछलकर 99,300 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए शिखर पर पहुंच गया। पिछले कारोबारी सत्र में यह मामूली गिरावट के साथ 97,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।

सोने की कीमत पिछले वर्ष 31 दिसंबर से अबतक 20,850 रुपये या 26.41 प्रतिशत प्रति 10 ग्राम बढ़ चुकी हैं।

चांदी की कीमतें भी 500 रुपये चढ़कर 98,500 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं। पिछले सत्र में चांदी 98,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर सपाट बंद हुई थी।

कोटक महिंद्रा एएमसी के कोष प्रबंधक सतीश डोंडापति ने कहा, “इस साल, व्यापार तनाव, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और कमजोर डॉलर के कारण सोने और चांदी की कीमतों में उल्लेखनीय उतार-चढ़ाव देखा गया है। अब तक सोने में 25 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, जिसमें अमेरिकी प्रशासन द्वारा दो अप्रैल को शुल्क की घोषणा के बाद से छह प्रतिशत की बढ़ोतरी भी शामिल है।”

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में जून डिलिवरी वाले सोना वायदा का भाव 1,621 रुपये यानी 1.7 प्रतिशत बढ़कर 96,875 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए उच्चस्तर पर पहुंच गया।

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हाजिर सोना 3,397.18 डॉलर प्रति औंस के नए शिखर पर पहुंच गया। बाद में, इसका लाभ कुछ कम हुआ और यह 3,393.49 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार किया।

वैश्विक स्तर पर, सोने के वायदा भाव ने 80 डॉलर प्रति औंस या 2.4 प्रतिशत की बढ़त के साथ पहली बार 3,400 डॉलर के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार किया।

जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के जिंस एवं मुद्रा शोध के ईबीजी उपाध्यक्ष प्रणव मेर ने कहा, ‘सोने की कीमतों में सकारात्मक तेजी जारी रही और यह 3,400 डॉलर प्रति औंस से ऊपर पहुंच गई। व्यापार शुल्क संबंधी अनिश्चितता, अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि से सोने को समर्थन मिल रहा है।’

एशियाई कारोबार के घंटों में हाजिर चांदी लगभग एक प्रतिशत बढ़कर 32.85 डॉलर प्रति औंस हो गई।

शेयर बाजार में पांच दिन की तेजी से निवेशकों की संपत्ति 32 लाख करोड़ रुपये बढ़ी


शेयर बाजार में पिछले पांच दिन कारोबारी सत्रों से जारी तेजी से सोमवार तक निवेशकों की संपत्ति 32 लाख करोड़ रुपये बढ़ी है। इस दौरान विदेशी कोषों की लिवाली और व्यापक तेजी से कारोबारी भावनाएं मजबूत हुईं। सोमवार को 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 855.30 अंक या 1.09 प्रतिशत उछलकर 79,408.50 पर बंद हुआ।

पिछले पांच दिन में सेंसेक्स 5,561.35 अंक या 7.53 प्रतिशत बढ़ा है। इन पांच कारोबारी दिनों में बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 32,03,295.8 करोड़ रुपये बढ़कर 4,25,85,629.02 करोड़ रुपये (5,000 अरब अमेरिकी डॉलर) हो गया।

लेमन मार्केट्स डेस्क के विश्लेषक सतीश चंद्र अलूरी ने कहा, ‘‘बाजार में तेज शुरुआत हुई और पूरे दिन बढ़त जारी रही। सप्ताहांत में बैंकों की मजबूत आय ने कारोबारी धारणा को मजबूत किया। इसे सकारात्मक घरेलू संकेतों का लाभ भी मिला।’’

उन्होंने कहा कि कंपनियों के तिमाही नतीजों को लेकर उत्साह है, क्योंकि दिग्गज बैंकों ने सकारात्मक टिप्पणियों के साथ अनुमान से काफी बेहतर नतीजे पेश किए हैं।


वैश्विक चुनौतियों के बाद भी तेज गति से बढ़ती रहेगी देश की अर्थव्यवस्था: सीईए नागेश्वरन

देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि वैश्विक परिवेश में नई चुनौतियों के बावजूद भारत सही नीतिगत उपायों के साथ अपनी वृद्धि की बढ़त को बरकरार रखने में सक्षम होगा।

कोलंबिया विश्वविद्यालय में अपने संबोधन में नागेश्वरन ने कहा कि सरकार का विजन 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करना है। लेकिन भारत के आकार के अलावा सबसे बड़ी चुनौती यह है कि अगले 10-20 वर्षों तक बाहरी वातावरण उतना अनुकूल नहीं रहने वाला है, जितना 1990 के आसपास से शुरू होकर पिछले 30 वर्षों में रहा है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि देश एक सीमा से आगे अपने बाहरी वातावरण का चयन नहीं कर सकता है, इसलिए चुनौतियां रहेंगी।

नागेश्वरन ने वीकेंड में कोलंबिया विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा, "कठिन और चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल में भारत के लिए आगे का कार्य काफी बड़ा है, लेकिन मुझे लगता है कि नीति निर्धारण और प्राथमिकताओं की पहचान, हमें इस कठिन माहौल में भी ग्रोथ को बनाए रखने में मदद कर सकती है।"

उन्होंने आगे कहा कि चल रहे भू-राजनीतिक तनाव से वैश्विक पूंजी प्रवाह पर प्रतिकूल प्रभाव हो रहा है। ऐसे में भारत को निवेश दरों को बढ़ाने या मौजूदा निवेशों से अधिक मूल्य निकालने की आवश्यकता होगी।

नागेश्वरन ने कहा कि भारत विकास को बढ़ाने के लिए निर्यात पर उसी तरह निर्भर नहीं रह सकता जैसा कि वह 2000 के दशक की शुरुआत में करता था।

उन्होंने आगे कहा कि पहले दशक में जीडीपी ग्रोथ का 40 प्रतिशत निर्यात से आता था, लेकिन दूसरे दशक में यह आंकड़ा कम होकर 20 प्रतिशत और तीसरे दशक में इससे भी कम हो सकता है।

नागेश्वरन ने बताया कि निर्यात प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ाने के लिए क्वालिटी में सुधार, रिसर्च और डेवलपमेंट में निवेश, लॉजिस्टिक्स में अपग्रेड और लास्ट माइल कनेक्टिविटी में सुधार करने की आवश्यकता है।

नागेश्वरन ने कहा कि विकसित भारत 2047 विजन के लिए भारतीय मैन्युफैक्चरिंग और बिजनेस को ग्लोबल वैल्यू चेन में इंटीग्रेट करने की आवश्यकता है।

इसके साथ ही देश को एक मजबूत स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइज (एसएमई) सेक्टर को बनाना होगा।

नागेश्वरन के मुताबिक, देश की जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी चीन के बराबर लाने के लिए भारत को अगले 10 से 12 वर्षों में प्रति वर्ष करीब 80 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने होंगे।

अदरक, टमाटर और फूलगोभी की कीमतों में मार्च में हुई सबसे अधिक गिरावट

खुदरा महंगाई दर मार्च में छह वर्षों के निचले स्तर 3.34 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इसके साथ ही अदरक, टमाटर, फूलगोभी, जीरा और लहसुन की कीमतों में बड़ी गिरावट देखी गई।

वित्त मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, सालाना आधार पर अदरक की कीमतों में 38.11 प्रतिशत की गिरावट हुई है, जबकि टमाटरों की कीमत में 34.96 प्रतिशत, फूलगोभी की कीमत में 25.99 प्रतिशत, जीरे की कीमत में 25.86 प्रतिशत और लहसुन की कीमत में 25.22 प्रतिशत की गिरावट हुई है।

मार्च 2025 में जिन उत्पादों की कीमतों में वृद्धि हुई है, उनमें 56.81 प्रतिशत की सालाना वृद्धि के साथ नायिरल तेल शीर्ष पर था। वहीं, नारियल की कीमत में 42.05 प्रतिशत, गोल्ड की कीमत में 34.09 प्रतिशत, सिल्वर की कीमत में 31.57 प्रतिशत और अंगूर की कीमत में 25.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

बीते महीने हेल्थ सेगमेंट में महंगाई दर 4.26 प्रतिशत रही है, जो कि फरवरी में 4.12 प्रतिशत थी।

शहरी क्षेत्रों में हाउसिंग महंगाई दर बढ़कर 3.03 प्रतिशत हो गई है, जो कि फरवरी में 2.91 प्रतिशत थी।

परिवहन और संचार कैटेगरी में महंगाई दर फरवरी में 2.93 प्रतिशत की तुलना में मार्च 2025 में बढ़कर 3.30 प्रतिशत हो गई है।

फ्यूल और लाइट कैटेगरी में महंगाई दर फरवरी में 1.33 प्रतिशत से बढ़कर मार्च में 1.48 प्रतिशत हो गई, जिसमें ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र शामिल हैं।

शिक्षा से जुड़ी महंगाई दर में मार्च में 3.98 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है, जो कि इससे पहले के महीने में 3.83 प्रतिशत थी।

खुदरा महंगाई दर वित्त वर्ष 2024-25 में कम होकर 4.6 प्रतिशत हो गई है। यह वित्त वर्ष 2018-19 के बाद महंगाई का सबसे कम आंकड़ा है।

खाद्य महंगाई मार्च 2025 में कम होकर 2.69 प्रतिशत हो गई है और यह नवंबर 2021 के बाद खाद्य महंगाई का सबसे निचला स्तर है। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्र में खाद्य महंगाई दर 2.82 प्रतिशत थी, जबकि शहरी क्षेत्र में खाद्य महंगाई दर 2.48 प्रतिशत थी।

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