अर्थतंत्र की खबरें: सोना के दाम नए शिखर पर, चांदी में गिरावट और इन्फोसिस को लगा झटका
मजबूत वैश्विक मांग के बीच बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 70 रुपये बढ़कर 98,170 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गई।

सोना 70 रुपये की बढ़त के साथ 98,170 रुपये के नए शिखर पर, चांदी में गिरावट
मजबूत वैश्विक मांग के बीच बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 70 रुपये बढ़कर 98,170 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी है।
बुधवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 1,650 रुपये बढ़कर 98,100 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई थी।
99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 70 रुपये बढ़कर 97,720 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए शिखर पर पहुंच गया, जबकि बुधवार को इसका बंद स्तर 97,650 रुपये प्रति 10 ग्राम था।
अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी चिंतन मेहता ने कहा, ‘‘कमजोर डॉलर, बढ़ते व्यापार युद्ध तनाव और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क घोषणाओं के बाद वैश्विक आर्थिक वृद्धि को लेकर बढ़ती चिंताओं के कारण सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं।’’
उन्होंने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता बनी रहने के कारण सोने की कीमतों में उछाल जारी है, अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित कर रहा है और मुद्रास्फीति और मंदी की आशंकाओं को बढ़ा रहा है। चूंकि बाजार इन जोखिमों से जूझ रहे हैं, इसलिए अस्थिरता बनी हुई है, जो एक विश्वसनीय ‘बचाव’ के रूप में सोने की भूमिका को मजबूत करता है।
मेहता ने कहा, ‘‘तेजी की भावना को बढ़ाते हुए, प्रमुख बैंकों ने सोने पर तेजी से सकारात्मक रुख अपनाया है, जो इक्विटी, बॉन्ड और मुद्राओं में व्यापक आधार पर बिकवाली की ओर इशारा करता है।’’
हालांकि, चांदी की कीमतें 1,400 रुपये गिरकर 98,000 रुपये प्रति किलोग्राम रह गईं। पिछले सत्र में चांदी 99,400 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
इस बीच, विदेशी बाजारों में हाजिर सोना बढ़कर 3,357.81 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया। बाद में, यह सारा लाभ लुप्त हो गया और यह 3,328.84 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था।
कोटक सिक्योरिटीज में एसोसिएट उपाध्यक्ष-जिंस शोध कायनात चैनवाला ने कहा, ‘‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल द्वारा चेतावनी दिए जाने के बाद कि अमेरिकी व्यापार नीति को लेकर अनिश्चितता, अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ सकती है, जिससे वैश्विक जोखिम लेने की क्षमता घट सकती है। सोने ने अपनी बढ़त जारी रखी है और एक नया सर्वकालिक उच्च स्तर छू लिया।’’
एशियाई कारोबार के घंटों में हाजिर चांदी 1.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 32.32 डॉलर प्रति औंस रह गया।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी के अनुसार, निवेशक अब शुरुआती बेरोजगारी दावों सहित अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों और बृहस्पतिवार को जारी होने वाले फिलाडेल्फिया फेड मैन्युफैक्चरिंग आंकड़ों पर नजर रख रहे हैं।
इन्फोसिस का मार्च तिमाही का शुद्ध लाभ 11.7 प्रतिशत घटकर 7,033 करोड़ रुपये पर
भारत की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी इन्फोसिस का एकीकृत शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष (2024-25) की जनवरी-मार्च तिमाही में 11.7 प्रतिशत घटकर 7,033 करोड़ रुपये रहा है।
वित्त वर्ष 2023-24 की समान तिमाही में कंपनी ने 7,969 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष के लिए अपने लक्ष्य को पार कर लिया है।
इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 2024-25 के आमदनी के लक्ष्य को 3.75-4.50 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.5-5 प्रतिशत कर दिया था।
कंपनी ने चालू वित्त वर्ष (2025-26) में स्थिर मुद्रा के आधार पर शून्य से तीन प्रतिशत की राजस्व वृद्धि का अनुमान लगाया है।
इन्फोसिस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक सलिल पारेख ने कहा कि पूर्वघोषित योजना के अनुसार कंपनी चालू वित्त वर्ष में 20,000 फ्रेशर (पहली बार नौकरी करने वाले) कर्मचारियों को नियुक्त करने की तैयारी कर रही है।
समीक्षाधीन तिमाही के लिए कंपनी की आमदनी 40,925 करोड़ रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के 37,923 करोड़ रुपये से 7.9 प्रतिशत अधिक है।
इससे पिछली यानी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही की तुलना में कंपनी का मुनाफा 3.3 प्रतिशत बढ़ा है। हालांकि, आमदनी दो प्रतिशत घटी है।
कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए उसका मुनाफा 1.8 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 26,713 करोड़ रुपये रहा। हालांकि, इस दौरान कंपनी की आमदनी 6.06 प्रतिशत बढ़कर 1,62,990 करोड़ रुपये रही है।
पारेख ने कहा, “हमने अपने ग्राहकों के विश्वास और कर्मचारियों के समर्पण की बदौलत ग्राहक-केंद्रित नीति और बाजार के प्रति जवाबदेही पर तीव्र ध्यान देते हुए एक मजबूत संगठन बनाया है।”
सूचना के अनुसार, 2024-25 के लिए कंपनी का नकदी प्रवाह 4.1 अरब डॉलर था।
कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) जयेश संघराजका ने कहा कि यह राशि कंपनी के इतिहास में अबतक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है।
पिछले वित्त वर्ष के अंत में इन्फोसिस के कर्मचारियों की संख्या 3,23,578 थी।
संघराजका ने कहा कि 20,000 लोगों को काम पर रखना, छंटनी की भरपाई और वृद्धि का संयोजन है।
इन्फोसिस के निदेशक मंडल ने 22 रुपये का अंतिम लाभांश प्रस्तावित किया है, जो अंतरिम लाभांश के साथ पिछले वर्ष की तुलना में 13.2 प्रतिशत की वृद्धि है। बीएसई पर कंपनी का शेयर बृहस्पतिवार को 0.51 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,420.20 रुपये पर बंद हुआ।
शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन तेजी, सेंसेक्स 1,509 अंक चढ़कर 78,000 अंक के पार
स्थानीय शेयर बाजार में बृहस्पतिवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में तेजी का सिलसिला जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 1,509 अंक चढ़ गया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 414 अंक की तेजी रही।
अमेरिका और जापान के बीच व्यापार वार्ता के सफल होने की उम्मीद के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों के घरेलू शेयर बाजार में निवेश के बाद निवेशक उत्साहित नजर आयें।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,508.91 अंक यानी 1.96 प्रतिशत उछलकर 78,000 अंक के स्तर को प्राप्त करते हुए 78,553.20 अंक पर रहा। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,572.48 अंक तक चढ़ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 414.45 अंक यानी 1.77 प्रतिशत की तेजी के साथ 23,851.65 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, सन फार्मा, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फिनसर्व, कोटक महिंद्रा बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज प्रमुख रूप से लाभ में रहीं।
टेक महिंद्रा और मारुति के शेयर नुकसान में रहे।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 3,936.42 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। मंगलवार को एफआईआई ने 6,065.78 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे थे।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई एसएसई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में गिरावट का रुख रहा। अमेरिकी बाजार में बुधवार को गिरावट रही थी।
अमेरिका और जापान फिलहाल जवाबी शुल्क पर बातचीत कर रहे हैं। इसका मकसद द्विपक्षीय व्यापार समझौता करना है।
जियोजीत इनवेस्टमेंट्स लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वित्तीय कंपनियों की अगुवाई में बड़ी कंपनियों के शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिली। बचत जमा पर ब्याज दर में बदलाव से मार्जिन में सुधार की उम्मीद से वित्तीय कंपनियों के शेयर बढ़त में रहे। इसके अलावा, एफआईआई की लिवाली आने से भी धारणा सकारात्मक बनी है। हालांकि, तेजी के इस रुख के बने रहने को लेकर अनिश्चितता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, अमेरिका-जापान के बीच व्यापार वार्ता का सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद और चीन तथा अमेरिका के बीच व्यापार तनाव से बाधा कम होने से घरेलू बाजार में धारणा मजबूत हुई है। इसके अलावा मुद्रास्फीति में कमी और इसके संतोषजनक स्तर पर आने से भी बाजार पर सकारात्मक प्रभाव हुआ है।’’
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.94 प्रतिशत बढ़कर 66.47 डॉलर प्रति बैरल रहा। बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 309.40 अंक चढ़ा था जबकि एनएसई निफ्टी में 108.65 अंक की बढ़त रही थी। शेयर बाजार शुक्रवार को ‘गुड फ्राइडे’ के मौके पर बंद रहेंगे।
रुपया 27 पैसे चढ़कर 85.37 प्रति डॉलर पर
घरेलू शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों का निवेश बढ़ने और डॉलर में व्यापक कमजोरी के कारण बृहस्पतिवार को रुपया लगातार चौथे सत्र में मजबूत हुआ। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 27 पैसे की बढ़त के साथ 85.37 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो तीन अप्रैल के बंद स्तर के आसपास है।
रुपये ने दो अप्रैल के बाद से अपने सभी नुकसान की भरपाई कर ली है। उस समय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर व्यापक जवाबी शुल्क की घोषणा की थी। दो अप्रैल को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.52 पर रहा था।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, अमेरिकी शुल्क से राहत के बाद घरेलू शेयरों में सकारात्मक रुझान ने समग्र निवेशक कारोबारी धारणा को मजबूत किया, भले ही कच्चे तेल की कीमतों में कुछ सुधार ने भारतीय मुद्रा को कमजोर कर दिया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.48 पर खुला और दिन में कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 85.31 के उच्चतम स्तर और 85.62 के निम्नतम स्तर के बीच घूमता रहा। कारोबार के अंत में डॉलर के मुकाबले रुपया 85.37 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से 27 पैसे की बढ़त है।
बुधवार के सत्र में रुपया 16 पैसे की बढ़त के साथ 85.64 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
पिछले चार सत्रों में भारतीय मुद्रा ने नौ अप्रैल को डॉलर के मुकाबले 86.68 के बंद स्तर से 131 पैसे या 1.5 प्रतिशत से अधिक की बढ़त दर्ज की है।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में तेजी और एफआईआई प्रवाह में उछाल के कारण रुपये में बढ़त रही।
उन्होंने कहा कि हालांकि, आयातकों द्वारा डॉलर की खरीद और कच्चे तेल की कीमतों में सुधार रुपये की तेज बढ़त पर अंकुश लगा सका सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘कारोबारी साप्ताहिक बेरोजगारी दावों और अमेरिका से आवास आंकड़ों से संकेत ले सकते हैं। डॉलर-रुपया हाजिर कीमत के 85.20 से 85.70 के दायरे में कारोबार करने की उम्मीद है।’’
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती नापने वाला, डॉलर इंडेक्स 0.10 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 99.24 पर कारोबार कर रहा था।
वैश्विक तेल मानक, ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.88 प्रतिशत बढ़कर 66.43 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
घरेलू शेयर बाजार में, 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,508.91 अंक बढ़कर 78,553.20 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 414.45 अंक चढ़कर 23,851.65 अंक पर पहुंच गया।
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने बुधवार को शुद्ध आधार पर 3,936.42 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
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