अर्थतंत्र की खबरें: त्योहारी मांग से सोना 1.3 लाख रुपये के नए शिखर पर और क्या RBI करेगी ब्याज दरों में कटौती?

सोने चांदी की कीमतों में कई दिनों से भारी उछाल जारी है। कीमतों में तेजी होने से सोने और चांदी की कीमतों ने रिकॉर्ड बना दिया है। चांदी की कीमत भी ऑल टाइम हाई पर है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

‘धनतेरस’ से पहले खुदरा विक्रेताओं और आभूषण विक्रेताओं की भारी त्योहारी खरीदारी के कारण सोने और चांदी के दाम आसमान छू रहे हैं। दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतें 2,850 रुपये मजबूत होकर पहली बार 1.3 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गईं।

अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 2,850 रुपये बढ़कर 1,30,800 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, जबकि पिछली सत्र में यह 1,27,950 रुपये पर बंद हुई थी।

99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 2,850 रुपये बढ़कर 1,30,200 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जबकि इसका पिछला बंद भाव 1,27,350 रुपये प्रति 10 ग्राम था।

चांदी भी 6,000 रुपये के उछाल के साथ 1,85,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई, जो लगातार पांचवें दिन की बढ़त है। पिछले बाजार सत्र में यह 1,79,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।

व्यापारियों ने सर्राफा कीमतों में तेज वृद्धि का श्रेय त्योहारी और शादी-ब्याह के मौसम से पहले आभूषण विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की निरंतर मांग और साथ ही मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में आई कमजोरी को भी दिया, जो 12 पैसे गिरकर 88.80 के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया।

आरबीआई दिसंबर में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कर सकता है कटौती : रिपोर्ट

50 प्रतिशत आयात शुल्क वर्ष के अंत तक लागू रहने की स्थिति में भारतीय रिजर्व बैंक दिसंबर में नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है, जिससे रेपो दर घटकर 5.25 प्रतिशत रह जाएगी। यह जानकारी मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

एचएसबीसी द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, सरकार विकास को बढ़ावा देने के लिए नए आर्थिक सुधारों के साथ-साथ निर्यातकों के लिए एक राजकोषीय पैकेज का एलान कर सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति वर्षों के अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई है, जिससे आरबीआई को मौद्रिक नीति में ढील देने की अधिक गुंजाइश मिल गई है। सितंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति सालाना आधार पर 1.5 प्रतिशत रही, जो जून 2017 के बाद से सबसे कम है क्योंकि खाद्य कीमतें अपस्फीति में चली गईं।

यह गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों की कीमतों में गिरावट, अनाज के अच्छे उत्पादन और पर्याप्त भंडार वाले अन्न भंडारों के कारण दर्ज की गई है।

खाद्य पदार्थों की कीमतों में वार्षिक और क्रमिक दोनों रूप में गिरावट आई है, अगस्त में भारी बारिश के कारण सब्जियों की कीमतों में आई तेजी के बाद कीमतों में फिर से गिरावट दर्ज की गई।

अनाज और दालों की कीमतों में भी मासिक गिरावट देखी गई, जिससे समग्र मुद्रास्फीति का दबाव कम हुआ।

जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए औसत मुद्रास्फीति 1.7 प्रतिशत रही, जो आरबीआई के 1.8 प्रतिशत के अनुमान से थोड़ा कम है।

हालांकि, सोने की कीमतों में तेज वृद्धि के कारण हेडलाइन सीपीआई ऊंची बनी रही, जो सितंबर में सालाना आधार पर लगभग 47 प्रतिशत बढ़ी। केवल सोने ने ही हेडलाइन सीपीआई में लगभग 50 आधार अंकों का योगदान दिया।


शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन गिरावट; सेंसेक्स 297 अंक टूटा, निफ्टी भी नुकसान में

स्थानीय शेयर बाजार में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 297 अंक टूट गया, जबकि एनएसई निफ्टी में 82 अंक का नुकसान रहा। एशिया तथा यूरोप के बाजारों में कमजोर रुख तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी के बीच घरेलू बाजार में गिरावट आई।

तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स शुरुआती लाभ को बरकरार नहीं रख पाया और अंत में 297.07 अंक यानी 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 82,029.98 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 545.43 अंक तक लुढ़क गया था। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में 23 नुकसान में जबकि सात लाभ में रहे।

पचास शेयरों पर आधारित एनएसई निफ्टी 81.85 अंक यानी 0.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,145.50 अंक पर बंद हुआ।

विश्लेषकों ने कहा कि शेयर बाजार ने दिन की शुरुआत तेजी के साथ की, लेकिन कमजोर वैश्विक रुख और व्यापार संबंधी चिंताओं के कारण यह गति बरकरार नहीं रह पायी। विदेशी पूंजी की निकासी से भी धारणा प्रभावित हुई।

सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में बजाज फाइनेंस सबसे ज्यादा 1.8 प्रतिशत नुकसान में रही। इसके अलावा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एनटीपीसी, ट्रेंट, एशियन पेंट्स और एक्सिस बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं।

दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में टेक महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, पावर ग्रिड, हिंदुस्तान यूनिलीवर और रिलायंस इंडस्ट्रीज शामिल हैं।

रुपया 12 पैसे टूटकर 88.80 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर

घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट और अमेरिकी मुद्रा में रातोंरात आई तेजी के कारण मंगलवार को रुपया 12 पैसे गिरकर 88.80 (अस्थायी) के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक स्तर पर जोखिम-से बचने की धारणा के बीच विदेशी पूंजी की निकासी ने निवेशकों की धारणा को और कमजोर किया। हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप की खबरों ने रुपये को सहारा दिया और गिरावट को थाम लिया।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया डॉलर के मुकाबले 88.73 पर खुला और कारोबार के दौरान 88.81 के निचले स्तर और 88.73 के उच्चस्तर तक गया। अंत में यह डॉलर के मुकाबले 88.80 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव 88.68 के मुकाबले 12 पैसे की गिरावट है।

30 सितंबर को रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 88.80 के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया था। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.10 प्रतिशत बढ़कर 99.36 पर कारोबार कर रहा था।

वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 2.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 61.99 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।

कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका-भारत व्यापार शुल्क ही एकमात्र ऐसा मुद्दा है जो निवेशकों की भावनाओं को आहत कर रहा है।