अर्थतंत्र की खबरें: इंडसइंड बैंक को कैसे लगी 1600 करोड़ की चपत? और दुनिया के शीर्ष कपड़ा निर्यातकों में भारत शामिल
इंडसइंड बैंक में मिली गड़बड़ी के बाद से बैंक के शेयरों में लगातार गिरावट हो रही है। बैंक के ग्राहकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है, आगे वो क्या करें।

इंडसइंड बैंक में मिली गड़बड़ी के बाद से बैंक के शेयरों में लगातार गिरावट हो रही है। बैंक के ग्राहकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है, आगे वो क्या करें। बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में मिली आर्थिक गड़बड़ी का पता लगाने के लिए अब बैंक की ओर से एक्सटर्नल एजेंसी हायर की गई है। इंडसइंड बैंक ने गड़बड़ी की मूल वजह का पता लगाने के लिए एक बाहरी प्रोफेशनल कंपनी को नियुक्त किया है। अब ये एक्सटर्नल कंपनी बैंक के भीतर मिली खामियों का पता लगाएंगी।
शेयर बाजार में पांचवें दिन जारी रही तेजी, सेंसेक्स 557 अंक उछला
विदेशी कोषों की लिवाली और बैंक शेयरों में बढ़त के दम पर घरेलू शेयर बाजार शुक्रवार को लगातार पांचवें दिन बढ़त के साथ बंद हुए। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स में 557 अंक और निफ्टी में 160 अंक की तेजी रही।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 557.45 अंक यानी 0.73 प्रतिशत उछलकर 76,905.51 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 693.88 अंक बढ़कर 77,041.94 पर पहुंच गया था।
इसी तरह एनएसई का मानक सूचकांक निफ्टी 159.75 अंक यानी 0.69 प्रतिशत चढ़कर 23,350.40 अंक पर बंद हुआ।
विशेषज्ञों ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इस साल दो बार ब्याज दरों में कटौती की बात कही है। इससे घरेलू बाजार में आशावाद फिर से जग गया है।
सेंसेक्स के शेयरों में एनटीपीसी, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, नेस्ले, लार्सन एंड टूब्रो, टाटा मोटर्स, आईसीआईसीआई बैंक, पावर ग्रिड और जोमैटो लाभ में रहे।
दूसरी ओर इन्फोसिस, टाटा स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाइटन और बजाज फिनसर्व में गिरावट हुई।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 3,239.14 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ''घरेलू बाजारों में लगातार सुधार के साथ कारोबारी सप्ताह खत्म हुआ। जोखिम-मुक्त दरों में कमी, डॉलर सूचकांक में सुधार और उभरते बाजारों में विदेशी निवेश आने के कारण तेजी का दौर बना।''
उन्होंने कहा कि इससे घरेलू बाजार में एक बार फिर आशावादी नजरिया देखने को मिल रहा है।
इस कारोबारी सप्ताह में बीएसई सेंसेक्स 3,076.6 अंक यानी 4.16 प्रतिशत बढ़ा और एनएसई निफ्टी ने 953.2 अंक यानी 4.25 प्रतिशत की छलांग लगाई।
व्यापक बाजार में बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 2.05 प्रतिशत और मिडकैप सूचकांक में 1.14 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
बीएसई पर क्षेत्रवार सूचकांकों की बात करें तो तेल एवं गैस खंड में 2.25 प्रतिशत, उपयोगिता खंड में 2.11 प्रतिशत, दूरसंचार में 1.91 प्रतिशत और ऊर्जा खंड में 1.86 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
दूसरी ओर उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु और धातु शेयर खंड गिरावट के साथ बंद हुए।
शुक्रवार को बीएसई के 2,823 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए, जबकि 1,213 में गिरावट हुई।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग गिरकर बंद हुए।
यूरोपीय बाजार नकारात्मक क्षेत्र में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को मामूली गिरावट के साथ बंद हुए।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.21 प्रतिशत गिरकर 71.85 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 899.01 अंक बढ़कर 76,348.06 अंक और एनएसई निफ्टी 283.05 अंक चढ़कर 23,190.65 अंक पर रहा था।
सोना 400 रुपये टूटकर 91,250 पर, चांदी में भी गिरावट
वैश्विक बाजारों में कमजोरी और मुनाफावसूली की गतिविधियों के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोना 400 रुपये की गिरावट के साथ 91,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी।
बुधवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना कल 91,650 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
वहीं, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 400 रुपये की गिरावट के साथ 90,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ जो एक दिन पहले 91,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ जिंस विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘व्यापारियों द्वारा मुनाफावसूली और डॉलर में आए सुधार के कारण सोने की कीमतों में गिरावट आई है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल द्वारा अमेरिका में वृद्धि की रफ्तार सुस्त होने और मुद्रास्फीति बढ़ने की टिप्पणियों से कीमती धातु में गिरावट आई है।’’
लगातार दूसरे दिन गिरावट जारी रहने के कारण चांदी में भी 1,700 रुपये की गिरावट आई और यह 1,00,300 रुपये प्रति किलोग्राम बोला गया। बृहस्पतिवार को यह 1.02 लाख रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हाजिर सोना 12.15 डॉलर की गिरावट के साथ 3,032.75 डॉलर प्रति औंस रह गया। कॉमेक्स सोना वायदा 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,036.60 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था।
कोटक सिक्योरिटीज में सहायक उपाध्यक्ष (जिंस शोध) कायनात चैनवाला ने कहा, ‘‘कॉमेक्स सोना 3,040 डॉलर प्रति औंस से नीचे है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगाए सीमा शुल्कों के संभावित प्रभावों और पश्चिम एशिया में तनावपूर्ण भू-राजनीतिक स्थिति से जुड़ी चिंताओं के कारण सुरक्षित निवेश की मांग होने के कारण इसमें तेज गिरावट सीमित रह सकती है।’’
उन्होंने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव बना हुआ है क्योंकि ट्रंप ने हाल ही में कहा है कि व्यापक जवाबी शुल्क और कुछ अतिरिक्त क्षेत्र-विशिष्ट शुल्क दो अप्रैल को लागू हो जाएंगे।
दुनिया के शीर्ष कपड़ा निर्यातकों में भारत शामिल, वैश्विक बाजार में 4 प्रतिशत हुआ मार्केट शेयर : केंद्र
भारत दुनिया के शीर्ष कपड़ा निर्यातक देशों में से एक है और देश की वैश्विक कपड़ा और परिधान निर्यात में लगभग 4 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। यह जानकारी शुक्रवार को संसद में सरकार ने दी।
लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कपड़ा राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने कहा कि हस्तशिल्प सहित कपड़ा और परिधान का निर्यात अप्रैल-दिसंबर 2024 में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7 प्रतिशत बढ़ा है। साथ ही कहा कि अमेरिका, यूरोपीय संघ और यूके की वित्त वर्ष 2023-24 के कुल निर्यात में हिस्सेदारी 53 प्रतिशत थी।
सरकार भारतीय वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन कर रही है। प्रमुख पहलों में आधुनिक, एकीकृत, विश्व स्तरीय कपड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन्स और ऐपेरल (पीएम मित्र) पार्क स्कीम; बड़े पैमाने पर विनिर्माण और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए एमएमएफ फैब्रिक, एमएमएफ ऐपेरल और टेक्नोलॉजी टेक्सटाइल पर ध्यान केंद्रित करने वाली प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना, अनुसंधान नवाचार और विकास, संवर्धन और बाजार विकास पर ध्यान केंद्रित करने वाला नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल्स मिशन और अन्य योजनाएं शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारतीय वस्त्र उद्योग दुनिया के सबसे बड़े उद्योगों में से एक है। देश के पास नेचुरल फाइबर के कच्चे माल का एक बड़ा आधार है, जिसमें कपास, रेशम, ऊन और जूट के साथ-साथ मानव निर्मित फाइबर भी शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि देश में कपास की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने और कपास की खेती में किसानों की निरंतर रुचि बनाए रखने के उद्देश्य से भारत सरकार हर साल कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित करती है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि बाजार में कपास की कीमतें एमएसपी दरों से नीचे गिरने की स्थिति में किसानों को उनकी उपज का उचित लाभकारी मूल्य मिले और प्रतिस्पर्धी कीमतों पर कपास की उपलब्धता हो।
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, एक्स्ट्रा-लॉन्ग स्टेपल (ईएलएस) कॉटन पर सीमा शुल्क 20 फरवरी, 2024 से घटाकर शून्य कर दिया गया है। भारत-ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए के तहत 51,000 टन शुल्क मुक्त ईएलएस कॉटन का आयात किया जा सकता है।
साथ ही कहा कि अपनी निर्यात क्षमता को बढ़ाने के लिए भारत ने अब तक 14 मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया और टीईपीए के साथ हाल ही में संपन्न समझौते शामिल हैं।
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