अर्थतंत्र की खबरें: इजरायल-ईरान संघर्ष से देश के चावल निर्यातकों को नुकसान और सोना-चांदी में फिर गिरावट
चावल निर्यातक नरेंद्र मिगलानी ने कहा, "ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध का असर भारत के चावल निर्यातकों पर पड़ा है। संघर्ष के कारण ईरान के रास्ते जाने वाले चावल का निर्यात बंद हो गया है,

इजरायल-ईरान संघर्ष का देश के चावल निर्यात पर काफी असर पड़ा है और ईरान जाने वाले चावल की शिपमेंट करीब रुक गई है। चावल निर्यातकों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
चावल निर्यातक नरेंद्र मिगलानी ने कहा, "ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध का असर भारत के चावल निर्यातकों पर पड़ा है। संघर्ष के कारण ईरान के रास्ते जाने वाले चावल का निर्यात बंद हो गया है, जिससे हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व यूपी से निर्यात होने वाला करीब 1 लाख मीट्रिक टन चावल बंदरगाहों पर ही रुक गया है।"
उन्होंने आगे कहा, "भारत, ईरान को सबसे ज्यादा बासमती चावल का निर्यात करता है। उसके बाद सऊदी अरब और तीसरे नंबर पर इराक को चावल निर्यात करता है।"
मिगलानी ने आगे बताया, "युद्ध के कारण निर्यात होने वाले चावल की कीमतों में करीब 1200 प्रति क्विंटल की गिरावट आ गई है। निर्यातकों की सबसे बड़ी चिंता ईरान में फंसे उनके चावल के पैसे और पोर्ट लैंड पर खड़े उनके चावल कंटेनर को लेकर है, क्योंकि ईरान में निर्यात होने वाले चावल का कोई इंश्योरेंस नहीं होता, जिस कारण अब निर्यातकों को करोड़ों रुपए के चावल खराब होने का डर सता रहा है। दूसरी ओर ईरान जाने वाले चावल के निर्यात के लिए परमिट सिर्फ चार महीने के लिए बनता है, जिसमें तय समय सीमा के अंदर निर्यातकों को चावल की डिलीवरी देनी होती है। यदि तय समय पर चावल नहीं पहुंचता तो परमिट कैंसिल हो जाता है। इससे निर्यातकों को नुकसान होता है।"
हाल ही में जारी क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया, "इजरायल और ईरान के साथ भारत का सीधा व्यापार कुल व्यापार का 1 प्रतिशत से भी कम है। ईरान को भारत का मुख्य निर्यात बासमती चावल है, इजरायल के साथ व्यापार अधिक विविधतापूर्ण है और इसमें उर्वरक, हीरे और बिजली के उपकरण शामिल हैं।"
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि वित्त वर्ष 2025 में भारत के बासमती चावल निर्यात में ईरान और इजरायल का योगदान लगभग 14 प्रतिशत है।
शेयर बाजार में गिरावट थमी, सेंसेक्स 1,000 अंक उछला, निफ्टी फिर 25,000 के पार
स्थानीय शेयर बाजार में पिछले तीन दिनों से जारी गिरावट पर शुक्रवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स में 1,046 अंकों का उछाल आया। वहीं एनएसई निफ्टी फिर से 25,000 के पार पहुंच गया।
वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बीच वित्तीय, दूरसंचार और प्रौद्योगिकी शेयरों में खरीदारी के चलते शुक्रवार को बाजार में तेजी आई।
कारोबारियों ने कहा कि पश्चिम एशिया में तनाव कम होने के बीच विदेश से बड़े पैमाने पर सकारात्मक रुझान और विदेशी पूंजी की लिवाली से घरेलू शेयर बाजारों को समर्थन मिला।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,046.30 अंक यानी 1.29 प्रतिशत उछलकर 82,408.17 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 1,132.62 अंक यानी 1.39 प्रतिशत बढ़कर 82,494.49 पर पहुंच गया था।
वहीं 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 319.15 अंक यानी 1.29 प्रतिशत चढ़कर 25,112.40 पर बंद हुआ।
बीएसई पर 2,463 शेयरों में तेजी रही, जबकि 1,484 शेयरों में गिरावट आई और 147 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। इस सप्ताह सेंसेक्स में 1,289.57 अंक यानी 1.58 प्रतिशत की तेजी आई और निफ्टी 393.8 अंक यानी 0.59 प्रतिशत चढ़ा।
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ''ईरान के साथ अमेरिका की बातचीत होने की उम्मीद के कारण पश्चिम एशिया में तनाव कम होने और तत्काल सैन्य कार्रवाई का जोखिम कम होने से शेयर बाजार में तेजी आई। इस घटनाक्रम के कारण कच्चे तेल की कीमतों में सुधार हुआ, जिससे घरेलू बाजारों को लाभ मिला और विदेशी निवेशकों की धारण मजबूत हुई।''
उन्होंने कहा कि वित्त, वाहन और रियल्टी जैसे ब्याज दर को लेकर संवेदनशील और उपभोक्ता आधारित क्षेत्रों में खरीदारी देखी गई।
सेंसेक्स की कंपनियों में भारती एयरटेल, नेस्ले, महिंद्रा एंड महिंद्रा, पावर ग्रिड, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, इटरनल (पूर्व में जोमैटो) और एचडीएफसी बैंक में उल्लेखनीय बढ़त हुई। दूसरी ओर मारुति का शेयर गिरकर बंद हुआ।
बीएसई मिडकैप सूचकांक 1.20 प्रतिशत और स्मॉलकैप सूचकांक 0.55 प्रतिशत चढ़ा।
क्षेत्रवार देखा जाए तो सभी सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए। इस दौरान दूरसंचार में 2.73 प्रतिशत, रियल्टी में 2.22 प्रतिशत, प्रौद्योगिकी में 1.42 प्रतिशत, पूंजीगत सामान में 1.17 प्रतिशत, बैंक में 1.15 प्रतिशत, सोच-विचार कर खरीदी जाने वाली वस्तुओं में 1.12 प्रतिशत और धातु में 1.10 प्रतिशत की तेजी आई।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, ''ईरान-इजराइल संघर्ष में नरमी आने के संकेत मिलने वाली खबरों के बाद बाजार की धारणा में सुधार हुआ। अमेरिका ने किसी कार्रवाई में देरी का संकेत दिया, जिससे कच्चे तेल की कीमतें घटीं। इसके अलावा, एफआईआई की लगातार खरीदारी ने बाजार और समर्थन दिया।''
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़कर बंद हुए, जबकि जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट नुकसान में रहे।
दोपहर के कारोबार में यूरोपीय बाजार में बढ़त का रुख था।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.93 प्रतिशत गिरकर 77.33 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 934.62 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों ने भी 605.97 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की लिवाली की।
बृहस्पतिवार को सेंसेक्स 82.79 अंक नुकसान में रहा था, जबकि एनएसई निफ्टी में 18.80 अंक की गिरावट आई थी।
सोना 600 रुपये टूटकर 99,960 रुपये प्रति 10 ग्राम, चांदी 2,000 रुपये फिसली
कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच आभूषण विक्रेताओं और स्टॉकिस्टों की बिकवाली से शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 600 रुपये टूटकर 99,960 रुपये प्रति 10 ग्राम रही। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी।
पिछले बाजार सत्र में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 1,00,560 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।
वहीं 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 550 रुपये टूटकर 99,250 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर रहा। बृहस्पतिवार को सोने की कीमत 99,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।
शुक्रवार को चांदी की कीमत भी 2,000 रुपये लुढ़क कर 1,05,200 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) रही। बृहस्पतिवार को यह 1,07,200 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
मेहता इक्विटीज के उपाध्यक्ष (जिंस) राहुल कलंत्री ने कहा, ‘‘चांदी हाल के उच्च स्तर से फिसलकर एक सप्ताह के निम्न स्तर के करीब पहुंच गई है और तीन सप्ताह में पहली बार साप्ताहिक गिरावट की ओर बढ़ रही है। सप्ताह की शुरुआत में तेज उछाल के बाद यह 35.70 डॉलर प्रति औंस से नीचे आ गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह गिरावट तब आई जब निवेशकों ने इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अन्य जगहों पर घाटे की भरपाई के लिए सर्राफा में अपने सौदों का निपटान किया।’’
कलंत्री ने कहा कि बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भी बृहस्पतिवार को अपनी मौद्रिक नीति बैठकों में ब्याज दर स्थिर रखीं, जिससे कीमती धातुओं की बढ़त सीमित रही। हालांकि, इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष और रुपये में कमजोर रुख से भी घरेलू बाजारों में सोने और चांदी की कीमतों को समर्थन मिल रहा है।
वैश्विक बाजार में, हाजिर सोना 16.72 डॉलर प्रति औंस यानी 0.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,353.67 डॉलर पर रहा।
विदेशी बाजारों में हाजिर चांदी 0.77 प्रतिशत गिरकर 36.10 डॉलर प्रति औंस रह गई।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (शोध विश्लेषक) जतीन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘कारोबारी अमेरिकी अर्थव्यवस्था के घटनाक्रमों पर नजर रखेंगे। व्यापार शुल्क और पश्चिम एशिया में सैन्य भागीदारी अस्थिरता को बढ़ावा देगी। ईरान-इजराइल संघर्ष में अमेरिका की ओर से किसी भी तरह की कमी या गैर-भागीदारी के संकेत सोने पर दबाव बनाए रख सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी ओर, नए सिरे से तनाव बढ़ने से कीमतों को समर्थन मिलेगा।’’
अहमदाबाद हादसे के बाद एयर इंडिया की बुकिंग 20 प्रतिशत घटी, किराया 15 प्रतिशत सस्ता
पिछले सप्ताह विमान दुर्घटना के बाद घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर एयर इंडिया की उड़ानों की बुकिंग में लगभग 20 प्रतिशत की गिरावट आई है। इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) के अध्यक्ष रवि गोसाईं ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस दौरान एयरलाइन के औसत किराए में आठ से 15 प्रतिशत की गिरावट आई है।
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने इस बारे में पूछे जाने पर कुछ भी कहने से मना कर दिया।
पिछले सप्ताह 12 जून को 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को लेकर लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान एआई-171 अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
शहर के मेघाणीनगर क्षेत्र में उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद विमान एक मेडिकल कॉलेज परिसर पर गिर गया। इसमें विमान में सवार एक व्यक्ति को छोड़कर सभी की मौत हो गई, जबकि जमीन पर मौजूद लगभग 29 लोगों की भी मौत हो गई।
गोसाईं ने पीटीआई-भाषा से कहा, “इस हादसे के बाद हमने बुकिंग में, खासकर अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों में अस्थायी गिरावट देखी है। हालांकि, सटीक प्रतिशत मार्ग के अनुसार अलग-अलग है, लेकिन हमारे अनुमानों से पता चलता है कि अंतरराष्ट्रीय बुकिंग में लगभग 18-22 प्रतिशत की गिरावट आई है और तत्काल बाद घरेलू स्तर पर 10-12 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि, यह एक अल्पकालिक धारणा आधारित प्रतिक्रिया लग रही है, क्योंकि आम तौर पर समय के साथ चीजें ठीक हो जाती है।”
आईएटीओ अध्यक्ष ने बताया कि एयर इंडिया के प्रमुख मार्गों पर किराए में मामूली समायोजन किया गया है।
उन्होंने कहा, “औसतन, घरेलू क्षेत्रों में टिकट की कीमतों में आठ से 12 प्रतिशत की कमी आई है, जहां एयरलाइन सीधे इंडिगो और अकासा जैसी किफायती कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करती है। अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर, विशेष रूप से यूरोप और दक्षिण पूर्व एशिया के लिए, किराए में 10-15 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या यात्रा संचालकों के माध्यम से बुक की गई एयर इंडिया की उड़ानों के लिए यात्रियों ने टिकट रद्द किए हैं, आईएटीओ अध्यक्ष ने कहा, “हां, हमने रद्दीकरण में, विशेष रूप से कॉरपोरेट और उच्च श्रेणी के छुट्टियां मनाने वाले यात्रियों द्वारा उल्लेखनीय वृद्धि देखी है, जिन्होंने वैकल्पिक वाहकों को चुना है।”
उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टिकट रद्द कराने के मामले में में 15-18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, और घरेलू स्तर पर आठ से 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हालांकि, आने वाले दिनों में यह प्रवृत्ति सामान्य हो सकती है क्योंकि कोई प्रणालीगत सुरक्षा मुद्दा सामने नहीं आया है और डीजीसीए जैसे प्राधिकरण एयर इंडिया के अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के अनुपालन की पुष्टि करते हैं।
आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर मई में घटकर 0.7 प्रतिशत पर
देश के आठ प्रमुख बुनियादी उद्योग की वृद्धि दर मई 2025 में घटकर 0.7 प्रतिशत रह गई, जो पिछले नौ महीनों में सबसे कम है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
पिछली सबसे कम वृद्धि दर अगस्त, 2024 में दर्ज की गई थी, जब इन ढांचागत क्षेत्रों के उत्पादन में 1.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल मई में इन क्षेत्रों की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत थी।
इस साल अप्रैल में इन प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के उत्पादन में एक प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।
इन आंकड़ों से पता चलता है कि चार प्रमुख क्षेत्रों- कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, उर्वरक एवं बिजली के उत्पादन में मई के दौरान गिरावट दर्ज की गई।
हालांकि, रिफाइनरी उत्पादों और सीमेंट उत्पादन की वृद्धि दर सकारात्मक रही।
इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की पहले दो महीनों (अप्रैल-मई) में आठ प्रमुख क्षेत्रों में कुल 0.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले कम है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 6.9 प्रतिशत थी।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे बढ़कर 86.59 पर बंद
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और डॉलर के कमजोर होने से शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे बढ़कर 86.59 (अस्थायी) पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों में मजबूत प्रदर्शन और एफआईआई लिवाली ने स्थानीय मुद्रा को और समर्थन दिया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.65 पर खुला और 86.55-86.67 के सीमित दायरे में कारोबार करता रहा। रुपया कारोबार के अंत में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 14 पैसे की बढ़त के साथ 86.59 (अस्थायी) पर बंद हुआ।
बृहस्पतिवार को रुपया 30 पैसे टूटकर दो महीने के निचले स्तर 86.73 पर बंद हुआ था।
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के मनीष शर्मा ने कहा, ''आज (शुक्रवार) को रुपये में तेजी आई, लेकिन इस महीने अब तक इसमें एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट हुई है। अधिकांश गिरावट पिछले शुक्रवार को इजराइल के ईरान में हमला करने के बाद आई। हमलों ने वैश्विक तेल आपूर्ति में व्यवधान को लेकर चिंताएं पैदा कीं, जिससे वायदा बाजार में ब्रेंट क्रूड तेल पांच महीने के उच्चतम स्तर 79 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।''
उन्होंने कहा कि तेल की कीमतों में गिरावट से शुक्रवार को स्थानीय मुद्रा को राहत मिली। अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप अगले दो हफ्तों में फैसला करेंगे कि अमेरिका इजराइल-ईरान युद्ध में शामिल होगा या नहीं।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर का स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ 98.60 पर था।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 2.36 प्रतिशत टूटकर 76.99 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को शुद्ध आधार पर 934.62 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia