अर्थतंत्र की खबरें: रेल यात्रियों को जानें कितने प्रतिशत मिलती है यात्रा सब्सिडी और मुंबई से उड़ानें होगी महंगी

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि रेलवे की ओर से यात्रियों को ज्यादा सब्सिडी दी जाती है। ट्रेन से प्रति किलोमीटर यात्रा की लागत 1.38 रुपये है, वहीं यात्रियों से केवल 73 पैसे लिए जा रहे हैं।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि रेलवे की ओर से यात्रियों को ज्यादा सब्सिडी दी जाती है। ट्रेन से प्रति किलोमीटर यात्रा की लागत 1.38 रुपये है, वहीं यात्रियों से केवल 73 पैसे लिए जा रहे हैं। इसका मतलब हुआ कि रेलवे यात्रियों को 47 प्रतिशत सब्सिडी दे रहा है।

राज्यसभा में रेल मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे न केवल यात्रियों को किफायती किराये पर सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान कर रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी अलग पहचान बना रहा है।

उन्होंने बताया कि भारत में पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों की तुलना में रेलवे का किराया कम है, जबकि पश्चिमी देशों में यह भारत की तुलना में 10 से 20 गुना अधिक है।

वित्त वर्ष 2022-23 में यात्रियों को 57,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई, जो 2023-24 में बढ़कर लगभग 60,000 करोड़ रुपये (अनंतिम आंकड़ा) हो गई। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य न्यूनतम किराये पर सुरक्षित और बेहतर सेवाएं प्रदान करना है।"

रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन के लाभों पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यात्रियों और माल परिवहन की बढ़ती संख्या के बावजूद ऊर्जा लागत स्थिर बनी हुई है।

भारतीय रेलवे 2025 तक 'स्कोप 1 नेट जीरो' और 2030 तक 'स्कोप 2 नेट जीरो' हासिल करने के लक्ष्य पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि बिहार के मधेपुरा कारखाने में निर्मित इंजनों का निर्यात जल्द ही शुरू होगा।

वर्तमान में, भारतीय रेलवे के यात्री कोच मोजाम्बिक, बांग्लादेश और श्रीलंका को निर्यात किए जा रहे हैं, जबकि इंजन मोजाम्बिक, सेनेगल, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश भेजे जा रहे हैं।

इसके अलावा, बोगी अंडरफ्रेम का निर्यात ब्रिटेन, सऊदी अरब, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया को किया जा रहा है, जबकि प्रोपल्शन पार्ट्स फ्रांस, मैक्सिको, जर्मनी, स्पेन, रोमानिया और इटली को भेजे जा रहे हैं।

इस साल देश में 1,400 लोकोमोटिव का उत्पादन हुआ है, जो अमेरिका और यूरोप के संयुक्त उत्पादन से भी ज्यादा है। इसके साथ ही बेड़े में दो लाख नए वैगन शामिल किए गए हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में भारतीय रेलवे 1.6 अरब टन माल का परिवहन करेगा, जिससे भारत चीन और अमेरिका सहित दुनिया के टॉप तीन देशों में शामिल हो जाएगा। यह रेलवे की बढ़ती क्षमता और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने आश्वासन दिया कि भविष्य में रेलवे पहले से ज्यादा आधुनिक, सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल परिवहन तंत्र के रूप में उभरेगा।

सेंसेक्स 1,131 अंक उछलकर हुआ बंद, ऑटो और बैंकिंग शेयरों में हुई खरीदारी

भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में बंद हुआ। बाजार में चौतरफा खरीदारी हुई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1,131.31 अंक या 1.53 प्रतिशत की तेजी के साथ 75,301.26 और निफ्टी 325.55 अंक या 1.45 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,834.30 पर था।

बाजार में तेजी की वजह ऑटो और बैंकिंग शेयरों में खरीदारी होना था। निफ्टी ऑटो इंडेक्स 2.38 प्रतिशत और निफ्टी बैंक 1.99 प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ। इसके अलावा आईटी, फाइनेंशियल सर्विसेज, रियल्टी, मेटल और एफएमसीजी समेत सभी इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए।

लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी तेजी थी। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,055.10 अंक या 2.18 प्रतिशत की बढ़त के साथ 49,516.90 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 406.30 अंक या 2.71 प्रतिशत की तेजी के साथ 15,374.70 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स पैक में जोमैटो, आईसीआईसीआई बैंक, एमएंडएम, टाटा मोटर्स, एलएंडटी, सन फार्मा, एशियन पेंट्स, टाइटन, कोटक महिंद्रा बैंक, एसबीआई, अदाणी पोर्ट्स, टाटा स्टील, एनटीपीसी और टीसीएस टॉप गेनर्स थे। बजाज फिनसर्व, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा और रिलायंस इंडस्ट्रीज टॉप गेनर्स थे।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 2,825 शेयर हरे निशान में, 1,210 शेयर लाल निशान में और 124 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए।

आशिका स्टॉक ब्रोकिंग में तकनीकी और डेरिवेटिव विश्लेषक, सुंदर केवट ने कहा कि अमेरिका में रिटेल बिक्री के उम्मीद से कमजोर आने के कारण ब्याज दरों के कम होने की संभावना को बल मिला है। इसके कारण वैश्विक बाजारों के साथ भारतीय बाजारों में भी तेजी देखने को मिल रही है।

भारतीय बाजारों की शुरुआत सकारात्मक हुई थी। सुबह करीब 9.27 बजे सेंसेक्स 448.91 अंक या 0.61 प्रतिशत बढ़कर 74,618.86 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 140.15 अंक या 0.62 प्रतिशत बढ़कर 22,648.90 पर था।

विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मार्च महीने में अब तक शुद्ध विक्रेता बने हुए हैं। उन्होंने सोमवार को 4,488.45 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन 6,000.60 करोड़ रुपये का निवेश इक्विटी में किया।


यूडीएफ में बढ़ोतरी का प्रस्ताव, मुंबई से अगले वित्त वर्ष में उड़ानें होगी महंगी

मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरना अगले वित्त वर्ष 2025-26 से महंगा हो जाएगा क्योंकि निजी हवाई अड्डा परिचालक मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (एमआईएएल) ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए उपयोगकर्ता विकास शुल्क (यूडीएफ) में 463 रुपये की भारी वृद्धि का प्रस्ताव किया है, जबकि घरेलू यात्रियों से 325 रुपये का शुल्क वसूला जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से वर्तमान में 187 रुपये का उपयोगकर्ता विकास शुल्क (यूडीएफ) लिया जाता है, जिसे बढ़ाकर 650 रुपये करने का प्रस्ताव है, जबकि घरेलू यात्रियों को ऐसा कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है।

एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ प्रस्तावित शुल्क कार्ड, जिसे हवाई अड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण (एईआरए) के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है, नियामक द्वारा एमआईएएल के लिए स्वीकृत किए गए शुल्क के अनुरूप है।

एईआरए की वेबसाइट के अनुसार, इसके साथ ही विमानन कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए एमआईएएल ने चौथी नियंत्रण अवधि (वित्त वर्ष 2024-2029) के लिए अपनी सुविधा पर लैंडिंग व पार्किंग शुल्क में 35 प्रतिशत की कटौती का प्रस्ताव दिया है।

मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देश का दूसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है। इसका परिचालन तथा प्रबंधन संयुक्त उद्यम कंपनी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (मायल) द्वारा किया जाता है। मायल की 74 प्रतिशत हिस्सेदारी अदाणी समूह के पास है, जबकि शेष 26 प्रतिशत हिस्सेदारी भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के पास है।

रुपया 26 पैसे की बढ़त के साथ 86.55 प्रति डॉलर पर

घरेलू शेयर बाजारों में तेजी और अमेरिकी मुद्रा के कमजोर रुख के बीच रुपया मंगलवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में मजबूत हुआ और 26 पैसे की बढ़त के साथ 86.55 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि अमेरिका में निराशाजनक आर्थिक आंकड़ों के कारण डॉलर में गिरावट आई। इसके अलावा एशियाई मुद्राओं की मजबूती ने भी रुपये को सहारा दिया। हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल ने स्थानीय मुद्रा की बढ़त को सीमित कर दिया।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपये में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। यह डॉलर के मुकाबले 86.71 पर खुला और फिर इसने 86.54 के उच्चस्तर और 86.78 के निचले स्तर को छुआ।

कारोबार के अंत में रुपया 86.55 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 26 पैसे की बढ़त है।

रुपया सोमवार को 24 पैसे की बढ़त के साथ अमेरिकी 86.81 प्रति डॉलर पर और बृहस्पतिवार को 17 पैसे चढ़कर 87.05 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। रुपये में आज लगातार तीसरे सत्र में तेजी देखी गई। तीनों सत्र में यह कुल 67 पैसे मजबूत हुआ है। होली के अवसर पर शुक्रवार को विदेशी मुद्रा बाजार बंद था।

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 103.32 पर रहा।

अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 1.31 प्रतिशत चढ़कर 72 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) सोमवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 4,488.45 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

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