अर्थतंत्र की खबरें: मुहूर्त ट्रेडिंग में हरे निशान में बंद हुआ बाजार और रुपये में उतार-चढ़ाव पर RBI का फैसला
वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुख के बीच मंगलवार को विशेष मुहूर्त कारोबार के शुरुआती सत्र में सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी दर्ज की गई।

भारतीय शेयर बाजार संवत 2082 के पहले दिन मंगलवार को हल्की तेजी के साथ बंद हुआ और सत्र में मिलाजुला कारोबार देखा गया। सेंसेक्स की शुरुआत 84,484.67 पर हुई, दिन के दौरान 84,665.44 का हाई बनाया और अंत में 62.97 अंक की तेजी के साथ 84,426.34 पर बंद हुआ।
निफ्टी की शुरुआत 25,901.20 पर हुई, दिन के दौरान 25,934.35 के उच्चतम स्तर को छुआ और 25.45 अंक की तेजी के साथ 25,868.60 पर बंद हुआ।
बाजार में तेजी को मेटल और फार्मा शेयरों ने लीड किया। निफ्टी मेटल 0.40 प्रतिशत और निफ्टी फार्मा 0.34 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ। निफ्टी ऑटो, निफ्टी हेल्थकेयर, निफ्टी एफएमसीजी और निफ्टी आईटी हरे निशान में बंद हुए।
सेंसेक्स पैक में बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, इन्फोसिस, एमएंडएम, टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील, एचडीएफसी बैंक, अदाणी पोर्ट्स, पावर ग्रिड, एलएंडटी, बीईएल, एसबीआई, टेक महिंद्रा, सन फार्मा और अल्ट्राटेक सीमेंट गेनर्स थे। कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक, भारती एयरटेल, मारुति सुजुकी, ट्रेंट, टीसीएस, टाइटन, एशियन पेंट्स और इटरनल (जोमैटो) लूजर्स थे।
लार्जकैप की तुलना में मिडकैप और स्मॉलकैप का प्रदर्शन अच्छा रहा। निफ्टी मिडकैप 150 इंडेक्स 0.22 प्रतिशत की तेजी के साथ 21,972 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 0.52 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,300 पर बंद हुआ।
हर साल दीपावली के अवसर पर नए संवत (हिंदू नवर्ष) की शुरुआत होती है। इस दौरान निवेश को शुभ माना जाता है, जिसके चलते एक्सचेंजों की ओर से एक घंटे से विशेष सत्र आयोजित किया जाता है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है।
रुपये में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए आरबीआई ने अगस्त में 7.7 अरब डॉलर बेचे
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विनिमय दर में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने और अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट को रोकने के लिए अगस्त में 7.7 अरब अमेरिकी डॉलर बेचे।
आरबीआई के नवीनतम बुलेटिन में प्रकाशित अमेरिकी डॉलर की बिक्री/खरीद के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में केंद्रीय बैंक की अमेरिकी डॉलर की शुद्ध बिक्री 7.69 अरब अमेरिकी डॉलर रही जो पिछले महीने की तुलना में लगभग तीन गुना है।
आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय बैंक ने जुलाई और अगस्त में अमेरिकी डॉलर नहीं खरीदे।
आरबीआई का घोषित रुख यह है कि वह रुपये-डॉलर विनिमय दर के किसी स्तर या दायरे को लक्षित नहीं करता बल्कि विदेशी मुद्रा बाजार में केवल तभी हस्तक्षेप करता है जब अत्यधिक अस्थिरता हो। अगस्त में डॉलर के मुकाबले रुपये में बड़ी गिरावट आई थी।
इसके बाद बढ़ते व्यापार तनाव, बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं और लगातार विदेशी पोर्टफोलियो निवेश की निकासी के बीच सितंबर में भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट दर्ज की गई थी।
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