अर्थतंत्र की खबरें: ATM से अतिरिक्त निकासी पर एक मई से लगेगा अधिक शुल्क और केंद्रीय कर्मचारियों को तोहफा

ग्राहकों को एटीएम से नि:शुल्क निकासी सीमा खत्म होने के बाद पैसे निकालने पर एक मई से प्रति लेन-देन 23 रुपये देने होंगे।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

ग्राहकों को एटीएम से नि:शुल्क निकासी सीमा खत्म होने के बाद पैसे निकालने पर एक मई से प्रति लेन-देन 23 रुपये देने होंगे।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को एक मई से एटीएम से पैसा निकालने पर शुल्क दो रुपये बढ़ाकर 23 रुपये प्रति लेनदेन करने की शुक्रवार को अनुमति दे दी। यह शुल्क माह में नि:शुल्क निकासी संख्या समाप्त होने के बाद एटीएम से पैसा निकालने पर लगेगा।

ग्राहक अपने बैंक की एटीएम से हर महीने पांच निःशुल्क लेनदेन (वित्तीय तथा गैर-वित्तीय लेनदेन सहित) के लिए पात्र हैं।

वे अन्य बैंकों के एटीएम से भी मुफ्त लेनदेन (वित्तीय व गैर-वित्तीय लेनदेन सहित) के लिए पात्र हैं। महानगरों में वे तीन निःशुल्क लेनदेन और अन्य स्थानों पर पांच निःशुल्क लेनदेन कर सकते हैं।

आरबीआई ने एक परिपत्र में कहा, ‘‘ मुफ्त लेनदेन के अलावा ग्राहक से प्रति लेनदेन अधिकतम 23 रुपये का शुल्क लिया जा सकता है। यह एक मई 2025 से प्रभावी होगा।’’

वर्तमान में, बैंकों को ग्राहक द्वारा मुफ्त लेनदेन सीमा समाप्त होने के बाद प्रति लेनदेन 21 रुपये का शुल्क लेने की अनुमति है।

आरबीआई ने कहा कि ये निर्देश, यथावश्यक परिवर्तनों के साथ ‘कैश रिसाइक्लर मशीन’ (नकद जमा लेनदेन के अलावा) पर किए गए लेनदेन पर भी लागू होंगे।

केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता दो प्रतिशत बढ़ा


 केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को महंगाई भत्ते में दो प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दी। यह निर्णय इस साल एक जनवरी से लागू होगा।

इससे करीब 1.15 करोड़ केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक जनवरी 2025 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (डीए) और पेंशनभोगियों को महंगाई राहत (डीआर) की एक अतिरिक्त किस्त जारी करने को मंजूरी दे दी है। दो प्रतिशत वृद्धि के साथ महंगाई भत्ता मूल वेतन/पेंशन के मौजूदा 53 प्रतिशत से 55 प्रतिशत हो गया है। इसका मकसद महंगाई से कर्मचारियों को राहत देना है।

डीए और डीआर दोनों में वृद्धि से सरकारी खजाने पर सालाना 6,614.04 करोड़ रुपये का असर होगा।

इस कदम से केंद्र सरकार के करीब 48.66 लाख कर्मचारियों और 66.55 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा।

यह वृद्धि स्वीकृत फॉर्मूले के अनुसार है, जो सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है।

डीए तथा डीआर का भुगतान जीवन-यापन की लागत को समायोजित करने और कर्मचारियों व पेंशनभोगियों को महंगाई से राहत देने के लिए किया जाता है।


अमेरिकी जवाबी शुल्क का भारत पर कोई खास असर नहीं, उत्पन्न होंगे अवसर: नीति आयोग अधिकारी

नीति आयोग के कार्यक्रम निदेशक पी साहू ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका की जवाबी शुल्क लगाने की योजना का भारत पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा, बल्कि इससे देश के लिए कई अवसर उत्पन्न हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि मेक्सिको, चीन और कनाडा जिनकी अमेरिका के कुल आयात में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है उनकी तुलना में भारत की स्थिति बेहतर है।

नीति आयोग के कार्यक्रम निदेशक ने कहा, ‘‘ हम आंकड़ों पर अलग-अलग स्तर पर गौर कर रहे हैं... ये प्रारंभिक परिणाम हैं लेकिन मैं आपको केवल यह बता सकता हूं कि हम नुकसान में नहीं रहेंगे। यह जवाबी शुल्क कुछ विशिष्ट क्षेत्रों को छोड़कर किसी को प्रभावित नहीं करेगा और वास्तव में इसमें लाभ उठाने के कई अवसर हैं।’’

साहू ने नीति आयोग की तिमाही व्यापार निगरानी के दूसरे संस्करण के पेश किए जाने के बाद यह बात कही।

उन्होंने कहा कि जवाबी शुल्क योजना के भारत पर प्रभाव का विस्तृत विश्लेषण रिपोर्ट के अगले संस्करण में पेश किया जाएगा।

अमेरिकी बाजार में तीन मुख्य प्रतिस्पर्धी देश कनाडा, मेक्सिको और चीन हैं। अमेरिका के 3,100 अरब डॉलर के कुल आयात में इनकी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इन देशों को 20-25 प्रतिशत शुल्क का सामना करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए, यदि हम अपनी स्थिति की तुलना करें....अमेरिकी बाजार में अपने प्रतिस्पर्धियों पर इन शुल्क के लागू होने के बाद की स्थिति की तुलना करें तो हम बहुत बेहतर स्थिति में हैं।

अमेरिका ने 12 मार्च से इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया है। उसने पूर्णतः निर्मित वाहनों (सीबीयू) और उसके कल-पुर्जों पर भी 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है, जो तीन अप्रैल से प्रभावी होगा।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर अप्रैल से जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की है। उन्होंने कई मंचों पर कहा है कि अमेरिकी वस्तुओं पर भारत उच्च शुल्क लगाता है।

अमेरिका बढ़े हुए शुल्क चीन पर पहले ही लागू कर चुका है।

भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में बंद, वित्त वर्ष 25 में दिया 5 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न

चालू वित्त वर्ष के आखिरी कारोबारी सत्र में शेयर बाजार लाल निशान में बंद हुआ। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 191.51 अंक या 0.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,414.92 और निफ्टी 72.60 अंक या 0.31 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 23,519.35 पर था।

हालांकि, चालू वित्त वर्ष में उतार-चढ़ाव के बीच निफ्टी ने 5.34 प्रतिशत और सेंसेक्स 5.11 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।

आज के सत्र में लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बिकवाली हुई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 167.15 अंक या 0.32 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 51,672.25 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 24.15 अंक या 0.15 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 16,095 पर था।

सेक्टोरल आधार पर फाइनेंशियल सर्विसेज और एफएमसीजी इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। ऑटो, आईटी, फार्मा, मेटल, रिल्यटी, मीडिया, एनर्जी और इन्फ्र लाल निशान में बंद हुए।

सेंसेक्स में कोटक महिंद्रा बैंक, एचयूएल, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा मोटर्स, नेस्ले, भारती एयरटेल, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईटीसी, सन फार्मा और सन फार्मा और बजाज फिनसर्व टॉप गेनर्स थे। इंडसइंड बैंक, एमएंडएम, एचसीएल टेक, मारुति सुजुकी, जोमैटो, इन्फोसिस, पावर ग्रिड और टीसीएस टॉप लूजर्स थे।

एलकेपी सिक्योरिटीज के जतीन त्रिवेदी ने कहा, "एफआईआई की ओर से की जा रही खरीदारी जारी रहने की उम्मीद है। इसकी वजह डॉलर का लगातार कमजोर होना है।"

ईद के कारण 31 मार्च को शेयर बाजार बंद रहेंगे। अब शेयर बाजार नए वित्त वर्ष 26 में मंगलवार को खुलेंगे।

वित्त वर्ष के आखिरी कारोबारी सत्र में बाजार तेजी के साथ खुले थे। सुबह करीब 9:28 बजे सेंसेक्स 102.31 अंक या 0.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,504.12 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 25.25 अंक या 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,566.70 पर था।

संस्थागत गतिविधि एक प्रमुख कारक बनी हुई है, जिसमें विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 27 मार्च को 11,111.25 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 2,517.70 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी।

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