अर्थतंत्र की खबरें: चीन ने ट्रंप की शुल्क धमकी पर कहा- टकराव के लिए नहीं है ब्रिक्स और इस कारण निवेशक हुए सतर्क
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स समूह की कथित रूप से अमेरिकी विरोधी नीतियों के कारण इससे जुड़े देशों पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत शुल्क लगाने की धमकी दी थी।

चीन ने सोमवार को कहा कि ब्रिक्स टकराव के लिए नहीं है और यह किसी अन्य देश को निशाना नहीं बनाता है।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स समूह की कथित रूप से अमेरिकी विरोधी नीतियों के कारण इससे जुड़े देशों पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत शुल्क लगाने की धमकी दी थी। इस पर चीन ने सतर्क प्रतिक्रिया दी है।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने यहां संवाददाताओं से कहा कि ब्रिक्स उभरते बाजारों और विकासशील देशों के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।
माओ ने कहा कि ब्रिक्स खुलेपन, समावेशन और सभी के फायदे के लिए सहयोग की वकालत करता है।
अमेरिकी शुल्क की समयसीमा करीब आने से निवेशक सतर्क; सेंसेक्स, निफ्टी स्थिर बंद
उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में दोनों मानक सूचकांक...बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी सोमवार को लगभग स्थिर रुख के साथ बंद हुए। एशिया के अन्य बाजारों में कमजोर रुख तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी के बीच शुल्क लागू होने की नौ जुलाई की समयसीमा करीब आने के साथ निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 9.61 अंक यानी 0.01 प्रतिशत की नाममात्र तेजी के साथ 83,442.50 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सूचकांक ऊंचे में 83,516.82 अंक तक गया और नीचे में 83,262.23 अंक तक आया। पचास शेयरों पर आधारित एनएसई निफ्टी स्थिर बंद हुआ।
अमेरिका के भारत समेत विभिन्न देशों पर लगाये गये शुल्क को 90 दिन के लिए टाले जाने की अवधि नौ जुलाई को समाप्त हो रही है। इससे अमेरिका में आयात होने वाले भारतीय उत्पादों पर 26 प्रतिशत का अतिरिक्त आयात शुल्क लगने का रास्ता साफ हो जाएगा।
आशिका इंस्टिट्यूशनल इक्विटी के तकनीकी और डेरिवेटिव विश्लेषक सुंदर केवट ने कहा, ‘‘सोमवार को भारतीय शेयर बाजार स्थिर बंद हुए। मानक सूचकांक निफ्टी 25,450 पर खुला। कारोबार के दौरान यह नीचे में 25,407 पर आया और ऊंचे में 25,489 के स्तर तक गया। पूरे सत्र के दौरान सूचकांक ने एक सीमित दायरे में कारोबार किया। इसका कारण निवेशक अमेरिकी शुल्क को लेकर सतर्क हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘बाजार प्रतिभागी आक्रामक रुख अपनाने को लेकर अनिच्छुक दिखे, जिससे सूचकांक सीमित दायरे में रहे।’’
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, कोटक महिंद्रा बैंक, ट्रेंट, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एशियन पेंट्स और आईटीसी लाभ में रहीं।
दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि., टेक महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, मारुति और इटर्नल (पूर्व में जोमैटो) शामिल हैं।
एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और चीन का शंघाई कम्पोजिट लाभ में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में मिला-जुला रुख था। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को लाभ में रहे थे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.29 प्रतिशत की बढ़त के साथ 68.50 डॉलर प्रति बैरल पर रहा। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 760.11 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
सेंसेक्स शुक्रवार को 193.42 अंक लाभ में जबकि एनएसई निफ्टी 55.70 अंक की बढ़त में रहा था।
वैश्विक मांग में नरमी से सोना 550 टूटा, चांदी स्थिर
नरम वैश्विक रुख और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगातार शुल्क की धमकियों के बाद सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 550 रुपये टूटकर 98,570 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई।
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत, अपने पिछले बंद भाव से 100 रुपये बढ़कर शनिवार को 99,120 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।
99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 500 रुपये गिरकर 98,100 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) रह गया। पिछले कारोबारी सत्र में यह 98,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
सोमवार को चांदी की कीमतें लगातार दूसरे सत्र में 1,04,800 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर स्थिर रहीं।
सर्राफा कारोबारियारें ने कहा कि सोने की कीमतों में गिरावट सुस्त वैश्विक रुझान और उच्च स्तर पर निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली के अनुरूप थी। इसके अलावा, हाजिर बाजार में मौसमी मांग सुस्त बनी रही, जिससे कीमतों में गिरावट आई।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा कि डॉलर में सुधार और उम्मीद से बेहतर अमेरिकी रोजगार बाजार के आंकड़ों के बाद ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम होने से सोने में कमजोरी के साथ कारोबार शुरू हुआ।
इसके अलावा, अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट द्वारा सप्ताहांत में कहा गया कि अमेरिका कई देशों के साथ व्यापार सौदों को अंतिम रूप देने के करीब है। हालांकि, शुल्क एक अगस्त से लागू होंगे। इसके बाद शुल्क संबंधी चिंताओं के कम होने से सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सर्राफा मांग कम हो गई।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हाजिर सोना 38.95 डॉलर या 1.17 प्रतिशत गिरकर 3,297.69 डॉलर प्रति औंस रह गया।
एलकेपी सिक्योरिटीज में उपाध्यक्ष, अनुसंधान विश्लेषक (जिंस और मुद्रा) जतिन त्रिवेदी के अनुसार, बुधवार को होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) की बैठक के ब्योरे केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति के रुख और निकट भविष्य में सर्राफा कीमतों के लिए प्रक्षेपवक्र के बारे में गहन जानकारी दे सकते हैं।
ब्रोकर पर कार्रवाई के समय 'जुर्माना' शब्द का इस्तेमाल न करने पर विचारः सेबी सदस्य
बाजार नियामक सेबी के पूर्णकालिक सदस्य के सी वार्ष्णेय ने सोमवार को कहा कि ‘जुर्माना’ शब्द के साथ जुड़े ‘बदनामी’ के अहसास को देखते हुए सेबी गलत काम करने वाले ब्रोकर के खिलाफ कार्रवाई की स्थिति में इसका इस्तेमाल न करने पर विचार कर रहा है।
वार्ष्णेय ने निवेशक ऐप में इलेक्ट्रॉनिक मतदान प्रणाली पर प्रॉक्सी सलाहकार सुविधा की पेशकश के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) जुर्माने को तर्कसंगत बनाने की प्रक्रिया में भी है।
उन्होंने कहा, ‘‘आप जानते हैं कि इनमें से कई जुर्माना असल में दंड नहीं हैं। और जब इसे लगाया जाता है तो यह अनावश्यक रूप से ब्रोकर बदनाम हो जाता है। क्या हमारे पास इससे बेहतर नाम हो सकता है?’’
उन्होंने कहा कि उद्योग मानक मंच (आईएसएफ) ने पिछले पांच महीनों में ब्रोकिंग उद्योग से जुड़े मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया है, जिसका उद्देश्य कारोबारी सुगमता के उपाय करना है।
वार्ष्णेय ने कहा कि पिछले शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में ब्रोकर, एनएसई और सेबी अधिकारियों के बीच हुई बैठक में कुछ विवादित मुद्दों पर आम सहमति बनी है और जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हममें से हर कोई संतुष्ट है कि अब हम आगे बढ़ सकते हैं और कम-से-कम इसे तर्कसंगत बनाने का पहला चरण बहुत जल्द पूरा हो जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि जुर्माने के नामकरण में बदलाव और उन्हें युक्तिसंगत बनाने के अलावा सेबी जुर्माना लगाने के लिए एक एक्सचेंज को नोडल प्राधिकरण बनाने पर भी विचार कर रहा है।
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य ने कहा कि एक ऐसी प्रणाली शुरू करने की भी योजना है, जिसमें ब्रोकर अपना डेटा एक ही पोर्टल पर साझा करेंगे।
उन्होंने कहा कि एक ऐसा पोर्टल बनाने पर भी विचार किया जा रहा है, जहां ब्रोकर पंजीकरण के बाद कुछ मंजूरी के लिए आवेदन कर सकें।
उन्होंने कहा कि नियामक ब्रोकिंग उद्योग के लिए कारोबारी सुगमता के अन्य पहलुओं पर भी वित्त मंत्रालय के साथ चर्चा कर रहा है।
वार्ष्णेय ने सीडीएसएल और एनएसडीएल दोनों पर शुरू की जा रही नई सुविधा का स्वागत करते हुए कहा कि निवेशक अब प्रॉक्सी सलाहकार कंपनियों की हर राय को पढ़ने और उसके हिसाब से मत देने का विकल्प चुन सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यह कॉरपोरेट क्षेत्र के प्रशासन के लिए एक बड़ा कदम है।
वार्ष्णेय ने कहा कि सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने मार्च में पदभार संभालने के बाद कर्मचारियों को अनुकूलतम नियमन सुनिश्चित करने की सलाह दी थी।
जेन स्ट्रीट का मामला मूलतः निगरानी का, ऐसे दूसरे जोखिम नहींः सेबी प्रमुख
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने सोमवार को कहा कि बाजार नियामक को विदेशी हेज कोष जेन स्ट्रीट की तरफ से की गई हेराफेरी के जैसे दूसरे जोखिम नहीं दिख रहे हैं।
सेबी ने पिछले सप्ताह जेन स्ट्रीट पर हेराफेरी के जरिये वायदा एवं विकल्प सौदों से अर्जित 4,800 करोड़ रुपये से अधिक राशि को जब्त करने और उसकी बाजार पहुंच रोकने का आदेश जारी किया था।
पांडेय ने जेन स्ट्रीट की ही तरह अन्य कोषों या निवेशकों के हेराफेरी में लिप्त होने की आशंका के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि बहुत अधिक दूसरे जोखिम हैं।’’
सेबी प्रमुख ने इस मामले में संवाददाताओं से कहा कि बाजार नियामक अपनी निगरानी प्रणाली को उन्नत करने पर विचार कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘जेन स्ट्रीट मामले में जो हुआ वह ‘मूल रूप से’ निगरानी का मुद्दा था और नियामक केवल इसी कारण से इस पहलू पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है।’’
उन्होंने कहा कि जेन स्ट्रीट के खिलाफ की जा रही कार्रवाई मौजूदा नियामकीय शक्तियों के दायरे में है। उन्होंने कहा कि बेहतर निगरानी और प्रवर्तन ही गलत काम करने वाले किसी शख्स के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद कर सकते हैं।
सेबी ने शुक्रवार को जारी एक आदेश में न्यूयॉर्क स्थित हेज कोष जेन स्ट्रीट को तगड़ा मुनाफा कमाने के चक्कर में नकदी और वायदा एवं विकल्प सौदों में दांव लगाकर सूचकांकों में हेराफेरी करने का दोषी पाया।
सेबी ने जेन स्ट्रीट को भारतीय प्रतिभूति बाजार तक पहुंच निलंबित करने के साथ ही उसके 4,843 करोड़ रुपये से अधिक लाभ को जब्त कर लिया है।
बाजार नियामक ने पाया है कि जनवरी, 2023 से लेकर मई, 2025 की जांच अवधि के दौरान जेन स्ट्रीट ने शुद्ध आधार पर 36,671 करोड़ रुपये का लाभ कमाया।
हालांकि, पांडेय ने इस बात से इनकार किया कि खुदरा निवेशकों को सुरक्षा देने के लिए डेरिवेटिव खंड में मासिक अनुबंध व्यवस्था समाप्त करने के किसी भी सुझाव पर विचार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि डेरिवेटिव बाजार में खुदरा निवेशकों की सुरक्षा के लिए नियामक जो भी कदम उठाएगा, वह केवल आंकड़ों पर आधारित होगा।
सेबी ने कुछ महीने पहले अपने एक अध्ययन में पाया था कि खुदरा निवेशकों के 90 प्रतिशत से अधिक सौदे उनके लिए नुकसानदेह साबित हुए।
रुपया 47 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 85.87 प्रति डॉलर पर
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और अमेरिकी मुद्रा के मजबूत होने के बीच रुपया सोमवार को 47 पैसे की भारी गिरावट के साथ 85.87 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि अमेरिकी व्यापार शुल्कों पर अनिश्चितताओं के बीच विदेशी पूंजी की निकासी से स्थानीय मुद्रा पर और दबाव पड़ा।
अमेरिका के अपने व्यापारिक साझेदारों पर शुल्क बढ़ोतरी की समयसीमा नौ जुलाई से पहले नए समझौते करने का दबाव बढ़ा दिया है। साथ ही अमेरिका ने देशों को चेतावनी दी है कि एक अगस्त से उनपर उच्च शुल्क लागू हो सकते हैं। इससे रुपये पर और दबाव पड़ेगा।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साथ ही ब्रिक्स समूह की ‘‘अमेरिका विरोधी नीतियों’’ का साथ देने वाले देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की धमकी दी है। ब्रिक्स समूह में शामिल देशों के नेता छह-सात जुलाई को 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए ब्राजील में हैं।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.53 पर खुला। दिन में 85.51 से 86.03 प्रति डॉलर के दायरे में कारोबार करने के बाद अंत में यह 85.87 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 47 पैसे की गिरावट है।
रुपया शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले 85.40 पर बंद हुआ था।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.24 प्रतिशत की बढ़त के साथ 97.41 पर पहुंच गया।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख एवं कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा कि अगस्त में उत्पादन में वृद्धि और सितंबर में उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद के बावजूद सऊदी अरब के एशियाई आपूर्ति के लिए कच्चे तेल की कीमतें बढ़ाने के कारण पेट्रोलियम कंपनियों और आयातकों की लगातार डॉलर खरीद से रुपये में गिरावट आई।
घरेलू शेयर बाजारों में सेंसेक्स 9.61 अंक की बढ़त के साथ 83,442.50 अंक पर रहा। वहीं निफ्टी 25,461.30 अंक पर लगभग स्थिर रुख के साथ बंद हुआ।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.26 प्रतिशत की बढ़त के साथ 68.48 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुक्रवार को बिकवाल रहे और उन्होंने शुद्ध रूप से 760.11 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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