अर्थतंत्र की खबरें: आरबीआई गवर्नर का बैंकों को ये निर्देश और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भारी कर्ज का बोझ

संजय मल्होत्रा ने सरकारी और कुछ चुनिंदा निजी बैंकों के प्रबंधक निदेशकों और सीईओ को कहा कि अपने बैंकिंग सिस्टम में मध्यस्थता लागत को कम करें और दक्षता को बढ़ाएं।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सरकारी और कुछ चुनिंदा निजी बैंकों के प्रबंधक निदेशकों और सीईओ को कहा कि अपने बैंकिंग सिस्टम में मध्यस्थता लागत को कम करें और दक्षता को बढ़ाएं।

आरबीआई गवर्नर यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब हाल ही मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) की ओर से ब्याज दर को 25 आधार अंक या 0.25 प्रतिशत कम किया गया है, जिससे रेपो रेट कम होकर 5.25 प्रतिशत हो गया है, जो कि पहले 5.50 प्रतिशत था। इस फरवरी से आरबीआई रेपो रेट में 125 आधार अंक की कटौती कर चुका है।

आरबीआई ने आधिकारिक बयान में कहा, "गवर्नर ने कहा है कि 125 आधार अंकों की ब्याज दर में कमी और प्रौद्योगिकी के अधिक उपयोग से मध्यस्थता लागत कम होगी और दक्षता बढ़ेगी, जिससे सतत विकास और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।"

बयान में कहा गया कि ये बातचीत जनवरी 2025 में हुई इसी तरह की बैठकों के बाद विनियमित संस्थाओं के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ रिजर्व बैंक की चल रही सहभागिता का हिस्सा हैं।

साथ ही,मल्होत्रा ​​ने बैंकों से शिकायतों को कम करने और आंतरिक प्रणालियों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने डिजिटल धोखाधड़ी के बढ़ते जोखिमों पर फोकस करने और अधिक मजबूत, इंटेलिजेंस आधारित सुरक्षा उपायों को बैंकों को अपनाने को कहा।

आरबीआई गवर्नर ने बैंकों द्वारा रीकेवाईसी और अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स के संबंध में किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए सक्रिय संपर्क और सतत जागरूकता अभियानों को प्रोत्साहित किया।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ने अल्पकालिक स्थिरता पाई, अब भी भारी कर्ज बोझ: आईएमएफ

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के ताजा आकलन के मुताबिक मुश्किलों में घिरी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ने अल्पकालिक स्थिरता हासिल कर ली है, लेकिन वह अब भी भारी कर्ज, कमजोर निवेश और रोजगार वृद्धि की सुस्ती के बोझ से दबी हुई है।

समाचारपत्र 'डॉन' में बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईएमएफ का यह आकलन मंगलवार को उस वक्त जारी किए गए, जब पाकिस्तान को करीब 1.2 अरब डॉलर की नई किस्त जारी करने की घोषणा की गई।

इसके मुताबिक, पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि 2025-26 में 3.2 प्रतिशत तक पहुंच सकती है जो पिछले वित्त वर्ष में 2.6 प्रतिशत थी। यह रफ्तार देश की 24.05 करोड़ आबादी की जनसंख्या वृद्धि दर के बराबर ही है।

पाकिस्तान की 1,677 डॉलर प्रति व्यक्ति आय के साथ, यह रुझान सुधार की तुलना में आर्थिक ठहराव की ओर अधिक संकेत करता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की जनसंख्या भी तेज गति से बढ़ती जा रही है। वर्ष 2025 के मध्य के आधिकारिक अनुमान 2.55 प्रतिशत की वृद्धि दर दिखाते हैं।

वित्त वर्ष 2023-24 में 23.4 प्रतिशत की तेज मुद्रास्फीति के मुकाबले यह 2024-25 में घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ गई। वित्त वर्ष 2025-26 में इसके 6.3 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है।


रुपया नौ पैसे टूटकर 89.96 प्रति डॉलर पर बंद

घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक रुझान और विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी के बीच रुपया बुधवार को नौ पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 89.96 (अस्थायी) पर बंद हुआ।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि निवेशक निर्णायक रुख अपनाने से पहले अमेरिकी फेडरल रिजर्व से स्पष्टता की प्रतीक्षा कर रहे हैं। निवेशक अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता से मिलने वाले संकेतों का भी इंतजार कर रहे हैं।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 90.00 प्रति डॉलर पर खुला। फिर कारोबार के दौरान लुढ़कर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90.10 पर आ गया। कारोबार के अंत में 89.96 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव के मुकाबले नौ पैसे की गिरावट दर्शाता है। रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 89.87 पर बंद हुआ था।

मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘कमजोर घरेलू बाजारों और विदेशी पूंजी की निकासी से रुपये में गिरावट का रुख रहने की आशंका है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते में देरी से रुपये को और भी नुकसान पहुंच सकता है।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर-भारतीय मुद्रा का हाजिर भाव 89.70 से लेकर 90.30 तक रहने का अनुमान है।

इस बीच वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत में प्रगति हो रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘उनके साथ बातचीत लगातार आगे बढ़ रही है। हम द्विपक्षीय व्यापार समझौते की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’’ दूसरी ओर, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 99.12 पर रहा।

शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 275 अंक टूटा

टिकाऊ उपभोक्ता, निजी बैंकों और आईटी शेयरों में बिकवाली के बीच स्थानीय शेयर बाजार के मानक सूचकांक बुधवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 275 अंक गिर गया जबकि निफ्टी में 82 अंक की गिरावट रही।

बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 275.01 अंक यानी 0.32 प्रतिशत गिरकर 84,391.27 अंक पर बंद हुआ। यह 11 नवंबर के बाद इसका सबसे निचला स्तर है। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 85,020.34 के ऊपरी और 84,313.62 के निचले स्तर को छुआ।

एनएसई का 50 शेयरों वाला मानक सूचकांक निफ्टी भी अंतिम घंटे की बिकवाली के दबाव में 81.65 अंक यानी 0.32 प्रतिशत गिरकर 25,758 अंक पर बंद हुआ।

कारोबार के आखिरी घंटों में उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं, निजी बैंक और आईटी शेयरों में हुई बिकवाली ने शुरुआती बढ़त को खत्म कर दिया और सेंसेक्स एवं निफ्टी एक महीने के निचले स्तर पर बंद हुए।

सेंसेक्स के शेयरों में इटर्नल, ट्रेंट, भारती एयरटेल, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, बजाज फाइनेंस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो और टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के शेयर गिरावट में रहे।

हालांकि टाटा स्टील, सन फार्मास्यूटिकल्स, आईटीसी, एनटीपीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज़, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, पावरग्रिड और एशियन पेंट्स के शेयरों में बढ़त रही।

जियोजीत इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ''भारतीय बाजारों ने वैश्विक सतर्कता का अनुसरण किया। विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली, रुपये की कमजोरी और अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता में अनिश्चितता से धारणा प्रभावित हुई।''

व्यापक बाजारों में मझोली कंपनियों का सूचकांक बीएसई मिडकैप 1.08 प्रतिशत गिर गया जबकि छोटी कंपनियों का स्मॉलकैप सूचकांक 0.58 प्रतिशत गिरा।


सोने की कीमतों में मामूली बदलाव, चांदी ने बनाया नया ऑल-टाइम हाई

सोने की कीमत में बुधवार को मामूली गिरावट देखी गई, जबकि चांदी ने नया ऑल-टाइम हाई बनाया।

इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, 24 कैरेट सोने का दाम 186 रुपए कम होकर 1,27,788 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है, जो कि पहले 1,27,974 रुपए प्रति 10 ग्राम था।

22 कैरेट सोने का दाम कम होकर 1,17,054 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है, जो कि पहले 1,17,224 रुपए प्रति 10 ग्राम था।

18 कैरेट सोने की कीमत 95,981 रुपए प्रति 10 ग्राम से कम होकर 95,841 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है।

दूसरी तरफ चांदी में मजबूत उछाल देखा गया है। चांदी की कीमत 6,595 रुपए कम होकर 1,85,488 रुपए प्रति किलो हो गई है, जो कि पहले 1,78,893 रुपए प्रति किलो हो गई है।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने और चांदी की कीमतों में मामूली बदलाव देखा गया है। सोने के 5 फरवरी 2026 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 0.11 प्रतिशत कम होकर 1,29,960 रुपए प्रति 10 ग्राम और चांदी के 5 मार्च 2026 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 1.20 प्रतिशत बढ़कर 1,90,320 रुपए प्रति किलो हो गया है।

घरेलू बाजारों की तरह अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी में भी मिलाजुला कारोबार हुआ है। खबर लिखे जाने तक कॉमेक्स पर सोना 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 4,228.95 डॉलर प्रति औंस और चांदी 1.06 प्रतिशत की तेजी के साथ 61.50 डॉलर प्रति औंस पर थी।

एलकेपी सिक्योरिटीज के जतिन त्रिवेदी ने कहा कि फेड के ब्याज दरों पर फैसले से पहले सोने में गिरावट देखी गई और यह एमसीएक्स पर 1,30,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के नीचे बना हुआ है। कॉमेक्स में भी सोने पर दबाव देखा गया है और यह 4,200 डॉलर प्रति औंस के नीचे है। आने वाले समय में सोना 1,27,000 रुपए से लेकर 1,31,500 रुपए की रेंज में रह सकता है।