अर्थतंत्र की खबरें: RBI ने बैंकों के लिए जारी की नई LCR गाइडलाइंस और ऑल-टाइम हाई पर सोना, पहली बार 1 लाख पहुंची कीमत

आरबीआई ने नई लिक्विडिटी कवरेज रेशियो (एलसीआर) गाइडलाइंस जारी की हैं और सोना ने मंगलवार को नया ऑल-टाइम हाई बनाया और पहली बार कीमत 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

RBI ने बैंकों के लिए जारी की नई LCR गाइडलाइंस

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नई लिक्विडिटी कवरेज रेशियो (एलसीआर) गाइडलाइंस जारी की हैं, जिसके तहत बैंकों को 1 अप्रैल, 2026 से इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग-इनेबल्ड रिटेल और स्मॉल बिजनेस कस्टमर डिपॉजिट पर 2.5 प्रतिशत का अतिरिक्त रन-ऑफ रेट आवंटित करना होगा।

बैंकों को लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी (एलएएफ) और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) के तहत मार्जिन आवश्यकताओं के अनुरूप सरकारी प्रतिभूतियों (स्तर 1 एचक्यूएलए) के बाजार मूल्य को भी एडजस्ट करना होगा।

इसके अलावा, नई गाइडलाइंस में "अन्य कानूनी संस्थाओं" से होलसेल फंडिंग की संरचना को भी तर्कसंगत बनाया गया है। नतीजतन, ट्रस्ट (शैक्षणिक, धर्मार्थ और धार्मिक), पार्टनरशिप, एलएलपी आदि जैसी गैर-वित्तीय संस्थाओं से फंडिंग पर वर्तमान में 100 प्रतिशत की तुलना में 40 प्रतिशत की कम रन-ऑफ रेट लागू होगी।

आरबीआई ने बयान में कहा, "संशोधित गाइडलाइंस 1 अप्रैल, 2026 से लागू होंगी। इससे बैंकों को एलसीआर कैलकुलेशन के लिए अपने सिस्टम को नए मानकों में परिवर्तित करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।"

रिजर्व बैंक ने 31 दिसंबर, 2024 तक बैंकों द्वारा दिए गए आंकड़ों के आधार पर उपरोक्त उपायों का प्रभावी विश्लेषण किया है। यह अनुमान लगाया गया है कि इन उपायों के प्रभाव से उस तिथि तक बैंकों के एलसीआर में समग्र स्तर पर लगभग 6 प्रतिशत अंकों का सुधार होगा।

भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में बंद, FMCG और रियल्टी शेयरों में रही तेजी

भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में बंद हुआ। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 187 अंक या 0.24 प्रतिशत की तेजी के साथ 79,596 और निफ्टी 41 अंक या 0.17 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,167 पर बंद हुआ।

सेक्टोरल आधार पर एफएमसीजी, रियल्टी, फार्मा, ऑटो, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, मेटल और मीडिया हरे निशान में बंद हुआ। आईटी, एनर्जी, इन्फ्रा और कंजप्शन इंडेक्स ही लाल निशान में बंद हुए।

लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में खरीदारी का ट्रेड मजबूत था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 422 अंक या 0.78 प्रतिशत की तेजी के साथ 54,397 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 122 अंक या 0.73 प्रतिशत की बढ़त के साथ 16,896 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स पैक में आईटीसी, एचयूएल, एमएंडएम, एचडीएफसी बैंक, इटरनल, कोटक महिंद्रा बैंक, एसबीआई, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा और नेस्ले टॉप गेनर्स थे। इंडसइंड बैंक, पावर ग्रिड, इन्फोसिस, भारती एयरटेल, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी, एनटीपीसी, टाटा स्टील, एक्सिस बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और बजाज फाइनेंस टॉप लूजर्स थे।

आशिका इंस्टीट्यूशनल इक्विटी में तकनीकी और डेरिवेटिव विश्लेषक, सुंदर केवट ने कहा कि वॉल स्ट्रीट से नकारात्मक संकेतों के बावजूद, भारतीय इक्विटी बाजार की सपाट शुरुआत हुई और निफ्टी 24,185 पर खुला। इंडेक्स ने 24,242 का इंट्राडे हाई और 24,072 का लो बनाया। रियल्टी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और एफएमसीजी जैसे सेक्टरों में मजबूत वृद्धि देखी गई।


ऑल-टाइम हाई पर सोना, पहली बार 1,00,000 रुपये पहुंची कीमत

सोना ने मंगलवार को नया ऑल-टाइम हाई बनाया और पहली बार कीमत 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, 24 कैरेट सोने की कीमत बढ़कर 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। इससे पहले 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने का भाव 96,670 रुपये था, जो दिखाता है कि बीते 24 घंटे में सोने की कीमत में 3,300 रुपये प्रति 10 ग्राम का इजाफा हुआ है।

22 कैरेट सोने की कीमत बढ़कर 97,600 रुपये प्रति 10 ग्राम, 20 कैरेट सोने का भाव बढ़कर 89,000 रुपये प्रति 10 ग्राम और 18 कैरेट सोने की कीमत बढ़कर 81,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है।

हाजिर के साथ वायदा बाजार में भी सोने की कीमतों में तेजी बनी हुई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने के 5 जून 2025 के कॉन्ट्रैक्ट्स 1.76 प्रतिशत की बढ़त के साथ 98,991 रुपये प्रति 10 ग्राम पर थे।

सोने की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह फेड रेट कट को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फेडरल चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बीच मतभेद होना है। वहीं, अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वार और अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने को माना जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सोने की कीमतों में तेजी बनी हुई है। सोने का भाव 3,480 डॉलर प्रति औंस पर बना हुआ है, जो सोने का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है।

जेफरीज ने हीरो मोटोकॉर्प और बजाज ऑटो के टारगेट प्राइस में की कटौती

वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने आगामी वर्षों में दोपहिया वाहन इंडस्ट्री के कमजोर आउटलुक का हवाला देते हुए मंगलवार को हीरो मोटोकॉर्प और बजाज ऑटो की रेटिंग घटा दी।

जेफरीज की ओर से हीरो मोटोकॉर्प को "अंडरपरफॉर्म" की रेटिंग दी गई है, जबकि बजाज ऑटो को "होल्ड" की रेटिंग दी गई है। जेफरीज ने हीरो और बजाज ऑटो के टारगेट प्राइस में भी बड़ी कटौती की है।

हीरो मोटोकॉर्प के लिए टारगेट प्राइस को 37 प्रतिशत घटाकर 3,200 रुपये कर दिया गया है, जो पहले 5,075 रुपये था। बजाज ऑटो के लिए टारगेट प्राइस को 28 प्रतिशत घटाकर 10,550 रुपये से 7,500 रुपये कर दिया गया है।

जेफरीज का मानना ​​है कि वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 के लिए दोपहिया वाहन इंडस्ट्री में कुल वॉल्यूम वृद्धि अपेक्षा से धीमी रहेगी, जिससे कंपनियों के ग्रोथ अनुमान को कम किया जा रहा है। हालांकि, वैश्विक ब्रोकरेज फर्म ने वित्त वर्ष 2025 और वित्त वर्ष 2028 के बीच दोपहिया वाहन इंडस्ट्री के लिए 10 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर का अनुमान जारी किया है।

जेफरीज ने हीरो और बजाज ऑटो के आय अनुमान में क्रमशः 11 प्रतिशत और 5 प्रतिशत की कटौती की है। वर्तमान में, बजाज ऑटो पर नजर रखने वाले 44 विश्लेषकों में से 30 ने इसे खरीदने की रेटिंग दी है, जबकि सात-सात ने इसे होल्ड या बेचने की रेटिंग दी है।

हीरो मोटोकॉर्प पर 42 में से 25 विश्लेषकों ने इसे खरीदने की रेटिंग दी है, 10 ने इसे होल्ड करने की सलाह दी है और सात ने इसे बेचने की रेटिंग दी है।


भारत में सीमेंट की मांग में वित्त वर्ष 2025-26 में 7.5 प्रतिशत की हो सकती है बढ़ोतरी: रिपोर्ट

चालू वित्त वर्ष में सीमेंट सेक्टर की वृद्धि दर 6.5 से 7.5 प्रतिशत के बीच रह सकती है। इसकी वजह इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े मंत्रालयों का बजटीय आवंटन बढ़ाना और सामान्य से अधिक मानसून की संभावना का होना है, जिससे ग्रामीण हाउसिंग मांग को बढ़ावा मिल सकता है। यह जानकारी क्रिसिल की ओर से मंगलवार को जारी की गई रिपोर्ट में दी गई।

रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 2025 में सीमेंट की मांग में वृद्धि 4.5-5.5 प्रतिशत के मध्यम स्तर पर रही। इसकी वजह आम चुनावों के कारण वित्त वर्ष की सुस्त शुरुआत और सामान्य से अधिक मानसून होना था, जिसका असर कंस्ट्रक्शन गतिविधियों पर देखा गया।

रिपोर्ट के मुताबिक, पहली छमाही में राज्य सरकार के कमजोर खर्च के कारण भी प्रोजेक्ट पूरे होने की गति धीमी हो गई और धीमे रियल एस्टेट मार्केट ने अर्बन हाउसिंग को प्रभावित किया।

रिपोर्ट में बताया गया, "घरेलू सीमेंट की मांग में 29 से 31 प्रतिशत का योगदान देने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर की चालू वित्त वर्ष में भी मांग को बढ़ाने में अहम भूमिका होने की उम्मीद है। इन्फ्रास्ट्रक्चर में सड़कों का सबसे बड़ा योगदान रहा है, उसके बाद रेलवे, सिंचाई और शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर का स्थान है।"

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि रूरल हाउसिंग की सीमेंट की खपत में प्रमुख भूमिका बनी रहेगी, जिसकी अनुमानित हिस्सेदारी 32-34 प्रतिशत होगी, क्योंकि अच्छे मानसून से कृषि आय में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे घरों की मांग बढ़ेगी।

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