अर्थतंत्र की खबरें: आरबीआई एमपीसी आज से शुरू और सोना-चांदी की कीमतों में तेजी, 1 लाख के पार हुए पीली धातु के दाम
अर्थशास्त्रियों के कहा, केंद्रीय बैंक के पास कम से कम 25 आधार अंकों की एक और कटौती पर विचार करने के पर्याप्त कारण हैं, क्योंकि आगामी अमेरिकी टैरिफ निर्यात को प्रभावित कर सकते हैं और समग्र आर्थिक गतिविधि को धीमा कर सकते हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति कमेटी (आरबीआई-एमपीसी) की बैठक सोमवार से शुरू हो गई है और 6 अगस्त तक चलेगी, इसी दिन आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की ओर से बैठक के फैसलों का ऐलान किया जाएगा।
यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है, जब अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।
अर्थशास्त्रियों के कहा, केंद्रीय बैंक के पास कम से कम 25 आधार अंकों की एक और कटौती पर विचार करने के पर्याप्त कारण हैं, क्योंकि आगामी अमेरिकी टैरिफ निर्यात को प्रभावित कर सकते हैं और समग्र आर्थिक गतिविधि को धीमा कर सकते हैं।
एसबीआई रिसर्च की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया कि महंगाई में नरमी और वैश्विक अनिश्चितताओं के मद्देनजर आरबीआई द्वारा रेपो दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद है, इससे विकास दर में तेज बनी रहेगी।
रिपोर्ट में आगे कहा कि अगर यह रेट कट होता है तो इससे क्रेडिट ग्रोथ को वित्त वर्ष 26 के फेस्टिव सीजन शुरू होने से पहले बड़ा बूस्ट मिलेगा।
रिपोर्ट में बताया गया कि ऐतिहासिक तौर पर जब भी फेस्टिव सीजन शुरू होने से पहले ब्याज दरों में कटौती की जाती है तो क्रेडिट ग्रोथ के बड़ा बूस्ट मिलता है।
रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि केंद्रीय बैंकों के नीति निर्माताओं को बहुत देर से कार्रवाई करके प्रभावी हस्तक्षेप का अवसर गंवाने से बचना चाहिए। साथ ही कहा गया, "बैकलोडिंग या टाइप II गलती करने का कोई मतलब नहीं है।"
केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट्स के अनुसार, अनुकूल आधार और खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी के कारण भारत में मुख्य महंगाई दर अगली दो तिमाहियों में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे रहने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया कि निकट भविष्य में महंगाई दर कम रहने की संभावना है, लेकिन तीसरी तिमाही से इसमें वृद्धि शुरू हो सकती है और चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में आधार प्रभाव के कम होने पर यह 4 प्रतिशत के स्तर को पार कर सकती है।
सोना-चांदी की कीमतों में तेजी, 1 लाख के पार हुए पीली धातु के दाम
सोना-चांदी की कीमतों में कारोबारी हफ्ते के पहले दिन सोमवार को तेजी दर्ज की गई। 24 कैरेट के सोने की कीमतों में 1900 रुपए से ज्यादा का उछाल आया है। वहीं, चांदी की कीमत 1 लाख 11 हजार के पार हो गई है।
इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) द्वारा शाम को जारी की गई कीमतों के मुताबिक, 24 कैरेट के सोने की कीमत 1914 रुपए बढ़कर 1,00,167 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है, जो कि बीते शुक्रवार को 98,253 रुपए प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई थी।
22 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत बढ़कर 91,753 रुपए हो गई है, जो कि पहले 90,000 रुपए प्रति 10 ग्राम थी। वहीं, 18 कैरेट के 10 ग्राम सोने का दाम बढ़कर 75,125 रुपए हो गया है, जो कि पहले 73,690 रुपए प्रति 10 ग्राम था।
आईबीजेए की ओर से सोने और चांदी की कीमतों को दिन में दो बार सुबह और शाम अपडेट किया जाता है।
चांदी की कीमत बढ़कर 1,11,900 रुपए प्रति किलो हो गई है, जो कि पहले 1,096,46 रुपए प्रति किलो थी। चांदी की कीमत में 2,254 रुपए की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
वायदा बाजार में सोने की कीमत में तेजी और चांदी की कीमत में गिरावट दर्ज की गई है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने के 5 सितंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 0.76 प्रतिशत बढ़कर 99,992 रुपए और चांदी के 5 सितंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 1.09 प्रतिशत बढ़कर होकर 1,11,464 रुपए थी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सोना-चांदी की कीमत में तेजी देखी जा रही है। कॉमैक्स पर सोना करीब 0.56 प्रतिशत बढ़कर 3,419 डॉलर प्रति औंस और चांदी 0.95 प्रतिशत बढ़कर 37.28 डॉलर प्रति औंस पर थी।
बीते महीने 23 जुलाई को चांदी ने 1.15 लाख रुपए प्रति किलो की कीमत पार कर अपना नया ऑल-टाइम हाई बनाया था। चांदी की कीमत 1,15,850 रुपए प्रति किलो पहुंच गई थी। इस दौरान 24 कैरेट के सोने की कीमत भी बढ़कर 1,00,533 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई थी
सेंसेक्स 418 अंक उछलकर बंद, ऑटो और मेटल शेयरों में हुई खरीदारी
लगातार दो दिनों की गिरावट का क्रम तोड़ते हुए शेयर बाजार सोमवार को तेजी के साथ बंद हुआ। बाजार में चौतरफा तेजी देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 418.81 अंक या 0.52 प्रतिशत की तेजी के साथ 81,018.72 और निफ्टी 157.40 अंक या 0.64 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,722.75 पर था।
शेयर बाजार की तेजी का नेतृत्व मेटल और ऑटो शेयरों ने किया। निफ्टी मेटल और ऑटो इंडेक्स क्रमश: 2.48 प्रतिशत और 1.61 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुए। इसके अलावा पीएसयू बैंक, फार्मा, मेटल, रियल्टी, इन्फ्रा और पीएसई इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। वहीं, फाइनेंशियल सर्विसेज और एफएमसीजी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए।
सेंसेक्स पैक में टाटा स्टील, बीईएल, अदाणी पोर्ट्स, टेक महिंद्रा, टीसीएस, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक, ट्रेंट, अल्ट्राटेक सीमेंट,टाइटन, एलएंडटी, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स और एक्सिस बैंक टॉप गेनर्स थे। पावर ग्रिड, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एचयूएल टॉप लूजर्स थे।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी खरीदारी हुई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 795.20 अंक या 1.40 प्रतिशत की तेजी के साथ 57,432.35 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 225.20 अंक या 1.27 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,893.40 पर था।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के विनोद नायर ने कहा, "मेटल और ऑटो सेक्टर्स के मजबूत प्रदर्शन के दम पर घरेलू शेयर बाजार में तेजी दर्ज की गई। कमजोर अमेरिकी डॉलर, मजबूत मासिक ऑटो बिक्री और प्रमुख वाहन निर्माताओं के उत्साहजनक तिमाही नतीजों ने इन सेक्टरों में निवेशकों की दिलचस्पी को फिर से जगाया। पहली तिमाही के आय से संकेत मिलता है कि खपत-आधारित कंपनियों को मांग में तेजी का फायदा हो रहा है।
इसके अतिरिक्त, अमेरिका में बढ़ती बेरोजगारी और रोजगार सृजन की धीमी गति ने फेड द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीदों को मजबूत किया है। हालांकि, उच्च अमेरिकी टैरिफ के कारण अभी भी सावधानी बरतने की गुंजाइश बनी हुई है।
भारतीय शेयर बाजार कारोबारी सत्र में हरे निशान में खुला। सुबह 9:40 पर सेंसेक्स 192 अंक या 0.25 प्रतिशत की तेजी के साथ 80,804 और निफ्टी 82 अंक या 0.34 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,648 पर था।
फाइनेंस एक्ट 2025 से नई टैक्स रिजीम के तहत करदाताओं को मिलेगी बड़ी राहत : केंद्रीय मंत्री
फाइनेंस एक्ट 2025 ने नई टैक्स रिजीम के तहत नए स्लैब और कर दरों के साथ पर्याप्त राहत प्रदान की है। यह जानकारी सरकार द्वारा सोमवार को दी गई।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि ये नए उपाय प्रत्यक्ष कराधान की एक निष्पक्ष और न्यायसंगत प्रणाली बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिससे देश के कामकाजी और मध्यम वर्ग पर प्रत्यक्ष करों का कोई अतिरिक्त बोझ न पड़े।
उन्होंने कहा, "सभी करदाताओं को लाभ पहुंचाने के लिए स्लैब और दरों में व्यापक बदलाव किए गए हैं। नई संरचना मध्यम वर्ग के करों को काफी कम करती है और इससे उनके हाथों में अधिक पैसा बचता है, जिससे घरेलू उपभोग, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलता है।"
फाइनेंस एक्ट, 2025 ने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 87ए के तहत कर छूट का दावा करने वाले करदाताओं के लिए आय सीमा को धारा 115बीएसी के अंतर्गत नई टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपए से बढ़ाकर 12 लाख रुपए कर दिया है, जिससे अधिकतम कर छूट राशि 25,000 रुपए से बढ़कर 60,000 रुपए हो गई है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि नई टैक्स रिजीम के तहत दी गई छूट 12 लाख रुपए की सीमा से थोड़ा अधिक पर भी लागू होगी।
सरकार के अनुसार, घरेलू उपभोग और आर्थिक विकास पर कराधान में इन सुधारों के दीर्घकालिक प्रभाव की निगरानी के लिए कोई विशिष्ट या अलग उपाय नहीं किए गए हैं।
नया फाइनेंस एक्ट आम नागरिकों और छोटे व्यवसायों के लिए कर दाखिल करना आसान बना देगा।
इस विधेयक की समीक्षा के लिए जिम्मेदार संसदीय सेलेक्ट कमेटी की अध्यक्षता करने वाले भाजपा सांसद बैजयंत जय पांडा के अनुसार, नया कानून पारित होने के बाद, भारत के दशकों पुराने कर ढांचे को सरल बनाएगा, कानूनी उलझनों को कम करेगा और व्यक्तिगत करदाताओं तथा एमएसएमई को अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचने में मदद करेगा।
पांडा ने पिछले महीने आईएएनएस को बताया, "वर्तमान आयकर अधिनियम 1961 में 4,000 से ज्यादा संशोधन हो चुके हैं और इसमें 5 लाख से ज्यादा शब्द हैं। यह बहुत जटिल हो गया है। नया विधेयक इसे लगभग 50 प्रतिशत तक सरल बनाता है, जिससे आम करदाताओं के लिए इसे पढ़ना और समझना कहीं ज्यादा आसान हो जाता है।"
उन्होंने आगे कहा कि इस सरलीकरण का सबसे ज्यादा लाभ छोटे व्यवसाय मालिकों और एमएसएमई को होगा, जिनके पास अकसर जटिल कर ढांचों से निपटने के लिए कानूनी और वित्तीय विशेषज्ञता का अभाव होता है।