अर्थतंत्र की खबरें: सेबी ने मेहुल चोकसी के बैंक अकाउंट्स और इन्वेस्टमेंट्स को किया फ्रीज और सोना को लेकर बड़ी खबर
गीतांजलि जेम्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रह चुके चोकसी पर अपने सहयोगी राकेश गिरधरलाल गजेरा के साथ अप्रकाशित मूल्य-संवेदनशील जानकारी (यूपीएसआई) साझा करने का आरोप है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 2.1 करोड़ रुपए की वसूली के लिए फरार कारोबारी मेहुल चोकसी के बैंक खातों, म्यूचुअल फंड और शेयरों को कुर्क करने का आदेश दिया है।
यह राशि गीतांजलि जेम्स के शेयरों में इंसाइडर ट्रेडिंग नियमों का उल्लंघन करने के लिए उन पर लगाए गए जुर्माने से संबंधित है।
गीतांजलि जेम्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रह चुके चोकसी पर अपने सहयोगी राकेश गिरधरलाल गजेरा के साथ अप्रकाशित मूल्य-संवेदनशील जानकारी (यूपीएसआई) साझा करने का आरोप है।
इस जानकारी के आधार पर गजेरा ने दिसंबर 2017 में कंपनी में अपनी पूरी 5.75 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी थी। गजेरा ने यह कदम कंपनी से जुड़ी धोखाधड़ी गतिविधियों का विवरण सार्वजनिक होने से पहले नुकसान से बचने के लिए उठाया था।
इसके लिए जनवरी 2022 में सेबी ने चोकसी पर 1.5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था और पूरे एक साल के लिए ट्रेडिंग से बैन कर दिया था।
हालांकि, चोकसी ने इस जुर्माने का भुगतान नहीं किया। इस कारण से सेबी को 15 मई, 2025 को डिमांड नोटिस जारी करना पड़ा, लेकिन 15 दिनों के भीतर जवाब न मिलने के कारण उनकी संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया गया है।
चोकसी पर अब कुल बकाया राशि 2.1 करोड़ रुपए है, जिसमें 60 लाख रुपए का ब्याज शामिल है। 4 जून को जारी अपने नोटिस में सेबी ने सभी बैंकों, सीडीएसएल और एनएसडीएल जैसी डिपॉजिटरी और म्यूचुअल फंड हाउस को चोकसी के खाते फ्रीज करने का निर्देश दिया है।
सेबी के निर्देश के बाद चोकसी के खातों से पैसों की निकासी नहीं की जा सकती है। हालांकि, क्रेडिट के लिए अभी भी अनुमति है। बाजार नियामक ने बैंकों को उसके नाम पर मौजूद सभी लॉकर जब्त करने का निर्देश भी दिया है।
बाजार नियामक ने बताया कि यह कार्रवाई इसलिए जरूरी थी क्योंकि इस बात की प्रबल संभावना है कि चोकसी अपनी संपत्ति को कहीं और ले जाने या छिपाने की कोशिश कर सकता है, जिससे वसूली प्रक्रिया में देरी हो सकती है या उसे रोका जा सकता है।
नीरव मोदी का मामा चोकसी 14,000 करोड़ रुपए से अधिक के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले के संबंध में कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहा है।
घोटाला सामने आने के बाद 2018 की शुरुआत में चोकसी और मोदी दोनों भारत से विदेश भाग गए थे। चोकसी 2018 से एंटीगुआ में रह रहा था, लेकिन इस साल अप्रैल में भारतीय अधिकारियों द्वारा उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध करने के बाद उसे बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया।
वह कथित तौर पर इलाज के लिए बेल्जियम में था। इस बीच, नीरव मोदी 2019 में स्कॉटलैंड यार्ड द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद ब्रिटेन की जेल में बंद है।
सोना खरीदारों के लिए खुशखबरी, 1,000 रुपए से अधिक कम हुई कीमत
सोना खरीदारों के लिए खुशखबरी है। पीली धातु की कीमत में शुक्रवार को 1,000 रुपए से अधिक की गिरावट देखने को मिली है।
इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने का दाम 1,018 रुपए कम होकर 97,145 रुपए हो गया है, जो कि पहले 98,163 रुपए था।
22 कैरेट सोने का दाम कम होकर 88,985 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है, जो कि पहले 89,917 रुपए था। वहीं, 18 कैरेट सोने की कीमत 73,662 रुपए प्रति 10 ग्राम से कम होकर 72,859 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है।
सोने के विपरीत चांदी की कीमतों में तेजी देखने को मिली है। चांदी का दाम 610 रुपए बढ़कर 1,05,285 रुपए प्रति किलो हो गया है, जो कि पहले 1,04,675 रुपए प्रति किलो था।
वायदा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में तेजी देखने को मिली है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने के 5 अगस्त 2025 के कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 0.08 प्रतिशत बढ़कर 97,957 रुपए और चांदी के 4 जुलाई 2025 के कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 1.03 प्रतिशत बढ़कर 1,05,522 रुपए हो गई है।
कामा ज्वेलरी के एमडी कॉलिन शाह ने कहा कि वैश्विक कारणों के चलते घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। इस महीने के मध्य में होने वाली अमेरिकी फेड की बैठक पर निवेशकों की निगाहें बनी हुई हैं और इसके बाद ही वैश्विक स्तर पर सोने की चाल की दिशा तय होगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने और चांदी की कीमतों में तेजी बनी हुई है। खबर लिखे जाने तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोना करीब 0.24 प्रतिशत बढ़कर 3,383.61 डॉलर प्रति औंस और चांदी 1.40 प्रतिशत बढ़कर 36.298 डॉलर प्रति औंस पर थी।
1 जनवरी से अब तक 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 76,162 रुपए से 20,983 रुपए या 27.55 प्रतिशत बढ़कर 97,145 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं, चांदी का भाव भी 86,017 रुपए प्रति किलो से 19,268 रुपए या 22.40 प्रतिशत बढ़कर 1,05,285 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है।
रेपो रेट में कटौती ने शेयर बाजार में भरा जोश, निफ्टी बैंक ऑल-टाइम हाई पर बंद
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से रेपो रेट में 50 आधार अंक की कटौती के बाद शेयर बाजार में शुक्रवार को बड़ी तेजी देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 746.95 अंक या 0.92 प्रतिशत की तेजी के साथ 82,188.99 और निफ्टी 252.15 अंक या 1.02 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,003.05 पर था।
इस तेजी का नेतृत्व बैंकिंग शेयरों ने किया। निफ्टी बैंक 817.55 अंक या 1.47 प्रतिशत की तेजी के साथ 56,578.40 पर बंद हुआ। दिन के दौरान बैंक निफ्टी ने 56,695 का स्तर छुआ, जो कि मुख्य बैंकिंग इंडेक्स का अब तक का उच्चतम स्तर है।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी तेजी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 707.30 अंक या 1.21 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,010.30 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 149.85 अंक या 0.81 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,582.45 पर था।
ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी और एनर्जी सबसे ज्यादा बढ़ने वाले इंडेक्स थे। केवल मीडिया इंडेक्स ही लाल निशान में बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी, इंडसइंड बैंक, बजाज फिनसर्व, इटरनल (जोमैटो), एमएंडएम, टाटा स्टील, कोटक महिंद्रा बैंक, टाइटन, एचडीएफसी बैंक और एनटीपीसी टॉप गेनर्स थे। केवल भारती एयरटेल और सन फार्मा टॉप लूजर्स थे।
रेलिगेयर ब्रोकिंग में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, अजीत मिश्रा ने कहा कि सकारात्मक घरेलू संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार सकारात्मक बंद हुए। फाइनेंशियल और रियल्टी में सबसे अधिक तेजी देखी गई। आने वाले समय में रेट कट का प्रभाव बाजार में बना रहेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने आज सुबह अर्थव्यवस्था में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बड़ी कटौती कर इसे 6 प्रतिशत से 5.5 प्रतिशत करने की घोषणा की थी।
शेयर बाजार की शुरुआत सपाट हुई थी। सुबह करीब 9.23 बजे, सेंसेक्स 82.43 अंक या 0.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,359.61 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 7.70 अंक या 0.03 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,743.20 पर कारोबार कर रहा था।
रिजर्व बैंक के मौद्रिक उपायों से रुपया 11 पैसे मजबूत होकर 85.68 प्रति डॉलर पर बंद
रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की बड़ी कटौती करने के रिजर्व बैंक के ऐलान से शुक्रवार को अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 11 पैसे मजबूत होकर 85.68 (अस्थायी) पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में भारी कटौती से बाजार हतप्रभ रह गया। इससे रुपया स्थिर से सकारात्मक रुख पर कारोबार करने लगा। इसके अलावा, नकद-आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी एक प्रतिशत की कटौती करने की घोषणा की गई है।
इसके अलावा, घरेलू बाजारों में तेजी ने भी रुपये को निचले स्तरों पर समर्थन दिया। दोनों मानक सूचकांक एक प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ बंद हुए।
अंतरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में रुपये में भारी उतार चढ़ाव देखा गया। रुपया अपने पिछले बंद भाव से 12 पैसे की गिरावट के साथ 85.91 पर खुला, लेकिन जल्द ही यह नुकसान कम हो गया और डॉलर के मुकाबले 85.66 के शुरुआती उच्च स्तर पर पहुंच गया।
शुक्रवार के कारोबार के दौरान, रुपये ने 86 के निचले स्तर को भी देखा और अंत में पिछले बंद भाव से 11 पैसे की बढ़त के साथ 85.68 पर बंद हुआ।
बृहस्पतिवार को रुपया आठ पैसे चढ़कर 85.79 प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ था।
इस बीच, विश्व की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.25 प्रतिशत बढ़कर 98.98 पर पहुंच गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.26 प्रतिशत गिरकर 65.17 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दर में और कटौती करने से रुपये पर दबाव पड़ सकता है। हालांकि, घरेलू बाजारों में सकारात्मक रुख से निचले स्तरों पर घरेलू मुद्रा को समर्थन मिल सकता है। निवेशक अब अमेरिका से गैर-कृषि पेरोल रिपोर्ट पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। डॉलर-रुपये की हाजिर कीमत 85.40 से 86.25 के बीच रहने की उम्मीद है।’’
घरेलू शेयर बाजार के मोर्चे पर बीएसई सेंसेक्स 746.95 अंक बढ़कर 82,188.99 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 252.15 अंक बढ़कर 25,003.05 पर बंद हुआ।
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बृहस्पतिवार को शुद्ध आधार पर 208.47 करोड़ रुपये की शेयरों की बिक्री की।
आरबीआई ने रेपो दर में पांच साल की सबसे बड़ी कटौती की; आवास, वाहन ऋण होंगे सस्ते
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आर्थिक वृद्धि तेज करने के मकसद से शुक्रवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो को उम्मीद से अधिक 0.5 प्रतिशत घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया। इसके साथ ही अप्रत्याशित रूप से नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी एक प्रतिशत की कटौती की घोषणा की।
इस कदम से बैंकों के पास कर्ज देने के लिए अधिक नकदी उपलब्ध होगी जो अर्थव्यवस्था को गति देने का काम करेगी। इससे मकान, वाहन और अन्य कर्ज सस्ते होने की उम्मीद है।
आरबीआई ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर लगभग छह साल के निचले स्तर 3.16 प्रतिशत और आर्थिक वृद्धि दर 2024-25 में चार साल के न्यूनतम स्तर 6.5 प्रतिशत पर आ गयी है।
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुवाई वाली छह-सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने प्रमुख ब्याज दर रेपो दर 0.50 प्रतिशत घटाकर 5.5 प्रतिशत करने का निर्णय किया। समिति के छह में से पांच सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया। समिति ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को भी एक प्रतिशत घटाकर तीन प्रतिशत कर दिया। इससे बैंकों में नकदी में 2.5 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि होगी।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए मल्होत्रा ने कहा, ‘‘उभरती वृहद आर्थिक, वित्तीय गतिविधियों और आर्थिक परिदृश्य पर गौर करने के बाद एमपीसी ने रेपो दर में 0.50 प्रतिशत कटौती करने का निर्णय किया है।’’
इस कटौती के साथ आरबीआई इस साल फरवरी से लेकर अबतक रेपो दर में कुल एक प्रतिशत की कटौती कर चुका है। इस साल फरवरी और अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती की गयी थी। आरबीआई ने मई 2020 के बाद पहली कटौती फरवरी में की थी।
आरबीआई ने इसके साथ ही मौद्रिक नीति रुख को उदार से बदलकर तटस्थ कर दिया है। इसका मतलब है कि केंद्रीय बैंक आर्थिक स्थिति के हिसाब से नीतिगत दर में समायोजन को लेकर जरूरत पड़ने पर जरूरी कदम उठा सकता है।
मल्होत्रा ने कहा, ‘‘रेपो दर में एक प्रतिशत की कटौती के बाद मौद्रिक नीति के पास वृद्धि को समर्थन देने के लिए अब सीमित गुंजाइश बची है।’’
रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। इससे पहले, पांच अगस्त, 2022 को यह 5.40 प्रतिशत के स्तर पर थी।
रेपो दर में कटौती के साथ ही इससे जुड़ी सभी बाह्य मानक ब्याज दरें (ईबीएलआर) कम हो जाएंगी। अगर बैंक इसका पूरा लाभ कर्जदारों को देते हैं, तो आवास, वाहन और व्यक्तिगत कर्ज पर मासिक किस्तों (ईएमआई) में 0.5 प्रतिशत की कमी आएगी।
मल्होत्रा ने कहा, ‘‘आरबीआई को उम्मीद है कि बैंक रेपो दर में कमी का लाभ उपभोक्ताओं को देंगे। साथ ही सीआरआर में एक प्रतिशत की कटौती से उनके पास जो अतिरिक्त नकदी होगी, उससे कर्ज वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।’’
सीआरआर में छह सितंबर से 29 नवंबर, 2025 के बीच चार बराबर किस्तों में 0.25 प्रतिशत की कटौती होगी जिससे यह घटकर तीन प्रतिशत रह जाएगी।
रिजर्व बैंक की घोषणा के बाद बैंक निफ्टी अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा
नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में एक प्रतिशत की भारी कटौती करने के रिजर्व बैंक के निर्णय के बाद शुक्रवार को निफ्टी बैंक सूचकांक 1.47 प्रतिशत उछलकर अपने अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
निफ्टी बैंक सूचकांक 817.55 अंक यानी 1.47 प्रतिशत उछलकर 56,578.40 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 934.15 अंक बढ़कर 56,695 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
रिजर्व बैंक की सीआरआर कटौती से अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को ऋण देने के लिए बैंकिंग प्रणाली में 2.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी।
सीआरआर 29 नवंबर, 2025 को समाप्त होने वाली चार समान किस्तों में कटौती के साथ घटकर तीन प्रतिशत रह जाएगा। इसका मतलब है कि वाणिज्यिक बैंकों को आरबीआई के पास तरल नकदी के रूप में तीन प्रतिशत का निचला स्तर ही बनाए रखना होगा, जिससे उन्हें उधार देने के लिए अधिक धनराशि मिल सकेगी।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia