अर्थतंत्र की खबरें: सेंसेक्स 446 अंक उछलकर बंद, बैंक निफ्टी ने बनाया नया ऑल-टाइम हाई और सोना और चांदी के दाम टूटे
भारतीय शेयर बाजार गुरुवार के कारोबारी सत्र में बड़ी तेजी के साथ बंद हुआ। बाजार में चौतरफा तेजी देखी गई।

स्थानीय शेयर बाजार में बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन तेजी रही। तेल एवं गैस तथा चुनिंदा वित्तीय शेयरों में लिवाली तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी प्रवाह से बीएसई सेंसेक्स 446 अंक चढ़ गया, जबकि निफ्टी 139 अंक मजबूत हुआ।
दिन के अंत में सेंसेक्स 446.21 अंक या 0.52 प्रतिशत की तेजी के साथ 85,632.68 और निफ्टी 139.50 अंक या 0.54 प्रतिशत की बढ़त के साथ 26,192.15 पर था। दोनों मुख्य सूचकांक अपने ऑल-टाइम हाई के करीब बंद हुए हैं। सेंसेक्स का उच्चतम स्तर 85,978.25 और निफ्टी का 26,277.37 है, जो कि सितंबर 2024 में बना था। दिन के दौरान निफ्टी बैंक ने नया ऑल-टाइम हाई 59,440.10 बनाया।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 446.21 अंक यानी 0.52 प्रतिशत चढ़कर 85,632.68 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, यह 615.23 अंक चढ़कर 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर 85,801.70 अंक पर पहुंच गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 139.50 अंक यानी 0.54 प्रतिशत की बढ़त के साथ 26,192.15 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर 26,246.65 अंक पर पहुंच गया था।
विश्लेषकों के अनुसार, वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में तेजी से मानक सूचकांक कारोबार के दौरान साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, टेक महिंद्रा और एक्सिस बैंक सबसे अधिक लाभ में रही।
दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में एशियन पेंट्स, एचसीएल टेक, टाइटन और हिंदुस्तान यूनिलीवर शामिल हैं।
रुपया 23 पैसे टूटकर 88.71 प्रति डॉलर पर
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 23 पैसे लुढ़ककर 88.71 (अस्थायी) पर बंद हुआ। अमेरिकी मुद्रा में आई बड़ी मजबूती तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की उम्मीद कम होने से रुपये में यह गिरावट आई।
विदेशी मुदा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बैठक के ब्योरे में यह इशारा मिलने से कि ज़्यादातर अधिकारी अक्टूबर में ब्याज दर में कटौती के बाद दिसंबर में ब्याज कटौती के खिलाफ थे, डॉलर में तेजी आई है और यह 100 के स्तर से ऊपर चला गया है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया 88.63 पर खुला, फिर नीचे गिरा और दिन के कारोबार में 88.74 के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। यह दिन के कारोबार में डॉलर के मुकाबले 88.62 के सबसे ऊंचे स्तर पर भी पहुंचा।
रुपया आखिरकार कारोबार के अंत में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 88.71 (अस्थायी) पर बंद हुई, जो पिछले बंद भाव से 23 पैसे की गिरावट है। बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे बढ़कर 88.48 पर बंद हुआ।
इस बीच, दुनिया की छह प्रतिस्पर्धी मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर इंडेक्स 0.03 प्रतिशत गिरकर 100.19 रह गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.71 प्रतिशत बढ़कर 63.96 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक, अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि डॉलर के बढ़ने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दिसंबर में फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक में ब्याज दर कटौती की उम्मीद कम होने से रुपया थोड़े नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा।’’
विशेषज्ञों ने कहा कि आयातक की डॉलर मांग से रुपये पर और दबाव पड़ सकता है। हालांकि, वैश्विक जोखिम लेने की क्षमता में बढ़ोतरी और भारत-अमेरिकी व्यापार समझौते को लेकर उम्मीद जगने से रुपये को निचले स्तर पर समर्थन मिल सकता है।
दुनिया के शीर्ष 100 बैंकों की सूची में जल्दी ही और भारतीय बैंक होंगे शामिल: आरबीआई गवर्नर
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि आर्थिक विस्तार और बैंकिंग प्रणाली में वृद्धि की गति को देखते हुए, भारत के और भी घरेलू बैंक जल्द ही दुनिया के शीर्ष 100 बैंकों की सूची में शामिल होंगे।
मल्होत्रा ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स में वीकेआरवी राव स्मृति व्याख्यान देने के बाद छात्रों से बातचीत में कहा कि आरबीआई भारत के कई बड़े बैंकों को वैश्विक सूची में शामिल नहीं कर सकता। जबकि इसमें उन्हें शामिल होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘...सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र में कई बैंक हैं। जिस गति से वे बढ़ रहे हैं, मुझे लगता है कि यह केवल समय की बात है कि दुनिया के शीर्ष 100 बैंकों में हमारे कई बैंक शामिल होंगे।’’
वर्तमान में, केवल भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और एचडीएफसी बैंक ही दुनिया के शीर्ष 100 बैंकों में शामिल हैं। ये दोनों बैंक क्रमशः 43वें और 73वें स्थान पर हैं।
इस महीने की शुरुआत में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि देश को बड़े और वैश्विक स्तर के बैंकों की जरूरत है और इस संबंध में रिजर्व बैंक और वित्तीय संस्थानों के साथ बातचीत जारी है।
उन्होंने कहा था, ‘‘यह मौजूदा बैंकों से नए बैंक बनाने से नहीं हो सकता... विलय भी एक रास्ता हो सकता है। सही मायने में आपको एक ऐसे परिवेश की जरूरत है जिसमें ज्यादा बैंक काम कर सकें और आगे बढ़ सकें। भारत में यह माहौल पहले से ही अच्छी तरह से स्थापित है, लेकिन मुझे और ज्यादा गतिशील होने की जरूरत है...।’’
कमजोर वैश्विक संकेतों से सोना 600 रुपये गिरकर 1,26,700 रुपये पर, चांदी भी टूटी
कमजोर वैश्विक रुख और मजबूत डॉलर की वजह से राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में बृहस्पतिवार को सोने की कीमतें 600 रुपये टूटकर 1,26,700 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गईं।
99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 600 रुपये टूटकर 1,26,100 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी कर मिलाकर) रह गयी। चांदी की कीमतें 2,000 रुपये लुढ़ककर 1,58,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी टैक्स मिलाकर) रह गईं।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक - जिंस सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘बृहस्पतिवार को सोने की कीमतों में गिरावट आई। डॉलर के मजबूत होने और यूक्रेन में युद्ध खत्म करने की अमेरिका की नई कोशिशों की खबरों के बाद सोने की सुरक्षित निवेश की मांग में कमी आई।’’
गांधी ने कहा कि अमेरिकी ब्यूरो ऑफ़ लेबर स्टैटिस्टिक्स के अक्टूबर की रोजगार रिपोर्ट प्रकाशित न करने के ऐलान के बाद बाजार धारणा और खराब हो गयी, जिससे फेडरल रिजर्व के पास साल की अपनी आखिरी बैठक से पहले ज़रूरी श्रम आंकड़े नहीं रहे।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में, हाजिर सोना 16.48 डॉलर या 0.40 प्रतिशत गिरकर 4,061.53 डॉलर प्रति औंस रह गया।
मिराए एसेट शेयरखान के जिंस प्रमुख प्रवीण सिंह ने कहा, ‘‘अमेरिकी डॉलर में हल्की मज़बूती के बीच हाजिर सोना 4,060 डॉलर के स्तर पर नुकसान के साथ कारोबार कर रहा है।’’
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