अर्थतंत्र की खबरें: स्टारलिंक को भारत में उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवा शुरू करने की अनुमति और निवेशकों हुए सतर्क
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसने ‘स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशंस’ को भारत में ‘स्टारलिंक जेन1 कॉन्स्टेलेशन’ क्षमता के प्रावधान को सक्षम करने की मंजूरी दे दी है।

भारत के अंतरिक्ष नियामक इन-स्पेस ने अरबपति उद्योगपति एलन मस्क की स्टारलिंक को देश में उपग्रह-आधारित इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने का लाइसेंस प्रदान किया है।
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसने ‘स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशंस’ को भारत में ‘स्टारलिंक जेन1 कॉन्स्टेलेशन’ क्षमता के प्रावधान को सक्षम करने की मंजूरी दे दी है।
यह मंजूरी पांच साल की अवधि के लिए वैध है। स्टारलिंक 2022 से ही वाणिज्यिक परिचालन शुरू करने के लिए भारतीय बाजार पर नजर गड़ाए हुए थी।
निवेशकों के सतर्क रुख के बीच सेंसेक्स 176 अंक टूटा, निफ्टी में 46 अंक की गिरावट
स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को गिरावट आई और आईटी और तेल एवं गैस शेयरों में बिकवाली से बीएसई सेंसेक्स 176 अंक के नुकसान में रहा। वैश्विक स्तर पर मिले-जुले रुख और कंपनियों के नतीजों से पहले निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 176.43 अंक यानी 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83,536.08 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 330.23 अंक तक टूट गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 46.40 अंक यानी 0.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,476.10 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की कंपनियों में एचसीएल टेक, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और आईसीआईसीआई बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं।
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, अल्ट्राटेक सीमेंट और पावर ग्रिड शामिल हैं।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सीमित दायरे में रहे...वैश्विक व्यापार तनाव और शुल्क के बावजूद, निवेशकों का ध्यान घरेलू कंपनियों के वित्तीय नतीजों और संरचनात्मक वृद्धि को प्रभावित करने वाले कारकों की ओर बढ़ रहा है। इसमें शहरी मांग में संभावित सुधार और बुनियादी ढांचे पर आधारित खर्च में तेजी शामिल हैं।’’
अमेरिका ने जवाबी शुल्क को एक अगस्त तक के लिए टाल दिया है।
अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी वायसराय रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में उद्योगपति अनिल अग्रवाल के खनन समूह पर ‘वित्तीय रूप से नाजुक स्थिति’ में होने और उसे कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थानों के लिए गंभीर जोखिम की स्थिति की बात कही है। इससे खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वेदांता का शेयर बीएसई में 3.38 प्रतिशत टूटकर 440.80 रुपये पर बंद हुआ।
वेदांता ने इन सभी आरोपों को ‘चुनिंदा भ्रामक सूचनाओं पर आधारित और आधारहीन’ बताते हुए कहा कि इसके पीछे मकसद समूह को बदनाम करना है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘बाजार अस्थिर रहा। लेकिन सीमित दायरे में कारोबार करते हुए मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ... हालांकि, शुल्क को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं, लेकिन अब ध्यान कंपनियों के तिमाही वित्तीय परिणाम पर है। आईटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी टीसीएस 10 जुलाई को अपने नतीजे घोषित करने वाली है।’’
छोटी कंपनियों से संबंधित बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.45 प्रतिशत चढ़ा, जबकि मझोली कंपनियों से संबंधित मिडकैप में 0.05 प्रतिशत की गिरावट रही।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की बढ़त में रहे जबकि चीन के शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग के हैंगसेंग में गिरावट रही।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में तेजी का रुख था। अमेरिकी बाजार मंगलवार को स्थिर रुख के साथ बंद हुए थे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.51 प्रतिशत बढ़कर 70.51 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 26.12 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 1,366.82 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
सेंसेक्स मंगलवार को 270.01 अंक चढ़ा था जबकि निफ्टी में 61.20 अंक की बढ़त में रहा था।
रुपया छह पैसे की बढ़त के साथ 85.67 प्रति डॉलर पर
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया बुधवार को छह पैसे की बढ़त के साथ 85.67 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि अमेरिका के साथ संभावित व्यापार समझौते को लेकर आशावाद एवं जवाबी शुल्क को कुछ और समय के लिए टालने के फैसले से घरेलू मुद्रा को बल मिला। हालांकि, विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर में मजबूती और कच्चे तेल के 70 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बने रहने से रुपये का लाभ सीमित रहा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार मे रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.84 पर खुला। दिन में 85.93 से 85.65 प्रति डॉलर के दायरे में कारोबार करने के बाद अंत में यह 85.67 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से छह पैसे की बढ़त है।
रुपया मंगलवार को 21 पैसे की बढ़त के साथ 85.73 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष अनुसंधान विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘ डॉलर के मुकाबले रुपया 85.90 के आसपास कमजोर खुला, लेकिन शुरुआती गिरावट के बाद थोड़ा संभला। व्यापार समझौते पर जारी बातचीत एवं शुल्क को और कुछ समय के टालने से थोड़ी राहत मिली। इससे रुपये को स्थिरता मिली तथा 86.00 के स्तर के आसपास और गिरावट को रोकने में मदद मिली। रुपये के 85.30 से 86.20 के दायरे में कारोबार करने के आसार हैं।’’
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.03 प्रतिशत की बढ़त के साथ 97.02 पर पहुंच गया।
स्थानीय शेयर बाजार बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 176.43 अंक की गिरावट के साथ 83,536.08 अंक पर जबकि निफ्टी 46.40 अंक के नुकसान के साथ 25,476.10 अंक पर बंद हुआ।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.33 प्रतिशत की बढ़त के साथ 70.38 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मंगलवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 26.12 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
कमजोर रुझानों से सोना 700 रुपये टूटा, चांदी में 800 रुपये की गिरावट
कमजोर वैश्विक रुझानों के अनुरूप बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 700 रुपये गिरकर 98,420 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी।
पिछले कारोबारी सत्र में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 99,120 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रही थी।
वहीं, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 600 रुपये गिरकर 98,000 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) रह गया। मंगलवार को यह 98,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
इसके अतिरिक्त, बुधवार को चांदी की कीमत 800 रुपये गिरकर 1,04,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) रह गई। पिछले सत्र में चांदी 1,04,800 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
जुलाई में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम होने और अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने के कारण बुधवार को सोने की कीमतों में बिकवाली का दबाव देखा गया।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘अमेरिकी डॉलर मजबूत बना हुआ है और दो सप्ताह के उच्च स्तर के करीब कारोबार कर रहा है। बाजार प्रतिभागियों का अनुमान है कि फेडरल रिजर्व उच्च आयात करों और मजबूत अमेरिकी श्रम बाजार के कारण मुद्रास्फीति में संभावित गिरावट को देखते हुए उच्च ब्याज दरें बनाए रखेगा।’’
वैश्विक स्तर पर, हाजिर सोना 11.66 डॉलर यानी 0.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,289.81 डॉलर प्रति औंस रह गया।
मेहता इक्विटीज में उपाध्यक्ष (जिंस) राहुल कलंत्री ने कहा, ‘‘अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं और नए व्यापार जोखिमों के बीच संतुलन बनाने के कारण सोने की कीमतें 3,300 डॉलर प्रति औंस से नीचे गिर गईं।’’
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उच्च शुल्क लागू होने की समयसीमा को एक अगस्त से आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है। उन्होंने तांबे पर 50 प्रतिशत शुल्क और दवाओं पर संभावित 200 प्रतिशत शुल्क लगाया हुआ है।
कलंत्री ने कहा कि इन शुल्कों से बाजार में हलचल मचने की उम्मीद है। अमेरिकी मुद्रास्फीति में गिरावट के साथ फेडरल रिजर्व द्वारा अधिक ढील दिए जाने की संभावना कम हो गई है।
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