अर्थतंत्र की खबरें: पूरे भारत में सिर्फ 20 लाख कनेक्शन दे सकती है स्टारलिंक और शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट
एलन मस्क की अगुवाई वाली उपग्रह संचार सेवा प्रदाता कंपनी स्टारलिंक भारत में केवल 20 लाख कनेक्शन दे सकती हैं, ऐसे में सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल समेत अन्य दूरसंचार कंपनियों को कोई जोखिम नहीं है।

दूरसंचार राज्यमंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा कि उद्योगपति एलन मस्क की अगुवाई वाली उपग्रह संचार सेवा प्रदाता कंपनी स्टारलिंक भारत में केवल 20 लाख कनेक्शन दे सकती हैं, ऐसे में सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल समेत अन्य दूरसंचार कंपनियों को कोई जोखिम नहीं है।
उन्होंने यहां बीएसएनएल की समीक्षा बैठक के मौके पर कहा, ‘‘स्टारलिंक के भारत में केवल 20 लाख ग्राहक हो सकते हैं और वह 200 एमबीपीएस तक की गति प्रदान कर सकती है। इससे दूरसंचार सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’’
सैटकॉम सेवाओं का लक्ष्य ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों को बनाया जाएगा जहां बीएसएनएल की अच्छी उपस्थिति है।
उन्होंने कहा कि सैटकॉम सेवाओं की शुरुआती लागत बहुत ज्यादा होगी और मासिक लागत लगभग 3,000 रुपये हो सकती है।
मंत्री ने कहा कि बीएसएनएल 4जी सेवा शुरू करने का काम पूरा हो चुका है और अभी शुल्क दर बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले बाजार चाहते हैं। शुल्क दर बढ़ाने की कोई योजना नहीं है।’’
शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 572 अंक लुढ़का
शेयर बाजार में गिरावट सोमवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में जारी रही। बीएसई सेंसेक्स जहां 572 अंक लुढ़क गया, वहीं एनएसई निफ्टी 156 अंक के नुकसान में रहा।
कोटक महिंद्रा बैंक में भारी बिकवाली और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चतता के बीच बाजार में गिरावट आई।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 572.07 अंक यानी 0.70 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,891.02 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 686.65 अंक तक लुढ़क गया था।
पचास शेयरों वाला नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 156.10 अंक यानी 0.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,680.90 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर में 7.31 प्रतिशत की गिरावट आई। कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ जून तिमाही में 4,472 करोड़ रुपये रहा है। प्रतिकूल वृहद आर्थिक परिस्थितियों के कारण खुदरा वाणिज्यिक वाहन पोर्टफोलियो पर दबाव का संकेत है। इससे कंपनी के शेयर में बड़ी गिरावट आई।
इसके अलावा बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल, टाइटन, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचसीएल टेक और भारतीय स्टेट बैंक के शेयर भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहें।
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, एशियन पेंट्स, आईसीआईसीआई बैंक, पावर ग्रिड, एचडीएफसी बैंक और आईटीसी शामिल हैं।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 1,979.96 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
एशिया के अन्य बाजारों में, जापान का निक्की गिरावट के साथ बंद हुआ, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में तेजी का रुख था। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.91 प्रतिशत बढ़कर 69.05 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
शुक्रवार को सेंसेक्स 721.08 अंक टूटा था जबकि निफ्टी में 225.10 अंक की गिरावट आई थी।
रुपये ने शुरुआती बढ़त गंवाई, 15 पैसे टूटकर 86.67 प्रति डॉलर पर
रुपया सोमवार को शुरुआती बढ़त गंवाकर 15 पैसे की गिरावट के साथ 86.67 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। आयातकों की मासान्त की डॉलर मांग जारी रहने से अमेरिकी मुद्रा में तेजी घरेलू मुद्रा में गिरावट का मुख्य कारण रही।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि एक अगस्त की समयसीमा से पहले भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के नतीजों का इंतजार करते हुए निवेशक सतर्कता के साथ कारोबार कर रहे हैं। इसके अलावा, घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक रुख ने निवेशकों की धारणा को और प्रभावित किया।
उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह अमेरिकी फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ जापान की मौद्रिक नीति के फैसलों से पहले भी निवेशक सतर्क रहे।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, डॉलर के मुकाबले 86.47 पर खुला। कारोबार के दौरान इसने 86.40 प्रति डॉलर के उच्च तथा 86.67 प्रति डॉलर के निचले स्तर को छुआ। अंत में यह 86.67 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से 15 पैसे की गिरावट है।
रुपया शुक्रवार को 12 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.52 पर बंद हुआ था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘ अधिकतर एशियाई मुद्राओं के रुझान के अनुरूप भारतीय रुपये में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरावट आई है। इस कमजोरी का मुख्य कारण हाल ही में यूरोपीय संघ-अमेरिका व्यापार समझौते के बाद डॉलर में आई मजबूती है।’’
उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार में विदेशी पूंजी की निकासी ने डॉलर की मजबूती को और बढ़ावा दिया। निकट भविष्य में अमेरिकी डॉलर-भारतीय मुद्रा की जोड़ी के 86.10 से 86.75 के बीच रहने का अनुमान है।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.54 प्रतिशत की बढ़त के साथ 98.17 पर पहुंच गया।
घरेलू शेयर बाजारों में बीएसई सेंसेक्स 572.07 अंक की गिरावट के साथ 80,891.02 अंक पर, जबकि निफ्टी 156.10 अंक फिसलकर 24,680.90 अंक पर बंद हुआ।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.85 प्रतिशत की बढ़त के साथ 69.02 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुक्रवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 1,979.96 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
सोने में लगातार चौथे दिन गिरावट, 500 रुपये टूटा; चांदी 1,000 रुपये लुढ़की
अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार समझौते के बाद सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में सोने की मांग कम हो गई। इससे स्टॉकिस्ट की लगातार बिकवाली के कारण सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में लगातार चौथे सत्र में गिरावट आई और यह 500 रुपये की गिरावट के साथ 98,020 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोना शनिवार को 600 रुपये की गिरावट के साथ 98,520 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
राष्ट्रीय राजधानी में, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने में लगातार चौथे दिन गिरावट जारी रही और सोमवार को यह 500 रुपये टूटकर 97,750 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) रह गया। पिछले बाजार सत्र में यह 98,250 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
इसके अलावा, सोमवार को चांदी की कीमतें 1,000 रुपये घटकर 1,13,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) पर बंद हुईं। शनिवार को यह 1,14,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
इस बीच, वैश्विक बाजारों में हाजिर सोना और चांदी क्रमशः 3,337.95 डॉलर और 38.17 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर कारोबार कर रहे थे।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक जिंस और मुद्रा जतीन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘पिछले सप्ताह डॉलर इंडेक्स में मजबूती के कारण सोने का कारोबार सकारात्मक लेकिन लगभग स्थिर दायरे में 3,335 डॉलर प्रति औंस के आसपास रहा।’’
अमेरिका ने यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ एक व्यापार समझौते की घोषणा की है, जिसमें अमेरिकी बाजार में प्रवेश करने वाले अधिकांश यूरोपीय सामान पर 15 प्रतिशत शुल्क के साथ-साथ 27 देशों के समूह द्वारा अमेरिकी उद्योग में सैकड़ों अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता शामिल है। यह समझौता पिछले सप्ताह हुए अमेरिका-जापान व्यापार समझौते जैसा ही है।
अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चिंतन मेहता ने कहा, ‘‘निवेशक इस सप्ताह आने वाले अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों, जिनमें बेरोजगारी भत्ते के दावे और दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े शामिल हैं, पर कड़ी नज़र रखेंगे।’’
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी के अनुसार, व्यापार आशावाद और मज़बूत अमेरिकी डॉलर के बीच तेज़ड़िये सतर्क रहे और सोने की कीमत स्थिर बनी रही।
गांधी ने कहा कि शुल्क संबंधी चिंताओं में कमी के बीच सुरक्षित निवेश वाली संपत्तियों की मांग घटने के कारण पिछले सप्ताह सर्राफा की कीमतों में गिरावट आई। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल के साथ तनाव को कम करके अमेरिकी फेडरल रिजर्व की स्वतंत्रता को लेकर बाजार की चिंताओं को कम किया।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘दोनों कारकों ने अमेरिकी डॉलर में वृद्धि में योगदान दिया, जो लगातार तीसरे दिन बढ़ा है और कीमती धातुओं की कीमतों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।’’
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