अर्थतंत्र की खबरें: 1 अप्रैल से बदल जाएंगे इनकम टैक्स ये नियम और इंडिगो पर 944 करोड़ रुपये की लगी पेनल्टी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आम बजट 2025 में कई अहम ऐलान किए गए थे, जो कि एक अप्रैल से लागू हो रहे हैं, जिनका सीधा असर वेतन पाने वाले लोगों की जेब पर पड़ेगा।

नया वित्त वर्ष शुरू होने में 48 घंटे से भी कम का समय बचा हुआ है। इसके साथ ही इनकम टैक्स से जुड़े कई नियमों में बदलाव होने जा रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आम बजट 2025 में कई अहम ऐलान किए गए थे, जो कि एक अप्रैल से लागू हो रहे हैं, जिनका सीधा असर वेतन पाने वाले लोगों की जेब पर पड़ेगा।
इन नए नियमों में इनकम टैक्स में अधिक छूट से लेकर टीडीएस नियमों में हुए बदलाव शामिल हैं।
वित्त मंत्री द्वारा बजट में नई टैक्स रिजीम के तहत इनकम टैक्स में बढ़ाई गई छूट एक अप्रैल से लागू हो रही है। अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले लोग इनकम टैक्स छूट के दायरे में आएंगे। पहले यह आंकड़ा 7 लाख रुपये पर था।
इसके अलावा, अगर वेतन पाने वाले लोगों को मिलने वाली 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट को मिला जाए तो इनकम टैक्स में छूट बढ़कर 12.75 लाख रुपये हो जाती है।
हालांकि, इनकम टैक्स छूट में कैपिटल गेन को शामिल नहीं किया गया है। इस पर अलग से टैक्स लगाया जाएगा।
सरकार ने नई टैक्स रिजीम के तहत नए टैक्स स्लैब भी पेश किए हैं, जबकि पुरानी टैक्स रिजीम में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है ।
अब नई टैक्स रिजीम के तहत 4 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स-फ्री होगी, जबकि 4 लाख रुपये से 8 लाख रुपये के बीच की इनकम पर 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा। इनकम बढ़ने के साथ टैक्स की दरें धीरे-धीरे बढ़ती जाएंगी और 24 लाख रुपये से अधिक इनकम पर यह 30 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।
केंद्र सरकार ने बजट में सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाली टैक्स छूट को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया है, जिससे नई टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपये तक की आय टैक्स-फ्री हो जाएगी।
बैंक जमा पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस कटौती की सीमा को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब बैंक जमा पर मिली 50,000 रुपये तक की राशि पर कोई टीडीएस नहीं कटेगा।
1 अप्रैल से नियोक्ताओं द्वारा दिए जाने वाले लाभ और भत्ते अब कर योग्य सुविधाओं के रूप में वर्गीकृत नहीं किए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त, यदि कोई नियोक्ता किसी कर्मचारी या उसके परिवार के लिए विदेश में चिकित्सा उपचार की लागत को वहन करता है, तो इस व्यय को कर योग्य लाभ नहीं माना जाएगा।
टेक्सपेयर्स के पास अब अपडेटेड आयकर रिटर्न (आईटीआर-यू) दाखिल करने के लिए दो के बजाय चार साल का समय होगा। यह विस्तार व्यक्तियों को अपनी कर फाइलिंग में त्रुटियों या चूक को लंबे समय तक सुधारने की अनुमति देता है।
माता-पिता के लिए एक नया टैक्स-बचत विकल्प पेश किया गया है। जो लोग अपने बच्चे के एनपीएस वात्सल्य खाते में योगदान करते हैं, वे पुरानी कर व्यवस्था के तहत 50,000 रुपये की अतिरिक्त कटौती का दावा कर सकते हैं।
इंडिगो पर इनकम टैक्स ने लगाई 944 करोड़ रुपये की पेनल्टी
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से लगाई गई 944.20 करोड़ रुपये की पेनल्टी को देश की बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने गलत बताया है और कहा कि इस आदेश को वह कानूनी रूप से चुनौती देगी।
एयरलाइन की पेरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन पर शनिवार को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से पेनल्टी का नोटिस मिला था।
रेगुलेटरी फाइलिंग में रविवार को कंपनी ने कहा कि यह पेनल्टी असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए थी।
कंपनी का मानना है कि यह आदेश कानून के अनुरूप नहीं है। साथ ही इंडिगो ने इस आदेश को गलत बताया।
इंडिगो ने आश्वासन दिया है कि वह पेनल्टी के खिलाफ कानूनी उपाय अपनाएगी। बड़ी पेनल्टी के बावजूद, इंडिगो ने स्पष्ट किया है कि इस आदेश का उसके वित्तीय, परिचालन या समग्र व्यावसायिक गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
यह पेनल्टी ऐसे समय में लगाई गई है जब इंडिगो पहले से ही वित्तीय चुनौतियों से जूझ रही है। वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में इंडिगो के शुद्ध लाभ में 18.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान एयरलाइन की आय एक साल पहले के 2,998.1 करोड़ रुपये से घटकर 2,448.8 करोड़ रुपये रह गई थी।
इसके अलावा, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी की ऑपरेशनल लागत 20 प्रतिशत बढ़कर 20,466 करोड़ रुपये हो गई है, जिसका असर कंपनी के मुनाफे पर देखने को मिला है।
डीजीसीए की मासिक यात्री यातायात रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिगो 63.7 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ देश की सबसे बड़ी एयरलाइन बनी हुई है। फरवरी 2025 में इस बजट एयरलाइन में 89.40 लाख यात्रियों ने उड़ान भरी।
इंडिगो के बाद एयर इंडिया समूह का स्थान रहा, जिसमें एयर इंडिया एक्सप्रेस भी शामिल है। फरवरी में टाटा ग्रुप की एयरलाइन में 38.30 लाख यात्रियों ने उड़ान भरी, जिससे एयरलाइन का मार्केट शेयर 27.3 प्रतिशत हो गया है।
अकासा एयर में 6.59 लाख यात्रियों ने उड़ान भरी और एयरलाइन का मार्केट शेयर 4.7 प्रतिशत रहा। स्पाइसजेट में 4.54 लाख यात्रियों ने हवाई यात्रा की और एयरलाइन का मार्केट शेयर 3.2 प्रतिशत रहा।
अप्रैल की शुरुआत में 'मार्केट सेंटीमेंट' होगा अहम, प्रमुख आर्थिक आंकड़ों के बीच रिपोर्ट
अप्रैल की शुरुआत 'मार्केट सेंटीमेंट' के लिए महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि प्रमुख आर्थिक आंकड़ों के जारी होने से ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग, रोजगार ट्रेंड और आर्थिक गतिविधि के बारे में जानकारी मिलेगी। सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
अप्रैल की शुरुआत में फोकस संयुक्त राज्य अमेरिका पर रहेगा, जहां एसएंडपी ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई कारोबारी धारणा (बिजनेस सेंटीमेंट) और औद्योगिक उत्पादन (इंडस्ट्रियल आउटपुट) को दर्शाएगा। ऑटो कंपनियां भी मार्च महीने के लिए अपने आंकड़े जारी करेंगी।
बजाज ब्रोकिंग रिसर्च ने एक नोट में कहा, "2 अप्रैल को भारत का एसएंडपी ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 'घरेलू विनिर्माण ट्रेंड' को दर्शाएगा, जबकि टयूएस एडीपी गैर-कृषि रोजगार परिवर्तन रिपोर्ट' आधिकारिक श्रम बाजार आंकड़ों से पहले निजी क्षेत्र की नौकरी वृद्धि को लेकर प्रीव्यू पेश करेगी।"
31 मार्च को चीन का 'चीनी कंपोजिट पीएमआई' और मार्च के लिए 'मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई' देश की आर्थिक स्थिति, मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी और मांग ट्रेंड को लेकर जानकारी प्रदान करेगा, जो वैश्विक बाजारों, विशेष रूप से कमोडिटी और औद्योगिक क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है।
3 अप्रैल को, ‘यूएस इनिशियल जॉबलेस क्लेम’ रिपोर्ट को श्रम बाजार की मजबूती और फेडरल रिजर्व नीति के संभावित बदलावों को लेकर अहम होगी।
सप्ताह का समापन 4 अप्रैल को यूएस नॉन-फार्म पेरोल और बेरोजगारी दर के आंकड़ों के साथ होगा।
नोट में कहा गया है कि ये आंकड़े श्रम बाजार के लचीलेपन और मुद्रास्फीति के दबाव का आकलन करने में महत्वपूर्ण होंगे।
बाजार पर भारत-अमेरिका टैरिफ पॉलिसी डेवलपमेंट, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 3 अप्रैल से प्रभावी- तैयार वाहन आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा और यूएस फेड चेयर पॉवेल के भाषण का असर दिखेगा।
इस बीच, विदेशी निवेशकों ने पिछले सप्ताह भी अपनी खरीदारी जारी रखी। 24 से 28 मार्च के बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 17,426 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने इक्विटी में 6,797 करोड़ रुपये का निवेश किया।
वर्तमान में सभी की निगाहें अमेरिका द्वारा संभावित टैरिफ प्रतिबंधों और आरबीआई द्वारा अपनी समीक्षा बैठक में संभावित ब्याज दरों में कटौती के बारे में की जाने वाली आगामी घोषणाओं पर टिकी हैं।
वोडाफोन आइडिया को सरकार से मिली समय पर राहत, नकदी प्रवाह बढ़ेगाः सिटी
कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) के 36,950 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम बकाया को हिस्सेदारी में बदलने को लेकर सरकार की मंजूरी मुश्किलों में घिरी फर्म के समर्थन का एक ‘बड़ा’ और ‘समय पर’ उठाया गया कदम है। ब्रोकरेज कंपनी सिटी ने यह बात कही है।
सिटी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि इस हिस्सेदारी अधिग्रहण से दूरसंचार कंपनी को अगले तीन साल में नकदी प्रवाह के मोर्चे पर बड़ी राहत मिलेगी। इससे कंपनी को लंबे समय से लंबित बैंक ऋण जुटाने में भी मदद मिलेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के इस कदम से इंडस टावर्स जैसी टावर कंपनियों की चिंताएं भी दूर हो गई हैं।
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने रविवार को एक नियामकीय सूचना में कहा था कि सरकार ने स्पेक्ट्रम नीलामी की बकाया राशि के बदले 36,950 करोड़ रुपये मूल्य के नए शेयरों के अधिग्रहण के साथ कंपनी में हिस्सेदारी बढ़ाकर 48.99 प्रतिशत करने पर सहमति जता दी है। सरकार वर्तमान में 22.6 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ इसकी सबसे बड़ी शेयरधारक है।
वोडाफोन आइडिया ने कहा कि उसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) एवं अन्य प्राधिकरणों से आवश्यक आदेश जारी होने के बाद 30 दिन के भीतर 10 रुपये के अंकित मूल्य वाले 3,695 करोड़ इक्विटी शेयर 10 रुपये के निर्गम मूल्य पर जारी करने का निर्देश दिया गया है।
इसके साथ ही वोडाफोन आइडिया ने कहा कि उसके प्रवर्तकों के पास कंपनी का परिचालन नियंत्रण बना रहेगा।
ब्रोकरेज फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘हम इसे बहुत ही समय पर सरकार द्वारा समर्थन का एक बड़ा कदम मानते हैं, जो अगले तीन वर्षों में वीआईएल को महत्वपूर्ण नकदी प्रवाह में राहत प्रदान करेगा और इसे अपने बैंक ऋण जुटाने में मदद करेगा।’’
सिटी ने इसे ‘महत्वपूर्ण विकास’ बताते हुए कहा, ‘‘स्पेक्ट्रम बकाया को इक्विटी में बदलने से वोडाफोन आइडिया का कुल शुद्ध ऋण लगभग 18 प्रतिशत कम हो जाएगा। हमारा अनुमान है कि कंपनी का अगले तीन वित्त वर्षों में देय स्पेक्ट्रम बकाया 11,000/ 25,000/ 25,000 करोड़ रुपये से घटकर लगभग 500/5,000/15,000 करोड़ रुपये हो सकता है। इस तरह अगले तीन वर्षों में 40,000 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी प्रवाह राहत मिलेगी।’’
हालांकि, सिटी ने कहा कि वर्ष 2021 के बाद मिले स्पेक्ट्रम के लिए लगभग 2,200 करोड़ रुपये का वार्षिक स्पेक्ट्रम भुगतान और 16,500 करोड़ रुपये का वार्षिक समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) भुगतान देय रहेगा।
सिटी ने कहा कि इस राहत से वीआईएल को बैंकों से लंबे समय से विलंबित ऋण जुटाने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के एक कदम और करीब पहुंचने में मदद मिलेगी। इसके अलावा चुनिंदा शहरों में 5जी सेवाओं की पेशकश से कंपनी के बारे में बनी धारणा सुधारने में भी मदद मिलनी चाहिए।
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