अर्थतंत्र की खबरे: अमेरिकी फेड के फैसले से भारतीय शेयर बाजार पर क्या रहा असर और भारत में औसत डेटा खपत पर आई अपडेट

बाजार में तेजी की वजह अमेरिकी फेड के बयान को माना जा रहा है, जिसमें कहा गया कि इस वर्ष आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है। ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के चलते बढ़ी महंगाई काफी सीमित समय के लिए होगी।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र हरे निशान में बंद हुए। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 899 अंक या 1.19 प्रतिशत बढ़कर 76,348.06 और निफ्टी 283.05 अंक या 1.24 प्रतिशत बढ़कर 23,190.65 पर था।

बाजार में तेजी की वजह अमेरिकी फेड के बयान को माना जा रहा है, जिसमें कहा गया कि इस वर्ष आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है। ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के चलते बढ़ी महंगाई काफी सीमित समय के लिए होगी।

बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई। लार्जकैप के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप भी हरे निशान में बंद हुए। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 327.30 अंक या 0.64 प्रतिशत की तेजी के साथ 51,144 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 110.45 अंक या 0.70 प्रतिशत की बढ़त के साथ 15,858.04 पर बंद हुआ।

सेक्टोरल आधार पर ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी और प्राइवेट बैंक समेत सभी इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए हैं।

सेंसेक्स पैक में भारती एयरटेल, टाइटन, टीसीएस, एचयूएल, इन्फोसिस, नेस्ले, एमएंडएम, एचडीएफसी बैंक, सन फार्मा, टाटा मोटर्स, पावर ग्रिड, कोटक महिंद्रा बैंक और आईसीआईसीआई बैंक टॉप गेनर्स थे। इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप लूजर्स थे।

आशिका इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के टेक्निकल और डेरिवेटिव विश्लेषक, सुंदर केवट ने कहा कि सकारात्मक वैश्विक संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार सकारात्मक बंद हुआ है। आज की रैली की वजह अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती के संकेत देना था, जिससे वैश्विक बाजारों में रुझान सकारात्मक हुआ है।

भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत सकारात्मक हुई थी। सुबह करीब 9.27 बजे सेंसेक्स 454.70 अंक या 0.60 प्रतिशत बढ़कर 75,903.75 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 133.40 अंक या 0.58 प्रतिशत बढ़कर 23,041 पर था।

विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 19 मार्च को 1,096.50 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन 2,140.76 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

ईपीएफओ से जनवरी में जुड़े 17.89 लाख सदस्य

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने गुरुवार को ऐलान किया कि इस साल जनवरी में संगठन से 17.89 लाख सदस्यों के जुड़े हैं। यह आंकड़ा दिसंबर 2024 के मुकाबले मासिक आधार पर 11.48 प्रतिशत अधिक है।

ईपीएफओ के आधिकारिक बयान के अनुसार, पेरोल में जनवरी 2024 के मुकाबले 11.67 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यह दिखाता है कि कर्मचारी फायदों को लेकर पहले के मुकाबले जागरूकता बढ़ी है।

जनवरी 2025 में ईपीएफओ से करीब 8.23 लाख नए सब्सक्राइबर्स जुड़े हैं, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 1.87 प्रतिशत अधिक है।

आंकड़ों में गौर करने वाली बात यह है कि 18-25 आयु वर्ग का प्रभुत्व लगातार बना हुआ है। जनवरी 2025 में इस आयु वर्ग के 4.70 लाख नए सदस्य जुड़े हैं, जो समीक्षा अवधि में जोड़े गए कुल नए सदस्यों का 57.07 प्रतिशत है। इस महीने में जोड़े गए 18-25 आयु वर्ग के नए सदस्यों की संख्या पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 3.07 प्रतिशत अधिक है।

इसके अलावा, जनवरी 2025 के लिए 18-25 आयु वर्ग के लिए शुद्ध पेरोल वृद्धि लगभग 7.27 लाख है, जो दिसंबर 2024 के पिछले महीने की तुलना में 6.19 प्रतिशत अधिक और जनवरी 2024 की तुलना में 8.15 प्रतिशत की अधिक है।

पेरोल डेटा के लिंग-वार विश्लेषण के मुताबिक, महीने के दौरान जोड़े गए कुल नए सदस्यों में से लगभग 2.17 लाख महिलाएं हैं। यह आंकड़ा जनवरी 2024 की तुलना में 6.01 प्रतिशत की सालाना वृद्धि को दर्शाता है।

बयान में आगे कहा गया कि महीने के दौरान शुद्ध महिला पेरोल वृद्धि लगभग 3.44 लाख रही, जो दिसंबर 2024 की तुलना में 13.48 प्रतिशत और जनवरी 2024 की तुलना में 13.58 प्रतिशत अधिक है।

इसके अतिरिक्त, सरकार ईपीएफओ में क्लेम को सुविधाजनक बनाने के लिए लगातार काम कर रही है।

ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष में (6 मार्च तक) रिकॉर्ड 2.16 करोड़ ऑटो क्लेम का सेटलमेंट किया है। पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 89.52 लाख था।


भारत में औसत डेटा खपत बढ़कर 27.5 जीबी हुई, 5जी ट्रैफिक बढ़कर 3 गुना हुआ

भारत में प्रति यूजर औसत मासिक डेटा खपत 2024 में बढ़कर 27.5 जीबी हो गई है, जो पिछले पांच वर्षों में 19.5 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) को दर्शाती है। यह जानकारी गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।

रिपोर्ट में बताया गया कि 5जी फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (एफडब्ल्यूए) के निरंतर बढ़ने से डेटा उपयोग में वृद्धि हो रही है, एफडब्ल्यूए यूजर्स अब औसत मोबाइल डेटा यूजर्स की तुलना में 12 गुना अधिक डेटा का उपभोग कर रहे हैं, यह बदलाव आवासीय और व्यावसायिक दोनों ही क्षेत्रों में नई सेवाओं के कारण हो रहा है।

नोकिया के वार्षिक मोबाइल ब्रॉडबैंड इंडेक्स (एमबीआईटी) के अनुसार, देश भर में मासिक 5जी डेटा ट्रैफिक तीन गुना बढ़ गया है और 2026 की पहली तिमाही तक यह 4जी से अधिक हो जाएगा।

रिपोर्ट में कहा गया कि 5जी डेटा खपत में वृद्धि का नेतृत्व कैटेगरी बी और सी सर्किल्स के द्वारा किया जा रहा है। इन सर्किल्स में डेटा खपत 3.4 गुना और 3.2 गुना बढ़ी है।

इन सर्किल्स में 5जी नेटवर्क का विस्तार इस वृद्धि का एक प्रमुख कारण रहा है। मेट्रो सर्किलों में 5जी डेटा उपयोग अब कुल मोबाइल ब्रॉडबैंड डेटा का 43 प्रतिशत है, जो 2023 में 20 प्रतिशत था, जबकि 4जी डेटा वृद्धि में गिरावट आ रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 5जी डिवाइस इकोसिस्टम में तेजी से बदलाव आ रहा है। एक्टिव 5जी डिवाइस की संख्या 2024 में सालाना आधार पर दोगुनी होकर 27.1 करोड़ हो गई है।

रिपोर्ट में कहा गया कि यह ट्रेंड आने वाले समय में बढ़ने वाला है। 2025 में करीब 90 प्रतिशत स्मार्टफोन 5जी सक्षम होने वाले हैं।

रिपोर्ट में बताया गया कि 5जी एडवांस्ड की क्षमताएं 6जी में बदलाव के लिए आधार का काम करेंगी।

सोने में तीन दिन से जारी तेजी थमी, 300 रुपये टूटकर 91,650 पर, चांदी में भी गिरावट

वैश्विक स्तर पर बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में गिरावट के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में भी सोने में तेजी का सिलसिला थम गया। स्थानीय बाजार में बृहस्पतिवार को सोना 300 रुपये की गिरावट के साथ 91,650 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी।

बुधवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 700 रुपये की तेजी के साथ 91,950 रुपये प्रति 10 ग्राम के अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर बंद हुआ था।

99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना, जो पिछले सत्र में 91,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था, बृहस्पतिवार को 300 रुपये की गिरावट के साथ 91,200 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया।

चांदी की कीमत भी बुधवार के बंद स्तर 1,03,500 रुपये प्रति किलोग्राम से 1,500 रुपये की गिरावट के साथ 1,02,000 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। बुधवार को चांदी भी सर्वकालिक उच्चस्तर पर बंद हुई थी।

इससे पिछले तीन सत्रों में सोना 2,500 रुपये प्रति 10 ग्राम बढ़कर अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था, जबकि चांदी इस दौरान 2,300 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़कर अपने नए शिखर पर पहुंची थी।

वैश्विक बाजारों में बृहस्पतिवार को हाजिर सोना 14.44 डॉलर की गिरावट के साथ 3,033.35 डॉलर प्रति औंस रह गया। सुबह के कारोबार में यह 3,057.36 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।

इसी तरह, अप्रैल डिलिवरी के लिए कॉमेक्स सोना वायदा 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,038 डॉलर प्रति औंस रह गया। सत्र के दौरान इसने 3,065.09 डॉलर प्रति औंस के नए शिखर को छुआ।

कोटक सिक्योरिटीज ने एक परिपत्र में कहा, ‘‘कॉमेक्स सोना वायदा प्रति औंस 3,065.2 अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो बाद में घटकर 3,042 अमेरिकी डॉलर के आसपास आ गया, फिर भी बढ़त बरकरार रही।’’

उसने कहा, ‘‘कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब स्थिर हैं, क्योंकि यह भू-राजनीतिक तनावों के बीच मजबूत सुरक्षित-परिसंपत्ति की मांग से समर्थित है।’’

अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चिंतन मेहता के अनुसार, बाजार प्रतिभागी श्रम बाजार की ताकत का आकलन करने के लिए बृहस्पतिवार को जारी होने वाले अमेरिकी साप्ताहिक बेरोजगारी दावों पर बारीकी से नजर रखेंगे।

मेहता ने कहा, ‘‘निवेशक वाशिंगटन में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल की प्रेस कॉन्फ्रेंस से भी जानकारी प्राप्त करेंगे।’’


आरबीआई ने इंद्रनील भट्टाचार्य को कार्यकारी निदेशक किया नियुक्त

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इंद्रनील भट्टाचार्य को कार्यकारी निदेशक (ईडी) नियुक्त करने की बृहस्पतिवार को घोषणा की।

आरबीआई की ओर से जारी बयान के अनुसार, कार्यकारी निदेशक के रूप में भट्टाचार्य आर्थिक एवं नीति अनुसंधान विभाग का कार्यभार संभालेंगे। भट्टाचार्य की नियुक्ति 19 मार्च से प्रभावी है।

कार्यकारी निदेशक के रूप में पदोन्नति से पहले, भट्टाचार्य आरबीआई के मौद्रिक नीति विभाग में सलाहकार के रूप में कार्यरत थे।

उन्होंने करीब तीन दशक की अवधि में मौद्रिक नीति विभाग, आर्थिक व नीति अनुसंधान विभाग और आरबीआई के अंतरराष्ट्रीय विभाग में मौद्रिक नीति, राजकोषीय नीति, बैंकिंग तथा अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंधों के क्षेत्रों में काम किया है।

उन्होंने कतर सेंट्रल बैंक (दोहा) कतर में गवर्नर के तकनीकी कार्यालय में पांच वर्ष (2009-14) तक आर्थिक विशेषज्ञ के रूप में भी काम किया है।

भट्टाचार्य ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (नई दिल्ली) से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि मुख्य रूप से मौद्रिक सिद्धांत व नीति, वित्तीय बाजार, बाजार सूक्ष्म संरचना और राजकोषीय नीति में उनकी रुचि है।

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