अर्थतंत्र की खबरें: पेट्रोल, डीजल भी GST के दायरे में होंगे? और अब कर्ज के लिए बैंकों की ओर लौट सकती हैं कंपनियां
पेट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में आएगा या नहीं, इसका जवाब सामने आ गया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि फिलहाल इन्हें जीएसटी के अंतर्गत लाना संभव नहीं है।

पेट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि फिलहाल इन्हें जीएसटी के अंतर्गत लाना संभव नहीं है।
सवाल पूछे जाने पर कि क्या पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए, अग्रवाल ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर फिलहाल केंद्रीय उत्पाद शुल्क और मूल्य वर्धित कर (वैट) लगता है और इन दोनों पेट्रोलियम पदार्थों से राज्यों को वैट के रूप में और केंद्र सरकार को केंद्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में अच्छा-खासा राजस्व प्राप्त होता है।
उन्होंने आगे कहा, "राजस्व संबंधी प्रभावों को देखते हुए, इन वस्तुओं को फिलहाल जीएसटी के दायरे में लाना संभव नहीं है।"
सीबीआईसी चेयरमैन ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते कहा था कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी परिषद के प्रस्ताव में शामिल नहीं किया है। उस दौरान वित्त मंत्री ने कहा था कि कानूनी तौर पर हम तैयार हैं, लेकिन यह फैसला राज्यों को लेना होगा।
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को लेकर उम्मीदें बढ़ने से सेंसेक्स 324 अंक चढ़ा, निफ्टी भी मजबूत
स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को तेजी जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 324 अंक चढ़ गया जबकि एनएसई निफ्टी 104 अंक के लाभ में रहा। भारत-अमेरिकी के बीच व्यापार वार्ता सफल होने की उम्मीद फिर से बंधने से बाजार में तेजी रही।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 323.83 अंक यानी 0.40 प्रतिशत चढ़कर 81,425.15 अंक पर बंद हुआ। यह लगातार तीसरा दिन है जब सेंसेक्स में तेजी रही। कारोबार के दौरान, यह 542.56 अंक तक चढ़ गया था। पचास शेयरों पर आधारित निफ्टी में लगातार छठे दिन तेजी रही और यह 104.50 अंक यानी 0.42 प्रतिशत बढ़कर 24,973.10 अंक पर पहुंच गया।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स 4.26 प्रतिशत चढ़ा। एचसीएल टेक 2.57 प्रतिशत, बजाज फाइनेंस 2.19 प्रतिशत और टीसीएस 1.99 प्रतिशत मजबूत हुआ। इसके अलावा टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, एक्सिस बैंक और भारतीय स्टेट बैंक प्रमुख रूप से लाभ में रहें।
दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति, टाटा मोटर्स और अल्ट्राटेक सीमेंट शामिल हैं।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों में आई कड़वाहट दूर होने का संकेत दिया है। ट्रंप ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता के किसी ‘सफल निष्कर्ष’ पर पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं होगी।
अब कर्ज के लिए बैंकों की ओर लौट सकती हैं कंपनियां : एसबीआई अधिकारी
एसबीआई के प्रबंध निदेशक (अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग और वैश्विक) राम मोहन राव अमारा ने कहा कि कंपनियां अब अपनी ऋण की जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंकों की ओर रुख कर रही हैं।
अमारा ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने देखा है कि वर्तमान तिमाही में ऋण पत्र (डेट पेपर) के निकलने की मात्रा में कमी आई है। पहली तिमाही में तीन लाख करोड़ रुपये के निकले हुए थे, जो अब कम हो गए हैं क्योंकि प्रतिफल बढ़ रहे हैं।’’
आरबीआई ने यस बैंक के निदेशक मंडल में बदलाव का मंजूरी दी
यस बैंक ने बुधवार को कहा कि आरबीआई ने बोर्ड में नामित निदेशकों की नियुक्ति के संबंध में बैंक के गठन और कामकाज से जुड़े नियमों में प्रस्तावित बदलावों को मंजूरी दे दी है।
ये बदलाव सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (एसएमबीसी) के दो नामित निदेशकों और एसबीआई के एक नामित निदेशक को बोर्ड में नामित करने से संबंधित हैं। बोर्ड में ये बदलाव जापान के एसएमबीसी द्वारा यस बैंक में एसबीआई और अन्य सात बैंकों की हिस्सेदारी हासिल करने के बाद प्रभावी होंगे।
यस बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि बैंक को गठन और कामकाज से जुड़े नियमों (आर्टिकल ऑफ एसोसएिशन-एओए) में प्रस्तावित संशोधनों के लिए नौ सितंबर, 2025 के पत्र के माध्यम से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से मंजूरी मिल गई है।
यस बैंक ने नौ माई खुलासा किया था कि एसएमबीसी ने 20 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की योजना बनाई है। इसमें भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से 13.19 प्रतिशत और सात अन्य बैंकों... एक्सिस बैंक, बंधन बैंक, फेडरल बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक से 6.81 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है।
इस महीने की शुरुआत में, प्रस्तावित सौदे को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मंजूरी मिल गई थी।
रुपया चार पैसे चढ़कर 88.11 प्रति डॉलर पर
विदेशी संस्थागत निवेशकों के मजबूत प्रवाह और डॉलर की कमजोरी के बीच रुपये ने बुधवार को अपने रिकॉर्ड निचले स्तर से थोड़ी मजबूती दिखाई और चार पैसे चढ़कर 88.11 रुपये प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में गतिरोध दूर होने के संकेत और घरेलू शेयर बाजार में सकारात्मक रुझान से रुपये को समर्थन मिला। हालांकि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने मजबूती को सीमित रखा।
अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये 88.14 प्रति डॉलर के भाव पर खुला और 88.06–88.19 के सीमित दायरे में कारोबार करने के बाद 88.11 (अस्थायी) के भाव पर बंद हुआ। यह पिछले बंद भाव के मुकाबल चार पैसे की मजबूती है।
मंगलवार को रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर 88.15 तक गिर गया था। शुक्रवार को रुपये ने अपने अब तक के सबसे निचले स्तर 88.38 पर पहुंचा था।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, "रुपया एक दायरे में बना रहा। रिजर्व बैंक डॉलर के 88.20-88.30 स्तर पर विक्रेता के रूप में मौजूद रहा जिससे विनिमय भाव दायरे में रहा।"
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