अर्थजगतः ओला इलेक्ट्रिक का नुकसान बढ़कर 564 करोड़ रुपये हुआ और बैंक यूनियनों की 24 मार्च से दो दिन की हड़ताल

सूचना प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता कंपनी इन्फोसिस ने 300 से अधिक पहली बार नौकरी करने वाले फ्रेशर्स को नौकरी से निकाल दिया है। आरबीआई द्वारा रेपो दर में कटौती के बावजूद शेयर बाजार शुक्रवार को नुकसान में रहा और सेंसेक्स 198 अंक टूट गया।

ओला इलेक्ट्रिक का नुकसान बढ़कर 564 करोड़ रुपये हुआ और बैंक यूनियनों की 24 मार्च से दो दिन की हड़ताल
ओला इलेक्ट्रिक का नुकसान बढ़कर 564 करोड़ रुपये हुआ और बैंक यूनियनों की 24 मार्च से दो दिन की हड़ताल
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नवजीवन डेस्क

ओला इलेक्ट्रिक का नुकसान बढ़कर 564 करोड़ रुपये हुआ

भाविष अग्रवाल के नेतृत्व वाली ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही के नतीजे पेश किए। अक्टूबर-दिसंबर अवधि में कंपनी का घाटा बढ़कर 564 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के 495 करोड़ रुपये के घाटे के मुकाबले 13.94 प्रतिशत अधिक है। ओला इलेक्ट्रिक के घाटे में सालाना आधार पर 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में कंपनी को 376 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।

स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने बताया कि नुकसान बढ़ने की वजह बाजार में बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी की ऑपरेशन से आय सालाना आधार पर 19.36 प्रतिशत घटकर 1,045 करोड़ रुपये हो गई है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,296 करोड़ रुपये थी। दिसंबर तिमाही में ऑपरेशनल स्तर पर कंपनी का एबिटा नुकसान बढ़कर 460 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 301 करोड़ रुपये था।

ओला इलेक्ट्रिक की ओर से बताया गया कि कंपनी ने सर्विस से जुड़े हुए मुद्दों को सुलझा लिया है और नेटवर्क में भी विस्तार कर लिया है। अब समय मार्केट शेयर और मार्जिन को बढ़ाने का है। फाइलिंग में कंपनी ने कहा कि वित्तीय चुनौतियों के बावजूद वह इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन सेगमेंट में अपना विस्तार जारी रखेगी। वित्त वर्ष 25 में कंपनी का प्रदर्शन लगातार कमजोर बना हुआ है। वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में कंपनी की आय तिमाही आधार पर 26.1 प्रतिशत गिरकर 1,644 करोड़ रुपये रह गई थी, जो कि वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में 1,214 करोड़ रुपये थी। नतीजों के ऐलान के बाद ओला इलेक्ट्रिक के शेयर में बड़ी गिरावट हुई है और यह 3.35 प्रतिशत गिरकर 69.43 रुपये पर बंद हुआ।

बैंक यूनियनों का 24 मार्च से दो दिन की हड़ताल का आह्वान

बैंक यूनियनों ने पांच दिन के कार्य सप्ताह और सभी संवर्गों में पर्याप्त भर्ती समेत विभिन्न मांगों को लेकर 24 मार्च से दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। नौ बैंक कर्मचारी संघों के संयुक्त संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) द्वारा आहूत हड़ताल का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में कर्मचारी/अधिकारी निदेशकों के पदों को भरना भी है। यूएफबीयू ने शुक्रवार को बयान में कहा कि उचित चर्चा और विचार-विमर्श के बाद 24 और 25 मार्च, 2025 को लगातार दो दिन की हड़ताल के साथ एक आंदोलन कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

इसके अलावा, यूएफबीयू ने प्रदर्शन समीक्षा और प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहनों पर वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के हालिया निर्देशों को तत्काल वापस लेने की मांग की है, जो ‘नौकरी की सुरक्षा को खतरा पहुंचाते हैं और कर्मचारियों के बीच विभाजन पैदा करते हैं।’ यूएफबीयू ने आरोप लगाया कि डीएफएस द्वारा नीतिगत मामलों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सूक्ष्म प्रबंधन से संबंधित बोर्ड की स्वायत्तता कमजोर हुई है।

इसमें भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के साथ लंबित शेष मुद्दों के समाधान की भी मांग की गई तथा सरकारी कर्मचारियों की योजना की तर्ज पर ग्रैच्युटी अधिनियम में संशोधन कर इसकी सीमा बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने तथा आयकर से छूट देने की भी मांग की गई। यूएफबीयू के सदस्यों में अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी), राष्ट्रीय बैंक कर्मचारी परिसंघ (एनसीबीई), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओए) और भारतीय बैंक कर्मचारी परिसंघ (बीईएफआई) शामिल हैं।


इन्फोसिस ने 300 से अधिक नए कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा प्रदाता कंपनी इन्फोसिस ने 300 से अधिक नए लोगों (पहली बार नौकरी करने वाले-फ्रेशर्स) को नौकरी से निकाल दिया है। सूत्रों के अनुसार, इन कर्मचारियों ने कंपनी के मैसुरु परिसर में शुरुआती प्रशिक्षण लिया था, लेकिन तीन प्रयासों के बाद भी वे आंतरिक मूल्यांकन में उत्तीर्ण नहीं हो पाए। हालांकि, आईटी कर्मचारी यूनियन एनआईटीईएस ने कहा कि इस कदम से प्रभावित होने वाले नए कर्मचारियों की संख्या बहुत अधिक है। यूनियन ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के समक्ष आधिकारिक शिकायत दर्ज कर कंपनी के खिलाफ तत्काल हस्तक्षेप और सख्त कार्रवाई की मांग करने की धमकी दी है।

इस संबंध में भेजे गए ई-मेल के जवाब में बेंगलुरु मुख्यालय वाली आईटी सेवा कंपनी ने कहा, “इन्फोसिस में हमारी नियुक्ति प्रक्रिया बहुत सख्त है, जिसमें सभी नए कर्मचारियों को हमारे मैसुरु परिसर में व्यापक आधारभूत प्रशिक्षण लेने के बाद आंतरिक मूल्यांकन में सफल होने की उम्मीद होती है।” कंपनी ने कहा कि सभी नए कर्मचारियों को मूल्यांकन में सफल होने के लिए तीन मौके मिलते हैं, जिसमें विफल होने पर वे संस्थान में बने नहीं रह पाएंगे। कंपनी ने कहा कि यह उपनियम ‘उनके अनुबंध में भी उल्लिखित है।’ इन्फोसिस ने कहा, “यह प्रक्रिया दो दशक से अधिक समय से अस्तित्व में है और हमारे ग्राहकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली प्रतिभा की उपलब्धता सुनिश्चित करती है।” घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि प्रभावित नए लोगों की संख्या 300 से कुछ अधिक है।

फोनपे 'खाता एग्रीगेशन' कारोबार से बाहर निकली

देश की सबसे बड़ी वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनी फोनपे ने शुक्रवार को कहा कि वह ‘खाता एग्रीगेशन’ (एए) कारोबार से बाहर निकल गई है। कंपनी ने कहा कि वह उम्मीद के मुताबिक सेवाएं देने के लिए पर्याप्त साझेदार नहीं जोड़ सकी, इसलिए यह फैसला किया गया।फोनपे ने कहा कि उसने आरबीआई को एनबीएफसी-एए लाइसेंस सौंपने का फैसला किया है, और वह एए संचालन को बंद कर देगी। एए लाइसेंस से कंपनी को उपयोगकर्ताओं की सहमति से उनकी वित्तीय जानकारी हासिल करने, और ऋण, क्रेडिट कार्ड जैसी वित्तीय सेवाएं देने के लिए बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों के साथ उसे साझा करने की अनुमति मिली थी।

फोनपे ने कहा, ‘‘हमें गर्व है कि हम दो साल से भी कम समय में अपने एए मंच पर लगभग पांच करोड़ भारतीयों को पंजीकृत करने में कामयाब रहे हैं। हालांकि, प्रतिस्पर्धी प्राथमिकताओं के कारण, हम अपने मंच पर उतने वित्तीय सूचना प्रदाताओं (एफआईपी) को शामिल नहीं कर पाए हैं, जितने हम चाहते थे। इसलिए फोनपे समूह ने खाता एग्रीगेटर व्यवसाय से बाहर निकलने का फैसला किया है। इसके बजाय हम बाजार में दूसरे एए के साथ साझेदारी करेंगे।'' वॉलमार्ट समूह की इस कंपनी को जून, 2023 में एए लाइसेंस मिला था। कंपनी ने कहा कि वह जल्द ही अपने एए उपयोगकर्ता आधार से संपर्क करेगी और उन्हें इस फैसले के बारे में बताएगी और नियामकीय दिशानिर्देशों के अनुरूप उनकी मदद करेगी।


ब्याज दर कटौती से भी नहीं सुधरा बाजार, सेंसेक्स 198 अंक फिसला

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की घोषणा से स्थानीय शेयर बाजार निष्प्रभावी रहे और विदेशी कोषों की निकासी के बीच शुक्रवार को सेंसेक्स 198 अंक टूट गया। वहीं निफ्टी में 43 अंक का नुकसान रहा। बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 197.97 अंक यानी 0.25 प्रतिशत गिरकर 77,860.19 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 582.42 अंक गिरकर 77,475.74 अंक पर आ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी भी 43.40 अंक यानी 0.18 प्रतिशत गिरकर 23,559.95 अंक पर आ गया।

यह शेयर बाजार में गिरावट का लगातार तीसरा दिन रहा। इस तरह कारोबारी सप्ताह का समापन नकारात्मक दायरे में हुआ। सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से आईटीसी के शेयर में दो प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। दरअसल, दिसंबर तिमाही के लिए कंपनी के एकीकृत शुद्ध लाभ में 7.27 प्रतिशत की गिरावट आने से निवेशकों की धारणा कमजोर हुई।

इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक, अदाणी पोर्ट्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और पावरग्रिड के शेयर भी गिरावट के साथ बंद हुए। दूसरी तरफ, टाटा स्टील के शेयर में चार प्रतिशत से अधिक की तेजी दर्ज की गई। भारती एयरटेल का शेयर भी कंपनी का शुद्ध लाभ पांच गुना बढ़ने के बाद करीब चार प्रतिशत की उछाल दर्ज करने में सफल रहा। इसके अलावा जोमैटो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट और टेक महिंद्रा के शेयर भी बढ़त के साथ बंद हुए।

राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल टैक्स में लोगों को जल्द मिलेगी राहत

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलने वाले वाहनों पर लगने वाले टोल पर यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर यूजर्स को लाभ पहुंचाने के लिए एक यूनिफॉर्म टोल नीति पर काम कर रही है। गडकरी ने कहा, "हमारी रिसर्च पूरी हो चुकी है और स्कीम की जल्द घोषणा की जाएगी।" केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू करने पर काम कर रही है। इससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात का प्रवाह सुगम होगा। गडकरी ने स्वीकार किया कि सोशल मीडिया पर टोल कलेक्शन को लेकर उन पर मीम्स बन रहे हैं।

इंटरव्यू में गडकरी ने कहा, "सोशल मीडिया पर कई लोग ट्रोल कर रहे हैं। कुछ लोग टोल को लेकर गुस्सा भी हैं। मैं बस यह कहना चाहता हूं कि टोल को लेकर ये गुस्सा कुछ दिनों में समाप्त हो जाएगा।" भारत के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है। देश में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 1,46,195 किमी है। देश का टोल कलेक्शन 2023-24 में 64,809 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है।

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