अर्थजगतः रुपया 4 पैसे गिरकर 85.52 प्रति डॉलर पर पहुंचा और अडानी विल्मर में अपना पूरा हिस्सा बेचेगा अडानी समूह

भारतीय शेयर बाजार सोमवार को लाल निशान में बंद हुआ। सेंसेक्स 450.94 अंक और निफ्टी 168.50 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ। सेबी ने टावर इन्फोटेक तथा विबग्योर ग्रुप ऑफ कंपनीज सहित कुल नौ कंपनियों की 23 संपत्तियों की नीलामी फरवरी में करने की घोषणा की है।

रुपया 4 पैसे गिरकर 85.52 प्रति डॉलर पर पहुंचा और अडानी विल्मर में अपना पूरा  हिस्सा बेचेगा अडानी समूह
रुपया 4 पैसे गिरकर 85.52 प्रति डॉलर पर पहुंचा और अडानी विल्मर में अपना पूरा हिस्सा बेचेगा अडानी समूह
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नवजीवन डेस्क

रुपये में गिरावट जारी, 4 पैसे गिरकर 85.52 प्रति डॉलर पर पहुंचा

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया चार पैसे की गिरावट के साथ 85.52 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर आ गया। आयातकों की डॉलर मांग, विदेशी कोषों की निकासी और घरेलू शेयरों में कमजोरी के रुख ने निवेशकों की कारोबारी धारणा को प्रभावित किया। बाजार सूत्रों ने कहा कि दिसंबर मुद्रा वायदा अनुबंध की समाप्ति से जुड़ी महत्वपूर्ण डॉलर मांग के बीच शुक्रवार और सोमवार को रुपये में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया कमजोर रुख के साथ खुला और अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले दिन के दौरान 85.59 के निचले स्तर और 85.43 के उच्चतम स्तर तक गया। कारोबार के अंत में रुपया 85.52 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद के मुकाबले चार पैसे की गिरावट है। शुक्रवार को रुपया लगभग दो साल में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज करते हुए 85.80 के अपने जीवनकाल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया, जिसके बाद केंद्रीय बैंक के संभावित हस्तक्षेप ने इसके कुछ नुकसान की भरपाई की और यह डॉलर के मुकाबले 21 पैसे की गिरावट के साथ 85.48 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ।

अडानी विल्मर में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगा अडानी समूह

अडानी समूह ने सोमवार को अपनी संयुक्त उद्यम कंपनी अडानी विल्मर से बाहर निकलने की घोषणा की। उद्योगपति गौतम अडानी की अगुवाई वाला समूह अपनी पूरी हिस्सेदारी सिंगापुर की भागीदार कंपनी विल्मर इंटरनेशनल और खुले बाजार में दो अरब डॉलर से अधिक में बेच रहा है। अडानी एंटरप्राइजेज लि. ने बयान में कहा कि वह 31.06 प्रतिशत हिस्सेदारी विल्मर इंटरनेशनल को बेचेगी। साथ ही न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 13 प्रतिशत हिस्सेदारी खुले बाजार में बेचेगी। संयुक्त उद्यम में अडानी विल्मर की हिस्सेदारी 43.94 प्रतिशत है।

समूह 31.06 प्रतिशत हिस्सेदारी विल्मर को 12,314 करोड़ रुपये (305 रुपये प्रति शेयर के भाव पर) पर बेचेगा। इसके अलावा बिक्री पेशकश के तहत शेष हिस्सेदारी बेची जाएगी। कुल सौदा राशि दो अरब डॉलर (करीब 17,100 करोड़ रुपये) से अधिक होगी। बयान के अनुसार, ‘‘इसके साथ, अडानी एंटरप्राइजेज अडानी विल्मर लि. से पूरी तरह बाहर निकल जाएगी। अडानी विल्मर में अडानी की तरफ से नामित निदेशक बोर्ड से हट जाएंगे।’’ सौदा 31 मार्च, 2025 से पहले पूरा होने की संभावना है। हिस्सेदारी बिक्री से प्राप्त आय का उपयोग मुख्य बुनियादी ढांचा कारोबार में अडानी एंटरप्राइजेज लि. (एईएल) की वृद्धि को गति देने के लिए किया जाएगा।


शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 450.94 और निफ्टी 168.50 अंक गिरकर बंद हुआ

भारतीय शेयर बाजार सोमवार को लाल निशान में बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी, वैश्विक संकेतों और कमजोर होते रुपये के कारण निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई, जिसका असर बाजार में गिरावट के रूप में देखने को मिला। सेंसेक्स 450.94 अंक या 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 78,248.13 पर बंद हुआ और निफ्टी 168.50 अंक या 0.71 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,644.9 पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक 358.55 अंक या 0.70 प्रतिशत की गिरावट के साथ 50,952.75 पर बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 209.95 अंक या 0.37 प्रतिशत की बढ़त के साथ 57,189.75 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 115.90 अंक या 0.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,639.95 पर बंद हुआ।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,486 शेयर हरे और 2,636 शेयर लाल निशान में बंद हुए, जबकि 145 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। सेक्टोरल फ्रंट पर निफ्टी के ऑटो, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विस, मेटल, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी, इंफ्रा और कमोडिटीज सेक्टर में बिकवाली देखी गई। वहीं, फार्मा, आईटी, एफएमसीजी और हेल्थकेयर सेक्टर में खरीदारी देखी गई। सेंसेक्स पैक में टाटा मोटर्स, टाइटन, एमएंडएम, टाटा स्टील, एसबीआई, एनटीपीसी, मारुति सुजुकी, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक टॉप लूजर्स रहे। जबकि, जोमैटो, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, सन फार्मा, इंडसइंड बैंक और एशियन पेंट्स टॉप गेनर्स रहे। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 84.84 पर स्थिर बंद हुआ।

सेबी फरवरी में नौ कंपनियों की 23 संपत्तियों की करेगा नीलामी

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने टावर इन्फोटेक तथा विबग्योर ग्रुप ऑफ कंपनीज सहित कुल नौ कंपनियों की 23 संपत्तियों की नीलामी फरवरी में करने की सोमवार को घोषणा की। इसका मकसद निवेशकों से अवैध रूप से एकत्र की गई धनराशि की वसूली करना है।इनके अलावा जीबीसी इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन, वारिस ग्रुप, पिनकॉन ग्रुप, कोलकाता वियर इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केडब्ल्यूआईएल), एनेक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडिया, आई-कोर ग्रुप और एमपीएस ग्रुप अन्य कंपनियां हैं जिनकी संपत्तियां नीलाम की जाएंगी।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बाजार नियामक ने कंपनियों की परिसंपत्तियों की बिक्री की प्रक्रिया शुरू की है। इन संपत्तियों को बेचने और निवेशकों को पैसे लौटाने के लिए न्यायमूर्ति शैलेंद्र प्रसाद तालुकदार की एक सदस्यीय समिति बनाई गई है। यह कदम निवेशकों का पैसा वसूलने के सेबी के प्रयास का हिस्सा है। सेबी ने संपत्तियों की बिक्री में सहायता के लिए एड्रोइट टेक्निकल सर्विसेज को नियुक्त किया है। समिति की ओर से सेबी बोलीदाताओं से संपत्तियों की बिक्री के लिए बोलियां आमंत्रित कर रहा है। नियामक ने कहा कि नीलामी छह फरवरी, 2025 को अपराह्न 11 बजे से दोपहर एक बजे तक ऑनलाइन आयोजित की जाएगी।


प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ने के साथ कंपनियों में 'खामोश छंटनी' बढ़ी

तेजी से प्रौद्योगिकी को अपनाने के साथ खामोश छंटनी यानी साइलेंट फायरिंग बढ़ी है। एक रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गई। कंपनियां जब कर्मचारियों को अप्रत्यक्ष रूप से उनकी भूमिका छोड़ने के लिए मजबूर करने की रणनीति अपनाती हैं, तो इसे खामोश छंटनी कहते हैं। कर्मचारी समाधान और मानव संसाधन सेवा प्रदाता जीनियस कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 प्रतिशत नियोक्ता अनावश्यक पदों के लिए छंटनी को प्राथमिकता दे रहे हैं।रिपोर्ट के मुताबिक, खामोश छंटनी अक्सर तकनीकी उन्नति के साथ जुड़ी होती है, जिसमें नियोक्ता बदलते कार्यस्थल के साथ तालमेल बैठाने के लिए विभिन्न रणनीतियों को अपनाते हैं।

जीनियस कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट एक सर्वेक्षण पर आधारित है, जिसमें 1,223 नियोक्ताओं और 1,069 कर्मचारियों से रायशुमारी की गई। साक्षात्कार में शामिल 79 प्रतिशत नियोक्ताओं ने कहा कि वे तकनीकी बदलावों के अनुकूल अपने मौजूदा कर्मचारियों का कौशल बढ़ाने को प्राथमिकता देते हैं। दूसरी ओर 10 प्रतिशत ने कहा कि वे अनावश्यक पदों के लिए छंटनी को प्राथमिकता देते हैं। इसमें कहा गया कि छह प्रतिशत नियोक्ता कम प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को अत्यधिक कार्यभार सौंपने की रणनीति अपनाते हैं, ताकि वे खुद काम छोड़ दें।

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