अर्थजगतः रुपये में बड़ी गिरावट, प्रति डॉलर 86.0 पर पहुंचा और भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.69 अरब डॉलर घटा

भारतीय शेयर बाजारों में लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को गिरावट रही और सेंसेक्स 241 अंक गिर गया जबकि निफ्टी 23500 के स्तर से नीचे आ गया। सुप्रीम कोर्ट ने कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को जारी 1.12 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी के 'कारण बताओ नोटिस' पर रोक लगा दी।

रुपये में बड़ी गिरावट, प्रति डॉलर 86.0 पर पहुंचा और भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.69 अरब डॉलर घटा
रुपये में बड़ी गिरावट, प्रति डॉलर 86.0 पर पहुंचा और भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.69 अरब डॉलर घटा
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नवजीवन डेस्क

रुपये में बड़ी गिरावट, प्रति डॉलर 86.0 पर पहुंचा

अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 14 पैसे टूटकर पहली बार 86.0 (अस्थायी) प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर के मजबूत रुख और विदेशी संस्थागत निवेशकों की भारी पूंजी निकासी से स्थानीय मुद्रा लगातार दबाव में है। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशों में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक धारणा के कारण भी भारतीय मुद्रा पर दबाव पड़ा। उन्होंने कहा कि साथ ही 20 जनवरी के बाद डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में नए अमेरिकी सरकार के प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों की आशंका के बीच मांग बढ़ने से डॉलर मजबूत हुआ है।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.88 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान यह 85.85 के उच्चतम स्तर पर पहुंचा हालांकि अंत में डॉलर के मुकाबले अबतक के निचले स्तर पर 86.00 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 14 पैसे की गिरावट है। रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.86 पर बंद हुआ था।

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.69 अरब डॉलर घटा

देश का विदेशी मुद्रा भंडार तीन जनवरी को समाप्त सप्ताह में 5.69 अरब डॉलर घटकर 634.58 अरब डॉलर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि इससे पिछले सप्ताह में यह 4.11 अरब अमेरिकी डॉलर घटकर 640.28 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था। विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले कुछ हफ्तों से गिरावट आ रही है। इस गिरावट का कारण रुपये में उतार-चढ़ाव को कम करने के लिए आरबीआई का विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के साथ-साथ मूल्यांकन को माना जा रहा है।

सितंबर के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 704.88 अरब अमेरिकी डॉलर के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। आरबीआई की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, तीन जनवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां 6.44 अरब डॉलर घटकर 545.48 अरब डॉलर रह गईं।

डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है। समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 82.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 67.09 अरब डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 5.8 करोड़ डॉलर घटकर 17.81 अरब डॉलर रहा। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास भारत का आरक्षित भंडार घटकर 4.199 अरब डॉलर हो गया।


शेयर बाजार लगातार तीसरे दिन गिरा, सेंसेक्स 241 अंक फिसला

वैश्विक शेयर बाजारों में कमजोर रुख के बीच घरेलू शेयर बाजारों में लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को गिरावट रही। निवेशकों के नए जोखिम से परहेज करने के कारण सेंसेक्स 241 अंक गिर गया जबकि निफ्टी 23,500 के स्तर से नीचे आ गया। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 241.30 अंक यानी 0.31 प्रतिशत गिरकर 77,378.91 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 77,919.70 के ऊपरी और 77,099.55 के निचले स्तर तक भी गया। इस तरह दिन में 820.15 अंकों का उतार-चढ़ाव देखने को मिला।बीएसई पर कुल 3,167 शेयरों में गिरावट रही जबकि 827 शेयर चढ़े और 84 अन्य में कोई बदलाव नहीं हुआ।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी 95 अंक यानी 0.40 प्रतिशत गिरकर 23,431.50 पर आ गया। इस तरह निफ्टी 23,500 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ।इसके साथ ही कारोबारी सप्ताह का समापन गिरावट के साथ हुआ। इस कारोबारी सप्ताह में सेंसेक्स में कुल 1,844.2 अंक यानी 2.32 प्रतिशत जबकि निफ्टी में 573.25 अंक यानी 2.38 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, सन फार्मा, एक्सिस बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, अदाणी पोर्ट्स और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में प्रमुख रूप से गिरावट रही। दूसरी तरफ, आईटी सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के शेयरों में करीब छह प्रतिशत की तेजी देखने को मिली। दिसंबर तिमाही में शुद्ध लाभ 11.95 प्रतिशत बढ़कर 12,380 करोड़ रुपये हो जाने के नतीजों ने टीसीएस के शेयरों में खरीदारी को बढ़ावा दिया। इसके अलावा टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, इन्फोसिस और बजाज फिनसर्व के शेयर भी बढ़त के साथ बंद हुए।

सुप्रीम कोर्ट से 'ऑनलाइन गेमिंग' सेक्टर को राहत, GST नोटिस पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को जारी किए गए 1.12 लाख करोड़ रुपये के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 'कारण बताओ नोटिस' पर रोक लगा दी, जिससे इस सेक्टर को अस्थायी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने मामले के अंतिम निपटारे तक डीजीजीआई द्वारा जारी सभी 'कारण बताओ नोटिस' के संबंध में आगे की सभी कार्यवाही पर रोक लगा दी। मामले की अंतिम सुनवाई 18 मार्च को तय की गई है। फैसले के बाद, स्टॉक एक्सचेंजों पर इंट्रा-डे ट्रेड के दौरान डेल्टा कॉर्प और नाजारा टेक जैसी गेमिंग कंपनियों के शेयरों में 7 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई।

ई-गेमिंग फेडरेशन (ईजीएफ) के सीईओ अनुराग सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई राहत का स्वागत किया। सक्सेना ने कहा, "यह सरकार और गेमिंग ऑपरेटर्स दोनों के लिए फायदेमंद है। गेमिंग ऑपरेटर्स के लिए जो जबरदस्ती की कार्रवाई का सामना कर रहे थे और सरकार के लिए जिसकी समयसीमा अब बढ़ाई जा सकती है। हम इस मुद्दे के निष्पक्ष और प्रगतिशील समाधान को लेकर आश्वस्त हैं, जिसके बाद हम गेमिंग सेक्टर में निवेश, रोजगार और वैल्यूएशन को अपनी पूरी क्षमता तक बढ़ते देखेंगे।"

डीजीजीआई ने 2023 में गेमिंग कंपनियों को 71 नोटिस भेजे, जिसमें उन पर 2022-23 और 2023-24 के पहले सात महीनों के दौरान 1.12 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी की चोरी करने का आरोप लगाया गया, जिसमें ब्याज और जुर्माना शामिल नहीं है। जीएसटी अधिनियम की धारा 74 के तहत नोटिस जारी किए गए थे, जो विभाग को कर मांग के 100 प्रतिशत तक का जुर्माना लगाने की अनुमति देता है और कुल देयता ब्याज सहित 2.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। अगस्त 2023 में, जीएसटी परिषद ने कानून में संशोधन किया, जिसमें कहा गया कि दांव लगाने वाले सभी ऑनलाइन गेम, स्किल या चांस की परवाह किए बिना, उसी वर्ष 1 अक्टूबर से लगाए गए दांव के पूरे मूल्य पर 28 प्रतिशत की जीएसटी दर लगेगी, न कि सकल गेमिंग राजस्व पर।


औद्योगिक उत्पादन नवंबर में 5.2 प्रतिशत बढ़ा

त्योहारी मांग और विनिर्माण क्षेत्र में तेजी के कारण देश में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) बीते साल नवंबर में 5.2 प्रतिशत बढ़कर छह महीने के उच्चतम स्तर पर रहा। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, नवंबर, 2023 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इससे पहले औद्योगिक उत्पादन में उच्चतम वृद्धि दर मई, 2024 में 6.3 प्रतिशत रही थी। जून में वृद्धि दर 4.9 प्रतिशत जबकि जुलाई में पांच प्रतिशत रही थी।

अगस्त में आईआईपी वृद्धि स्थिर रही थी लेकिन सितंबर में यह 3.1 प्रतिशत जबकि अक्टूबर में 3.7 प्रतिशत बढ़ी थी। आंकड़ों के अनुसार, आईआईपी के संदर्भ में मापी गई औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि अप्रैल-नवंबर 2024 में 4.1 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 6.5 प्रतिशत थी। आंकड़ों के अनुसार, नवंबर महीने में खनन उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 1.9 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें सात प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर नवंबर में बढ़कर 5.8 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले 1.3 प्रतिशत थी। बिजली उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 4.4 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले 5.8 प्रतिशत थी।

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