अर्थजगतः रुपया 85.79 प्रति डॉलर के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा और शेयर बाजार को झटका, सेंसेक्स 720 अंक लुढ़का

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 27 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 4.11 अरब डॉलर घटकर 640.28 अरब डॉलर रहा। वित्तीय सेवा सचिव ने शुक्रवार को वाणिज्यिक संपत्तियों, औद्योगिक भूमि, दुकानों, वाहनों और कृषि एवं गैर-कृषि भूमि की ई-नीलामी के लिए नया पोर्टल पेश किया।

रुपया 85.79 प्रति डॉलर के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा और शेयर बाजार को झटका, सेंसेक्स 720 अंक लुढ़का
रुपया 85.79 प्रति डॉलर के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा और शेयर बाजार को झटका, सेंसेक्स 720 अंक लुढ़का
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नवजीवन डेस्क

रुपया 85.79 प्रति डॉलर के अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले शुक्रवार को चार पैसे टूटकर 85.79 (अस्थायी) के अब तक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। आयातकों की ओर से मजबूत डॉलर मांग और घरेलू शेयर बाजारों में नरम रुख के कारण निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि 2024 के दौरान अधिकांश मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में मजबूती दर्ज की गई और इस साल भी इसमें मजबूती बनी हुई है।

अमेरिकी डॉलर सूचकांक महत्वपूर्ण 109 अंक को पार कर गया। अमेरिकी मुद्रा में तेजी का रुख ब्याज दर में कम कटौती की उम्मीद और अमेरिकी अर्थव्यवस्था के वैश्विक स्तर पर अन्य विकसित देशों से बेहतर प्रदर्शन करने की सोच पर आधारित है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया कमजोरी के साथ खुला और कारोबार के दौरान 85.73 के ऊपरी स्तर और 85.80 के निचले स्तर तक आया।

रुपया कारोबार के अंत में 85.79 (अस्थायी) पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव से चार पैसे की गिरावट है। कारोबारियों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डॉलर बेचने की खबरों से निचले स्तर पर रुपये को समर्थन मिला। गुरुवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 11 पैसे गिरकर 85.75 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था। रुपये ने इससे पहले 27 दिसंबर को कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 85.80 के रिकॉर्ड निचले स्तर को छुआ था।

शेयर बाजार को झटका, सेंसेक्स 720 अंक लुढ़का

कमजोर वैश्विक संकेतों और रुपये में गिरावट जारी रहने के बीच शुक्रवार को बैंकों एवं आईटी शेयरों में बिकवाली होने से शेयर बाजारों में गिरावट रही। सेंसेक्स में 720 अंक की गिरावट आई जबकि निफ्टी 184 अंक फिसल गया। विश्लेषकों ने कहा कि निवेशकों ने अगले हफ्ते तिमाही नतीजे आने का सिलसिला शुरू होने के पहले अपने जोखिम को कम किया। इसके अलावा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार आ रही कमजोरी ने भी धारणा को प्रभावित किया।

बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स सकारात्मक शुरुआत के बावजूद 720.60 अंक यानी 0.90 प्रतिशत गिरकर 79,223.11 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 833.98 अंक गिरकर 79,109.73 पर आ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी 183.90 अंक यानी 0.76 प्रतिशत गिरकर 24,004.75 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से जोमैटो, एचडीएफसी बैंक, टेक महिंद्रा, अदाणी पोर्ट्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, आईसीआईसीआई बैंक, सन फार्मा, लार्सन एंड टूब्रो, एचसीएल टेक और आईटीसी में गिरावट रही। दूसरी तरफ, टाटा मोटर्स, नेस्ले, टाइटन, हिंदुस्तान यूनिलीवर और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।


देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.11 अरब डॉलर घटकर 640.28 अरब डॉलर पहुंचा

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 27 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 4.11 अरब डॉलर घटकर 640.28 अरब डॉलर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।इससे पिछले सप्ताह में, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 8.48 अरब डॉलर घटकर 644.39 अरब डॉलर पर आ गया था। विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले कुछ हफ्तों से गिरावट आ रही है। इस गिरावट का कारण रुपये में उतार-चढ़ाव को कम करने के लिए आरबीआई का विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप के साथ-साथ मूल्यांकन को माना जा रहा है। सितंबर के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 704.88 अरब अमेरिकी डॉलर के अबतक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।

शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 27 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियां 4.64 अरब डॉलर घटकर 551.92 अरब डॉलर रह गईं।डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है। समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 54.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 66.27 अरब डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 1.2 करोड़ डॉलर घटकर 17.87 अरब डॉलर रहा। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास भारत का आरक्षित भंडार 4.22 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित रहा।

संपत्तियों की ई-नीलामी के लिए नया पोर्टल 'बैंकनेट' पेश

वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने शुक्रवार को वाणिज्यिक संपत्तियों, औद्योगिक भूमि, दुकानों, वाहनों और कृषि एवं गैर-कृषि भूमि की ई-नीलामी के लिए नया पोर्टल पेश किया। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 'बैंकनेट' नाम का यह पोर्टल ई-नीलामी वाली संपत्तियों के बारे में सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों से जानकारी को इकट्ठा करता है और खरीदारों एवं निवेशकों को संपत्तियों की एक विस्तृत शृंखला तलाशने का एक मंच मुहैया कराता है।

बयान के मुताबिक, बैंकनेट पर सूचीबद्ध होने वाली संपत्तियों में फ्लैट, स्वतंत्र घर और खुले भूखंड, वाणिज्यिक संपत्तियां, औद्योगिक भूमि एवं भवन, दुकानें, वाहन, संयंत्र एवं मशीनरी और कृषि एवं गैर-कृषि भूमि शामिल हैं। इन सभी संपत्तियों के विवरणों को एक ही स्थान पर एकत्र कर यह पोर्टल संपत्तियों की ई-नीलामी के बारे में जानकारी जुटाने और उसमें भाग लेने की प्रक्रिया को आसान बनाता है। इससे खरीदारों और निवेशकों के लिए मूल्यवान अवसरों की पहचान करना आसान होगा। इस अवसर पर नागराजू ने कहा कि इस मंच की शुरूआत से सार्वजनिक बैंकों की बकाया वसूली प्रक्रिया में काफी मदद मिलेगी, जिससे बैंकों के बहीखाते में भी सुधार होगा और कारोबारियों एवं व्यक्तियों के लिए ऋण उपलब्धता बढ़ेगी।


अब किसी भी बैंक से पेंशन निकाल सकेंगे ईपीएफओ पेंशनधारक

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पेंशनधारक अब किसी भी बैंक से पेंशन निकल सकेंगे। ईपीएफओ ने देश भर में अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) लागू करने का काम पूरा कर लिया है। श्रम मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इससे 68 लाख से अधिक पेंशनधारक लाभान्वित होंगे। मंत्रालय ने कहा कि कि सीपीपीएस मौजूदा पेंशन वितरण प्रणाली से एक आदर्श बदलाव है, जो विकेन्द्रीकृत है। इसमें ईपीएफओ का प्रत्येक संभागीय/क्षेत्रीय कार्यालय केवल तीन-चार बैंकों के साथ अलग-अलग समझौते करता है।

सीपीपीएस के तहत, लाभार्थी किसी भी बैंक से पेंशन निकाल सकेंगे और पेंशन शुरू होने के समय सत्यापन के लिए बैंक जाने की आवश्यकता नहीं होगी। राशि जारी होने पर तुरंत जमा कर दी जाएगी। बयान में कहा गया है कि जनवरी, 2025 से सीपीपीएस प्रणाली पूरे भारत में पेंशन का वितरण सुनिश्चित करेगी तथा पेंशनधारकों के किसी अन्य स्थान पर जाने या उनके द्वारा अपना बैंक या शाखा बदलने के बावजूद पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में स्थानांतरित करने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे उन पेंशनभोगियों को बड़ी राहत मिलेगी जो सेवानिवृत्ति के बाद अपने गृहनगर चले जाते हैं।

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