अर्थजगतः SBI ने सरकार को 8,076.84 करोड़ रुपये का लाभांश दिया और दो कंपनियों में विभाजित होगी डिस्कवरी
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए फॉर्म 16 करीब सभी वेतनभोगी कर्मचारियों को 15 जून तक मिल जाएंगे। बजट में किए गए ऐलान को लागू करने के कारण इस साल के फॉर्म 16 में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।

SBI ने सरकार को 8,076.84 करोड़ रुपये का लाभांश दिया
देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सोमवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार को 8,076.84 करोड़ रुपये का लाभांश दिया। एसबीआई के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लाभांश का चेक दिया। इस मौके पर वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू और वित्त सचिव अजय सेठ भी थे। वित्त मंत्री के कार्यालय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ''निर्मला सीतारमण को भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन सी एस शेट्टी से वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 8076.84 करोड़ रुपये का लाभांश चेक मिला।''
एसबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 15.90 रुपये प्रति शेयर का लाभांश घोषित किया था। बैंक ने पिछले साल सरकार को 6,959.29 करोड़ रुपये का लाभांश दिया था। एसबीआई ने 2024-25 के दौरान 70,901 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड शुद्ध लाभ कमाया, जबकि इससे पिछले साल यह आंकड़ा 61,077 करोड़ रुपये था।
वार्नर ब्रदर्स की डिस्कवरी दो कंपनियों में विभाजित होगी
वार्नर ब्रदर्स की ‘डिस्कवरी’ अगले साल तक दो सार्वजनिक कंपनियों में विभाजित हो जाएगी। कंपनी अपनी स्ट्रीमिंग सेवा से केबल संचालन को अलग करेगी। वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी ने सोमवार को कहा कि स्ट्रीमिंग और स्टूडियो में वार्नर ब्रदर्स टेलीविजन, वार्नर ब्रदर्स मोशन पिक्चर ग्रुप, डीसी स्टूडियो, एचबीओ और एचबीओ मैक्स के साथ -साथ उनकी फिल्म और टेलीविजन लाइब्रेरी भी शामिल होंगे।
ग्लोबल नेटवर्क्स कंपनी में सीएनएन, टीएनटी स्पोर्ट्स इन द यूएस, और डिस्कवरी, यूरोप भर में शीर्ष फ्री-टू-एयर चैनल और डिस्कवरी+ स्ट्रीमिंग सेवा और ब्लीकर रिपोर्ट जैसे डिजिटल उत्पाद शामिल होंगे। वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी के सीईओ डेविड जस्लाव, स्ट्रीमिंग एंड स्टूडियो के सीईओ के रूप में काम करेंगे। वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी के मुख्य वित्तीय अधिकारी गुन्नार विडेनफेल्स, ग्लोबल नेटवर्क्स के सीईओ के रूप में काम करेंगे। दोनों अलग होने तक अपनी वर्तमान भूमिकाओं में काम करना जारी रखेंगे। यह विभाजन अगले साल के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद है।
2025 में पहले से अलग नजर आएगा फॉर्म 16, दिखेंगे ये बदलाव
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए फॉर्म 16 करीब सभी वेतनभोगी कर्मचारियों को 15 जून तक मिल जाएंगे। बजट में किए गए ऐलान को लागू करने के कारण इस साल के फॉर्म 16 में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इस बार फॉर्म 16 में अन्य स्रोतों से आय पर टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) और कुछ विशिष्ट खर्चों पर लिए गए टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) आदि का ब्यौरा दिया होगा। हालांकि, यह तभी संभव होगा, जब आपने अपने नियोक्ता को फॉर्म 12बीबीए जमा किया हो। बजट में आयकर नियमों में संशोधन किया गया था, जिससे वेतनभोगी व्यक्ति अपने नियोक्ता को अपनी आय के अन्य स्रोतों पर टीडीएस के साथ-साथ, विशिष्ट खर्चों पर लिए गए टीसीएस के बारे में सूचित कर सकें। इस टीडीएस और टीसीएस को कर्मचारी के वेतन से कटौती योग्य कुल कर के विरुद्ध समायोजित (घटाया) किया जा सकता है। इससे कर्मचारी को मदद मिलेगी और वेतन से पहले की अपेक्षा कम टीडीएस कटेगा।
इसके अतिरिक्त, सरकार ने बजट में वेतनभोगी लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को नई इनकम टैक्स रिजीम के तहत 50,000 रुपए से 75,000 रुपए कर दिया है। ऐसे में अगर आपने नई टैक्स रिजीम चुनी हुई है तो फॉर्म 16 में नियोक्ता के द्वारा टीडीएस कटौती पर आपको स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत 75,000 रुपए की छूट मिलेगी। अगर कोई व्यक्ति नई टैक्स रिजीम से पुरानी टैक्स रिजीम में स्विच करता है तो वह केवल 50,000 रुपए की स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम कर सकता है। वहीं, अगर कर्मचारी ने वित्त वर्ष 2024-25 (असेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए नई टैक्स रिजीम चुनी हुई है तो वह एनपीएस में नियोक्ता के योगदान पर अपनी सकल कर योग्य आय में से अधिक टैक्स छूट क्लेम कर सकता है।
नई टैक्स रिजीम में सेक्शन 80सीसीडी (2) के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 14 प्रतिशत तक कटौती का दावा कर सकते हैं। यह कटौती कर्मचारी के नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) खाते में नियोक्ता के योगदान पर दावा की जा सकती है। यह उच्च कटौती आपके फॉर्म 16 में तभी दिखाई देगी जब आप वेतन से टीडीएस के लिए नई टैक्स रिजीम चुनी हो। वहीं, अगर आईटीआर दाखिल करते समय टैक्स रिजीम को नई से पुरानी में बदल दिया जाता है, तो कटौती कम हो जाएगी। पुरानी कर व्यवस्था में एनपीएस में नियोक्ता के योगदान पर कर्मचारी सेक्शन 80सीसीडी (2) के तहत अपने मूल वेतन का केवल 10 प्रतिशत कटौती का दावा करने के लिए पात्र होगा।
भारती एयरटेल ने पैन इंडिया नेटवर्क के लिए एरिक्सन के साथ किया समझौता
भारती एयरटेल ने सोमवार को एरिक्सन के साथ एक बहुवर्षीय रणनीतिक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत स्वीडिश दिग्गज 4जी, 5जी एनएसए, 5जी एसए, फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (एफडब्ल्यूए), प्राइवेट नेटवर्क और नेटवर्क स्लाइसिंग में एयरटेल सेवाओं का प्रबंधन करेगी। इस साझेदारी के तहत एरिक्सन अपने स्टेट-ऑफ-द-आर्ट नेटवर्क ऑपरेशंस सेंटर (एनओसी) के जरिए एयरटेल के पैन इंडिया नेटवर्क का प्रबंधन करेगी और पूरे देश में एफडब्ल्यूए और नेटवर्क स्लाइसिंग का विस्तार करेगी। भारती एयरटेल के सीटीओ रणदीप सेखों ने कहा, "हम एरिक्सन के साथ अपने मजबूत सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित हैं, क्योंकि हम अपने ग्राहकों के लिए एक बेहतरीन अनुभव प्रदान करने वाले फ्यूचर-रेडी नेटवर्क बनाने के अपने लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा, "हमारा मानना है कि डिजिटल रूप से जुड़े भारत में ये इनोवेटिव टेक्नोलॉजी हमें उपभोक्ताओं की बढ़ती डेटा मांगों को पूरा करने में सक्षम बनाएंगी।"
एरिक्सन के दक्षिण-पूर्व एशिया, ओशिनिया और भारत के मार्केट एरिया के प्रमुख एंड्रेस विसेंट ने कहा, "भारती एयरटेल के साथ यह समझौता मील का पत्थर है, जो एयरटेल को अपने ग्राहकों के लिए बेहतरीन अनुभव प्रदान करने में मदद करने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। इंटेंट-बेस्ड एनओसी ऑपरेशन का लाभ उठाकर हम ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एयरटेल को व्यापक सेवा विविधीकरण को पेश करने में सक्षम बनाएंगे, जिससे एयरटेल के लिए नए राजस्व अवसर उत्पन्न होंगे।" भारती एयरटेल के साथ एरिक्सन की 25 वर्षों से ज्यादा पुरानी साझेदारी, मोबाइल कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी की मल्टीपल जनरेशन को शामिल करती है। विशेष रूप से, यह घोषणा 5जी विकास को आगे बढ़ाने के लिए 5जी कोर पर भारती एयरटेल के एरिक्सन के साथ सहयोग के तुरंत बाद की गई है। एयरटेल एक ग्लोबल कम्युनिकेशन सॉल्यूशन प्रोवाइडर है। कंपनी के भारत और अफ्रीका के 15 देशों में 550 मिलियन से अधिक ग्राहक हैं। कंपनी अपनी सहयोगी संस्थाओं के माध्यम से बांग्लादेश और श्रीलंका में भी मौजूद है। पिछले महीने भारती एयरटेल और गूगल ने एक साझेदारी की घोषणा की थी, जिसके तहत एयरटेल ग्राहकों के लिए गूगल वन क्लाउड स्टोरेज सब्सक्रिप्शन सेवा शुरू की गई है।
पिछले साल 72 प्रतिशत भारतीय कंपनियों पर एआई आधारित साइबर हमले हुए
भारत में पिछले वर्ष करीब 72 प्रतिशत संगठनों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित साइबर हमले हुए हैं। एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। साइबरसिक्योरिटी फर्म फोर्टिनेट और ग्लोबल रिसर्च एजेंसी आईडीसी की एक लेटेस्ट रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि साइबर अपराधियों के लिए एआई अब एक नया हथियार बन गया है, जिसकी मदद से वे अब पहले से ज्यादा गुप्त और खतरनाक हमले कर सकते हैं। निष्कर्षों से पता चलता है कि एआई आधारित इन हमलों की न केवल संख्या बढ़ रही है बल्कि इनका पता लगाना भी मुश्किल होता जा रहा है। एआई आधारित हमले उन क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहे हैं, जहां पुराने ट्रेडिशनल साइबर सिक्योरिटी टूल्स भी अप्रभावी बन जाते हैं। भारत में सबसे आम एआई-इनेबल्ड खतरों में क्रेडेंशियल स्टफिंग, ब्रूट फोर्स अटैक, बिजनेस ईमेल में डीपफेक प्रतिरूपण, एआई-जनरेटेड फिशिंग स्कैम और पॉलीमॉर्फिक मालवेयर शामिल हैं।
इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि भारतीय फर्मों में तैयारी की कमी है। केवल 14 प्रतिशत संगठनों का कहना है कि वे इस तरह के एडवांस अटैक से बचाव करने की अपनी क्षमता को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं। इस बीच, 36 प्रतिशत संगठनों ने माना कि एआई-आधारित खतरों की पहचान करना उनकी क्षमता से बाहर हो गया है। वहीं, 21 प्रतिशत संगठनों के पास इस तरह के अटैक को ट्रैक करने के लिए कोई सिस्टम नहीं है। आईडीसी के एशिया/प्रशांत (एपी) क्षेत्र के अनुसंधान उपाध्यक्ष साइमन पिफ ने कहा, "साइबर क्रिमिनल टूलकिट में एआई का उदय अब भविष्य का खतरा नहीं है। यह वर्तमान में मौजूद है।" उन्होंने कहा, "संगठनों को आगे रहने के लिए रिएक्टिव रणनीतियों से आगे बढ़ने और प्रीडिक्टिव, इंटेलिजेंस-ड्रिवन साइबर सिक्योरिटी मॉडल अपनाने की जरूरत है।"
रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि साइबर जोखिम भारतीय व्यवसायों के जीवन में एक स्थायी समस्या बन गया है। इस तरह के अटैक अब क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर और सॉफ्टवेयर सप्लाई चेन को टारगेट कर रहे हैं। फिशिंग और रैनसमवेयर जैसे पुराने खतरे अभी भी मौजूद हैं, लेकिन नए अधिक जटिल हमले जैसे कि अंदरूनी खतरे और क्लाउड मिसकॉन्फिगरेशन को अधिक नुकसानदायक माना जाता है। फोर्टिनेट में भारत और एसएएआरसी के कंट्री मैनेजर विवेक श्रीवास्तव ने कहा, "एआई अब सबसे बड़ा खतरा भी है और सबसे पावरफुल डिफेंस भी है।"
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