अर्थजगतः सेंसेक्स 1,048 अंक गिरा, निफ्टी 346 अंक टूटा और चार दिन में निवेशकों के 24.69 लाख करोड़ रुपये डूबे

भारतीय शेयर बाजार नकारात्मक संकेतों के बीच सोमवार को 1 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट के साथ बंद हुए, जिससे निवेशकों को करीब 12 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। दिसंबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 5.22 प्रतिशत पर आ गई, जो चार महीने का सबसे निचला स्तर है।

सेंसेक्स 1,048 अंक गिरा, निफ्टी 346 अंक टूटा और चार दिन में निवेशकों के 24.69 लाख करोड़ रुपये डूबे
सेंसेक्स 1,048 अंक गिरा, निफ्टी 346 अंक टूटा और चार दिन में निवेशकों के 24.69 लाख करोड़ रुपये डूबे
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नवजीवन डेस्क

सेंसेक्स 1,048 अंक गिरा, निफ्टी 346 अंक टूटा

वैश्विक शेयर बाजारों में भारी बिकवाली और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी के बीच घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला सोमवार को लगातार चौथे दिन जारी रहा। प्रमुख मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 1,048 अंक का गोता लगाकर 77,000 अंक के नीचे आ गया, जबकि एनएसई निफ्टी में 345 अंक की गिरावट आई। कारोबारियों के अनुसार, अमेरिका में रोजगार के अच्छे आंकड़ों से वहां नीतिगत दर में जल्दी कटौती की उम्मीद कम हुई है। इसके अलावा रुपये में एक दिन में दो साल की सबसे बड़ी गिरावट तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की पूंजी निकासी जारी रहने से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,048.90 अंक यानी 1.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76,330.01 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,129.19 अंक तक लुढ़क गया थी। बीएसई में 3,562 शेयरों में गिरावट रही, जबकि 555 बढ़त में रहे। वहीं 131 के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ। 508 शेयर 52 सप्ताह के निचले स्तर पर रहे। वहीं 120 शेयर एक साल के उच्चतम स्तर पर रहे। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 345.55 अंक यानी 1.47 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,085.95 अंक पर बंद हुआ।

शेयर बाजार में गिरावट से निवेशकों के डूबे 12 लाख करोड़ रुपये

भारतीय शेयर बाजार नकारात्मक संकेतों के बीच सोमवार को 1 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट के साथ बंद हुए। बाजार पर मजबूत अमेरिकी रोजगार डेटा का प्रभाव भी रहा, जो 2025 में ब्याज दरों में कम कटौती का संकेत देता है। बाजार में गिरावट के दूसरे कारणों में क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतें, रुपये में कमजोरी और विदेशी पूंजी आउटफ्लो शामिल हैं। बाजार में आई गिरावट से निवेशकों को करीब 12 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। कारोबार के अंत में रियलिटी, पीएसयू बैंक, मेटल, ऑटो और फार्मा सेक्टर में भारी बिकवाली देखी गई। रियलिटी सेक्टर 6 फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुआ। सेंसेक्स 1,048.90 अंक या 1.36 फीसदी की गिरावट के साथ 76,330.01 पर बंद हुआ और निफ्टी 345.55 अंक या 1.47 फीसदी की गिरावट के साथ 23,085.95 पर बंद हुआ।

जानकारों के अनुसार, वैश्विक बाजारों में भारी बिकवाली देखी गई, जिससे घरेलू बाजारों में भी इसी तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिली, क्योंकि मजबूत अमेरिकी पेरोल डेटा ने 2025 में कम दरों में कटौती का संकेत दिया। इससे डॉलर मजबूत हुआ, बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी हुई और उभरते बाजार कम आकर्षक हो गए। निफ्टी बैंक 692.90 अंक या 1.42 प्रतिशत की गिरावट के साथ 48,041.25 पर बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 2,195.35 अंक या 4.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,390.4 पर बंद हुआ। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 723.45 अंक या 4.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,922.10 पर बंद हुआ।


चार दिन की गिरावट में निवेशकों के 24.69 लाख करोड़ रुपये डूबे

शेयर बाजार में पिछले चार दिन से जारी तगड़ी बिकवाली के बीच निवेशकों को कुल 24.69 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स सोमवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में 1,048.90 अंक यानी 1.36 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ। इसके साथ ही चार कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स में कुल 1,869.1 अंक यानी 2.39 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।

इस तरह बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 24,69,243.3 करोड़ रुपये घटकर 4,17,05,906.74 करोड़ रुपये (4.82 लाख करोड़ डॉलर) पर आ गया। अकेले सोमवार को ही निवेशकों की पूंजी में 12.61 लाख करोड़ रुपये की बड़ी गिरावट आई। बाजार में चौतरफा बिकवाली के बीच बीएसई मिडकैप सूचकांक में 4.17 प्रतिशत और स्मॉलकैप में 4.14 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई।

सोने में लगातार पांचवें दिन तेजी, चांदी में आई स्थिरता

राजधानी के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने की कीमत में लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में तेजी जारी रही और आज इसकी कीमत 110 रुपये बढ़कर 80,660 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी है। पिछले सत्र में सोने की कीमत 80,550 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी। पिछले पांच कारोबारी सत्रों में सोने की कीमत 1,660 रुपये बढ़कर 80,660 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 110 रुपये बढ़कर 80,260 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जबकि इसका पिछला बंद भाव 80,150 रुपये प्रति 10 ग्राम था।

एलकेपी सिक्योरिटीज में उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक (जिंस एवं मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘रुपये के कमजोर होकर 86.61 पर आने से सोने की कीमतों में तेजी आई। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा रूस पर लगाए गए नए प्रतिबंधों के कारण कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई, जिससे भू-राजनीतिक तनाव बढ़ गया।’’ सोमवार को रुपया करीब दो साल में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट के साथ 86.62 (अस्थायी) डॉलर के मुकाबले ऐतिहासिक निचले स्तर पर बंद हुआ। अमेरिकी मुद्रा में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के कारण रुपया 58 पैसे की गिरावट के साथ 86.62 (अस्थायी) डॉलर के मुकाबले ऐतिहासिक निचले स्तर पर बंद हुआ।


खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में घटकर चार माह के निचले स्तर 5.22 प्रतिशत पर रही

सब्जियों एवं अन्य खाद्य उत्पादों की कीमतें कम होने से दिसंबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 5.22 प्रतिशत पर आ गई, जो चार महीने का सबसे निचला स्तर है। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई। खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी आने से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगली मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख ब्याज दरों में कटौती पर विचार कर सकता है। करीब दो साल से रेपो दर 6.50 प्रतिशत पर स्थिर बनी हुई है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति के दिसंबर, 2024 के आंकड़े जारी किए। खुदरा मुद्रास्फीति में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई है। इसके पहले नवंबर, 2024 में मुद्रास्फीति 5.48 प्रतिशत पर थी जबकि नवंबर, 2023 में यह 5.69 प्रतिशत थी। हालांकि अक्टूबर, 2024 में खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई के छह प्रतिशत के ऊपरी संतोषजनक स्तर को पार कर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई थी।

एनएसओ ने कहा, ‘‘दिसंबर, 2024 में सब्जियों, ‘दालों एवं उत्पादों’, ‘चीनी एवं मिष्ठान्न’, ‘व्यक्तिगत देखभाल एवं प्रभाव’, और अनाज एवं उत्पादों की मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है।’’ दिसंबर, 2024 में सालाना आधार पर सबसे अधिक मुद्रास्फीति मटर (89.12 प्रतिशत), आलू (68.23 प्रतिशत), लहसुन (58.17 प्रतिशत), नारियल तेल (45.41 प्रतिशत) और फूलगोभी (39.42 प्रतिशत) में दर्ज की गईं।

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