अर्थजगतः स्पाइसजेट का शेयर करीब 7 प्रतिशत गिरा और सोना 1,150 रुपये लुढ़का, चांदी 1,000 रुपये फिसली
प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में भूटानी ग्रुप और डब्लूटीसी बिल्डर्स और उसके प्रमोटर्स के ठिकानों पर सर्च अभियान चलाया। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में गुरुवार को दोनों मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी स्थिर रुख के साथ बंद हुए।

स्पाइसजेट का शेयर करीब 7 प्रतिशत गिरा
स्पाइसजेट के शेयर में गुरुवार को करीब 7 प्रतिशत गिरावट देखी गई। इसकी वजह ब्रोकरेज फर्म नुवामा द्वारा कंपनी का शेयर प्राइस टारगेट 14 प्रतिशत घटाने को माना जा रहा है। हालांकि, ब्रोकरेज फर्म ने होल्ड की राय बरकरार रखी है। कारोबारी सत्र के अंत में स्पाइसजेट का शेयर 3.25 रुपये या 6.78 प्रतिशत की गिरावट के साथ 44.72 रुपये पर बंद हुआ। नुवामा ने कहा कि एयरलाइन के वित्तीय आंकड़ों में पारदर्शिता की कमी है, उपलब्ध सीट किलोमीटर (एएसकेएम) में सालाना आधार पर 41 प्रतिशत की तीव्र गिरावट हुई है। इसके अलावा, वित्तीय फर्म ने दूसरी तिमाही में इसके 30 प्रतिशत विमानों के जमीन पर ही खड़े रहने के बारे में चिंता जताई।
इससे पहले बुधवार को कंपनी द्वारा वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही के नतीजों का ऐलान किया गया था। कंपनी की आय सालाना आधार पर 36 प्रतिशत कम होकर 1,178.7 करोड़ रुपये रह गई है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में समान अवधि में 1,850.4 रुपये थी। स्पाइसजेट ने वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में 26 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था। स्पाइसजेट ने हाल ही में संस्थागत निवेशकों से 3,000 करोड़ रुपये की राशि जुटाई थी, जिसके कारण कंपनी की नेटवर्थ बढ़कर 70 करोड़ रुपये हो गई थी। यह बीते एक दशक में पहला मौका है, जब एयरलाइन की नेटवर्थ लाल निशान में नहीं थी।
नुवामा ने बताया कि 3,000 करोड़ रुपये की फंडिंग का उपयोग मुख्य रूप से बकाया राशि का भुगतान करने तथा जमीन पर खड़े विमानों को पुनः सेवा में लाने के लिए किया जाएगा, जिससे पूर्ण सुधार की राह धीमी हो जाएगी। ब्रोकरेज हाउस ने इस बात को लेकर चिंता जाहिर की कि अगर अर्थव्यवस्था कमजोर होती तो कॉरपोरेट और घूमने संबंधी यात्राओं की मांग में कमी आ सकती है। इसका एयरलाइन पर नकारात्मक असर होगा। स्पाइसजेट ने अपने मुनाफे का श्रेय मजबूत यात्री मांग, बेहतर दक्षता और बेहतर मूल्य निर्धारण रणनीतियों को दिया। स्पाइसजेट के सीएमडी, अजय सिंह ने कहा कि बीते दशक में पहली बार कंपनी की नेटवर्थ सकारात्मक हो गई है। यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो हमारी टर्नअराउंड रणनीति की सफलता को रेखांकित करता है।
सोना 1,150 रुपये लुढ़का, चांदी 1,000 रुपये फिसली
वैश्विक बाजारों में सुस्ती के रुख के बीच गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 1,150 रुपये टूटकर 88,200 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गयी। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 1,150 रुपये टूटकर 87,800 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। इसका पिछला बंद भाव 88,950 रुपये प्रति 10 ग्राम था।चांदी की कीमत 1,000 रुपये की गिरावट के साथ 98,500 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई, जबकि इसका पिछला बंद भाव 99,500 रुपये प्रति किलोग्राम था। बुधवार को ‘महाशिवरात्रि’ के अवसर पर सर्राफा बाजार बंद थे।
विदेशी बाजारों में, अप्रैल डिलिवरी के लिए कॉमेक्स सोना वायदा 23.10 डॉलर प्रति औंस गिरकर 2,907.50 डॉलर प्रति औंस रह गया। इसके अलावा, हाजिर सोना 2,900 डॉलर के स्तर से नीचे फिसल गया और इसकी कीमतें 2,892.95 डॉलर प्रति औंस पर आ गईं। एशियाई बाजार में चांदी वायदा भी 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 32.47 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ।
ईडी की रेड से भूटानी ग्रुप की बढ़ेगी परेशानी, कंपनी पर पहले भी पड़ चुके हैं छापे
देश की शीर्ष जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में भूटानी ग्रुप और डब्लूटीसी बिल्डर्स और उसके प्रमोटर्स के ठिकानों पर सर्च अभियान चलाया। भूटानी ग्रुप पर जांच एजेंसी की रेड पहली नहीं है। इससे पहले भी कई बार कंपनी अलग-अलग जांच एजेंसियों के निशाने पर रही है। पिछले साल जनवरी में इनकम टैक्स (आईटी) विभाग की 40 टीमों ने नोएडा के चार बिल्डर्स पर टैक्स चोरी के लिए छापा मारा था। इसमें भूटानी ग्रुप का भी नाम था। छह दिन तक चली इस सर्च में आईटी विभाग के अधिकारियों ने 1,500 करोड़ रुपये का कैश पकड़ा था।
इस दौरान अधिकारियों ने भूटानी ग्रुप के कर्मचारियों द्वारा छिपाई गई दो पेन ड्राइव भी पकड़ी थीं। पेन ड्राइव से प्राप्त आंकड़ों से पता लगा कि भूटानी ग्रुप ने वित्त वर्ष 2019-20 से अब तक 595 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी स्वीकार की है। ग्रुप को वित्त वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 में 429 करोड़ रुपये की नकदी प्राप्त हुई थी। भूटानी इन्फ्रा ने नवंबर 2024 में पीएजी और लॉजिक्स समूह के प्रमोटरों से लगभग 1,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से वाणिज्यिक परियोजना 'लॉजिक्स सिटी सेंटर' का अधिग्रहण किया था।
भूटानी ग्रुप की वेबसाइट पर दिए गए लॉजिक्स बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड के नतीजों के मुताबिक, कंपनी को वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में 29.39 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। वहीं, इस दौरान कंपनी की ऑपरेशंस से आय 21.70 करोड़ रुपये की थी। इस महीने की शुरुआत में भूटानी इन्फ्रा ने डब्ल्यूटीसी ग्रुप में हिस्सेदारी खरीदने की योजना से हाथ पीछे खींच लिया था। साथ ही कहा था कि डब्ल्यूटीसी के मौजूदा, आने वाले, पूरे हो चुके और भविष्य के प्रोजेक्ट्स में भूटानी ग्रुप की कोई भूमिका नहीं होगी। भूटानी ग्रुप ने जुलाई 2024 में डब्ल्यूटीसी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक एग्रीमेंट साइन किया था।
उतार-चढ़ाव भरे कारोबार के बीच सेंसेक्स, निफ्टी स्थिर
उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में गुरुवार को दोनों मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी स्थिर रुख के साथ बंद हुए। विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने और वायदा एवं विकल्प खंड में मासिक सौदों के निपटान के अंतिम दिन बाजार में उतार-चढ़ाव आया। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 10.31 अंक यानी 0.01 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 74,612.43 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह ऊंचे में 74,834.09 अंक तक गया और नीचे में 74,520.78 अंक तक आया। यानी इसमें 313.31 अंक का उतार-चढ़ाव आया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 2.50 अंक यानी 0.01 प्रतिशत फिसलकर 22,545.05 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, सन फार्मा, जोमैटो, टाटा स्टील और नेस्ले प्रमुख रूप से लाभ में रहे। दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक, टेक महिंद्रा और भारतीय स्टेट बैंक शामिल हैं।शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 3,529.10 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। शेयर बाजार बुधवार को ‘महाशिवरात्रि’ के मौके पर बंद थे।
आइकिया की भारत में नया निवेश करने की योजना
स्वीडन की फर्नीचर खुदरा विक्रेता आइकिया भारत में निवेश के अगले दौर की तलाश में है और उसे विस्तार के बाद मुनाफे में आने का पूरा भरोसा है। कंपनी की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुसेन पुल्वरर ने यह संभावना जताई है। पुल्वरर ने कहा कि कंपनी दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दो पूर्ण आकार के स्टोर खोलने की योजना बना रही है। अगले साल गुरुग्राम में यह स्टोर खोला जाएगा जबकि 2028 में नोएडा स्टोर की शुरुआत होने की उम्मीद है।
आइकिया हैदराबाद, मुंबई और बेंगलुरु में अपने परिचालन स्टोर खोलने के बाद अगले चरण में चेन्नई और पुणे में भी स्टोर खोलने की योजना बना रही है। इन छह प्रमुख महानगर बाजारों में कदम रखने के बाद आइकिया देश के लिए अपनी यात्रा के अगले चरण पर काम करेगी, जहां यह छोटे स्टोर और एक एकीकृत बिक्री रणनीति के साथ विस्तार करेगी। हालांकि, कंपनी दिल्ली-एनसीआर और नौ अन्य बाजारों में ऑनलाइन बिक्री की शुरुआत इसी सप्ताह से करने जा रही है।
पुल्वरर ने अपने पुणे और चेन्नई स्टोर खोलने की कोई समयसीमा नहीं बताई, लेकिन अगले कुछ साल में इनके शुरू होने की उम्मीद जताई। पुणे में आइकिया पहले से ही ऑनलाइन बिक्री के माध्यम से उपलब्ध है। कोलकाता जैसे पूर्वी बाजारों में अपने प्रवेश के बारे में उन्होंने कहा कि यह भी एक महत्वपूर्ण बाजार है और आइकिया वहां जाना चाहेगी। हालांकि, कंपनी यह काम अपने विस्तार के तीसरे चरण में करने का इरादा रखती है।
सरकार ने वर्ष 2013 में 10 साल के भीतर संबंधित बुनियादी ढांचे के साथ 10 खुदरा स्टोर खोलने के लिए आइकिया के 10,500 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। आइकिया रिटेल का संचालन करने वाली कंपनी इंग्का सेंटर ‘लाइकली’ ब्रांड के तहत गुरुग्राम और नोएडा में एक-एक सेंटर खोलने के लिए एक अरब यूरो का निवेश कर रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में आइकिया इंडिया को 1,299.4 करोड़ रुपये का कुल घाटा हुआ था जबकि इसका परिचालन राजस्व 4.5 प्रतिशत बढ़कर 1,809.8 करोड़ रुपये रहा था।
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