अर्थजगतः देश का निर्यात दिसंबर में घटकर 38.01 अरब डॉलर रहा और शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन तेजी

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपये में लगातार दूसरे दिन मजबूती जारी रही और यह 13 पैसे की बढ़त के साथ 86.40 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। जर्मनी की अर्थव्यवस्था में लगातार दूसरे साल 2024 में गिरावट आई है।

देश का निर्यात दिसंबर में घटकर 38.01 अरब डॉलर रहा और शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन तेजी
देश का निर्यात दिसंबर में घटकर 38.01 अरब डॉलर रहा और शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन तेजी
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नवजीवन डेस्क

देश का निर्यात दिसंबर में घटकर 38.01 अरब डॉलर रहा

वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत का वस्तु निर्यात दिसंबर, 2024 में सालाना आधार पर करीब एक प्रतिशत घटकर 38.01 अरब डॉलर रह गया, जबकि व्यापार घाटा कम होकर 21.94 अरब डॉलर रह गया। यह लगातार दूसरा महीना है जबकि निर्यात में गिरावट आई है।वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर, 2024 में आयात सालाना आधार पर पांच प्रतिशत बढ़कर 59.95 अरब डॉलर हो गया। चालू वित्त वर्ष (2024-25) के पहले नौ माह (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान निर्यात 1.6 प्रतिशत बढ़कर 321.71 अरब डॉलर और आयात 5.15 प्रतिशत बढ़कर 532.48 अरब डॉलर हो गया है।

अप्रैल-दिसंबर के दौरान व्यापार घाटा यानी आयात व निर्यात के बीच का अंतर बढ़कर 210.77 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो गत वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि में 189.74 अरब अमेरिकी डॉलर था। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने नवीनतम आंकड़ों के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि वस्तुओं तथा सेवाओं दोनों में भारत का निर्यात अन्य देशों की तुलना में बेहतर चल रहा है। मंत्रालय ने हाल ही में 20 देशों में भारतीय दूतावासों की वाणिज्यिक शाखाओं के साथ बैठक की। इसमें निर्यात को प्रभावित करने वाले मुद्दों तथा उन्हें हल करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया। इन 20 देशों का भारत के निर्यात में करीब 60 प्रतिशत हिस्सा है।

बर्थवाल ने कहा कि पिछले साल दिसंबर में जिन क्षेत्रों ने निर्यात में अच्छी वृद्धि दर्ज की है उनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग और औषधि शामिल हैं। नवंबर, 2024 के लिए सोने तथा चांदी के आयात के आंकड़ों में संशोधन के बारे में पूछे जाने पर सचिव ने कहा कि सुसंगत आंकड़े प्रकाशित करने के लिए एक मजबूत तंत्र बनाने को समिति का गठन किया गया है। सरकार ने नवंबर, 2024 के लिए सोने के आयात के आंकड़ों को संशोधित किया है। इसे पांच अरब अमेरिकी डॉलर घटाकर अब 9.84 अरब डॉलर किया गया है। बर्थवाल ने कहा, ‘‘ आंकड़ों में संशोधन होता रहता है...हम आंकड़ों को जारी करने की वैश्विक प्रथाओं का पालन कर रहे हैं।’’

शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन तेजी, सेंसेक्स 224 अंक चढ़ा

भारतीय शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला बुधवार को लगातार दूसरे दिन जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 224 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ। वैश्विक बाजारों में कमजोरी के रुख के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज, जोमैटो और कोटक बैंक में लिवाली से बाजार बढ़त में रहा। कारोबारियों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी और विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली से बाजार धारणा पर असर पड़ा।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 224.45 अंक यानी 0.29 प्रतिशत की बढ़त के साथ 76,724.08 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 491.42 अंक तक चढ़ गया था। बीएसई में सूचीबद्ध कुल शेयरों में से 2,150 शेयर लाभ में रहे, जबकि 1,806 में गिरावट रही। 108 शेयरों के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 37.15 अंक यानी 0.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,213.20 अंक पर बंद हुआ।


रुपये में तेजी जारी, 13 पैसे बढ़कर 86.40 प्रति डॉलर पर

भारतीय शेयर बाजारों से अनुकूल संकेतों और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपये में लगातार दूसरे सत्र में मजबूती जारी रही और यह 13 पैसे की बढ़त के साथ 86.40 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि अमेरिकी मुद्रा सूचकांक भी रिकॉर्ड ऊंचाई से नीचे आया, जिससे स्थानीय मुद्रा में तेजी आई। हालांकि, विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार निकासी से रुपये पर दबाव कायम रहा।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 86.50 पर खुला और डॉलर के मुकाबले 86.55 के दिन के कारोबार के निचले स्तर तक फिसल गया। कारोबार के दौरान इसने 86.28 के उच्चस्तर को भी छुआ। अंत में रुपया 86.40 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद से 13 पैसे की बढ़त है। मंगलवार को रुपया अपने सबसे निचले स्तर से उबरकर 17 पैसे की बढ़त के साथ 86.53 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

जर्मनी की अर्थव्यवस्था में 2024 में लगातार दूसरे साल गिरावट

जर्मनी की अर्थव्यवस्था में लगातार दूसरे वर्ष 2024 में गिरावट आई है। यह जानकारी बुधवार को जारी शुरुआती आधिकारिक आंकड़ों से मिली है। ये आंकड़े चुनाव से कुछ सप्ताह पहले जारी किए गए हैं, जिसमें अर्थव्यवस्था शीर्ष मुद्दा है। जर्मनी की अर्थव्यवस्था यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। संघीय सांख्यिकी कार्यालय ने कहा कि 2023 में गिरावट के बाद पिछले साल जर्मनी का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 0.2 प्रतिशत घट गया।

जर्मनी की अर्थव्यवस्था बाहरी झटकों और घरेलू समस्याओं से त्रस्त है, जिसमें लालफीताशाही और कुशल श्रम की कमी शामिल है। ...और राजनेता इसे ठीक करने के तरीकों पर पर असहमत हैं। नवंबर में चांसलर ओलाफ शोल्ज़ की तीन दलों वाली गठबंधन सरकार गिर गई थी, जब अर्थव्यवस्था को फिर खड़ा करने के तरीके पर विवाद के कारण शोल्ज़ ने अपने वित्त मंत्री को हटा दिया था। इससे समय से पहले 23 फरवरी को चुनाव होंगे। अगली सरकार का नेतृत्व करने वाले दावेदारों ने अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए विरोधाभासी प्रस्ताव रखे हैं।


ब्रिटेन में खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में घटकर 2.5 प्रतिशत पर

ब्रिटेन में दिसंबर के महीने में खुदरा मुद्रास्फीति अप्रत्याशित रूप से कम होकर 2.5 प्रतिशत पर आ गई है। इससे नीतिगत दरों में कटौती के लिए बैंक ऑफ इंग्लैंड पर दबाव बढ़ सकता है।ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने बुधवार को दिसंबर, 2024 के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक, पिछले महीने सेवा क्षेत्र में कीमतों का दबाव घटने से खुदरा मुद्रास्फीति नरम होकर 2.5 प्रतिशत रह गई।

दिसंबर में मुद्रास्फीति आंकड़ों में आई यह गिरावट विशेषज्ञों के अनुमान से कहीं अधिक है। विशेषज्ञों का मानना था कि दिसंबर में मुद्रास्फीति में कोई भी बदलाव नहीं होगा। इसके पहले नवंबर, 2024 में खुदरा मुद्रास्फीति 2.6 प्रतिशत पर थी। हालांकि, दिसंबर की खुदरा मुद्रास्फीति अब भी बैंक ऑफ इंग्लैंड के दो प्रतिशत मुद्रास्फीति के लक्ष्य से अधिक है। इसके बावजूद केंद्रीय बैंक की अगले महीने होने वाली बैठक में नीतिगत ब्याज दर में कटौती के लिए उसपर दबाव बढ़ सकता है। फिलहाल रेपो दर 4.75 प्रतिशत पर है।

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