अर्थजगतः सरकार ने नए सेबी चीफ के लिए तलाश शुरू की और शेयर बाजार धड़ाम, निवेशकों के डूबे 9 लाख करोड़ रुपये

भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट के कारण देश की शीर्ष 10 कंपनियों का मार्केट कैप संयुक्त रूप से 94,409 करोड़ रुपये कम हो गया है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को 11 पैसे टूटकर 86.33 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

सरकार ने नए सेबी चीफ के लिए तलाश शुरू की और शेयर बाजार धड़ाम, निवेशकों के डूबे 9 लाख करोड़ रुपये
सरकार ने नए सेबी चीफ के लिए तलाश शुरू की और शेयर बाजार धड़ाम, निवेशकों के डूबे 9 लाख करोड़ रुपये
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नवजीवन डेस्क

सरकार ने नए सेबी चीफ के लिए तलाश शुरू की

वित्त मंत्रालय द्वारा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नए चेयरमैन की तलाश शुरू कर दी गई है। इसकी वजह मौजूदा नियामक प्रमुख माधबी पुरी बुच का कार्यकाल 28 फरवरी को समाप्त होना है। वित्त मंत्रालय द्वारा सोमवार को अखबार में 'फिलिंग अप द पोस्ट ऑफ चेयरमैन इन सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया' शीर्षक वाले विज्ञापन में पूंजीगत बाजार नियामक के प्रमुख पद पर नियुक्ति के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए गए।

विज्ञापन में कहा गया कि नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से अधिकतम पांच वर्ष की अवधि के लिए या नियुक्त व्यक्ति की आयु 65 वर्ष होने तक, जो भी पहले हो, के लिए की जाएगी। सेबी प्रमुख के पास भारत सरकार के सचिव के समान वेतन या घर और कार के बिना 5,62,500 रुपये प्रति माह की कंसोलिडेटेड सैलरी प्राप्त करने का विकल्प होगा। वित्त मंत्रालय ने उम्मीदवारों के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 17 फरवरी तय की है।

माधबी पुरी बुच को मार्च 2022 में तीन साल की अवधि के लिए 28 फरवरी तक सेबी प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। वह पूंजी बाजार नियामक का नेतृत्व करने वाली पहली महिला थीं। सेबी प्रमुख के रूप में नियुक्त होने से पहले, बुच सेबी बोर्ड की नियमित सदस्य थीं। बुच निजी क्षेत्र से सेबी का नेतृत्व करने वाली पहली व्यक्ति थीं। उनका करियर 1989 में आईसीआईसीआई बैंक से शुरू हुआ था। 1993 से 1995 के बीच बुच ने इंग्लैंड के वेस्ट चेशायर कॉलेज में लेक्चरर के तौर पर काम किया।

बुच ने 12 साल तक विभिन्न कंपनियों में बिक्री, मार्केटिंग और उत्पाद विकास सहित विभिन्न प्रोफाइल में काम किया था। 2006 में वह आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में शामिल हुईं और बाद में फरवरी 2009 से मई 2011 तक कंपनी की सीईओ रहीं। इसके बाद बुच 2011 में ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल में शामिल होने के लिए सिंगापुर चली गईं। 2011 से 2017 के बीच उन्होंने जेनसर टेक्नोलॉजीज, इनोवेन कैपिटल और मैक्स हेल्थकेयर जैसी कई कंपनियों के कार्यकारी निदेशक के रूप में काम किया है।

शेयर बाजार धड़ाम, निवेशकों के डूबे 9 लाख करोड़ रुपये

भारतीय शेयर बाजार के लिए सोमवार का कारोबारी सत्र नुकसान वाला रहा। बाजार में चौतरफा बिकवाली देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 824 अंक या 1.08 प्रतिशत गिरकर 75,366 और निफ्टी 263 अंक या 1.14 प्रतिशत गिरकर 22,829 पर था। बाजार में गिरावट का नेतृत्व मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने किया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,467 अंक या 2.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,795 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 651 अंक या 3.84 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,304 पर था। भारी गिरावट के कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मार्केट कैप करीब 9 लाख करोड़ रुपये गिरकर 410 लाख करोड़ रुपये रह गया है।

बाजार के करीब सभी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। ऑटी, ऑटो, फार्मा, मेटल, रियल्टी, मीडिया और एनर्जी इंडेक्स में सबसे अधिक गिरावट थी। बाजार का रुझान भी नकारात्मक था। पर 3,519 शेयर लाल निशान में, 597 शेयर हरे निशान में और 118 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए। सेंसेक्स पैक में आईसीआईसीआई बैंक, एचयूएल, एमएंडएम, एसबीआई, मारुति सुजुकी और एलएंडटी टॉप गेनर्स थे। एचसीएल टेक, जोमैटो, टेक महिंद्रा, पावर ग्रिड, टाटा मोटर्स, इन्फोसिस, टाइटन, भारती एयरटेल और बजाज फाइनेंस टॉप लूजर्स थे।


देश की शीर्ष 10 कंपनियों का मार्केट कैप 94,409 करोड़ रुपये गिरा

भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट हुई। गिरावट के कारण देश की शीर्ष 10 कंपनियों का मार्केट कैप संयुक्त रूप से 94,409 करोड़ रुपये कम हो गया है। इस गिरावट में देश की सबसे बड़ी निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) का मार्केट कैप 22,937 करोड़ रुपये कम होकर 16,63,602 करोड़ रुपये रह गया है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का मार्केट कैप 31,549 करोड़ रुपये गिरकर 14,70,806 करोड़ रुपये हो गया है। कारोबारी सत्र में टीसीएस के शेयर में एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट हुई।

भारत के प्रमुख वित्तीय संस्थानों में से एक एचडीएफसी बैंक के बाजार पूंजीकरण में 15,295 करोड़ रुपये की गिरावट आई। दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज कंपनी भारती एयरटेल के मार्केट कैप में 24,036 करोड़ रुपये की भारी गिरावट देखी गई। इसके अलावा आईटी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इन्फोसिस के बाजार पूंजीकरण में 22,193 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। भारी गिरावट के बावजूद आईसीआईसीआई बैंक का मार्केट कैप 13,233 करोड़ रुपये बढ़ा है।

इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के मार्केट कैप में 4,507 करोड़ रुपये और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) के बाजार पूंजीकरण में 5,815 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। बाजार में गिरावट की वजह कमजोर वैश्विक संकेतों और तीसरी तिमाही के कमजोर नतीजों को माना जा रहा है। भारतीय शेयर बाजार में चौतरफा बिकवाली देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 824 अंक या 1.03 प्रतिशत गिरकर 75,366 और निफ्टी 263 अंक या 1.14 प्रतिशत गिरकर 22,829 पर था। बाजार में गिरावट का नेतृत्व मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने किया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,467 अंक या 2.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,795 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 651 अंक या 3.84 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,304 पर था।

रुपया 11 पैसे टूटकर 86.33 प्रति डॉलर पर पहुंचा

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया सोमवार को 11 पैसे टूटकर 86.33 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने तथा घरेलू शेयर बाजार में गिरावट के रुख से निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित हुई। विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि शुक्रवार को भारतीय रुपया मजबूत हुआ, लेकिन सोमवार को ‘ट्रंप शुल्क’ की अनिश्चितता बढ़ने के कारण यह कमजोर होकर खुला, जबकि विदेशी कोषों की निरंतर निकासी ने निवेशकों की कारोबारी धारणा को और प्रभावित किया।

कारोबारियों ने कहा कि इसके अलावा आगामी आम बजट बाजार धारणा को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। उन्होंने कहा कि उम्मीद की जा रही है कि विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए बजट में अनुकूल उपायों की घोषणा हो सकती है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 86.35 पर कमजोर रुख के साथ खुला और दिन के दौरान 86.33 के उच्च और 86.45 के निचले स्तर को छू गया। कारोबार के अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 11 पैसे की गिरावट के साथ 86.33 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। शुक्रवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 22 पैसे बढ़कर 86.22 पर बंद हुआ था।


भारत में क्रेडिट कार्ड के उपयोग में हुआ इजाफा

भारत में क्रेडिट कार्ड के उपयोग में सितंबर तिमाही में 34 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जबकि 2023 की समान अवधि में यह आंकड़ा 26 प्रतिशत पर था। इसकी वजह ग्राहकों द्वारा अपनी खपत की जरूरतों को पूरा करने के लिए मौजूदा क्रेडिट कार्ड से अधिक खर्च करना है। यह जानकारी सोमवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में दी गई। ट्रांसयूनियन सिबिल क्रेडिट मार्केट इंडिकेटर (सीएमआई) रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की रिटेल क्रेडिट ग्रोथ में सितंबर 2024 को समाप्त हुई तिमाही में हल्की नरमी देखने को मिली है। इसकी वजह लोन मांग वृद्धि की दर में सामान्य गिरावट और अधिकांश लोन उत्पादों में क्रेडिट की आपूर्ति में कमी होना है।

रिपोर्ट के अनुसार, पर्सनल लोन में सालाना आधार पर दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज की गई, जो कि सितंबर 2024 में 11 प्रतिशत रही है। यह वृद्धि दर पिछले साल के समान अवधि के आंकड़े 32 प्रतिशत से काफी कम है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दोपहिया वाहनों और प्रॉपर्टी के बदले लोन में भी मजबूत वृद्धि देखी गई है।

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