अर्थजगतः शेयर बाजार में तेजी पर लगा ब्रेक, सेंसेक्स फिसला और मई में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में आया रिकॉर्ड निवेश

पेटीएम के स्वामित्व वाली कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) की ओर से पुनर्गठन के चलते कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है, जो कर्मचारी इस छंटनी से प्रभावित हुए हैं, कंपनी उन्हें दूसरी जॉब खोजने में मदद कर रही है।

शेयर बाजार में तेजी पर लगा ब्रेक, सेंसेक्स फिसला
शेयर बाजार में तेजी पर लगा ब्रेक, सेंसेक्स फिसला
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नवजीवन डेस्क

शेयर बाजार में तेजी पर लगा ब्रेक, सेंसेक्स फिसला

भारतीय शेयर बाजार की तेजी पर सोमवार को ब्रेक लग गया। बाजार के मुख्य सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी सोमवार को शुरुआती कारोबार में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद गिरकर लाल निशान में बंद हुए। सेंसेक्स 203 अंक या 0.27 प्रतिशत गिरकर 76,490 अंक और निफ्टी 30 अंक या 0.13 प्रतिशत गिरकर 23,259 अंक पर बंद हुआ। 5 जून से शेयर बाजार में लगातार तेजी देखी जा रही थी।

सेक्टर के हिसाब से देखें तो पीएसयू बैंक, फार्मा, रियल्टी, एनर्जी, इन्फ्रा और कमोडिटी सबसे ज्यादा बढ़ने वाले इंडेक्स थे। आईटी, फिन सर्विस, मेटल और ऑयल एंड गैस लाल निशान में थे। बाजार में गिरावट लार्जकैप तक ही सीमित थी। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 41 अंक या 0.08 प्रतिशत बढ़कर 53,235 अंक और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 259 अंक या 1.51 प्रतिशत बढ़कर 17,475 अंक पर बंद हुआ। बाजार में उतार-चढ़ाव दर्शाने वाले इंडिया विक्स में करीब 3 प्रतिशत की गिरावट हुई है और यह 16.39 पर पहुंच गया है।

सेंसेक्स के 30 में से 17 शेयर लाल निशान में बंद हुए। टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, विप्रो, एमएंडएम, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, एचसीएल टेक और टीसीएस टॉप लूजर्स थे। अल्ट्राटेक सीमेंट, नेस्ले, एनटीपीसी, टाटा स्टील और एक्सिस बैंक टॉप गेनर्स थे। जानकारों का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार के पास बढ़ने के लिए कोई नया कारण नहीं है। सरकार बन चुकी है और स्थिर भी है। ऐसे में लगता है कि कुछ दिनों तक बाजार एक सीमित दायरे में कारोबार कर सकता है। अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दर में कमी को लेकर दिए गए बयान पर आने वाले समय में बाजार की चाल निर्भर करेगी। सोमवार को बाजार तेजी के साथ खुला था। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने क्रमश: 77,079 और 23,411 का नया ऑल टाइम हाई बनाया, लेकिन बाजार ऊपरी स्तरों पर टिक न सके।

मई में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में आया रिकॉर्ड निवेश

इक्विटी म्यूचुअल फंड में मई में रिकॉर्ड 34,697 करोड़ रुपये का निवेश आया है, जो कि पिछले महीने के मुकाबले 83.42 प्रतिशत अधिक है। ये लगातार 39 वां महीना है, जब म्यूचुअल फंड में निवेश में बढ़ोतरी हुई है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड ऑफ इंडिया (एम्फी) की ओर से सोमवार को ये जानकारी दी गई। यह पहला मौका है कि जब म्यूचुअल फंड्स में 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश आया है। मई में ओपन एंडेड सेक्टोरल और थीमेटिक इक्विटी फंड्स में सबसे ज्यादा 19,213 करोड़ रुपये का निवेश आया है। म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) बढ़कर 58.91 लाख करोड़ रुपये हो गई है।

प्रभुदास लीलाधर ग्रुप की इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के प्रमुख पंकज श्रेष्ठ का कहना है कि ज्यादा निवेश सेक्टोरल और थीमेटिक कैटेगरी में आया है। हाल ही में आये एचडीएफसी मैन्युफैक्चरिंग फंड के एनएफओ (न्यू फंड ऑफर) को 9,500 करोड़ रुपये का निवेश मिला था। उन्होंने आगे कहा कि एसआईपी में रिकॉर्ड 20,904 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है जो दिखाता है कि निवेशक अनुशासन के साथ लंबी अवधि के नजरिए के साथ निवेश कर रहे हैं। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली, लोकसभा चुनाव और जीडीपी डेटा आदि के उतार-चढ़ाव के बीच निवेशकों ने लगातार निवेश जारी रखा है।

इसकी वजह भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत स्थिति में होना है, जिसके कारण निवेशकों का लगातार भरोसा बढ़ता चला जा रहा है। फायर्स में रिसर्च के उपाध्यक्ष गोपाल कवलिरेड्डी ने कहा कि सरकार के 100 दिन के एजेंडे और बजट पर सभी की निगाहें हैं। इससे सरकार की प्राथमिकता पर अधिक स्पष्टता मिलेगी। कुछ सेक्टरों ने हाल के वर्षों में काफी अच्छा रिटर्न दिया है। इस कारण से सेक्टर और थीमेटिक फंड्स को काफी लोकप्रियता मिली है। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर- मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि निवेशकों को इस तरह के फंड में निवेश करते समय काफी सावधानी बरतनी चाहिए। ये फंड्स साइक्लिक आधार पर रिटर्न देते हैं। ऐसे में अगर बाजार को अच्छे से जानते हैं और एंट्री एवं एग्जिट अच्छे से ले सकते हैं तो ही इस प्रकार के फंड्स में निवेश करना चाहिए।


यात्री वाहन की खुदरा बिक्री मई में एक प्रतिशत घटी

भीषण गर्मी और चुनाव के कारण मांग प्रभावित होने से मई में घरेलू यात्री वाहन खुदरा बिक्री में सालाना आधार पर एक प्रतिशत की गिरावट आई। उद्योग निकाय फाडा ने सोमवार को यह जानकारी दी। यात्री वाहनों का पंजीकरण मई में घटकर 3,03,358 इकाई रह गया, जबकि मई 2023 में यह 3,35,123 इकाई था। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा, ‘‘डीलरों ने पिछले महीने बिक्री में गिरावट के लिए चुनाव, भीषण गर्मी और बाजार में नकदी की समस्या को प्रमुख कारण बताया है।’’ उन्होंने कहा कि बेहतर आपूर्ति, कुछ लंबित बुकिंग और छूट योजनाओं के बावजूद नए मॉडल की कमी, तीव्र प्रतिस्पर्धा और मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) द्वारा खराब विपणन प्रयासों ने भी बिक्री को प्रभावित किया।

सिंघानिया ने कहा कि अत्यधिक गर्मी के कारण शोरूम में आने वाले ग्राहकों की संख्या में करीब 18 प्रतिशत की गिरावट आई है। मई में दोपहिया वाहनों की बिक्री दो प्रतिशत बढ़कर 15,34,856 इकाई हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 14,97,778 इकाई थी। पिछले महीने तिपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री सालाना आधार पर 20 प्रतिशत बढ़कर 98,265 इकाई हो गई। वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री पिछले महीने चार प्रतिशत बढ़कर 83,059 इकाई रही, जबकि मई 2023 में यह 79,807 इकाई थी। फाडा 15,000 से अधिक मोटर वाहन डीलरशिप का प्रतिनिधित्व करता है। उसने देश भर के 1,503 आरटीओ में से 1,360 से वाहन खुदरा आंकड़े एकत्र किए हैं।

एयर इंडिया एक्सप्रेस के कर्मचारी संगठन ने ‘चार्ज-शीट’ भेजे जाने पर नाराजगी जताई

एयर इंडिया एक्सप्रेस के कर्मचारियों के एक संगठन ने दावा किया है कि एयरलाइन ने पिछले महीने बीमार होने की सूचना देने पर चालक दल के 200 सदस्यों के खिलाफ आरोप-पत्र (चार्ज शीट) जारी किया है। कर्मचारियों के अचानक छुट्टी पर चले जाने से एयरलाइन को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। एयर इंडिया एक्सप्रेस कर्मचारी संघ ने चालक दल के सदस्यों के खिलाफ एयरलाइन के इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित श्रम व्यवहार करार दिया है।

कर्मचारी संघ ने एयर इंडिया एक्सप्रेस के प्रमुख आलोक सिंह को रविवार को लिखे पत्र में चेतावनी भरे लहजे में कहा कि एयरलाइन प्रबंधन की ऐसी कार्रवाई कंपनी और उसके यात्रियों के हितों के लिए हानिकारक हो सकती है। इस पर एयर इंडिया एक्सप्रेस की ओर से अबतक कोई टिप्पणी नहीं आई है। कर्मचारी संगठन से जुड़े सूत्रों ने कहा कि पांच जून को चालक दल के लगभग 200 सदस्यों को प्रबंधन ने आरोप-पत्र भेजा था जिसमें जवाब दाखिल करने के लिए 72 घंटे की समयसीमा दी गई थी। एयर इंडिया एक्सप्रेस के लगभग 200 सदस्य एयरलाइन में कथित कुप्रबंधन के विरोध में सात मई को हड़ताल पर चले गए थे। इससे एयरलाइन को कई दिन तक अपनी सैकड़ों उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं।


पेटीएम ने नौकरियों में की कटौती, प्रभावित कर्मचारियों को देगी बोनस

पेटीएम के स्वामित्व वाली कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) की ओर से पुनर्गठन के चलते कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है, जो कर्मचारी इस छंटनी से प्रभावित हुए हैं, कंपनी उन्हें दूसरी जॉब खोजने में मदद कर रही है। पेटीएम की ओर से कितने कर्मचारियों को निकाला गया है। फिलहाल इसे लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि कर्मचारियों के बकाया बोनस का भी भुगतान किया जा रहा है, जिससे इस प्रोसेस में पारदर्शिता बनी रहे।

कंपनी ने बयान में कहा, "वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) उन कर्मचारियों को आउटप्लेसमेंट सपोर्ट प्रदान कर रहा है, जिन्होंने कंपनी के पुनर्गठन प्रयासों के तहत इस्तीफा दे दिया है।" आउटप्लेसमेंट सपोर्ट उस स्थिति को कहा जाता है, जब कोई कंपनी छंटनी में निकाले गए कर्मचारियों की दूसरी नौकरी खोजने में मदद करती है। पेटीएम ने कहा, "हमारी एचआर टीम 30 से ज्यादा ऐसी कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है, जो भर्तियां कर रहे हैं और कर्मचारियों के साथ इन भर्तियों की जानकारी शेयर की जा रही है, जिससे कर्मचारियों को तुरंत आउटप्लेसमेंट में मदद मिले।"

पेटीएम का शेयर सोमवार दोपहर 3:00 बजे 2.23 प्रतिशत की तेजी के साथ 389.50 रुपये पर कारोबार कर रहा था। वित्तीय क्षेत्र में कारोबार करने वाली कंपनी पेटीएम में पिछले कुछ दिनों से रिकवरी के संकेत मिले हैं। कंपनी का फोकस अब यूपीआई पर शिफ्ट हो गया है। मई में पेटीएम प्लेटफॉर्म पर करीब 1.24 अरब यूपीआई लेनदेन हुए हैं। इसके अलावा कंपनी कई अन्य इनिशिएटिव जैसे क्रेडिट कार्ड, यूपीआई और यूपीआई लाइट पर फोकस कर रही है।

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