मोदी सरकार को पूर्व आरबीआई गवर्नर की चेतावनी- ज्यादा कमाने वालों पर अधिक टैक्स से देश के बाहर जा सकता है पैसा

ज्यादा कमाने वालों पर अधिक टैक्स लगाने का आरबीआई के पूर्व गवर्नर बिमल जालान ने विरोध किया है। इससे पहले सरकार के इस फैसले का पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन और वाईवी रेड्डी समेत बीजेपी के कई सहयोगी भी विरोध कर चुके हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

देश में अमीरों पर अधिक टैक्स लगाने को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान ने अपना विरोध जताया है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि अधिक कमाने वालों पर टैक्स का बोझ बढ़ाने से पैसा देश के बाहर जा सकता है। पूर्व आरबीआई गवर्नर का कहना है कि अगर टैक्स दर बहुत ज्यादा होगी तो लोग ऐसे देशों की तरफ भागेंगे जहां टैक्स दर कम है या टैक्स पर छूट मिलती है। इससे देश को मिलने वाला पैसा बाहर चला जाएगा। बिमल जालान रिजर्व बैंक का फंड सरकार को ट्रांसफर करने के मुद्दे पर फैसला लेने के लिए बनाई गई समिति के प्रमुख हैं।

इसी संदर्भ में न्यूज एजेंसी रायटर्स को दिए एक इंटरव्यू में बिमल जालान ने साफ कहा कि अधिक टैक्स की वजह से घरेलू निवेश प्रभावित होता है। ऐसे में निवेशक अपना पैसा निकालकर उसे विदेश भेज सकते हैं। इससे पहले ज्यादा कमाई करने वालों पर ज्यादा टैक्स लगाने का विरोध पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन, वाई वेणुगोपाल रेड्डी और बीजेपी के कुछ सहयोगी भी कर चुके हैं। उनका कहना है कि इससे लंबे समय में अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा।


बता दें कि हालिया बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 करोड़ से ज्यादा सालाना कमाई वाले लोगों पर टैक्स दर बढ़ाकर 42.7% कर दिया है। इसके दायरे में विदेशी निवेशक और रजिस्टर्ड ट्रस्ट भी आ जाते हैं। एक खबर के अनुसार बजट पेश होने के बाद से विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों से अब तक 7,712 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं। इसके पीछे अमीरों पर लगाए गए टैक्स को ही वजह माना जा रहा है।

यहां यह बात भी ध्यान देने वाली है कि भारत दुनिया के 10 सबसे ज्यादा कॉरपोरेट टैक्स दर लगाने वाले देशों में शामिल है। हालांकि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 400 करोड़ रुपये से कम सालाना कमाई वाली कंपनियों पर लगने वाले टैक्स दर को 30% से घटाकर 25% कर दिया है। आर्थिक जानकारों का मानना है कि निजी निवेशकों में उदासीनता के चलते ही भारत की विकास दर कम है।

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