शेयर मार्केट के साथ सोना-चांदी भी धड़ाम, एक दिन में गोल्ड में 2,613 रुपये की बड़ी गिरावट
एक्सपर्ट्स के अनुसार, सोने ने इस साल अब तक करीब 19% का रिटर्न दिया है, ऐसे में शेयर मार्केट में हो रहे नुकसान को निवेशक गोल्ड में प्रॉफिट बुक करके कवर करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके चलते सोने में बिकवाली आ गई है जो कुछ दिनों तक जारी रह सकती है।

शेयर मार्केट में सोमवार को 3000 अंक से ज्यादा की भारी गिरावट से मचे हाहाकार के बीच सोने और चांदी के दाम भी गिर गए। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के अनुसार 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 2,613 रुपये गिरकर 88,401 रुपये पर आ गया। इससे पहले 10 ग्राम सोने की कीमत 91014 रुपये थी। वहीं एक किलो चांदी की कीमत 4,535 रुपये गिरकर 88,375 रुपये प्रति किलो हो गई। इससे पहले चांदी का भाव 92,910 रुपये प्रति किलो था।
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार, सोने ने इस साल अब तक करीब 19% का रिटर्न दिया है, ऐसे में शेयर मार्केट में हो रहे नुकसान को निवेशक गोल्ड में प्रॉफिट बुक करके कवर करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके चलते सोने में बिकवाली आ गई है जो कुछ दिनों तक जारी रह सकती है। इससे आने वाले दिनों में सोना और नीचे आ सकता है। हालांकि, जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ने से गोल्ड को सपोर्ट मिल रहा है। इससे गोल्ड की डिमांड बढ़ रही है। ऐसे में इस साल सोना 94 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है।
वहीं, शेयर बाजार में आज 7 अप्रैल को साल की दूसरी सबसे बड़ी गिरावट आई। दिन में कारोबार शुरू होते ही सेंसेक्स और निफ्टी गोता लगाने लगा। दोपहर में सेंसेक्स 3200 अंक (4.20%) गिरकर करीब 72,150 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी में 1000 अंक (4.50%) की गिरावट रही और ये 22,000 से नीचे कारोबार कर रहा है। इससे पहले 4 जून 2024 को बाजार 5.74% गिरा था।
सेंसेक्स के सभी 30 शेयर गिरकर कारोबार कर रहे हैं। टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और इंफोसिस करीब 10% टूटे हैं। टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक और एल एंड टी में भी 8% की गिरावट है। एनएसई के सेक्टोरल इंडेक्स में निफ्टी मेटल सबसे ज्यादा 8% टूटा है। आईटी, ऑयल एंड गैस और हेल्थकेयर में करीब 7% की गिरावट है। ऑटो, रियल्टी और मीडिया इंडेक्स 5% नीचे हैं। 2 अप्रैल से अब तक कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) के दाम 12.11% घट चुके हैं। वहीं आज ब्रेंट क्रूड 4% टूटकर 64 डॉलर के नीचे फिसल चुका है। ये बीते 4 साल का निचला स्तर है।
बाजार में गिरावट की मुख्य वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के रेसिप्रोकल टैरिफ को माना जा रहा है। अमेरिका ने भारत पर 26% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। भारत के अलावा चीन पर 34%, यूरोपीय यूनियन पर 20%, साउथ कोरिया पर 25%, जापान पर 24%, वियतनाम पर 46% और ताइवान पर 32% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। चीन ने इसके जवाब में अमेरिका पर 34% जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। टैरिफ वार से सामान महंगा होने पर लोग कम खरीदारी करेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो सकती है। इसी से निवेशकों का भरोसा डगमगाया है।
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