'ट्रंप के 27 % टैरिफ के प्रभाव का आकलन कर रही सरकार', अधिकारी ने बताया- भारत इसे क्यों नहीं मानता झटका

अमेरिका में सभी आयात पर एक समान 10 प्रतिशत का शुल्क पांच अप्रैल से और शेष 17 प्रतिशत शुल्क 10 अप्रैल से लागू होगा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

वाणिज्य मंत्रालय अमेरिका द्वारा भारत से आयात पर लगाए गए 27 प्रतिशत के जवाबी शुल्क के प्रभाव का विश्लेषण कर रहा है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया, अमेरिका में सभी आयात पर एक समान 10 प्रतिशत का शुल्क पांच अप्रैल से और शेष 17 प्रतिशत शुल्क 10 अप्रैल से लागू होगा।

अधिकारी ने कहा, ‘‘मंत्रालय इन शुल्कों के प्रभाव का विश्लेषण कर रहा है। उन्होंने कहा कि एक प्रावधान है कि यदि कोई देश अमेरिका की चिंताओं का समाधान करता है, तो डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन उस देश के खिलाफ शुल्क कम करने पर विचार कर सकता है।

भारत पहले से ही अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है। दोनों देश इस साल की शरद ऋतु (सितंबर-अक्टूबर) तक समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। अधिकारी ने कहा, यह भारत के लिए एक झटका नहीं, बल्कि मिला-जुला नतीजा है।

बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विभिन्न देशों से आयात पर शुल्क लगाने की घोषणा करते हुए भारत द्वारा लगाए गए ऊंचे शुल्कों का भी जिक्र किया है। उन्होंने भारत पर 27प्रतिशत का ‘रियायती जवाबी शुल्क’ लगाने की घोषणा करते हुए कहा, “यह मुक्ति दिवस है, एक लंबे समय से प्रतीक्षित क्षण। दो अप्रैल, 2025 को हमेशा के लिए उस दिन के रूप में याद किया जाएगा, जिस दिन अमेरिकी उद्योग का पुनर्जन्म हुआ, जिस दिन अमेरिका के भाग्य का पुनः उदय हुआ, और जिस दिन हमने अमेरिका को फिर से समृद्ध बनाना शुरू किया। हम इसे समृद्ध, अच्छा और समृद्ध बनाने जा रहे हैं।”

ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस के रोज़ गार्डन में शुल्क की घोषणा करते हुए एक सूची के जरिये यह भी दिखाया कि विभिन्न देश अमेरिका उत्पादों पर कितना शुल्क लगाते हैं। इसमें भारत, चीन, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) जैसे देशों द्वारा लगाए जाने वाले शुल्क के साथ-साथ उनपर लगाए जाने वाले जवाबी शुल्क का भी उल्लेख था। सूची से पता चलता है कि भारत “मुद्रा में ‘गड़बड़ी’ और व्यापार बाधाओं सहित 52 प्रतिशत का शुल्क लगाता है। अमेरिका अब भारतीय उत्पादों पर 27 प्रतिशत का जवाबी शुल्क लगाएगा।


ये रही पूरी लिस्ट

ए शुल्कों का सामना करने वाले देशों में अल्जीरिया पर 30% टैक्स लगाया गया है, जबकि ओमान, उरुग्वे और बहामास को 10% टैक्स देना होगा। लेसोथो पर सबसे ज्यादा 50% टैरिफ लगाया गया है, जो अमेरिका द्वारा वहां के व्यापार से जुड़ी समस्याओं को दिखाता है। यूक्रेन, बहरीन और कतर पर 10% का टैक्स लगाया गया है, जबकि मॉरीशस को 40% और फिजी को 32% टैरिफ देना होगा। आइसलैंड और केन्या पर भी 10% टैक्स लगाया गया है, लेकिन लिकटेंस्टीन को 37% और गुयाना को 38% टैरिफ भरना होगा। हैती को भी 10% टैक्स के साथ इस सूची में शामिल किया गया है।

सूची में आगे बोस्निया और हर्जेगोविना पर 35% टैरिफ लगाया गया है, जबकि नाइजीरिया को 14% और नामीबिया को 21% टैरिफ भरना होगा। ब्रुनेई के लिए 24% टैरिफ तय किया गया है, जबकि बोलिविया, पनामा और कुछ अन्य देशों पर 10% टैरिफ लगाया गया है। वेनेजुएला को 15% टैरिफ का सामना करना होगा, जबकि उत्तरी मैसेडोनिया पर 33% टैरिफ लगाया गया है। इथियोपिया और घाना दोनों पर 10% टैरिफ लगाया गया है। चीन, जो एक बड़ा व्यापारिक केंद्र है, पर 34% टैरिफ लगाया गया है। यूरोपीय संघ को 20% टैरिफ देना होगा, जबकि वियतनाम 46% टैरिफ के साथ सूची में सबसे ऊपर है। इसके बाद ताइवान को 32% और जापान को 24% टैरिफ देना होगा। भारत पर 27% और और दक्षिण कोरिया पर 25% टैरिफ लगाया गया है, जबकि थाईलैंड को 36% और स्विट्जरलैंड को 31% टैरिफ भरना होगा।

टैरिफ दरें इंडोनेशिया और मलेशिया के लिए 32% और 24% तय की गई हैं, जबकि कंबोडिया को सबसे ज्यादा 49% टैरिफ झेलना पड़ रहा है। दूसरी ओर यूनाइटेड किंगडम पर केवल 10% का हल्का टैरिफ लगाया गया है, जबकि दक्षिण अफ्रीका को 30% और ब्राजील को 10% टैरिफ देना होगा। बांग्लादेश को भारी 37% टैरिफ झेलना पड़ेगा, जबकि सिंगापुर को केवल 10% और इजरायल व फिलीपींस को 17% टैरिफ भरना होगा। चिली और ऑस्ट्रेलिया को 10% टैरिफ के साथ राहत मिली है, लेकिन पाकिस्तान को 29%, तुर्की को 10% और श्रीलंका को 44% टैरिफ देना होगा। कोलंबिया भी 10% टैरिफ वाले देशों में शामिल है, जबकि पेरू और निकारागुआ को क्रमशः 10% और 18% टैरिफ देना होगा। नॉर्वे को 15% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।

कोस्टा रिका, जॉर्डन और डोमिनिकन गणराज्य पर 10%, 20% और 10% टैरिफ लगाया गया है। संयुक्त अरब अमीरात और न्यूजीलैंड को भी 10% टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है। अर्जेंटीना, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला और होंडुरास पर 10% टैरिफ लगाया गया है, लेकिन मेडागास्कर और म्यांमार (बर्मा) को क्रमशः 47% और 44% टैरिफ झेलना होगा। ट्यूनीशिया पर 28%, कजाकिस्तान पर 27% और सर्बिया पर 37% टैरिफ लगाया गया है, जबकि मिस्र, सऊदी अरब और अल साल्वाडोर को 10% टैरिफ देना होगा। कोटे डी आइवर को 21%, लाओस को 48% और बोत्सवाना को 37% टैरिफ देना होगा। त्रिनिदाद और टोबैगो तथा मोरक्को को 10% टैरिफ के साथ सूची में शामिल किया गया है।

(PTI के इनपुट के साथ)

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