अर्थ जगत की 5 बड़ी खबरें: HDFC बैंक का मुनाफा इतने करोड़ पहुंचा और जैक मा को फिर निशाना बना रहे शी जिनपिंग?

एचडीएफसी बैंक ने शनिवार को अपने 31 मार्च 2021 को समाप्त चौथी तिमाही के नतीजों का ऐलान कर दिया है और चीनी अरबपति जैक मा और उनकी कंपनी अलीबाबा को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा फिर से एक बार निशाना बनाया जा रहा है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

एचडीएफसी बैंक: चौथी तिमाही में मुनाफा 8,186 करोड़ रुपये पर पहुंचा, 18.1 फीसदी हुई बढ़ोत्तरी

एचडीएफसी बैंक ने शनिवार को अपने 31 मार्च 2021 को समाप्त चौथी तिमाही के नतीजों का ऐलान कर दिया है। बैंक का इस तिमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 18.1 फीसदी बढ़कर 8,186.51 करोड़ रुपये रहा है। मालूम हो पिछले साल की मार्च तिमाही में बैंक का मुनाफा 6,927.69 करोड़ रुपये रहा था। अनुमान था कि चौथी तिमाही में बैंक का मुनाफा 8,443 करोड़ रुपये रह सकता है। मार्च तिमाही में बैंक की ब्याज आय सालाना आधार पर 12.6 फीसदी की बढ़त के साथ 17,120.2 करोड़ रुपये रही है वहीं पिछले साल की मार्च तिमाही में कंपनी की ब्याज आय 15,204।1 करोड़ रुपये रही थी। तिमाही दर तिमाही आधार पर बैंक के Gross NPA में हल्की गिरावट देखने को मिली है। यह पिछली तिमाही के 1।38 फीसदी से घटकर 1।32 फीसदी रही है जबकि Net NPA बिना किसी बदलाव के तीसरी तिमाही के 0।40 फीसदी पर बरकरार रही है।

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जैक माको फिर निशाना बना रहे शी जिनपिंग? अब उठाया ये कदम

चीनी अरबपति जैक मा और उनकी कंपनी अलीबाबा को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा फिर से एक बार निशाना बनाया जा रहा है। पिछले छह महीने से कम समय में ये तीसरा मौका है जब जैक मा के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सोमवार को, राज्य-संचालित सिन्हुआ न्यूज एजेंसी का हवाला देते हुए, निक्केई एशिया ने बताया कि चार सरकारी एजेंसियों ने अलीबाबा संबद्ध Ant ग्रुप के साथ जॉइंट रेगुलेटरी बातचीत की थी। ये चार सरकारी एजेंसियां थीं- पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना, चाइना बैंकिंग एंड इंश्योरेंस रेग्युलेटरी कमीशन, चाइना सिक्योरिटीज रेगुलेटरी कमीशन और स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज। शिन्हुआ ने बताया कि सेंट्रल बैंक के डिप्टी गवर्नरों में से एक, पैन गोंगशेंग ने चारों विभागों की ओर से संवाददाताओं के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि वित्तीय अधिकारियों द्वारा एंट ग्रुप पर फिर से सवाल उठाने का कारण एकाधिकार को रोकना और पूंजी के गलत तरीके से विस्तार को रोकना था। निक्केई एशिया के मुताबिक, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अक्टूबर के बाद से इसी तरह कारणों का हवाले देते हुए कार्रवाई कर रही है।

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तुर्की के क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाते ही Bitcoin में गिरावट

तुर्की ने अपनी मुद्रा लीरा में गिरावट के बीच दुनिया में तेजी से लोकप्रिय हो रहे क्रिप्टोकरेंसी मार्केट पर रोक लगा दी है। तुर्की की केंद्रीय बैंक ने ट्रांजेक्शन रिस्क और भारी नुकसान का खतरा बताते हुए देश में खरीद के लिए क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो एसेट्स पर रोक लगा दी है। तुर्की के इस बैन का असर क्रिप्टो मार्केट पर दिखने लगा है। बैन लगाने के साथ ही शुक्रवार को दुनिया की सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत 4।6 फीसदी से ज्यादा की गिरावट के साथ 60 हजार डॉलर के पास पहुंच गई थी। हालांकि शनिवार को बिटकॉइन 62,000 डॉलर के पार पहुंच गई। शुक्रवार को तुर्की के केंद्रीय बैंक ने आदेश जारी किया जिसमें कहा गया था क्रिप्टोकरेंसी और अन्य किसी भी तरह की डिजिटल संपत्ति का उपयोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पेमेंट के लिए नहीं किया जा सकता है। तुर्की में राष्ट्रीय मुद्रा लीरा में गिरावट और महंगाई के चलते निवेशकों की रुचि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बढ़ी है। तुर्की में पिछले महीने महंगाई में 16 प्रतिशत की बढ़त औक लीरा में गिरावट के चलते निवेशक बिटकॉइन में निवेश को इसका बचाव मान रहे थे। लेकिन अब केंद्रीय बैंक के प्रतिबंध के बाद तुर्की में क्रिप्टोकरेंसी बाजार को बड़ा झटका लग सकता है।

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RBI के डिप्टी गवर्नर बोले- ग्राहकों की प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं

भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा है कि बैंकों में टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन काफी महत्वपूर्ण है लेकिन यह ग्राहकों की प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा की कीमत पर आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। राव ने टाटा कंसल्टेंसी सविर्सिज द्वारा ब्राजील स्थित भारतीय दूतावास के साथ मिलकर ओपन बैंकिंग पर 14 अप्रैल को आयोजित एक वेबिनार में कहा, ''हमें अपने ग्राहकों के बीच यह विश्वास पैदा करना होगा कि उनके साथ होने वाली तमाम वित्तीय लेनदेन में उनकी पूरी जानकारी और आंकड़े सब कुछ सुरक्षित है। इसके लिए इनोवेशन और रेगुलेशन दोनों को एक साथ चलना होगा।'' रिजर्व बैंक ने राजेश्वर राव के भाषण को शुक्रवार को अपनी वेबसाइट पर डाला है।

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हुआवे की गिरावट के बाद चीन के स्मार्टफोन बाजार में शीर्ष पर पहुंचा वीवो

हुआवे की गिरावट के बाद, स्मार्टफोन ब्रांड वीवो चीन में शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है और इसने उपभोक्ता अनुकूल उत्पाद लाइन-अप के कारण अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी ओप्पो को पीछे छोड़ दिया है। काउंटरप्वाइंट के चाइना स्मार्टफोन वीकली ट्रैकर के अनुसार, चीन के स्मार्टफोन बाजार में वर्चस्व की लड़ाई गर्म हो रही है, जिसमें शीर्ष स्थान सुरक्षित नहीं रह गया है। अपने नए लॉन्च किए गए बजट मॉडल वाई3 और एस9 के निरंतर मजबूत प्रदर्शन के आधार पर, वीवो 11वें सप्ताह (8-14 मार्च) के दौरान ओप्पो से आगे निकलने में सफल रहा। इसके बाद फिर 13वें सप्ताह में भी इसने ओप्पो को पीछे छोड़ दिया। जब से हुआवे कंपनी का अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण संघर्ष शुरू हुआ है, अन्य चीनी स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी इस परिस्थिति का पूरा लाभ उठाने के लिए उत्सुक रही हैं। सीनियर एनालिस्ट यांग वैंग ने कहा, "वीवो और ओप्पो आक्रामक बाजार और उत्पाद रणनीतियों को अपना रहे हैं और हम उम्मीद करते हैं कि 2021 में दोनों ब्रांड शीर्ष स्थान पर बने रहेंगे।" ओप्पो की रणनीति इस साल जनवरी और फरवरी में आक्रामक रही और रेनो सीरीज की सफल रीब्रांडिंग और मिड-रेंज में ए सीरीज की मजबूत गति के साथ यह चीन में नंबर 1 स्मार्टफोन ब्रांड बन गया। हुआवे और साथ ही ऑनर अब अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद कंपोनेंट्स की कमी और नए लॉन्च की कमी के कारण चीनी बाजार में लगातार अपना हिस्सा खो रहा है। प्रमुख कंपोनेंट्स के लिए इसकी इन्वेंट्री घट रही है और यह 5जी स्मार्टफोन के लिए कंपोनेंट्स में सक्षम होता दिखाई नहीं दे रहा है।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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