अडानी-हिंडनबर्ग मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, जनहित याचिकाओं और सेबी की ओर से की गई है ये मांग

सेबी ने अपनी याचिका में कहा कि उसने 11 देशों के मार्केट रेगुलेटर से संपर्क कर यह जानकारी मांगी है कि क्या अडानी ग्रुप ने अपने सार्वजनिक रूप से उपलब्ध शेयरों के मामले में किसी भी तरह के नियमों का उल्लंघन किया है।


फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

अडानी-हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले की जांच की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं और सेबी की ओर से रिपोर्ट जमा करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। सेबी ने अडानी समूह द्वारा स्टॉक हेरफेर के हिंडनबर्ग आरोपों की जांच पूरी करने के लिए छह महीने के विस्तार की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

सेबी ने अपनी याचिका में कहा कि उसने 11 देशों के मार्केट रेगुलेटर से संपर्क कर यह जानकारी मांगी है कि क्या अडानी ग्रुप ने अपने सार्वजनिक रूप से उपलब्ध शेयरों के मामले में किसी भी तरह के नियमों का उल्लंघन किया है। नियामक ने कहा, 'किसी अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले विभिन्न स्रोतों से मिले दस्तावेजों का गहन विश्लेषण करना होगा।' 

सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च को पारित एक आदेश में सेबी को तेजी से जांच समाप्त करने और स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था।


अडानी ग्रुप की जांच का मामला तब आया, जब इस साल की शुरुआत में अमेरिका की एक शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी किया। इस रिपोर्ट में अरबपति गौतम अडानी की अगुआई वाले ग्रुप पर टैक्स हैवन देशों का इस्तेमाल और शेयरों की कीमतों में हेरफेर का आरोप लगाया था। हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया था। यह मामला सुप्रीर्ट कोर्ट भी पहुंचा था, जिसके बाद कोर्ट ने 2 मार्च को सेबी को इस मामले की जांच करने और 2 महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। हालांकि सेबी ने अपनी नई याचिका में कोर्ट से जांच पूरी करने के लिए 6 महीने का समय मांगा है।

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