अर्थजगत: भारतीय शेयर बाजार सपाट बंद और गोल्ड ईटीएफ में जमकर निवेश कर रहे भारतीय

कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में सपाट बंद हुआ। भारत में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में अक्टूबर में कुल 850 मिलियन डॉलर का नेट इनफ्लो दर्ज किया गया है।

उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में स्थिर बंद हुआ शेयर बाजार
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नवजीवन डेस्क

कमजोर वैश्विक संकेतों से भारतीय शेयर बाजार सपाट बंद, मिडकैप में हुई खरीदारी

कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में सपाट बंद हुआ। बाजार के अंत में सेंसेक्स 94.73 अंक या 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83,216.28 और निफ्टी 17.40 अंक या 0.07 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 25,492.30 पर बंद हुआ। 

लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप स्टॉक्स में मजबूत खरीदारी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 374.55 अंक या 0.63 प्रतिशत की मजबूती के साथ 59,843.15 पर था। हालांकि, स्मॉलकैप शेयरों में हल्की गिरावट हुई और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 29.05 अंक या 0.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,075.95 पर था।

सेक्टोरल आधार पर, निफ्टी मेटल (1.41 प्रतिशत), निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज (0.76 प्रतिशत), निफ्टी पीएसयू बैंक (0.87 प्रतिशत), निफ्टी प्राइवेट बैंक (0.44 प्रतिशत) और निफ्टी कमोडिटीज (0.39 प्रतिशत) तेजी के साथ बंद हुए। दूसरी तरफ, निफ्टी आईटी (0.62 प्रतिशत), निफ्टी फार्मा (0.36 प्रतिशत), निफ्टी एफएमसीजी (0.49 प्रतिशत) और निफ्टी इन्फ्रा (1.00 प्रतिशत) गिरावट के साथ बंद हुए।

गोल्ड ईटीएफ में जमकर निवेश कर रहे भारतीय, अक्टूबर में नेट इनफ्लो 850 मिलियन डॉलर रहा

भारत में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में अक्टूबर में कुल 850 मिलियन डॉलर का नेट इनफ्लो दर्ज किया गया है, जिससे इस साल कुल इनफ्लो रिकॉर्ड 3.05 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जो गोल्ड ईटीएफ में निवेश का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। यह जानकारी वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्लूजीसी) की ओर से जारी किए गए डेटा में दी गई।

हालांकि, अक्टूबर में दर्ज किया गया इनफ्लो सितंबर में आए 911 मिलियन डॉलर के मुकाबले 6 प्रतिशत कम है, लेकिन एशिया में यह दूसरा सबसे बड़ा मासिक इनफ्लो रहा है।

 डेटा के मुताबिक, यह लगातार पांचवां महीना है, जब गोल्ड में इनफ्लो सकारात्मक रहा है, जिसे कुल एयूएम 11.3 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।

 वैश्विक स्तर पर बीते महीने ग्लोबल गोल्ड ईटीएफ इनफ्लो 8.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।

 अक्टूबर के दौरान गोल्ड ईटीएफ निवेश में भारत वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर रहा। वहीं, अमेरिका 6.33 अरब डॉलर के निवेश के साथ पहले स्थान और 4.51 अरब डॉलर के साथ चीन दूसरे स्थान पर रहा। जापान 499.5 मिलियन डॉलर के साथ चौथे और फ्रांस 312 मिलियन डॉलर के साथ पांचवें स्थान पर था।


देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5.62 अरब डॉलर घटकर 689.73 अरब डॉलर पर

श का विदेशी मुद्रा भंडार 31 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 5.62 अरब डॉलर घटकर 689.73 अरब डॉलर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

विदेशी मुद्रा भंडार 24 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 6.92 अरब डॉलर घटकर 695.35 अरब डॉलर रहा था।

शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 31 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां 1.96 अरब डॉलर घटकर 564.59 अरब डॉलर रह गईं।

डॉलर के संदर्भ में व्यक्त विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड व येन जैसी गैर-अमेरिकी इकाइयों के मूल्यवृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है।

आरबीआई ने बताया कि सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार का मूल्य 3.81 अरब डॉलर घटकर 101.73 अरब डॉलर रह गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) भी 1.9 करोड़ डॉलर घटकर 18.64 अरब डॉलर रहा।

डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों में जुलाई से फिर आई तेजीः आरबीआई डिप्टी गवर्नर

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर ने शुक्रवार को कहा कि जुलाई, 2025 से डिजिटल धोखाधड़ी के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं।

शंकर ने यहां भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक कार्यक्रम में कहा, “लेनदेन की संख्या के अनुपात में देखें तो इस वर्ष की शुरुआत से जुलाई तक धोखाधड़ी के मामलों में उल्लेखनीय गिरावट आई थी। लेकिन जुलाई के बाद से ये मामले फिर बढ़ने लगे हैं।”

उन्होंने कहा कि वृद्धि मौसमी या चक्रीय हो सकती है और आरबीआई इसके कारणों की जांच कर रहा है।

आरबीआई के वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में धोखाधड़ी के मामलों की संख्या घटकर 23,953 पर आ गई जबकि इससे पहले के वित्त वर्ष में यह 36,000 से अधिक थी। धोखाधड़ी की अधिकांश घटनाएं डिजिटल भुगतान के क्षेत्र, जैसे कार्ड और इंटरनेट लेनदेन के दौरान हुईं।

रिपोर्ट के मुताबिक, निजी क्षेत्र के बैंक संख्या के लिहाज से करीब 60 प्रतिशत धोखाधड़ी मामलों के लिए जिम्मेदार हैं, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का हिस्सा मूल्य के आधार पर 71 प्रतिशत से अधिक है।

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