नौकरी पर संकट: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म कैरोसेल ने 10 फीसदी कर्मचारियों को निकाला, इतने लोगों की गई नौकरी

कैरोसेल ने लागत कम करने के प्रयास में लगभग 110 कर्मचारियों, या अपने कुल कर्मचारियों के 10 प्रतिशत को निकाल दिया है। कैरोसेल के सह-संस्थापक और सीईओ सिउ रुई क्यूक ने कहा कि वह उन 'निर्णयों की जिम्मेदारी लेते हैं जो हमें यहां ले आए हैं।'

फोटो: Getty Images
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नवजीवन डेस्क

कंज्यूमर-टू-कंज्यूमर (सी2सी) ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म कैरोसेल ने लागत कम करने के प्रयास में लगभग 110 कर्मचारियों, या अपने कुल कर्मचारियों के 10 प्रतिशत को निकाल दिया है। कैरोसेल के सह-संस्थापक और सीईओ सिउ रुई क्यूक ने कहा कि वह उन 'निर्णयों की जिम्मेदारी लेते हैं जो हमें यहां ले आए हैं।'

सिंगापुर मुख्यालय वाली कंपनी मलेशिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, कंबोडिया, ताइवान, हांगकांग, मकाऊ, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा में काम करती है।

उन्होंने एक बयान में कहा, "प्रभावित व्यावसायिक इकाइयों में सभी को ईमेल भेजे जाएंगे, यह स्पष्ट करते हुए कि क्या आपकी भूमिका प्रभावित हुई है।"

सीईओ ने कहा, "साथियों के साथ विदाई करना, जिनके हम इस मिशन में शामिल होने के लिए आभारी हैं, एक बहुत ही कठिन निर्णय है। हम सुनिश्चित करेंगे कि हम सभी प्रभावित लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करें और जितना संभव हो उतना समर्थन दें।"

कंपनी प्रत्येक प्रभावित कर्मचारी को सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए 1 महीने का वेतन प्रदान करेगी, जो निकटतम छमाही तक होगा।

क्यूक ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हर प्रभावित साथी के पास कम से कम 3 महीने का मुआवजा होगा, जहां आवश्यक हो, अंतर को टॉप-अप करना होगा।"

सीईओ ने कहा कि जब हम ग्रुप के प्रमुख बाजारों में 2021 के कोविड लॉकडाउन से उभरे, "हम रिकवरी के बारे में आशावादी थे और अपने मुख्य क्लासीफाइड व्यवसाय में विकास को फिर से शुरू करने के लिए उत्सुक थे।"


गौरतलब है कि बड़ी बड़ी कंपनियों ने लगातार लोगों को बाहर कर रहे हैं। बीते दिनों मेटा और ट्विटर ने बड़े पैमाने पर लोगों को नौकरी से निकाला था। इन दोनों कंपनियों में छंटनी का असर भारत में इनके कर्मचारियों पर भी पड़ा था। ट्विटर का लगभग पूरा इंडिया ऑफिस ही खाली सा हो गया था।

वहीं मेटा (फेसबुक और व्हाट्सऐप वाली कंपनी) ने पूरी दुनिया में काम करने वाले अपने 13 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। यह संख्या करीब 11,000 कर्मचारियों के बराबर था।

बीते दिनों से लगतार उपज रहे हालात से क्या ऐसा मान लिया जाए कि बीते दशक या दशकों के दौरान कारोबार को बेतहाशा विस्तार कर लाखों लोगों को रोजगार देकर अरबों-खरबों डॉलर की पूंजी वाली बनी इन बड़ी टेक कंपनियों में छंटनी का दौर इशारा कर रहा है कि अच्छे दिन अब जाने वाले हैं।

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