अर्थ जगत की 5 बड़ी खबरें: ऑक्सफोर्ड प्रोफेसर ने कोरोना पैकेज पर उठाए सवाल, कहा- मुफ्त कर्ज देना अच्छा विचार नहीं

भारत सरकार की योजना प्रभावी रूप से कंपनियों को मुफ्त कर्ज उपलब्ध कराने की है, जो अच्छा विचार नहीं है। यह बात यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के प्रोफेसर और मास्टर्स यूनियन मास्टर कार्तिक रमन्ना ने कही।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

ऑक्सफोर्ड प्रोफेसर ने कोरोना पैकेज पर कहा, मुफ्त कर्ज देना अच्छा विचार नहीं

भारत सरकार की योजना प्रभावी रूप से कंपनियों को मुफ्त कर्ज उपलब्ध कराने की है, जो अच्छा विचार नहीं है। यह बात यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के प्रोफेसर और मास्टर्स यूनियन मास्टर कार्तिक रमन्ना ने कही। रमन्ना ने कोविड-19 के कारण चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के मुद्दे पर यह टिप्पणी की।

रमन्ना ने गुरुग्राम में मास्टर्स यूनियन स्कूल ऑफ बिजनेस की अपनी 'मास्टरक्लास' में कहा, "यह एक अच्छा विचार नहीं है, क्योंकि सरकार तब विफलता की लागत को समाहित करेगी। लेकिन अगर चीजें सफल होती हैं तो करदाता को कोई लाभ नहीं होगा।"

उन्होंने कहा, "हमें नॉन वोटिंग इक्विटी के रूप में पैकेज की संरचना करनी चाहिए, ताकि सरकारें उन व्यवसायों के साथ हस्तक्षेप करने की स्थिति में न आएं, कि व्यवसाय कैसा चल रहा है।"

रमन्ना ने कहा कि अमेरिका ने 2009 में वित्तीय संकट के दौरान ऐसा ही किया था और अमेरिकी सरकार ने अपने पैकेज पर एक छोटा लाभ भी कमाया था।

मोटोरोला रेजर 2 स्मार्टफोन को सितंबर में लॉन्च करने की योजना

स्मार्टफोन ब्रांड मोटोरोला अपने फोल्डेबल फ्लैगशिप मोटो रेजर की दूसरी सिरीज यानी मोटो रेजर 2 को सितंबर में लॉन्च करने की योजना बना रहा है। मोटोरोला की मूल कंपनी लेनोवो के दक्षिण अफ्रीका के महाप्रबंधक थिबॉल्ट डूसन ने पॉडकास्ट के दौरान कहा कि इस साल के अंत में नए जनरेशन का फोल्डेबल स्मार्ट फोन आ रहा है।

डूसन ने कहा, "मुझे लगता है कि रेजर के नए वर्जन का स्मार्टफोन सितंबर को आ रहा है।"

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोटोरोला अपने पहले रेजर स्मार्टफोन में आने वाली समस्याओं से अवगत है, और मोटोरोला रेजर 2 को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।

भारत में स्मार्टफोन निर्माता ने अपने फ्लैगशिप मोटोरोला रेजर ब्लैक को मार्च में 6जीबी रैम और 128 जीबी स्टोरेज वेरिएंट के साथ 1,24,999 रुपये में लॉन्च किया था।


कोविड-19 : आगरा के जूता बाजार को संभलने में लगेगा 1 साल

उत्तर प्रदेश के आगरा की पहचान ताजमहल से तो है ही, इस शहर को 'जूतों का हब' भी बोला जाता है। दुनिया के हर कोने में लोग आगरा से निर्यात किए गए जूते पहनते हैं। लेकिन लॉकडाउन में कारखानों के शटर डाउन हैं। प्रदेश के आंकड़ों पर गौर करें, तो इस शहर में कोरोना संक्रमण के मामले सबसे ज्यादा हैं। इसी वजह से प्रशासन की सख्ती भी यहां बहुत ज्यादा है। ईद का त्योहार आने को है। इस त्योहार के समय हर साल यहां का जूता बाजार भी गुलजार रहा करता था, मगर इस बार तो रौनक ही गायब है। दो महीने बाद खुले बाजार में व्यापारियों को ग्राहकों का इंतजार है।

आगरा फुटवेयर मैन्युफैक्च र्स एंड एक्सपोर्ट्स चैम्बर के अध्यक्ष पूरन डावर ने आईएएनएस को बताया, "आगरा शू इंडस्ट्री 5000 करोड़ का इम्पोर्ट व एक्सपोर्ट करती है, जिसमें डायरेक्ट एक्सपोर्ट 3500 करोड़ और 1500 करोड़ का डीम्ड एक्सपोर्ट। अप्रैल से बीच जुलाई तक सीजन होता है और हमने पहले से ही मार्च, अप्रैल, मई गुजार दिया है। अभी भी कुछ इंडस्ट्री पूरी तरह से चालू नहीं हैं। कहीं कंटेटमेंट जोन तो कहीं मूवूमेंट इश्यू है"

शाओमी ने रोटेटिंग कैमरा के साथ नए फोल्डेबल फोन का पेटेंट कराया

चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी शाओमी ने क्वाड-कैमरा सिस्टम के साथ एक फोल्डेबल स्मार्टफोन का पेटेंट कराया है, जो सेल्फी लेने के लिए आगे घूमता है और प्राइमरी फोटो क्लिक करने के लिए फिर पिछे रोटेट हो जाता है। शाओमी की ओर से चीन में अंदर की ओर फोल्ड होने वाले एक स्मार्टफोन का पेटेंट फाइल किया गया है। इस पेटेंट में कंपनी की ओर से हैंडसेट को शोकेस करते हुए करीब 48 इमेजेस शेयर की गई हैं।

पेटेंट शोकेस के दौरान, शेयर की गई इमेजेस में फोन की स्क्रिन बीच से फोल्ड होते हुए दिखाई दे रही है, जिससे डिस्प्ले भी प्रोटेक्ट हो रहा है। इसके अलावा फोल्डेबल फोन में कोई सेकेंडरी डिस्प्ले बाहर दिया जाएगा या फिर नहीं, इसके कोई संकेत नहीं मिले हैं। क्लैमशेल स्टाइल में फोल्ड होने वाले मोटो राजर 2019 जैसे डिजाइन की तरह दिख रही है।


दिल्ली में शराब पर 'कोरोना शुल्क' से 110 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शराब पर 'विशेष कोरोना शुल्क' लगाने के महज 15 दिनों में दिल्ली सरकार को उपकर से 110 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हुई है और आने वाले दिनों में और ज्यादा दुकानें खुलने के साथ और अधिक कमाई होने की उम्मीद है। दिल्ली आबकारी विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 12 मई तक कमाई लगभग 55 करोड़ रुपये थी, 15 मई तक 'विशेष कोरोना शुल्क' संग्रह 70 करोड़ रुपये हो गया, 21 मई तक शुल्क का संग्रह बढ़कर लगभग 110 करोड़ रुपये हो गया।

शहर की सरकार के लिए शराब से राजस्व संग्रह आय का एक प्रमुख स्रोत है और शनिवार से और अधिक शराब की दुकानों के खुलने के साथ कमाई और बढ़ने की संभावना है। जहां लॉकडाउन 3.0 में 100 के करीब शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई थी, वहीं, अब शहर भर में लगभग 200 दुकानें खुल रही हैं, जिनमें स्टैंडअलोन दुकानें और बाजार में मौजूद दुकानें शामिल हैं।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia


/* */