लॉकडाउन के बीच RBI का बड़ा फैसला, रद्द किया इस बैंक का लाइसेंस, ग्राहकों की बढ़ी मुश्किल 

RBI की ओर से जारी किए आदेश के मुताबिक इस बैंक की वित्तीय स्थिति अत्यधिक जोखिम भरी और अस्थिर है। बैंक की स्थिति को सुधारने और बढ़ते एनपीए के बोझ को कम करने के लिए CKP बैंक प्रबंधन की तरफ से भी अनिवार्य प्रतिबद्धता नहीं दिखाई गई।

फोटो: Getty Images
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नवजीवन डेस्क

कोरोना संकट के लिए देशभर में जारी लॉकडाउन के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने सहकारी बैंक के खाताधारकों को बड़ा झटका दिया है। RBI ने महाराष्ट्र के सहकारी बैंक सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को झटका देते हुए केंद्रीय बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। आरबीआई ने सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लाइसेंस रद्द करते हुए प्रेस रिलीज जारी की और कहा कि CKP बैंक की वित्तीय स्थिति अत्यधिक जोखिम भरी और अस्थिर है। प्रेस रिलीज में आगे कहा गया है कि बैंक को बचाने के लिए कोई मजबूत रिवाइवल या अन्य बैंक के साथ विलय का प्लान नहीं है।

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30 अप्रैल के बाद से ही आरबीआई ने बैंक के सभी ऑपरेशन रोक दिए

RBI ने कहा कि CKP बैंक प्रबंधन की तरफ से भी अनिवार्य प्रतिबद्धता नहीं दिखाई दे रही है, जिसके बाद बैंक के लाइसेंस को रद्द करने का फैसला किया गया है। आरबीआई ने CKP को-ऑपरेटिव बैंक के लाइसेंस को रद्द करते हुए कहा कि बैंक पर वित्तीय अस्थितरता के चलते यह फैसला लिया गया है। 30 अप्रैल के बाद से ही आरबीआई ने बैंक के सभी ऑपरेशन रोक दिए है। वहीं साल 2014 से ही बैंक पर प्रतिबंध लगाए गए थे, जिसे बार-बार बढ़ाया गया, ताकि बैंक अपने एनपीए को कम कर सकेंष लेकिन बैकं प्रबंधन की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाते देख , निवेशकों और खाताधारकों को बचाने के लिए रिजर्व बैंक को यह फैसला लिया और 28 अप्रैल 2020 को अपने आदेश Order No DOR.CO.AID/LC-02/12.22.035/2019-20 बैंक के लाइसेंस को रद्द करने का फैसला लिया।


क्यों रद्द हुआ CKP बैंक का लाइसेंस

RBI की ओर से जारी किए आदेश के मुताबिक इस बैंक की वित्तीय स्थिति अत्यधिक जोखिम भरी और अस्थिर है। बैंक की स्थिति को सुधारने और बढ़ते एनपीए के बोझ को कम करने के लिए CKP बैंक प्रबंधन की तरफ से भी अनिवार्य प्रतिबद्धता नहीं दिखाई गई। RBI के मुताबिक बैंक ऐसी स्थिति में नहीं है कि वो अपने मौजूदा या भविष्य के डिपॉजिटर्स को पेमेंट कर सके। आरबीआई के आदेश के मुताबिक CKP बैंक द्वारा तय किए गए न्यूनतम पूंजीगत जरूरतों के नियम का भी उल्लंघन किया। RBI ने अपने फैसले में कहा कि आम लोग और डिपॉजिटर्स के हित को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है। बैंक की मौजूदा स्थिति डिपॉजिटर्स के लिए हानिकारक है।

वहीं केंद्रीय बैंक ने कहा कि CKP बैंक के रिवाइवल के लिए कोई प्लान नहीं है। बैंक द्वारा उठाया गया कदम प्रभावी नहीं। वहीं बैंक ने कहा कि बैंक प्रबंधन को पर्याप्त मौका दिया गया, लेकिन प्रबंधन की ओर से बैंक के विलय को लेकर भी कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया है। ऐसे में खाताधारकों और आम लोगों के साथ-साथ निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए बैंक के बिजनेस को रोकने का फैसला किया गया। CKP को-ऑपरेटिव बैंक के करीब 1.20 लाख खाताधारक हैं। ऐसे में बैंक का लाइसेंस रद्द होने पर अब खाताधारकों का और उनकी पूंजी का क्या होगा। इस बैंक की 485 करोड़ रुपये की एफडी भी अधर में लटकी हुई है। केंद्रीय बैंक ने अपने आदेश में कहा है कि बैंक के खाताधारकों को 5 लाख रुपए तक मिलेंगे।

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