रुपये की खस्ता हालत जारी, अब तक के सबसे निचले स्तर पर, डॉलर के मुकाबले 80 पर पहुंचा रुपया

रुपये की कीमत काफी समय से बड़ी तेजी से गिरी है। रुपया लगातार एक के बाद एक निचले स्तर पर जाने का रिकॉर्ड बना रहा है। आरबीआई द्वारा हाल में की गई कोशिशों के बावजूद रुपया संभल नहीं रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अब तक रुपया करीब 7 फीसदी कमजोर हो चुका है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

भारतीय मुद्रा रुपये की खस्ता हालत जारी है। आज (मंगलवार) शेयर बाजार में गिरावट के बीच रुपये ने गिरने का नया रिकॉर्ड बनाया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 80 पर जा पहंचा। इसके साथ ही रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया।

शुरुआती कारोबार में यह डॉलर के मुकाबले 80.0175 पर कारोबार कर रहा था। इससे पहले सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 79.9775 पर बंद हुआ था। इंटरबैंक फॉरेक्स एक्सचेंज के कारोबार में रुपया शुरुआत में ही गिरकर डॉलरके मुकाबले 80 से नीचे खुला। रुपये के लिए 80 के स्तर को अहम साइकोलॉजिकल सपोर्ट माना जा रहा था।


डॉलर के मुकाबले लगातार रुपया बेहद खराब दौर से गुजर रहा है। रुपये की कीमत पिछले काफी समय से बड़ी तेजी से गिरी है। रुपया लगातार एक के बाद एक निचले स्तर पर जाने का रिकॉर्ड बना रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाल में की गई कोशिशों के बावजूद रुपया संभल नहीं रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अब तक रुपया करीब 7 प्रतिशत कमजोर हो चुका है।

डॉलर के मुकाबले क्यों गिर रहा है रुपया?

रुपये के गिरने के सबसे बड़े कारणों में से विदेशी निवेशकों के भारत से अपने निवेश को निकाल लेना बताया जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार, पिछले 6 महीनों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारत से करीब 2,320 अरब रुपये निकाल लिए हैं। विदेशी निवेशकों का पैसे निकाल लेना इस बात का संकेत है कि वो भारत को इस समय निवेश करने के लिए सुरक्षित नहीं समझ रहे हैं।

रुपये के लगातार कमजोर होने का सबसे बड़ी वजह कच्चे तेल के बढ़ते दाम हैं। भारत कच्चे तेल के बड़े आयातकों में एक है। कच्चे तेल के दाम साढ़े तीन साल के उच्चतम स्तर पर हैं और 75 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच गए हैं। भारत ज्यादा तेल इंपोर्ट करता है और इसका बिल भी उसे डॉलर में चुकाना पड़ता है।

विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में जमकर बिकवाली की है। इस साल अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 46 हजार 197 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली की है।


रुपया गिरने से क्या नुकसान होगा?

मुद्रा विशेषज्ञों के मुताबिक, डॉलर के मुकाबले रुपये के गिरने का सबसे बड़ा असर यह होगा कि महंगाई बढ़ सकती है। कच्चे तेल का इंपोर्ट होगा महंगा तो महंगाई भी बढ़ेगी। ढुलाई महंगी होगी तो सब्जियां और खाने-पीने की चीजें महंगी होंगी।

साथ ही डॉलर में होने वाला भुगतान भी भारी पड़ेगा। इसके अलावा विदेश घूमना महंगा होगा और विदेशों में बच्चों की पढ़ाई भी महंगी होगी।

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Published: 19 Jul 2022, 1:03 PM