विकसित भारत की बात जुमला, ध्यान भटकाने का प्रयास, नीतियों में बदलाव की जरूरत: अमिताभ दुबे

विकसित भारत के लक्ष्य से जुड़े सवाल पर दुबे ने कहा, ‘‘विकसित भारत की बात ध्यान भटकाने का प्रयास है। उन्होंने (सरकार ने) पहले 2022 तक भारत के विकसित होने की बात की, लेकिन अब 2047 की बात कर रहे हैं।’’

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

पीटीआई (भाषा)

कांग्रेस नेता अमिताभ दुबे ने शनिवार को आरोप लगाया कि सरकार द्वारा 2027 तक विकसित भारत बनाने का दावा किया जाना एक ‘जुमला’ है, क्योंकि सरकार की वर्तमान नीतियों तथा आर्थिक विकास की मौजूदा दर से इस लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में यह भी कहा कि आयकर से जुड़ी राहत की घोषणा सिर्फ सुर्खियां बटोरने का प्रयास है, जबकि मध्य वर्ग के बड़े हिस्से और गरीबों के लिए बजट में कुछ नहीं है।

कांग्रेस के संचार विभाग में शोध मामलों के प्रभारी दुबे ने कहा, ‘‘हालिया जीडीपी आंकड़ों से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती है। यह आंकड़ा छह प्रतिशत से कम है। हमें विकसित भारत बनाने के लिए आठ प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर की जरूरत है, लेकिन हम उससे बहुत दूर हैं।’’

उनका कहना था कि विनिर्माण और निर्यात क्षेत्रों में सुस्ती बनी हुई है।

दुबे ने कहा, ‘‘बजट में आयकर राहत की बात की गई है, लेकिन इससे सिर्फ मध्य वर्ग के 25 प्रतिशत लोगों पर असर होगा, लेकिन नीचे के दो तिहाई लोगों का क्या होगा जो आयकर का भुगतान नहीं करते...सरकार सिर्फ सुर्खियां चाहती है।’’

उन्होंने कहा कि यह बजट सरकार की दिवालिया सोच और उसकी अमीर हितैषी नीति का एक उदाहरण है।


विकसित भारत के लक्ष्य से जुड़े सवाल पर दुबे ने कहा, ‘‘विकसित भारत की बात ध्यान भटकाने का प्रयास है। उन्होंने (सरकार ने) पहले 2022 तक भारत के विकसित होने की बात की, लेकिन अब 2047 की बात कर रहे हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि 2047 तक विकसित भारत की बात जुमला है।

दुबे ने कहा, ‘‘नीतियां बदलने की जरूरत है। हम सभी विकसित भारत चाहते हैं, लेकिन इनकी नीतियां गलत हैं। 2047 तक देश को विकसित बनाने के लिए हर साल कम से कम आठ प्रतिशत विकास दर की जरूरत है।’’

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia