अर्थतंत्र की खबरें: 'तुर्की और अजरबैजान के साथ नहीं होगा कोई व्यापार' और कमजोर वैश्विक संकेतों से शेयर बाजार धड़ाम
भारत-पाक संघर्ष में दोनों ही देशों ने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया, जिसके चलते भारतीयों की ओर से इस तरह की प्रतिक्रिया दी जा रही है।

भारत से तुर्की और अजरबैजान के लिए वीजा आवेदनों में 42 प्रतिशत की तीव्र गिरावट दर्ज की गई है। यह जानकारी मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
हालिया भारत-पाक संघर्ष में दोनों ही देशों ने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया, जिसके चलते भारतीयों की ओर से इस तरह की प्रतिक्रिया दी जा रही है।
वीजा प्रॉसेसिंग प्लेटफॉर्म एटलिस से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, केवल 36 घंटों के भीतर, वीजा आवेदन प्रक्रिया को बीच में ही छोड़ने वाले यूजर्स की संख्या में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
एटलिस के संस्थापक और सीईओ मोहक नाहटा ने कहा, "प्रतिक्रिया तीव्र और व्यवहारिक थी। लोगों को कुछ गंतव्यों से बचने के लिए कहने की आवश्यकता नहीं थी। वे सहज ज्ञान, जानकारी और विकल्पों तक पहुंच के आधार पर आगे बढ़े। यह मॉडर्न ट्रैवल को दिखाता है।"
उन्होंने आगे कहा, "इसी भावना में हमने भारत के साथ खड़े होकर और राष्ट्रीय भावना के साथ एकजुटता दिखाते हुए तुर्की और अजरबैजान के लिए सभी मार्केटिंग प्रयासों को भी रोक दिया।"
दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों से आने वाले यात्रियों ने तुर्की जाने के लिए आवेदनों में 53 प्रतिशत की गिरावट दर्ज करवाई, जबकि इंदौर और जयपुर जैसे टियर 2 शहरों से आने वाले यात्रियों की रुचि अधिक मजबूत रही, जो केवल 20 प्रतिशत कम रही।
अपनी योजनाओं पर पुनर्विचार करने वाले यात्रियों की प्रकृति में भी बदलाव आया। पारिवारिक यात्राओं सहित ग्रुप वीजा रिक्वेस्ट में लगभग 49 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि सोलो और कपल रिक्वेस्ट में 27 प्रतिशत की गिरावट आई।
इससे पता चलता है कि ग्रुप ट्रैवलर्स, जो अक्सर पहले से योजना बनाते हैं और राजनीतिक भावनाओं के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, व्यक्तिगत यात्रियों की तुलना में अधिक निर्णायक रूप से प्रतिक्रिया करते हैं।
एटलिस डेटा ने उम्र और इरादे के बारे में शुरुआती संकेत भी प्रकट किए।
25 से 34 वर्ष की आयु के यात्रियों के जल्दी से अपना रास्ता बदलने की संभावना सबसे अधिक थी, जिन्होंने तुर्की के लिए मिड-प्रोसेस एप्लिकेशन गिरावट में 70 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया।
दिलचस्प बात यह है कि महिला यात्रियों के गंतव्य को पूरी तरह से बदलने की संभावना अधिक थी, जिसमें वियतनाम या थाईलैंड जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के लिए आवेदन फिर से शुरू करने की प्रवृत्ति 2.3 गुना अधिक थी।
जब तुर्की और अजरबैजान का रुझान कम हुआ, तो वैकल्पिक गंतव्यों की लोकप्रियता में उछाल आया।
आंकड़ों से पता चला कि इसके बाद के दिनों में वियतनाम, इंडोनेशिया और मिस्र के लिए आवेदनों में 31 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई।
कमजोर वैश्विक संकेतों से शेयर बाजार धड़ाम, सेंसेक्स 872 अंक फिसला
भारतीय शेयर बाजार के लिए मंगलवार का कारोबारी सत्र नुकसान वाला रहा। बाजार में चौतरफा गिरावट देखने को मिली। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 872.98 अंक या 1.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,186.44 और निफ्टी 261.55 अंक या 1.05 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 24,683.90 पर बंद हुआ।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 922 अंक या 1.62 प्रतिशत गिरकर 56,182.65 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 166.65 अंक या 0.94 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 17,483 पर था।
शेयर बाजार के गिरने की वजह कमजोर वैश्विक संकेतों को माना जा रहा है। अमेरिकी शेयर बाजार के फ्यूचर्स के साथ ज्यादातर एशियाई बाजार लाल निशान में थे।
सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। ऑटो, फाइनेंशियल सर्विसेज, एफएमसीजी, मेटल, मीडिया, एनर्जी और फार्मा सबसे ज्यादा गिरने वाले इंडेक्स थे।
सेंसेक्स पैक में इटरनल (जोमैटो), मारुति सुजुकी, एमएंडएम, अल्ट्राटेक सीमेंट, पावर ग्रिड, नेस्ले, बजाज फाइनेंस, एचयूएल, बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स,एसबीआई, टेक महिंद्रा और टाइटन टॉप लूजर्स थे।
बीएसई बेंचमार्क में केवल टाटा स्टील, इन्फोसिस और आईटीसी टॉप गेनर्स थे।
बाजार में गिरावट की एक और वजह जापान सरकार के बॉन्ड यील्ड में तेजी आना है। 20 वर्ष के बॉन्ड की यील्ड साल 2000 के बाद सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। वहीं, 30 वर्ष के वर्ष के बॉन्ड की यील्ड रिकॉर्ड स्तर पर है, जिससे जापान की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंताएं पैदा हो रही हैं। जापान के साथ अमेरिका और अन्य विकसित देशों के बॉन्ड यील्ड में भी गिरावट हो रही है।
शेयर बाजार की शुरुआत हल्की गिरावट के साथ हुई थी। सुबह करीब 9.31 बजे, सेंसेक्स 40.79 अंक या 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 82,018.63 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 22.10 अंक या 0.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,923.35 पर कारोबार कर रहा था।
एनएसई के प्रोविजनल डेटा के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 19 मई को 525.95 करोड़ रुपए मूल्य की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) 237.93 करोड़ रुपए के शुद्ध विक्रेता थे।
महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स का बड़ा फैसला, तुर्की और अजरबैजान के साथ नहीं होगा कोई व्यापार
महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, उद्योग एवं कृषि (एमएसीसीआईए) ने मंगलवार को हुई एक अहम बैठक में तुर्की और अजरबैजान के साथ भविष्य में किसी प्रकार का कोई व्यापार नहीं करने का फैसला लिया है।
एमएसीसीआईए की ओर से यह फैसला ऑपरेशन सिंदूर के समय तुर्की और अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान का खुलकर समर्थन करने के बाद लिया गया है।
एमएसीसीआईए के उपाध्यक्ष उत्तर महाराष्ट्र, अविनाश सोनावने ने कहा कि तुर्की से हम सेब का आयात करते हैं, लेकिन पाकिस्तान का समर्थन करने के कारण अब वहां से सेब का आयात बंद कर दिया गया है। हमारे पास इसके लिए कश्मीर और अमेरिका के सेब जैसे विकल्प उपलब्ध हैं।
उन्होंने आगे कहा कि ड्राई फ्रूट के बिजनेस को भी पूरी तरह से रोक दिया गया है। साथ ही कहा, हमारी कोशिश है कि महाराष्ट्र की किसी दुकान पर तुर्की और अजरबैजान का सामान न बिके।
वहीं, एमएसीसीआईए के एक अन्य सदस्य ने कहा कि पाकिस्तान ने आंतकियों के जरिए जैसे आम लोगों को निशाना बनाया। वह निंदनीय है। हम लोग करीब 20,000 करोड़ रुपए के उत्पाद तुर्की और अजरबैजान से मंगाते हैं।
पाकिस्तान को समर्थन के बाद भारत से तुर्की और अजरबैजान के लिए वीजा आवेदनों में 42 प्रतिशत की तीव्र गिरावट दर्ज की गई है।
वीजा प्रॉसेसिंग प्लेटफॉर्म एटलिस से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, केवल 36 घंटों के भीतर, वीजा आवेदन प्रक्रिया को बीच में ही छोड़ने वाले यूजर्स की संख्या में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों से आने वाले यात्रियों ने तुर्की जाने के लिए आवेदनों में 53 प्रतिशत की गिरावट दर्ज करवाई, जबकि इंदौर और जयपुर जैसे टियर 2 शहरों से आने वाले यात्रियों की रुचि अधिक मजबूत रही, जो केवल 20 प्रतिशत कम रही।
एटलिस के संस्थापक और सीईओ मोहक नाहटा ने कहा, "प्रतिक्रिया तीव्र और व्यवहारिक थी। लोगों को कुछ गंतव्यों से बचने के लिए कहने की आवश्यकता नहीं थी। वे सहज ज्ञान, जानकारी और विकल्पों तक पहुंच के आधार पर आगे बढ़े। यह मॉडर्न ट्रैवल को दिखाता है।"
उन्होंने आगे कहा, "इसी भावना में हमने भारत के साथ खड़े होकर और राष्ट्रीय भावना के साथ एकजुटता दिखाते हुए तुर्की और अजरबैजान के लिए सभी मार्केटिंग प्रयासों को भी रोक दिया।"
भारती एयरटेल और गूगल ने की साझेदारी, यूजर्स को क्लाउड स्टोरेज सर्विस 6 महीने मिलेगी फ्री
एयरटेल यूजर्स के लिए 'गूगल वन क्लाउड स्टोरेज सब्सक्रिप्शन सर्विस' की पेशकश करते हुए भारती एयरटेल और गूगल ने मंगलवार को साझेदारी की घोषणा की।
गूगल और एयरटेल की इस साझेदारी से यूजर्स की लिमिटेड डिवाइस स्टोरेज की परेशानी दूर होगी।
सभी पोस्टपेड और वाई-फाई कस्टमर्स को बिना किसी एक्स्ट्रा कॉस्ट के छह महीने के लिए 100 जीबी गूगल वन क्लाउड स्टोरेज की सुविधा मिलेगी।
कंपनियों ने एक बयान में कहा कि एयरटेल यूजर्स इस स्टोरेज को पांच एडिशनल लोगों के साथ साझा भी कर सकेंगे।
एक्टिवेशन की तारीख से पहले छह महीनों के लिए 100 जीबी क्लाउड स्टोरेज बिना किसी अतिरिक्त लागत के उपलब्ध होगी, जिससे ग्राहक अपने डेटा का बैकअप ले सकेंगे और क्लाउड स्टोरेज की सुविधा का अनुभव कर सकेंगे।
बिना किसी शुल्क के छह महीने के लिए 100 जीबी स्टोरेज के बाद, कस्टमर के मंथली बिल में 125 रुपए प्रतिमाह का शुल्क जोड़ा जाएगा।
अगर कोई कस्टमर सब्सक्रिप्शन जारी नहीं रखना चाहता है, तो वह गूगल वन का सदस्य नहीं रह सकता है।
गूगल के एपीएसी, प्लेटफॉर्म्स एंड डिवाइसेस पार्टनरशिप्स के उपाध्यक्ष, कैरन टेओ ने कहा, "हम भारत में लाखों लोगों तक गूगल वन की सुविधा पहुंचाने के लिए एयरटेल के साथ साझेदारी कर उत्साहित हैं। हम साथ मिलकर यूजर्स के लिए फोटोज, वीडियोज और जरूरी फाइल्स का बैकअप उनके फोन पर गूगल फोटोज, ड्राइव, जीमेल में ज्यादा स्टोरेज के साथ पेश कर रहे हैं।"
इस साझेदारी का उद्देश्य यूजर्स की डेटा स्टोरेज से जुड़ी बाधाओं को दूर करना है। यूजर्स को अब स्पेस खाली करने के लिए उनके फोटोज, वीडियो, डॉक्युमेंट्स और अन्य डिजिटल कंटेंट को डिलीट करने की जरूरत नहीं होगी।
इसके अलावा, एंड्रॉयड पर वॉट्सऐप चैट्स को गूगल अकाउंट स्टोरेज पर बैकअप किया जाता है, जिससे कस्टमर्स के लिए डिवाइस स्विचिंग आसान हो जाएगी। क्लाउड स्टोरेज प्रोविजन, एंड्रॉयड और आईओएस प्लेटफॉर्म्स दोनों के लिए कम्पैटिबल है।
भारती एयरटेल में कनेक्टेड होम्स एंड डायरेक्टर ऑफ मार्केटिंग के सीईओ सिद्धार्थ शर्मा के अनुसार, "यूजर के लिए उसका स्मार्टफोन एक मेन डिवाइस है, जो पर्सनल और प्रोफेशनल जानकारियों को मैनेज करता है। इसी के साथ स्टोरेज हर यूजर के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन गया है।"
उन्होंने कहा, "हम अपने ग्राहकों को भरोसेमंद, सुरक्षित और यूजर फ्रेंडली स्टोरेज सॉल्यूशन प्रदान कर इस समस्या का समाधान करने के लिए गूगल के साथ सहयोग कर खुश हैं। यह साझेदारी हमारे लाखों पोस्टपेड, वाई-फाई ग्राहकों के लिए एक अवसर पेश करेगी, जिससे उन्हें 100 जीबी अतिरिक्त स्टोरेज तक पहुंच प्राप्त होगी।"
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