अर्थ जगत की 5 बड़ी खबरें: कोरोना के बीच 46 फीसदी भारतीयों ने उधार लेकर चलाई अपनी गृहस्थी और जानें शेयर बाजार का हाल

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने से पहले मंगलवार को मजबूत विदेशी संकेतों से भारतीय शेयर बाजार गुलजार रहा। होम क्रेडिट इंडिया के एक शोध में इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि कोरोनाकाल में 46 फीसदी भारतीयों ने अपनी गृहस्थी चलाने के लिए उधार का सहारा लिया है।

फोटो : IANS
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नवजीवन डेस्क

सेंसेक्स 504 अंक चढ़कर 40261 पर बंद, निफ्टी में 144 अंकों की बढ़त


अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने से पहले मंगलवार को मजबूत विदेशी संकेतों से भारतीय शेयर बाजार गुलजार रहा। जोरदार लिवाली से सेंसेक्स बीते सत्र से 503.55 अंकों यानी 1.27 फीसदी की तेजी के साथ 40,261.13 पर बंद हुआ और निफ्टी भी बीते सत्र से 144.35 अंकों यानी 1.24 फीसदी की बढ़त के साथ 11,813.50 पर बंद हुआ। वित्तीय और बैंकिंग सेक्टरों के शेयरों में जबरदस्त लिवाली रही। इससे पहले, बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सत्र से 233.17 अंकों की तेजी के साथ 39,990.75 पर खुला और दिनभर के कारोबार के दौरान 40,354.73 तक उछला, जबकि सेंसेक्स का निचला स्तर 39,952.79 रहा।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी भी बीते सत्र से 65.30 अंकों की बढ़त के साथ 11,734.45 पर खुला और दिनभर के कारोबार के दौरान 11,836.20 तक उछला, जबकि निफ्टी का निचला स्तर 11,723.30 रहा।

कोविड के बीच 46 फीसदी भारतीयों ने उधार लेकर चलाई अपनी गृहस्थी


होम क्रेडिट इंडिया के एक शोध में इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि कोरोनाकाल में 46 फीसदी भारतीयों ने अपनी गृहस्थी चलाने के लिए उधार का सहारा लिया है। अपनी परिवार की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हर चार में से एक ने अपने दोस्त/परिवार से उधार लिए हैं। जहां अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए 46 फीसदियों ने उधार लिए, वहीं 27 फीसदी लोगों ने ईएमआई का भुगतान करने के लिए उधारी का सहारा लिया है। इनमें से 14 फीसदी लोगों को इसलिए उधार लेना पड़ा क्योंकि उन्होंने कोविड-19 के दौरान लगाए गए लॉकडाउन में अपनी नौकरी खो दी है।

मुंबई और भोपाल में सबसे ज्यादा लोग (27 फीसदी) उधार लिए हैं, इसके बाद क्रमश: दिल्ली (26 फीसदी) और पटना (25 फीसदी) की बारी आती है।

साल 2019 में भी 46 फीसदी लोगों ने उधार लिया था। इनमें से 33 फीसदियों ने अपनी जीवनशैली के स्तर को उठाने के लिए जबकि बाकियों ने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए उधार लिया था।


'जनसंख्या को समायोजित करने के लिए 2030 तक इन्फ्रा पर 500 अरब डॉलर खर्च करने होंगे'


भारत की ओर से अपनी बढ़ती आबादी को समायोजित करने के लिए वर्ष 2030 तक बुनियादी ढांचे (इन्फ्रास्ट्रक्च र) पर लगभग 513 अरब डॉलर खर्च किए जाने की संभावना है। मेस की एक हालिया रिपोर्ट में यह बात कही गई है। 'इनसाइट्स 2020: ब्लूप्रिंट फॉर मॉडर्न इन्फ्रास्ट्रक्च र डिलीवरी' शीर्षक से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य बड़े देश भी समान रूप से बड़े बुनियादी ढांचे पर खर्च करेंगे।

रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत 2030 तक अपनी तेजी से बढ़ती आबादी को समायोजित करने (रहने के लिए जगह मुहैया कराना) के लिए प्रति वर्ष 500 अरब डॉलर खर्च करेगा, संयुक्त राज्य अमेरिका वैश्विक सुपर पावर के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए 665 अरब डॉलर खर्च करेगा। इसके अलावा पेरू एल नीनो जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए इसे अधिक लचीला बनाने के लिए प्रति वर्ष 28 अरब डॉलर खर्च करेगा।"

तीसरे सीआईआईई में भाग लेने वाली फ्रांसीसी कंपनियों की संख्या बढ़ी


तीसरा चीन अंतर्राष्ट्रीय आयात एक्सपो (सीआईआईई) 4 नवंबर को शांगहाई में उद्घाटित होने जा रहा है। हाल ही में चीन स्थित फ्रांसीसी राजदूत लॉरेंट बिली ने सीएमजी को दिये एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि इस साल सीआईआईई में भाग लेने वाली फ्रांसीसी कंपनियों की संख्या पिछले साल से अधिक है। राजदूत लॉरेंट ने कहा कि इस साल फ्रांस की लगभग 90 कंपनियां सीआईआईई में भाग लेंगी, जो पिछले साल से अधिक हैं। इनमें से 80 कंपनियों के पास अपने प्रदर्शन क्षेत्र हैं और लगभग 10 कंपनियां कृषि-खाद्य प्रदर्शन क्षेत्र में शामिल होंगे। कई फ्रांसीसी उत्पादों को पहले से ही चीनी उपभोक्ताओं द्वारा पसंद किया जाता है और भविष्य में और अधिक उत्पाद चीनी उपभोक्ताओं द्वारा खोजे जाने की प्रतीक्षा में खड़े होंगे।

लॉरेंट का मानना है कि फ्रांसीसी कंपनियां चीनी बाजार में कीमत प्रतियोगिता के रास्ते पर नहीं चलती हैं, बल्कि नवाचार के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा में भाग लेती हैं। चीनी बाजार तेजी से विकसित हो रहा है और जीवंत शक्ति से सराबोर है। विश्वास है कि चीन और फ्रांस के बीच नवाचार के क्षेत्र में सहयोग की और बड़ी गुंजाइश होगी।


आसुस ने गेमिंग लैपटॉप आरओजी जेफिरस जी14 का विशेष संस्करण लॉन्च किया


आसुस रिपब्लिक ऑफ गेमर्स (आरओजी) ने मंगलवार को अपने आरओजी जेफिरस जी14 गेमिंग लैपटॉप के एक विशेष संस्करण को भारत में 1,99,990 रुपये में लॉन्च कर दिया है। कंपनी के मुताबिक, डिवाइस को एक्रोनेम के सहयोग से बनाया गया है, जो एक प्रमुख तकनीकी एपेरल डिजाइन एजेंसी है।

आसुस इंडिया के कंज्यूमर एंड गेमिंग पीसी में सिस्टम बिजनेस ग्रुप के प्रमुख अर्नोल्ड सू ने कहा, "अपने इस नए डिवाइस को विकसित करने के लिए हमने एक्रोनेम के साथ सहयोग किया है, जो उन गेमर्स और क्रिएटर्स के लिए कुछ नया लाने जा रहा है, जो जी14 को एक टूल के रूप में इस्तेमाल करते हैं। कंपनी की तरफ से पेश किया गया यह परिवर्तनकारी डिवाइस ब्रांड के रचनात्मक दृष्टिकोण को दिखाता है, जो अपने संबंधित क्षेत्र में कुछ नया लाने के समर्थक रहे हैं।"

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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