अर्थ जगत की 5 बड़ी खबरें: बैन के बाद टिकटॉक सीईओ का बड़ा ऐलान और मारुति सुजुकी की बिक्री जून में 54 प्रतिशत घटी

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजुकी ने बुधवार को कहा कि जून में उसकी कुल बिक्री 54 प्रतिशत घटकर 57,428 इकाई रह गई। टिकटॉक के सीईओ केविन मेयर ने बुधवार को कहा कि कंपनी भारत सरकार द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ काम कर रही है

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

मारुति सुजुकी की बिक्री जून में 54 प्रतिशत घटी

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजुकी ने बुधवार को कहा कि जून में उसकी कुल बिक्री 54 प्रतिशत घटकर 57,428 इकाई रह गई। ऑटोमोबाइल प्रमुख मारुति सुजुकी ने एक बयान में बताया कि उसने पिछले साल जून में 1,24,708 यूनिट्स बेची थीं।

कुल बिक्री में से 52,300 इकाइयां (कार) घरेलू बाजार में और 839 इकाइयां अन्य ओईएम में बेची गई हैं। एक कंपनी के बयान के अनुसार, जून 2019 में निर्यात की गई 9,847 इकाइयों की तुलना में इस वर्ष जून महीने में महज 4,289 इकाइयों की बिक्री ही हो पाई है।

बयान में कहा गया है कि जून 2020 और वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के दौरान बिक्री पर पड़ा असर मौजूदा कोरोनावायरस महामारी और इसके बाद लगाए गए राष्ट्रव्यापी बंद और आवश्यक प्रतिबंधों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।

कंपनी ने कहा, "कंपनी अपने सभी सदस्यों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सुरक्षा और कर्मचारियों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए अधिकतम प्रयासों के साथ प्लांट्स में उत्पादन में वृद्धि की जा रही है।"

जीएसटी संग्रह जून में 9 फीसदी गिरकर 90,917 करोड़ रुपये रहा

कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले कुछ महीनों से आर्थिक गतिविधियों के सिकुड़ते रहने से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत आने वाले सरकारी राजस्व पर बुरा असर पड़ रहा है। यही वजह है कि यह जून में एक लाख करोड़ के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे गिरकर 90,917 करोड़ रुपये ही प्राप्त हो पाया है। जून में प्राप्त हुआ संग्रह, पिछले वर्षों की संख्या का 91 प्रतिशत है। हालांकि, पिछले दो महीनों को देखें तो इसमें सुधार भी है, क्योंकि पिछले महीनों में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए राष्ट्रव्यापी बंद के बाद आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गई थीं और जीएसटी संग्रह अपने निम्न स्तर पर पहुंच गया था।

अप्रैल महीने में जीएसटी संग्रह केवल 32,294 करोड़ रुपये था, जो पिछले साल के इसी महीने के दौरान एकत्र किए गए राजस्व का 28 प्रतिशत था। इसके अलावा मई महीने के लिए जीएसटी संग्रह 62,009 करोड़ रुपये था, जो पिछले साल इसी महीने के दौरान एकत्र किए गए राजस्व का 62 प्रतिशत था।


जब तक अंतरिम प्रतिबंध है, हम भारत में रचनाकारों की मदद करेंगे : टिकटॉक सीईओ

टिकटॉक के सीईओ केविन मेयर ने बुधवार को कहा कि कंपनी भारत सरकार द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ काम कर रही है और इसके प्रतिबंध के लिए लागू अंतरिम आदेश तक टिकटॉक निर्माता समुदाय के कल्याण का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मेयर टिकटॉक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) होने के साथ ही बाइटडांस के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) भी हैं। उन्होंने कहा कि उनके निर्माता प्रबंधक शीर्ष रचनाकारों के साथ सक्रिय रूप से उन्हें अपने प्रयासों और अपडेट के बारे में आश्वस्त कर रहे हैं।

खाद्य मंत्रालय में अब नहीं आएगा कोई चीनी सामान : राम विलास पासवान

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक मंत्री राम विलास पासवान ने चीनी उत्पादों के लिए अपने मंत्रालय का दरवाजा बंद कर दिया है। पासवान ने कहा कि उनके विभाग में अब कोई भी चीनी सामान नहीं आएगा और इस संबंध में सर्कुलर जारी कर दिया गया है। पासवान ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा इसके अलावा विदेशी वस्तुओं को भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा तय मानकों पर भी परखा जाएगा।

केंद्रीय खाद्य मंत्री के इस फैसले के बाद मंत्रालय और मंत्रालय के अधीन आने वाले विभागों व संगठनों में उपयोग की वस्तुओं की अब जो खरीद होगी उनमें चीनी उत्पाद शामिल नहीं होंगे। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के तहत भारतीय खाद्य निगम और सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन जैसे संगठन भी आते हैं।

मंत्रालय द्वारा 23 जून को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि चीन निर्मित कोई भी वस्तु जीईएम पोर्टल या किसी अन्य स्रोत से नहीं खरीदी जाएगी।


बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर के दाम में मामूली वृद्धि

बिना सब्सिडी वाले एलपीजी (तरलीकृत पेट्रोलियम गैस) की कीमतों में बुधवार को मामूली वृद्धि की गई जो एक जुलाई से लागू हो गई है। देश की राजधानी दिल्ली में बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर अब एक रुपए महंगे हो गए हैं। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में 14.2 किलो के बिना सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमतें एक जुलाई से क्रमश: 594 रुपये, 620.50 रुपये, 594 रुपये और 610.50 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई हैं।

इन चारों नगरों में इससे पहले एक जून से लागू 14.2 किलो के बिना सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमतें क्रमश: 593 रुपये, 616 रुपये, 590.50 रुपये और 606.50 रुपये थीं। हालांकि, 19 किलो वाले एलपीजी सिलेंडर का दाम दिल्ली में चार रुपये घटकर 1135.50 रुपये प्रति सिलेंडर हो गया है जबकि कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में 19 किलो वाले व्यावसायिक तौर पर इस्तेमाल होने वाले सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि की गई हैं।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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